इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करके घर बैठे ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए ?
दोस्तों आज मैं आपको इस आर्टिकल में ऑनलाइन पैसे कैसे कमाते है? इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग के जरिये पैसे कमाना बताऊंगा। ये ऐसा तरीका है जिसे आप काम पैसे में ही शुरुआत करके लाखों रुपये कमा सकते हैं। आज इस तरीके से लोग घर बैठे ही लाखों रुपये कमा रहे है। तो चलिए जानते है कि इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करके घर बैठे ऑनलाइन पैसे कैसे कमाते हैं?
इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग क्या होता हैं ?
ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट दोनों ही शेयर मार्केट से पैसे कमाने के अलग-अलग तरीके है हालाँकि दोनों में ही आपको शेयर ही खरीदने व बेचने होते है तो सबसे पहले जानते है इन्वेस्टमेंट क्या होता है ?
इन्वेस्टमेंट
इन्वेस्टमेंट शब्द का हिंदी में मतलब होता है निवेश करना यानि अपने पैसे को कही ऐसी जगह देना जहाँ पर उसे अच्छा इंटरेस्ट यानि आसान शब्दों में बोले तो ब्याज मिलना। निवेश तो आप अपने पैसे को कई तरीके से कर सकते हैं – बैंक में, म्यूच्यूअल फण्ड में,बांड्स में,शेयर मार्केट में स्टॉक खरीद कर।
मैं जो इन्वेस्टमेंट (निवेश करना) करने की बात कर रहा हूँ वो शेयर मार्केट में स्टॉक्स खरीदकर निवेश करने की बात कर रहा हूँ तो आये जानते हैं स्टॉक मार्केट में कैसे इन्वेस्टमेंट करें। इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करके घर बैठे ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए ?
कैसे स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट करें ?
शेयर मार्केट में स्टॉक्स को लम्बे समय तक खरीदकर इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। लेकिन शेयर मार्केट में स्टॉक्स में इन्वेस्टमेंट करने के लिए भी आपको काफी रीसर्च करना होगा। आप ऐसे ही किसी कंपनी टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है के बारें में जानें बिना उसमें इन्वेस्ट नहीं कर सकते है। बिना किसी कंपनी को जानें बिना उसमें निवेश करना अँधेरे में तीर चलाना वाला बात होगी इसलिए निवेश करने के लिए आपको कुछ रिसर्च करना होता यानि कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
सबसे पहले आपको केटेगरी तय करना होता है कि आप अपना पैसा किस केटेगरी में निवेश करना चाहते है जैसे – आईटी सेक्टर, बैंकिंग सेक्टर,मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर,पावर सेक्टर,लोजिस्टिक्स सेक्टर,ऑटोमोबाइल सेक्टर इसके अलावा बहुत से सेक्टर हैं आप चाहे तो हर सेक्टर के कम्पनीज के स्टॉक को चुन सकते हैं।
सेक्टर का चुनाव करने के बाद आपको उस सेक्टर के टॉप कम्पनीज की लिस्ट बनायेंगे फिर आप उस सेक्टर के कम्पनीज के स्टॉक्स को compare करेंगे मतलब फंडामेंटल एनालिसिस करेंगें जैसे – स्टॉक का प्राइस, एअर्निंग पर शेयर,कंपनी का कैपिटल मार्केट,रेवेनुए, प्रॉफिट ग्रोथ, सेल्स ग्रोथ,कंपनी की लीअब्बिलिटी,प्रमोटर्स की होल्डिंग,कंपनी का आने वाले समय में क्या प्लान है, कंपनी की मैनेजमेंट इन सभी बातों का आपको पता लगाना होगा।
फंडामेंटल एनालिसिस करने के बाद आप अपने बजट के हिसाब से चाहे तो सभी सेक्टर के अच्छी कमपनीज़ में इन्वेस्ट कर सकते है।
ट्रेडिंग
अगर आप ट्रेडिंग करके ऑनलाइन पैसे कमाना चाहते है तो आपको पहले ट्रेडिंग के बारें में जानना व सीखना होगा। ट्रेडिंग से दो प्रकार के होते है।
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग में आप किसी भी स्टॉक को कुछ दिनों के लिए होल्ड कर सकते है यानी 2 से लेकर 15 दिन उससे ज्यादा दिन के लिए कर सकते है। इसका ट्रेडिंग का इस्तेमाल तब करते है जब हमें किसी स्टॉक का प्राइस लगातार बढ़ रहा हो या लगे ये आने वाले दिन में बढ़ेगा।
