अब क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म WazirX के फाउंडर निश्चल शेट्टी ने एक कैलकुलेशन के जरिए यह दिखाया है कि क्रिप्टो ट्रेडिंग पर 1 फीसदी टीडीएस न सिर्फ निवेशकों के लिए घाटे का सौदा है बल्कि सरकार का टैक्स रेवेन्यू भी कम हो सकता है. शेट्टी के मुताबिक सरकार को टीडीएस के रूप में मिलने वाली राशि का बड़ा हिस्सा रिफंड करना होगा क्योंकि टर्नओवर मुनाफा नहीं होता है.

Crypto Margin Trading: क्रिप्टो में मार्जिन ट्रेडिंग क्या होती है?

क्रिप्टोकरेंसी में Margin Trading आपको बड़े संभावित reward के बदले में अपने transaction के जोखिम को बढ़ती है। स्वाभाविक रूप से, यह आपके नुकसान के आकार को बढ़ाता है। आप क्रिप्टोकरेंसी बाजार में Margin Trading का उपयोग करके अपने margin trading के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, आपका नुकसान काफी बड़ा हो सकता है।

पारंपरिक ट्रेड (traditional trade) की तुलना में, Margin Trading आपको third-party के प्रोवाइडर (एक दलाल या अन्य प्लेटफॉर्म lenders या ​​margin lenders) से पैसे उधार लेकर बड़ी स्थिति स्थापित करने में सक्षम बनाता है। Leveraged trades बहुत खतरनाक होते हैं क्योंकि उनमें आपके लाभ और आपके नुकसान दोनों को बढ़ाने की क्षमता होती है।

क्रिप्टोकरेंसी में Margin Trading कैसे काम करती है?

Margin Trading नियमों में अंतर स्पष्ट है, हालांकि अवधारणाएं आम तौर पर सभी प्लेटफार्मों में समान होती हैं।

Margin Trading आम तौर पर निम्नलिखित तरीके से संचालित होती है।

ट्रेडर ऑर्डर की कुल लागत के एक हिस्से के लिए सहमत होता है। आपका मार्जिन स्थिति के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। अगला कदम एक लीवरेज सेटिंग चुनना है जो आपके लिए सही लगे। इसे दूसरे तरीके से रखने के लिए, यदि आप 10% लीवरेज (या 10:1) के साथ $10,000 का लेन-देन करना चाहते हैं, तो आपको कम से कम $1000 लगाने होंगे।

जब क्रिप्टोकरेंसी बाजारों की बात आती है, तो Leverage ratios अक्सर 2x (2:1) से 100x (100:1) तक चलता है।

Liquidation price आपके entry price के जितना करीब होगा, आपके लेन-देन में त्रुटि की गुंजाइश उतनी ही कम होगी। इसकी समझ महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका मतलब है कि यदि बाजार आपकी स्थिति के खिलाफ जाता है और एक स्थापित स्तर से नीचे आता है तो आपका मूल पैसा बेचा और नष्ट हो जाएगा। उच्च अस्थिरता वाले बाजारों में उच्च उत्तोलन सौदों के प्रभाव को कम करके आंकना कई धोखेबाज़ क्रिप्टो ट्रेडर्स को अपनी पूंजी का एक बड़ा प्रतिशत खोने के लिए आवश्यक है।

यह कितना लंबा या कितना छोटा होना चाहिए?

Crypto margin trading लंबी और छोटी पोजीशन में खोलने के बारे में है। लंबे समय तक चलने का मतलब है कि आपको विश्वास है कि संपत्ति की कीमत बढ़ जाएगी, और आप इस कदम से लाभ कमा सकेंगे। एसेट को छोटा करने का मतलब है कि आप कीमतों में गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं और इसका फायदा उठाना चाहते हैं

यह सब निर्भर करता है। एक अच्छा cryptocurrency margin ट्रेडर बनने के लिए, आपको अनुशासन और मजबूत जोखिम प्रबंधन रणनीति के साथ एक अनुभवी ट्रेडर होना चाहिए। अनुभवहीन ट्रेडर जो तेजी से कमाई की तलाश में हैं, क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान इस तरह के ट्रेड के लिए एक अच्छा मैच नहीं हो सकता है।

क्रिप्टो में margin trading की अस्थिरता, खतरे और जटिलता किसी भी प्रतिष्ठित cryptocurrency margin एक्सचेंज के लिए अच्छी तरह से जानी जाती है। एक सुरक्षित अभयारण्य या सुनिश्चित आय यहाँ तक आना असंभव है।

क्रिप्टो में margin trading के फायदे और नुकसान क्या हैं?

