अभी-अभी मेरी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है। मैंने अपने आपको सबसे अलग कर लिया है व घर पर ही उपचार शुरू हो गया है।

राजस्थानः बेवजह बाहर घूमने वालों पर हुई कार्रवाई, 1,900 लोगों को आइसोलेशन में भेजा गया

राजस्थान में अनावश्यक कालाबाज़ारी के लिए ट्रेडिंग रणनीति बाहर घूम रहे 1900 लोगों को संक्रमण फैलाने के आरोप में निरूद्ध कर संस्थागत आइसोलेशन में भेजा गया है. वहीं पिछले 24 घंटों कालाबाज़ारी के लिए ट्रेडिंग रणनीति में बिना मास्क के घर से निकलने वाले और ठीक से मास्क नहीं लगाने वाले 2,701 लोगों के विरूद्ध महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है.

By: Agencies | Updated at : 05 May 2021 02:47 AM (IST)

बेवजह बाहर घूम रहे लोगों पर कार्रवाई (फाइल फोटो)

जयपुरः राजस्थान में अनावश्यक बाहर घूम रहे 1900 लोगों को संक्रमण फैलाने के आरोप में निरूद्ध कर संस्थागत आइसोलेशन में भेजा गया है. पुलिस महानिदेशक एम. एल. लाठर ने बताया कि तीन मई को अनावश्यक बाहर घूम रहे 1900 लोगों को संक्रमण फैलाने के आरोप में निरूद्ध कर संस्थागत आइसोलेशन में भेजा गया.

मास्क नहीं पहनने पर हुई कार्रवाई

सरकारी बयान के अनुसार, लाठर कालाबाज़ारी के लिए ट्रेडिंग रणनीति ने बताया कि पिछले 24 घंटों में बिना मास्क के घर से निकलने वाले और ठीक से मास्क नहीं लगाने वाले 2,701 लोगों के विरूद्ध महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है. इसी दौरान सार्वजनिक स्थलों पर थूकने वाले 2,120 व्यक्तियों और संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक दो गज की दूरी का नियम नहीं मानने वाले 26,840 लोगों के खिलाफ जुर्माना लगाया गया है.

दवाओंं की कालाबाजारी पर रोक

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कोविड-19 महामारी में चिकित्सकीय ऑक्सीजन और अतिआवश्यक दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों लोगों की पहचान करने कालाबाज़ारी के लिए ट्रेडिंग रणनीति और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए राज्य सरकार ने विशेष दल का गठन किया है. लाठर ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से ऐसे असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिये हैं.

उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने 30 अप्रैल को अपने आदेश में कोविड-19 के ईलाज में काम आने वाली दवाईयों, इंजेक्शनों की जमाखोरी, अधिक कीमत और नकली दवाइयां बेचने, कालाबाजारी रोकने के संबंध में कार्यवाही के निर्देश दिए थे.

Published at : 05 May 2021 02:47 AM (IST) Tags: Rajasthan Jaipur rajasthan news Isolation covid-19 in India covid-19 in india Coronavirus in Rajasthan हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

भारत के पास है गेहूं का पर्याप्त स्टॉक, खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा, जरूरत पड़ने पर जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करेगी सरकार

Wheat Stock: केंद्र व्यापारियों की तरफ से गेहूं के स्टॉक का खुलासा करने और घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए स्टॉक लिमिट लगाने, जैसे कदमों पर विचार कर सकता है

सरकार ने सोमवार को कहा कि देश में गेहूं का पर्याप्त भंडार (wheat stock) है और अगर जरूरत पड़ी, तो वह घरेलू सप्लाई बढ़ाने के लिए जमाखोरों (Horders) के खिलाफ कार्रवाई करेगी। केंद्र व्यापारियों की तरफ से गेहूं के स्टॉक का खुलासा करने और घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए स्टॉक लिमिट लगाने, जैसे कदमों पर विचार कर सकता है।

रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की 82वीं AGM को संबोधित करते हुए खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि देश में गेहूं की कोई समस्या नहीं है। केंद्र के पास FCI के गोदामों में 24 मिलियन टन गेहूं है। सचिव ने कहा कि "सट्टा व्यापार" के कारण गेहूं की कीमतें बढ़ी हैं।

पांडे ने कहा कि फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) के रबी सीजन में सरकार का गेहूं प्रोडक्शन लगभग 105 मिलियन टन है। जबकि व्यापार अनुमान 95-98 मिलियन टन है। व्यापार अनुमानों की मानें, तो भी पांडे ने कहा कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए प्रोडक्शन काफी है।

Uttar Pradesh news: उत्तर प्रदेश में नहीं थम रहा कोरोना का कहर, अखिलेश यादव भी हुए कोरोना पॉजिटिव

Uttar Pradesh news: उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख (Akhilesh Yadav) भी कोरोना महामारी की चपेट में आ गए हैं. उन्होंने ट्वीट करने ये जानकारी दी.


Uttar Pradesh news: उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख (Akhilesh Yadav) भी कोरोना महामारी की चपेट में आ गए हैं. उन्होंने ट्वीट करने ये जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अभी-अभी मेरी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है. मैंने अपने आपको सबसे अलग कर लिया है व घर पर ही उपचार शुरू हो गया है. पिछले कुछ दिनों में जो लोग मेरे संपर्क में आये हैं, उन सबसे विनम्र आग्रह है कि वो भी जाँच करा लें. उन सभी से कुछ दिनों तक आइसोलेशन में रहने की विनती भी है.

CM Yogi Adityanath ने जारी किए सख्त आदेश
Uttar Pradesh के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने भी मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के कोरोना पॉजिटव होने के बाद खुद को आइसोलेट कर लिया है. उन्होंने प्रदेश में बेकाबू हो रही कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के हालात को नियंत्रित करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. मुख्यमंत्री ने Team 11 की बैठक में कहा कि वह न तो तालाबंदी (Lockdown) करेंगे और न ही लोगों को दुख में मरने देंगे. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में मरीजों के लिए अस्पताल के बेड की कमी नहीं हो.

'लापरवाही की गुंजाइश नहीं'
मुख्यमंत्री ने यूपी में कोविड की स्थिति का प्रबंधन करने के लिए निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को संभालने का सुझाव दिया. ज्यादा से ज्यादा कोरोना टेस्ट, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और इलाज पर जोर देते हुए सीएम ने कहा, 'जरूरत पड़ने पर कमियों को दूर करने के लिए निजी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों पर नियंत्रण रखा जाए. हमारी प्राथमिकता कोविड-19 (Covid-19) के प्रसार को रोकने के लिए एक प्रभावी रणनीति को लागू करना है. हमें पूरी तैयारी के साथ कोरोना महामारी का मुकाबला करना होगा, क्योंकि इस लड़ाई में किसी भी प्रकार की लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है.'

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा लॉकडाउन पर विचार करें
राज्य के कई बड़े शहरों में तेजी से कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इन शहरों में पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर सोचने को कहा है. हाईकोर्ट ने संबंधित मामले पर सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार को उन जिलों में कम से कम 2 से 3 हफ्ते के लिए पूर्ण Lockdown लगाने और लोगों की भीड़ 50 तक सीमित करने की संभावना तलाशने का निर्देश दिया, जहां कोरोना वायरस का संक्रमण खतरनाक ढंग से बढ़ रहा है. जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज और Isolation केंद्रों की स्थिति को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया.

अभी-अभी मेरी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है। मैंने अपने आपको सबसे अलग कर लिया है व घर पर ही उपचार शुरू हो गया है।

पिछले कुछ दिनों में जो लोग मेरे संपर्क में आये हैं, उन सबसे विनम्र आग्रह है कि वो भी जाँच करा लें। उन सभी से कुछ दिनों तक आइसोलेशन में रहने की विनती भी है।

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 14, 2021

अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को दवा कंपनियों को कच्चा माल उपलब्ध कराके रेमडेसिवर दवा का पर्याप्त उत्पादन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया जिससे इस दवा की खुले बाजार में आपूर्ति हो सके. अदालत ने इस दवा की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा.