इंट्राडे ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब होता हैं की आपको आज ही शेयर खरीदना व बेचना होता है यानी आप रोज सुबह 9:15 से इंट्राडे शुरू कर सकते हैं। और तीन बजकर पंद्रह मिनट तक आप ट्रेडिंग कर सकते टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है हैं लेकिन अगर इन टाइम के बीच में अगर शेयर खरीद कर बेचते नहीं है तो आटोमेटिक वो 3:15 तक सेल हो जायेगा।
ट्रेडिंग में लगभग सभी ब्रोकरेज कम्पनियाँ ट्रेडिंग करने के लिए आपको आपके फंड्स से ज्यादा पैसे देती है यानी अगर आपके डीमैट अकाउंट में 1000 रुपये है और आप किस कंपनी के स्टॉक में ट्रेडिंग करना चाहते है तो आपको आपकी ब्रोकरेज कंपनी आपके फंड्स से 5 गुना लिवरेज है यानि आप 1000 की जगह 5000 तक के स्टॉक्स से ट्रेडिंग कर सकते हैं लेकिन अगर आपको नुकसान होता है तो आपको अपने फंड्स से देना होता हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होता हैं।
सबसे पहले ये ध्यान रखना होता है कि इसमें बहुत ही हाई रिस्क होता हैं क्यूंकि एक दिन में किसी स्टॉक का प्राइस किधर जायेगा ये बात कोई भी 100% कन्फर्म नहीं होता हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए क्यूंकि टेक्निकल एनालिसिस से ही आप किसी भी स्टॉक को पढ़ सकते है कि उसका प्राइस ऊपर जायेगा या निचे जायेगा लेकिन अगर आपको टेक्निकल एनालिसिस आता है तो स्टॉक का प्राइस ऊपर जाये या निचे जाये आप दोनों अवसर में पैसे कमा सकते हैं।
अगर आप भी डिमैट अकाउंट खोलकर इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करना चाहते है तो निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें जहाँ अकाउंट खोलना बिलकुल फी हैं।
क्या है Charles Dow की The Dow Theory, एक बार समझ गए तो आसानी पकड़ सकेंगे बाजार के ट्रेंड्स
The Dow Theory को शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस की आधारशिला कहा जाता है। इसे चार्ल्स डॉव ने लिखा था, जिन्होंने आगे चलकर अपने दो साथियों के मिलकर अमेरिका के प्रचलित अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की स्थापना की थी।
डॉव थ्योरी निवेशकों की शेयर मार्केट में ट्रेंड समझने में मदद करता है। (फोटो: रॉयटर्स)
अगर आप शेयर बाजार में पैसे लगाने का मन बना रहे हैं और यह नहीं समझ पा रहे कि बाजार काम कैसे करता है। कौन- से ऐसे फैक्टर्स हैं जिनकी मदद से यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि मार्केट किस तरफ जाएगा और आने वाले समय में बाजार की क्या दशा होगी। आज से एक सदी पहले बनी The Dow Theory आपकी काफी मदद कर सकती है।
The Dow Theory को शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस की आधारशिला कहा जाता है। इसे चार्ल्स डॉव ने लिखा था, जिन्होंने आगे चलकर अपने दो साथियों के मिलकर अमेरिका के प्रचलित अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की स्थापना की थी।
क्या कहती है The Dow Theory?: डॉव का मानना है कि शेयर बाजार अर्थव्यवस्था की परिस्थितियों का सूचक होता है। इन परिस्थितियों का आकलन करके कोई भी बड़े स्तर पर बाजार की दिशा का सटीक दिशा का आकलन कर सकता है। साथ ही इस थ्योरी में बताया गया है कि शेयर बाजार में एक ही समय पर सभी निवेशकों का व्यवहार एक जैसा ही होता है। उदाहरण के लिए जब बाजार गिरने लगता है तो सभी निवेशक डर जाते हैं और जल्दबाजी में बिकवाली करते हैं। वहीं, जा बाजार चलने लगता है तो निवेशक महंगे दामों पर भी खरीदने को तैयार हो जाते हैं। इसमें थ्योरी में सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बारे में भी बताया गया है।
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Technical Analysis in hindi.
