Step 1: Demat Account खोलने के लिए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट उस डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट से संपर्क करें जिसके साथ आप डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं। DP (Depository Participant) एक ब्रोकर है जो आपके साथ एक Demat Account खोलेगा।

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Demat Account Kya Hota Hai – डीमैट अकाउंट के फ़ायदे?

शेयर बाजार और प्रतिभूतियों से संबंधित मामलों में Demat Account का महत्व बहुत अधिक है। Demat Account ऐसे आपको डीमैट खाता खोलने की आवश्यकता क्यों है? अकाउंट हैं जो शेयर, बांड और प्रतिभूतियों को स्टोर करते हैं। Demat Account ब्रोकर के माध्यम से आपको डीमैट खाता खोलने की आवश्यकता क्यों है? खोला जाता है।

Demat Account में स्टॉक डीमैट रूप में होते हैं। लेकिन शेयर बाजार में व्यापार करने के लिए आपको Demat Account की आवश्यकता क्यों है? Demat Account को लेकर बहुत से लोग उत्सुक होते हैं।

तो आज की इस पोस्ट में मैं आपके साथ Demat Account की Details शेयर करूँगा। साथ ही इस पोस्ट से आप जान सकते हैं कि Demat Account Kya Hota Hai और Demat Account Kaise Khole । तो आइए जानते हैं –

Table Of Contents

Demat Account Kya Hota Hai

एक Demat Account एक नॉर्मल बैंक खाते की तरह होता है। जैसे हम अपना कैश बैंक में रखते हैं। इसी तरह, आप अपने इक्विटी शेयरों और प्रतिभूतियों को Demat Account में रख सकते हैं।

पूर्व में शेयरों को प्राकृतिक रूप में रखा जाता था, एक बार प्राकृतिक शेयरों के डीमैटरियलाइज्ड होने के बाद उन्हें Demat Account में रखा जा सकता है। शेयर प्रमाणपत्र खोने या हस्ताक्षर बदलने का कोई डर नहीं था।

लेकिन अब सभी शेयरों की खरीद-बिक्री Demat Account से होती है। इसलिए शेयरों में निवेश आपको डीमैट खाता खोलने की आवश्यकता क्यों है? करने के लिए Demat Account होना बहुत जरूरी है। Demat Account के बिना शेयर बाजार में कारोबार आपको डीमैट खाता खोलने की आवश्यकता क्यों है? नहीं किया जा सकता है।

Demat Account की आवश्यकता क्यों है?

नकली शेयरों या दस्तावेजों के जोखिम को कम करने और शेयरों को स्टोर करने के लिए एक Demat Account की आवश्यकता होती है। Demat Account का उपयोग विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में शेयरों की ऑनलाइन खरीद और बिक्री और प्रतिभूतियों को रखने के लिए किया जाता है।

विभिन्न प्रकार के निवेशकों के लिए तीन प्रकार के Demat Account होते हैं –

  1. Regular Demat Account
  2. Repatriable Demat Account
  3. Non-Repatriable Demat Account

Regular Demat Account

इस अकाउंट का उपयोग भारत में रहने वाले लोगों के लिए किया जाता है।

Repatriable Demat Account

इस प्रकार का अकाउंट अनिवासी भारतीयों के लिए है। जो लोग भारत से किसी दूसरे देश में पैसा ट्रांसफर या निवेश करना चाहते हैं। उनके लिए प्रत्यावर्तनीय Demat Account बनाया गया है।

समझदारी से चुनें ब्रोकर

आप ऐसे डिजिटल ब्रोकिंग फर्म (App or Web based digital broking firms) की तलाश करें जो सहज ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया, बेस्ट ब्रोकरेज चार्ज और वैल्यू-एडेड सेवाएं प्रदान करता है। कुछ ब्रोकरेज हाउसों के पास ट्रेड्स पर जीरो ब्रोकरेज चार्ज और दूसरों पर फ्लैट रेट्स हैं। ये दोनों फेक्टर आकर्षक हैं क्योंकि वे ट्रेडिंग करते समय आपको आवश्यक कॉस्ट-एडवांटेज प्रदान करते हैं। इसके अलावा, जब आप डिजिटल रूप से ट्रेड करने जा रहे हैं, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपके पसंदीदा प्लेटफ़ॉर्म से कोई तकनीकी आपको डीमैट खाता खोलने की आवश्यकता क्यों है? गड़बड़ियां नहीं हुई हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसी कोई भी गड़बड़ आपके निवेश को संकट में डाल सकती है। ब्रोकरेज फर्म में आगे देखने के लिए इनडेप्थ रिसर्च और पर्सनलाइज्ड निवेश सिफारिशें भी प्रमुख विशेषताएं हैं।