पीठ ने कहा, “कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. हमें बताया गया है कि कोविड-19 अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं और अस्पतालों में कर्मचारियों और सुविधाओं की कमी है. स्थिति इतनी भयावह है कि अगर इससे नहीं निपटा गया तो अस्‍पतालों की स्थिति पूरी तरह से बैठने की स्थिति में पहुंच सकती है.

कालाबाज़ारी के लिए ट्रेडिंग रणनीति

बर्लिन : जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को एक योजना प्रस्तुत की जिसमें 30 ग्राम तक भांग रखने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने और वयस्कों को नियंत्रित बाजार में मनोरंजक उद्देश्यों के लिए इस पदार्थ की बिक्री की अनुमति देने की बात कही गई है।

स्वास्थ्य मंत्री कार्ल लॉटरबैक ने कहा कि बर्लिन यूरोपीय संघ के कार्यकारी आयोग के साथ यह पड़ताल करेगा कि क्या जर्मन सरकार द्वारा अनुमोदित योजना यूरोपीय संघ के कानूनों के अनुरूप है और यह कानून के साथ तभी आगे बढ़ेगी जब इसे हरी झंडी मिलेगी।

लॉटरबैक ने कहा कि नए नियम "यूरोप के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकते हैं। वास्तव में, वे 2024 से पहले प्रभावी नहीं होंगे।"

उन्होंने कहा कि योजना लाइसेंस के तहत भांग उगाने और लाइसेंस प्राप्त दुकानों पर वयस्कों को इस पदार्थ को बेचने की बात कहती है ताकि इसकी कालाबाजारी से निपटा जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत लोगों को भांग के तीन पौधे तक उगाने और 20 से 30 ग्राम तक भांग खरीदने या रखने की अनुमति होगी।

Fertilizer: अब खाद के लिए किसानों को नहीं खाने पड़ेंगे धक्के, सरकार ने किया ये बड़ा काम, एक ही ब्रांड का मिलेगा उर्वरक

Bharat Brand Fertilizer: केंद्र सरकार किसानों को उर्वरक समस्या को दूर करने और कालाबाजारी रोकने के लिए नई योजना लेकर आई है. इस योजना से किसानों को सस्ता उर्वरक मिल सकेगा. खास बात तो ये अब किसानों का एक ही ब्रांड का उर्वरक मिलेगा, चाहे किसी भी कंपनी का हो. जानें पूरी जानकारी..

अब नहीं खाद के लिए किसानों को खाने पड़ेंगे धक्के, सरकार ने किया ये बड़ा काम, अब एक ही ब्रांड का मिलेगा उर्वरक

HR Breaking News,(डिजिटल डेस्क): सरकार किसानों की आमदन को बढ़ाने के लिए कई प्रकार की योजनाओं को चला रही है. इसका किसानों के बड़े वर्ग को लाभ भी मिल रहा है. पिछले दिनों किसानों को खाद और फर्टिलाइजर/खाद लेने के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा था. इसके लिए किसानों ने देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी किए थे. अब हाल में सरकार ने इस समस्या को दूर करने और कालाबाजारी रोकने के लिए नई योजना लेकर आई है. इस योजना से किसानों को सस्ता उर्वरक मिल सकेगा. खास बात तो ये अब किसानों का एक ही ब्रांड का उर्वरक मिलेगा, चाहे किसी भी कंपनी का हो.


किसानों को रबी और खरीफ सीजन के समय आसानी से खाद व उर्वरक उपलब्ध हो सके. इस उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना लागू की गई है. सरकार का मानना है कि इस योजना के जरिये फर्टिलाइजर की चोरी और कालाबाजारी पर रोक लगेगी जिससे किसानों को सस्ता उर्वरक मिल सकेगा. इस योजना के तहत किसी भी कंपनी का उर्वरक हो उसे भारत ब्रांड के नाम से जाना जाएगा. जैसा कि किसानों को सस्ती दर पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से उर्वरकों पर सब्सिडी दी जाती है. सरकार ने तय कर दिया है कि अब पूरे देश में एक जैसी फर्टिलाइजर खाद मिलेगी. इसी के साथ ये खाद कंपनियों की बजाय भारत ब्रांड के नाम से जानी जाएगी.