हर और कोई अपने बचत के पैसों को निवेश करके ज्यादा लाभ कमाना चाहता है। कोई लोग बैंक एफडी में पैसा लगाते हैं तो कोई म्यूचल फंड। कई स्टॉक को स्टॉक मार्केट में पैसा लगाता है स्टॉक मार्केट के लाभ को देखते हुए सभी लोग तो मार्केट में पैसा लगाना पसंद करते हैं।
स्टॉक मार्केट में जितने लोग पैसा लगाते हैं उसमें से 90% लोग नुकसान करते हैं और 10% लोग ही फायदा ले सकते हैं 90% लोगों को यह पता ही नहीं होता कि शेयर में कब खरीदारी करें किस भाव पर खरीदारी करें कितना शेयर खरीदे किस भाव के बेचे किस भाव पर खरीदे और मैक्सिमम लॉस हो तो कितना लॉस हो।
अगर ऊपर बताई गई बातों को का ज्ञान आपको आ गया तो आप शेयर मार्केट में अच्छा निवेश करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं। ऊपर बताई गई बातों को सीखने के लिए हमें Technical analysis पड़ता है।
Technical analysis के कई प्रकार होते हैं जिनमें चार्ट पेटर्न. कैंडलेस्टिक पेटर्न, और एडवांस टेक्निकल एनालिसिस का समावेश होता है। टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल ज्यादातर पोजीशनल ट्रेडिंग के लिए स्विंग ट्रेडिंग के लिए या फिर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए किया जाता है। चलिए अब हम टेक्निकल एनालिसिस सीखना शुरू कर देते हैं।
कैंडलेस्टिक पेटर्न के प्रकार
ये भी एक Technical analysis का पार्ट है।कैंडलेस्टिक पेटर्न कई प्रकार के होते हैं उसमें से हम जापानीस कैंडलेस्टिक पेटर्न का को अनालिसीस करना सीखेंगे।आप जिस कैंडल पैटर्न के बारेमे सिख ना चाहते है उस पर click कीजिए।
5)हैंगिंग मैन कैंडल
9)पिर्शिग लाइन कैंडल
10) डार्क क्लाउड कवर कैंडल
16) बिअरिस डोजी स्टार्ट कैंडल
17)डिसेंडिंग हंक कैंडल
18)हेमिंग इंजन कैंडल
चार्ट पैटर्न के प्रकार
ये भी एक Technical analysis का पार्ट है।हेलो दोस्तो चार्ट पेटर्न कई प्रकार केहोते हैं. टेक्निकल एनालिसिस में जैसे कैंडलेस्टिक पेटर्न का महत्व होता है उतना ही महत्व चार्ट पेटर्न का होता है. चलिए हम चार्ट पेटर्न का टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं हम सीखते हैं.
1)डबल टॉप चार्ट पेटर्न
2)डबल बॉटम चार्ट पैटर्न
3)ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न
4) ट्रिपल बॉटम चार्ट पैटर्न
5) हेड एंड शोल्डर्स चार्ट पैटर्न
6)इनवर्टेड हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न
7)राइजिंग वेज चार्ट पैटर्न
8)फॉलिंग बॉटम चार्ट पैटर्न
9)बंप एंड रन चार्ट पैटर्न
10)सिमिट्रिकल ट्रायंगल चार्ट पैटर्न
11) डिसेंडिंग ट्रायंगल चार्ट पैटर्न
12)रेक्टेंगल प्राइस चैनल चार्ट पैटर्न
13)फ्लैग एंड हैंडल चार्ट पैटर्न
14) कप एंड हैंडल चार्ट पैटर्न
दोस्तों इतने से ही Technical analysis खत्म नहीं हो जाता Technical analysis में अभी बहुत और बातें हैं जो आपकी जान ने जरूरत है। जो आपने यह सब सीख लिया तो आप बहुत अच्छे निवेशक बन पाएंग।अगर आप सभी चार्ट पेटर्न और कैंडल पैटर्न को डिटेल में समझना चाहते हैं कि वह क्या होता है आप कमेंट करके हमें बताइए हम आपको जरूर सिखाएंगे।
Best 10 Technical Analysis : How to Use it In Investing
अच्छा परिणाम जल्दी आएगा इसलिए कम समय के लिए निवेश करना वह तो टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग कितना हित में रहता है वह दूसरी समझना हो तो ऐसा कहा जा सकता है कि अगर किसी कंपनी के शेयर गाड़ी है तो उस कंपनी का फंडामेंटल उस गाड़ी का ईंधन होता है और टेक्निकल एनालिसिस उस गाड़ी का ड्राइवर होता है। चाहे जितनी अच्छी गाड़ी हूं परंतु उस में उपयोग होने वाले ईंधन की गुणवत्ता खराब हो तो गाड़ी ठीक तरह से चल नहीं सकती है | Technical Analysis