बैंक भी देते हैं डीमैट अकाउंट की सुविधा

आपका जिस बैंक में खाता (Bank Account) है, सबसे पहले वहीं चेक कर सकते हैं। आज की तारीख में अधिकतर बैंक की सहायक कंपनी डीमैट अकाउंट (Demat Account) की सुविधा दे रहे हैं। यदि बैंक के पास ब्रोकरेज फर्म नहीं है तो वह किसी ब्रोकरेज फर्म से टाईअप करके अपने ग्राहकों को डीमैट अकाउंट की सुविधा दे देते हैं। बैंक के अलावा कुछ वॉलेट कंपनी भी इस तरह की सुविधा दे रही हैं।

पूरी करें कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया

सभी डिजिटल ब्रोकरेज फर्मों के पास ऑनलाइन कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया (Online Customer Onboarding Process) है। डिजिटल खाता खोलने का फॉर्म भरें और पहचान और पते के प्रमाण अपलोड करें। इन केवाईसी दस्तावेजों में पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट इत्यादि शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्म भी आपकी मुश्किलों का हल अपनी हेल्पलाइन के माध्यम से करने में आपकी सहायता करती हैं।

डीमेट एकाउंट का महत्व (Importance of Demat Account)

  • इसके द्वारा शेयरों और प्रतिभूतिभूयों को डिजिटल रूप से अपने खाते में रखा जा सकता है।
  • इसके माध्यम से शेयरों और प्रतिभूतिभूयों के प्रमाणपत्रों की चोरी, जालसाजी, हानि और क्षति की समस्या समाप्त हो जाती है।
  • डीमेट एकाउंट के द्वारा शेयरों को तुरंत ही बेचा और ख़रीदा जा सकता है।

डीमेट एकाउंट हिंदी में – डीमैटरियलाइजेशन एक प्रकार की प्रक्रिया है जिसके द्वारा शेयर आपको डीमैट खाता खोलने की आवश्यकता क्यों है? प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदला जाता है। इसके द्वारा इसको कही से भी एक्सेस किया जा सकता है। कुछ वर्षों पूर्व जब डिजिटलीकरण नहीं हुआ था उस समय शेयरों के प्रमाणपत्रों को भौतिक रूप से सुरक्षित रखा जाता था परन्तु आज के समय में यह सभी कार्य डिजिटल फॉर्म में किया जाता है। इसके द्वारा हमे प्रमाण पत्र हमेशा भौतिक रूप से अपने पास रखने की आवश्यकता नहीं रहती है।

डीमैट खाते के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents Required for Demat Account)

  • आय का प्रमाण
  • पहचान का प्रमाण
  • पते का प्रमाण

आय प्रमाण के रूप में आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) या पिछले 6 महीने का बैंक विवरण अथवा सैलरी स्लिप का प्रयोग कर सकते है।

डीमैट खाते के लिए पहचान का प्रमाण (Demat Account Identity Proof)

  • पहचान के प्रमाण हेतु आप आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र या ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट या पैन का उपयोग कर सकते है।
  • पते के लिए आप पासपोर्ट या आधार कार्ड या राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस या मकान या फ़्लैट की रजिस्ट्री का उपयोग कर सकते है।

Demat Account Kaise Khola Jata Hai- डीमेट एकाउंट के लिए हमारे देश में दो डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड के द्वारा खोला जाता है। इसमें 500 से अधिक डिपॉजिटरीज एजेंट के रूप में डीमेट एकाउंट को खोलने में सहायता प्रदान करते है। डिपॉजिटरीज एजेंट को आम भाषा में डीपी के नाम से जाना जाता है।इन सभी डीपी का प्रमुख कार्य यह है कि जो भी निवेशक शेयर मार्केट में निवेश करना चाहता है उसका डीमेट एकाउंट खुलवाना होता है।

भारत में Demat Account कैसे बनाएं?

चूंकि निवेश करने के लिए डीमैट खाता अनिवार्य है , इसलिए ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने के चरणों को जानना महत्वपूर्ण है। यह लेख आपको डीमैट खातों के बारे में और डीमैट खाता खोलने के तरीके के बारे में सब कुछ जानने में मदद करेगा।

डीमैट खाता खोलने से पहले डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स को समझना बहुत जरूरी है। भारत में , 1996 का डिपॉजिटरी एक्ट एक डिपॉजिटरी की स्थापना और संचालन को नियंत्रित करता है। सेबी शासी निकाय है और किसी भी डिपॉजिटरी के कामकाज को नियंत्रित करता है। NSDL और CDSL भारत में दो प्रमुख डिपॉजिटरी हैं। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ( NSDL) को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज , इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया और यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा बढ़ावा दिया जाता है। इसके अलावा , सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज , स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बढ़ावा दिया जाता है।

डीमैट अकाउंट क्या है?