क्या है एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना


केंद्र ने प्रधानमंत्री जन उर्वरक परियोजना के तहत एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना लागू कर दी है. इस योजना के तहत यूरिया, डीएपी, एमओपी और एनपीके एक ही ब्रांड के नाम से उपलब्ध होंगे. जैसे- भारत यूरिया, भारत डीएपी, भारत एमओपी और भारत एनपीके. केंद्रीय केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्रालय की ओर से इस आशय का निर्देश सभी फर्टिलाइजर कारखानों, स्टेट ट्रेडिंग कंपनियों और फर्टिलाइजर की विपणन कंपनियों को जारी कर दिया गया है. फर्टिलाइजर की बोरियों पर दर्ज लोगो से स्पष्ट होगा की यह खाद केंद्रीय सब्सिडी वाली खाद है.

2 अक्टूबर को नए डिजाइन में आएंगे उर्वरक के बैग


रसायन और उर्वरक मंत्रालय की ओर से 24 अगस्त को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार नए उर्वरक बैग 2 अक्टूबर से प्रचलन में आ जाएंगे. इस नए बैग के लुक की बात करे तो इसमें काफी परिवर्तन दिखाई देगा. अब निजी और सार्वजनिक कंपनियों को एक नाम से ही अपने उर्वरक बेचने होंगे जो भारत ब्रांड के होंगे. इसमें फर्टिलाइजर के बैग के एक साइड कालाबाज़ारी के लिए ट्रेडिंग रणनीति के दो तिहाई हिस्से पर नए ब्रांड और लोगो का उल्लेख होगा. बाकी एक तिहाई हिस्से में कंपनी अपना ब्यौरा और निर्धारित तथ्य प्रिंट करेगी. प्रत्येक बोरी पर प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना छपा रहेगा. बोरी के शेष स्थान पर नाम, लोगो, पता और अन्य वैधानिक जानकारी सहित निर्माता के बारे में जानकारी प्रदर्शित की जाएगी.

पुरानी बोरियों को खपने की अंतिम तारीख तय


सरकार की ओर से उर्वरकों की पुरानी बोरियों को खपाने की तारीख भी तय कर दी गई है. कंपनियों को पुरानी बोरियों को खपने के लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2022 निर्धारित की गई है. अब कंपनी को पुरानी डिजाइन की बोरियों को जल्द से जल्द खपाना होगा ताकि नए बैग प्रचलन में आ सकें. इसके लिए फर्टिलाइजर कंपनियों को ये सलाह दी गई है कि वो मेट्रोलाजी एक्ट, फर्टिलाइजर के लिए पैक्ड कमोडिटी एक्ट के तहत निर्धारित प्रक्रिया को पूरी करें. सभी कंपनियों से कहा गया है कि वे 19 सितंबर 2022 के बाद पुरानी डिजाइन और लोगो वाली बोरियों की खरीद न करें. फर्टिलाइजर की पैकिंग के लिए खरीदी जाने वाली नई बोरियां एक राष्ट्र-एक उर्वरक के तहत डिजाइन वाली ही होनी चाहिए.


खाद और उर्वरक चोरी पर लगेगी लगाम


सरकार का कहना कालाबाज़ारी के लिए ट्रेडिंग रणनीति है कि खाद व उर्वरक की बोरियों के इस नए रूप में डिजाइन करने के बाद देश में खाद की कालाबाजारी और चोरी पर लगाम लग सकेगी. जैसा कि सभी बोरियों पर भारत ब्रांड का लोगो व प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना छपा रहेगा. साथ ही कंपनी का ब्योरा भी लिखा रहेगा. यदि इससे कहीं भी कोई गडबड़ी या चोरी होती है तो उसका तुरंत पता चल जाएगा.

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