क्रिप्टोकरेंसी में margin trading के फायदे और नुकसान दोनों हैं। क्रिप्टो में margin trading के कई फायदे हैं, जिनमें से सबसे स्पष्ट हैं उच्च रिटर्न, अपनी होल्डिंग्स में विविधता लाने का अवसर, अधिक नकदी तक जल्दी पहुंच और margin trading अनुशासन का विकास।क्रिप्टो में margin trading की क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान कमियों में अधिक जोखिम, अधिक नुकसान और अधिक अस्थिरता शामिल हैं। जब हाई-लीवरेज margin trading की बात आती है, नौसिखिए निवेशकों को इससे बचना चाहिए।

लाभ

  • अधिक लाभ
  • विविधता
  • कम से कम पैसे में बड़े लेनदेन
  • अनुशासन और जोखिम प्रबंधन सीखना

नुकसान

  • बड़ा नुकसान
  • ट्रेड दृष्टिकोण से अधिक-जोखिम
  • बाजारों में तेजी से पैसा खोना
  • ट्रेडर्स की शुरुआत के लिए अच्छा नहीं

Invest in Bitcoin or not: आधी कीमत के करीब मिल रहा बिटकॉइन, अब पैसे लगाना फायदे का सौदा है या नहीं, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट!

invest in bitcoin or not: what expert saying about investment in cryptocurrency after introduction of tax in budget

Invest in Bitcoin or not: आधी कीमत के करीब मिल रहा बिटकॉइन, अब पैसे लगाना फायदे का सौदा है या नहीं, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट!

बजट में क्रिप्टोकरंसी पर जो 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है, उससे भले ही अब निवेशकों की जेब में कम रकम जाएगी, लेकिन वह खुश हैं। इसकी वजह ये है कि उन्हें लगता है कि सरकार आने वाले वक्त में क्रिप्टो को लीगल कर सकती है। यहां तक कि बजट के दिन तमाम क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर रजिस्ट्रेशन की संख्या में 30-50 फीसदी तक का उछाल देखा गया। अभी तक बहुत से लोग इस डर से क्रिप्टो में पैसे नहीं लगा रहे थे कि कहीं सरकार ने इसे बैन कर दिया तो उनके सारे पैसे ना डूब जाएं। क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान अब लोगों के सामने ये बात साफ है कि इससे हुई कमाई पर टैक्स चुकाना होगा, अभी इसे बैन नहीं किया जा रहा।

सस्ती हुई क्रिप्टोकरंसी, क्या करना चाहिए?

अभी देखें तो क्रिप्टोकरंसी की कीमतें अपने उच्चतम स्तर से लगभग आधी के करीब हैं। ऐसे में लोग ये जानना चाह रहे हैं कि क्या इस वक्त निवेश करना सही रहेगा? यहां एक बात समझनी होगी क्रिप्टोकरंसी में कीमत गिरने का मतलब ये नहीं है कि वह सस्ता हो गया है या उसमें निवेश के मौके बन गए हैं। कीमत गिरने का मतलब दरअसल ये है कि अब वह और महंगा पड़ सकता है। इसकी वजह क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान है कि इसके बारे में सिवाय कीमत के और कोई जानकारी नहीं होती।

तो अब क्रिप्टो में निवेश करें या नहीं?

अगर बात शेयर बाजार की करें तो वहां शेयर यानी कंपनी की पूरी जानकारी होती है। उसे फायदा हो रहा है क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान या घाटा हो रहा है या कितनी कमाई हो रही है समेत तमाम जानकारियां आपको पता होती हैं। शेयर में जब कीमत गिरती है तो निवेश के मौके बनते हैं, लेकिन क्रिप्टो में कीमत के अलावा और कुछ नहीं पता तो ये कहा नहीं जा सकता कि कीमत गिरने पर निवेश फायदा देगा या नुकसान की वजह बनेगा। वहीं इस बात की चिंता को भी अभी दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि आने वाले वक्त में सरकार इस पर बैन नहीं लगाएगी या कोई दूसरा सख्त एक्शन नहीं लेगी। तो क्रिप्टो में निवेश से पहले इसके फायदे नुकसान समझ लें, तभी निवेश करें।

समझिए क्रिप्टोकरंसी पर कैसे लगेगा टैक्स?