जिस प्रकार से आपका बैंक अकाउंट होता है। उसी प्रकार डीमेट अकाउंट होता है। जैसे हम अपने बैंक खाते में पैसे रखते हैं। उसी प्रकार डिमैट खाते में किसी कंपनी के शेयर रखे जाते हैं। आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जिस प्रकार आपका कोई बैंक वॉलेट होता है। जैसे; गूगल पे, फोन पे इत्यादि। जिसमें पैसा तो होता है, लेकिन डिजिटल पैसा होता है। इसी प्रकार डीमेट अकाउंट में आपके डिजिटल शेयर जमा होते हैं। डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर की आवश्यकता होती है। भारत में एंजल ब्रोकिंग, जिरोधा, 5paisa अपस्टॉक्स (Upstox) जैसे कई स्टॉक ब्रोकर है। जिनके जरिए आप घर बैठे कुछ ही समय मे अपना डीमेट अकाउंट खुलवा सकते हैं।

जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि डीमेट अकाउंट स्टॉक ब्रोकर के जरिए खोला जाता है। ऐसे में बहुत सारे स्टॉक ब्रोकर होते हैं, और उनके डिमैट अकाउंट ओपनिंग चार्ज भी अलग-अलग होते हैं। हालांकि आपका डीमेट अकाउंट किसी भी स्टॉक ब्रोकर के जरिए 300 से ₹700 में आसानी से बनाया जाता है। लेकिन यहां यह ध्यान रखना भी जरूरी है। कि स्टॉक ब्रोकर चुनते समय आपको डीमेट अकाउंट ओपनिंग चार्ज के अलावा अन्य चार्ज भी देखने होते हैं।

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स लगते हैं?

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए मुख्यतः तीन डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है। जिनमें से एक है आधार कार्ड, जो कि आपके मोबाइल नंबर से जुड़ा होना जरूरी है। दूसरा आपका पैन कार्ड, और तीसरा आपका खुद का बैंक खाता। जोकि इंटरनेट बैंकिंग या किसी वॉलेट से जुड़ा हो। ताकि ट्रेडिंग करते समय ट्रेडिंग अकाउंट में इसकी जरिए पैसे डाले जा सके।

इन तीन डॉक्यूमेंट के अलावा आपको अपनी फोटो, बैंक का 6 माह का स्टेटमेंट आदि की भी जरूरत पड़ सकती है।

कितना समय लगता है डीमेट खाता खुलने में

आप किसी भी स्टॉक ब्रोकिंग ऐप के जरिए कुछ ही 10 मिनट में इस फॉर्म को फिल कर सकते हैं। ठीक वैसे ही जैसे आप किसी नोकरी के लिए आवेदन करते हैं। जिसके बाद 3 से 4 दिन में आपके द्वारा दी गई डिटेल को वेरीफाई कर के स्टॉक ब्रोकर के जरिए आपको बता दिया जाएगा, कि आपका डीमेट अकाउंट खुल गया है। इसमें ज्यादा से ज्यादा तीन से 4 दिन ही लगते हैं। यदि आप सोमवार को अपना डिमैट अकाउंट से संबंधित जानकारी सबमिट करते हैं। तो आपको गुरुवार या शुक्रवार तक शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने की अनुमति मिल सकती है।

यदि आप शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करना चाहते हैं। आपको डीमैट खाता खोलने की आवश्यकता क्यों है? तो जाहिर है आप कंपनियों के शेयर खरीदेंगे। ऐसे में जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं। तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में यह शेयर पहुंच जाते हैं, लेकिन जब आप इन शेयर को 1 दिन से ज्यादा के लिए अपने पास रखते हैं। तो स्टॉक एक्सचेंज इन्हें आपके डीमेट अकाउंट में भेजता है। जिसे हम आपके शेयर का लॉकर भी कह सकते हैं। यहां पर आपके द्वारा खरीदे गए शेयर पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं। और आप यहाँ इन्हें सालों तक रख सकते हैं। इसीलिए जरूरी है कि जब आप शेयर बाजार में आए तो आपका डीमेट अकाउंट खुलवाना जरूरी ही नहीं अनिवार्य होता है। इसके बिना आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं।

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