साथ ही अच्छा ड्राइवर ने हो तो गाड़ी ठीक तरह से चल भी नहीं सकती है अब गाड़ी का ईंधन जाने की सकारात्मक परिवार के आधार पर ऐसा कहा जा सकता है कि गाड़ी अच्छी तरह दूरी तय कर सकती है पर वह कितने जल्द दौड़ेगी कहां पर रुकेगी कहां से घूम कर फिर से आएगी रास्ते में कितने घुमाओ लेकर आगे चलेगी इसका आधार उसके ड्राइवर को ही होता है। Technical Analysis
खटारा आपको फंडामेंटल एनालिसिस की मदद लेनी ही पड़ती है टेक्निकल जैसे कि ड्राइवर के आधार पर तो मर्सिडीज भी चलती है और खटारा भी चलती है जब खराब समय आता है तो मर्सिडीज में आप बैठे हो तकलीफ कम होती है और खटारा को दगा दे सकती है आपके साथ अनहोनी होने की संभावना ज्यादा होती है | Technical Analysis
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इसलिए निवेश का निर्णय लेने से पहले फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर अच्छी गुणवत्ता वाले शेर को अलग निकाल कर रख लीजिए उसके बाद टेक्निकल एनालिसिस द्वारा प्रिंट सुधार की शुरुआत और उसके तेजी आदि महत्वपूर्ण परी बलों को स्पष्ट करने के बाद ही टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है निवेश करना चाहिए सस्ते मिलने वाले शहर के पीछे कभी नहीं तोड़ना चाहिए हमेशा गुणवत्ता पर अधिक जोर देना चाहिए। Technical Analysis
टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) :-
विविध शहर के चार्ट के आधार पर जो अभ्यास किया जाता है उसे टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं ऐसे चार्ट किसी नक्शे की तरह से कार्य करते हैं आप गाड़ी लेकर चल पड़े और अनजान रास्ते पर नक्शा लिए बगैर निकल ले तो गुम हो जाने का डर और गलत रास्ते पर जाने का डर अत्यधिक रहता है| Technical Analysis
उसी तरह से चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश क्या तुम्हें अंधेरे में गोली चलाने के बराबर होता है टेक्निकल एनालिसिस किसी भी शहर में कैसी स्थिति में उसका चित्र आपके सामने खड़ा हूं टाइमिंग करने में आपको मदद करता हूं जो लोग खास करके कब सामने वाले निवेश के कम कालावधी के ट्रेडर्स के उनके चार्ट का व्यस बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
दीर्घकाल अवधि के निवेश में जब तक महत्व का स्तर परिपूर्ण होता है तब तक उसमें नजर आने वाले कम कालावधी का उतार-चढ़ाव की अवगणना की जा सकती है। पर कम कालावधी के ट्रेडर के लिए जरूरी है कि उन्हें खबर होनी चाहिए कि गिरावट का सपोर्ट कहां पर है और चढ़ाव का रेजिस्टेंस कहां पर है। यह सभी जानकारी चार्ट पर से हासिल की जा सकती है जो चार्ट के आप स्वयं की समझी जाती है।
टेक्निकल एनालिसिस पर ही अधिक जोर क्यों दिया जाता है.
आप ने हाल ही में देखा है उस तरह से कंपनी के फंडामेंटल्स के आधार पर निवेश करना भी जोखिम भरा हो सकता है कंपनियां झूठा मुनाफा होकर गलत निर्णय नहीं लिया जाएगा इस बात का ध्यान रखना चाहिए समझने की बात यह है कि फंडामेंटल चाहे जितने अच्छे दिखते हो पर उसमें जो कठिनाई होती है उसका अंदाजा तो ज्यादातर जाट ही हमको देते हैं
आप किसी भी समय किस शहर के भाव में कितनी बढ़त हो सकती है गिरावट कहां पर सपोर्ट ले सकती है बढ़त के बाद कौन से स्तर पर रजिस्टेंस आ सकता है भाव में बढ़त की और कितनी संभावना है वगैरह चार्ट और उसमें निर्माण होने वाले रचनाओं के एनालिसिस पर से जाना जा सकता है ऐसे विविध परी बलों को साथ लेकर उसके आधार पर मिलने वाले खरीदी अथवा बिक्री के सिग्नल के फायदे से अनुकरण किया गया हो तो दीर्घ काल अवधि में अच्छा फायदा ही होता है |
चाट का उपयोग किस लिए किया जाता है.?
चार्ट हमें सक्षम चित्र के स्वरूप में किसी भी शहर में क्या हो रहा है इसकी जानकारी हमारे सामने पेश करता है।
चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश करना यानी नक्शे के बिना अनजान देश में घूमने के समान होता है|
जाट के अभ्यास आपको हर कोई शेयर किसी भी समय में ऐतिहासिक दृष्टि से टॉप पर है या बॉटम पर ओवरबॉट है या ओवरसोल्ड यह बगैरा बातें आपको स्पष्ट करने में मदद करते हैं|
जाट के अभ्यास आपको हर कोई शेयर किसी भी समय में ऐतिहासिक दृष्टि से टॉप पर है या बॉटम पर ओवरबॉट है या ओवरसोल्ड यह बगैरा बातें आपको स्पष्ट करने में मदद करते
चाट का उपयोग टाइमिंग करने के लिए होता है यह तकरीर कम कल अवधि के निवेशकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता
Types of Stock Trading in Hindi: शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार से की जाती है? जानिए
Types of Trading in India: अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते है, तो पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?(Types of Trading in Stock Market) इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है। (Types of Trading in Hindi)
Types of Stock Trading in Hindi: शेयर मार्केट ट्रेडिंग में रुचि रखने वालों के लिए अवसरों का सागर है। यह बहुत ही आकर्षक है अगर ट्रेडिंग में सही रणनीति का पालन किया जाए तो आप खूब सारा पैसा बना सकते है। लेकिन एक बात आपको समझना चाहिए कि आप किस प्रकार की रणनीति से स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते है। दरअसल शेयर market में ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके मौजूद है। तो अगर शेयर मार्केट में आप भी निवेश करना चाहते है, तो पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?(Types of Trading in Stock Market) इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है। (Types of Trading in Hindi)
Types of Share Trading in India
1) इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
यह व्यापारियों द्वारा शेयर मार्केट में प्रचलित सबसे सामान्य प्रकार का व्यापार है। इंट्राडे ट्रेडिंग एक ही दिन के व्यापार को संदर्भित करता है। व्यापारियों को बाजार बंद होने से पहले उसी दिन अपने स्टॉक को बेचना और खरीदना या खरीदना और बेचना होता है। इस स्टाइल को "व्यापार बंद करना" के रूप में भी जाना जा सकता है। यह किसी भी अन्य फॉर्मेट की तुलना में हाई ROIs चाहने वालों के लिए सबसे एग्रेसिव प्रकार के व्यापार में से एक है।
2) स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
यह एक प्रकार का शार्ट टर्म ट्रेडिंग है जो आम तौर पर 2 दिनों से 2 सप्ताह के बीच रहता है। जब कोई स्टॉक या ऑप्शन में निवेश करना चाहता है तो स्विंग ट्रेडिंग एक अच्छा विकल्प है। टेक्निकल ट्रेडर्स और चार्टिस्ट जो टेक्निकल टूल का उपयोग करके शार्ट टर्म प्राइस मोमेंटम का निरीक्षण करना पसंद करते हैं, इस कैटेगरी में आते हैं। ओवरनाइट ट्रेडों में अधिक मार्जिन के कारण यहां आवश्यक पूंजी दिन के कारोबार की तुलना में अधिक है।
3) आर्बिट्रेज ट्रेडिंग (Arbitrage Trading)
आर्बिट्रेज ट्रेडिंग एक ऐसी शैली है जो दो या दो से अधिक बाजारों टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है या एक्सचेंजों में मूल्य अंतर का लाभ उठाती है। यह केवल एक विशाल नेटवर्क वाली प्रमुख ट्रेडिंग फर्मों के लिए रिजर्व्ड है क्योंकि इसके लिए कई एनालिटिकल स्किल की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन अधिक नेटवर्क स्पीड की आवश्यकता होती है।
4) पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
यह एक लंबी अवधि की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है। पोजीशनल ट्रेडर बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि उनकी दीर्घकालिक दृष्टि चीजों को सुलझाती है। व्यापारी हमेशा कंपनी के भीतर बड़े गेम चेंजर की तलाश में रहते हैं ताकि उन्हें उनका वांछित रिटर्न मिल सके, इसलिए होल्डिंग पीरियड सबसे महत्वपूर्ण चिंता का विषय नहीं है।
5) ऑप्शन स्ट्रेटेजीज (Options Strategies)
ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए एक ऑब्जेक्टिव और मैथमेटिकल टाइप की सोच की आवश्यकता होती है। चूंकि रणनीति बनाना एक कठिन खेल है, इसलिए किसी को अपनी रणनीति बनाने और उन्हें लागू करने में अच्छा बनने के लिए थोड़ा अभ्यास और समय की आवश्यकता हो सकती है। भारत में, बहुत कम ऑप्शन ट्रेडर्स हैं, ज्यादातर जागरूकता की कमी ऐसा नहीं कर पाते।
6) ट्रेड युसिंग टेक्निकल एनालिसिस (Trade using Technical Analysis)
स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस ट्रेडिंग की किसी भी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है। स्टॉक टेक्निकल एनालिसिस टूल का उपयोग आपको शेयर बाजार की मांग और आपूर्ति में निकट परिवर्तनों के बारे में बेहतर जानकारी दे सकता है। एक स्किल के रूप में टेक्निकल एनालिसिस होने से व्यापारियों को सफल दिन के व्यापारी, स्थितीय या यहां तक कि स्विंग व्यापारी बनने में मदद मिलती है।
7) मनी फ्लो बेस्ड ट्रेडिंग (Money Flow Based Trading)
Money Flow Based Trading ओपन इंटरेस्ट एनालिसिस, प्रमोटर डील, स्टेक सेल्स, ग्रॉस डिलीवरी डेटा, एफआईआई इनफ्लो और डीआईआई फ्लो इन और स्टॉक से बाहर पर निर्भर करती है। बाजार में आने वाले रुझानों की पहचान करने के लिए ऐसा डेटा आवश्यक है। यदि आपके पास पैसे के प्रवाह का विश्लेषण करने के लिए एक प्रवृत्ति है, तो यह आपके लिए सही प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति है।
8) ट्रेड ड्रिवेन बाई इवेंट्स (Trade Driven by Events)
इवेंट बेस्ड ट्रेडिंग एक कॉर्पोरेट इवेंट का लाभ उठाता है जो घटित हुई है या होने वाली है। यह विलय और अधिग्रहण, दिवालियेपन, कमाई कॉल आदि के समय बाजार की कीमतों में बदलाव का फायदा उठाने का प्रयास करता है। इस ट्रेडिंग स्टाइल को यह समझने के लिए टेक्निकल एनालिसिस स्किल की आवश्यकता होती है कि इस तरह के परिवर्तन किसी घटना के होने से पहले बाजार को कैसे प्रभावित करते हैं।
9) हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (High Frequency Trading)
हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग स्पीड के बारे में है। निवेश बैंक, संस्थागत व्यापारी, हेज फंड आदि हाई स्पीड वाले कंप्यूटरों का उपयोग हाई स्पीड पर बड़े आर्डर का लेन-देन करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है करते हैं। चूंकि सब कुछ कंप्यूटर आधारित है, इसलिए एनालिसिस के लिए कोई जगह नहीं है और निष्पादन के लिए केवल क्विक कॉल है। इस प्रकार के व्यापार की सलाह व्यक्तियों को नहीं दी जाती है, लेकिन यदि आप रुचि रखते हैं, तो आप अपना स्वयं का फंड शुरू कर सकते हैं या इसके प्रोग्रामर के रूप में एक फंड में शामिल हो सकते हैं।
10) क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग (Quantitative Trading)
क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग क्वांटिटेटिव एनालिसिस पर आधारित है। यह क्वांट फाइनेंस का एक बहुत ही जटिल क्षेत्र है। Statistical या Mathematical बैकग्राउंड के बहुत से लोग कंप्यूटर एनालिसिस और नंबर क्रंचिंग का उपयोग करके अपना स्थान पाते हैं। एक इच्छुक व्यक्ति के पास अच्छी प्रोग्रामिंग और मैथमेटिकल स्किल होना चाहिए। यह सलाह दी जाती है कि आप इस स्टाइल को अपनाने से पहले रिसर्च करें।
शेयर बाजार में लगाए गए पैसे से हर निवेशक की अलग-अलग जरूरतें और मांगें होती हैं। शेयर बाजार में कोई निर्णायक बेस्ट ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी नहीं है क्योंकि सफलता उन्हें मिलती है जो अपनी शैली में इक्का-दुक्का होते हैं।
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