क्रिप्टोकरंसी से हुई कमाई पर बजट में टैक्स और टीडीएस लगाया गया है। अगर आप क्रिप्टोकरंसी से मुनाफा कमाते हैं तो उस पर आपको 30 फीसदी टैक्स सरकार को चुकाना होगा। वहीं क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस भी लगेगा, जिससे सरकार को ये ट्रैक करने में आसानी होगी कि क्रिप्टो की दुनिया से आपने कितनी कमाई की है। यानी अगर आप भी क्रिप्टो में पैसा लगाते हैं तो अब आप हर वक्त सरकार की नजर में रहेंगे। क्रिप्टो पर टैक्स को लेकर एक खास बात यह है कि आपकी कमाई पर तो 30 फीसदी टैक्स लगेगा, लेकिन नुकसान पूरा आपको ही झेलना होगा।

Crypto TDS: क्रिप्टो ट्रेडिंग पर 1% टीडीएस से घट सकता है सरकार का रेवेन्यू, समझें पूरा कैलकुलेशन

Crypto TDS: क्रिप्टो ट्रेडिंग पर 1% टीडीएस से घट सकता है सरकार का रेवेन्यू, समझें पूरा कैलकुलेशन

भारी रेवेन्यू की उम्मीद में सरकार ने बजट 2022 में सभी प्रकार के क्रिप्टो या वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर पर 1 फीसदी टीडीएस लगाने और क्रिप्टो लेन-देन में हुए मुनाफे पर फ्लैट 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया था. (Image- Pixabay)क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

Crypto TDS: क्रिप्टो को लेकर निवेशकों का रूझान तेजी से बढ़ रहा है. इसकी ट्रेडिंग से भारी रेवेन्यू की उम्मीद में सरकार ने बजट 2022 में सभी प्रकार के क्रिप्टो या वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर पर 1 फीसदी टीडीएस लगाने और क्रिप्टो लेन-देन में हुए मुनाफे पर फ्लैट 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया था. मंगलवार (8 मार्च 2022) को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार क्रिप्टो में रेवेन्यू की संभावनाएं तलाश रही है.
वहीं दूसरी तरफ निवेशक व ट्रेडर्स समेत क्रिप्टो इंडस्ट्री के सभी स्टेकहोल्डर्स क्रिप्टो टैक्स व टीडीएस रेट में कटौती की मांग कर रहे हैं.

यह रहा कैलकुलेशन

  • शेट्टी ने कई ट्वीट के जरिए दिखाया कि कैसे 1 फीसदी टीडीएस सरकार के लिए कम रेवेन्यू वाला मॉडल साबित हो सकता है.
  • पिछले साल भारत में 10 हजार करोड़ डॉलर (7.68 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टो का लेन-देन हुआ था और इस पर एक फीसदी टीडीएस का मतलब 100 करोड़ डॉलर (7684.35 करोड रुपये). हालांकि इसमें से अधिकतम हिस्सा रिफंड होगा क्योंकि टर्नओवर मुनाफा नहीं होता है.
  • शेट्टी के मुताबिक भारतीयों के पास करीब 300 करोड़ डॉलर (23,038.80 करोड़ रुपये) के क्रिप्टो एसेट्स हैं.
  • अगर इस पर 10 फीसदी नेट प्रॉफिट हो रहा है तो 30 करोड़ डॉलर (2303.88 करोड़ रुपये) के मुनाफे पर 30 फीसदी की दर के हिसाब से 10 क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान करोड़ डॉलर (767.96 करोड़ रुपये) का इनकम टैक्स चुकाना होगा. इसका मतलब हुआ कि सरकार को हर साल 90 करोड़ डॉलर (6911.64 करोड़ रुपये) टीडीएस में रिफंड करना होगा.
  • हालांकि इस 90 करोड़ डॉलर के सरकार के पास रहने से निवेशक कम पैसों से ही ट्रेडिंग कर सकेंगे और फिर इससे उनका मुनाफा घटेगा और सरकार को मिलने वाला इनकम टैक्स कम हो सकता है.

Crypto TDS: क्रिप्टो ट्रेडिंग पर 1% टीडीएस से घट सकता है सरकार का रेवेन्यू, समझें पूरा कैलकुलेशन

Crypto TDS: क्रिप्टो ट्रेडिंग पर 1% टीडीएस से घट सकता है सरकार का रेवेन्यू, समझें पूरा कैलकुलेशन

भारी रेवेन्यू की उम्मीद में सरकार ने बजट 2022 में सभी प्रकार के क्रिप्टो या वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान पर 1 फीसदी टीडीएस लगाने और क्रिप्टो लेन-देन में हुए मुनाफे पर फ्लैट 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया था. (Image- Pixabay)

Crypto TDS: क्रिप्टो को लेकर निवेशकों का रूझान तेजी से बढ़ रहा है. इसकी ट्रेडिंग से भारी रेवेन्यू की उम्मीद में सरकार ने बजट 2022 में सभी प्रकार के क्रिप्टो या वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर पर 1 फीसदी टीडीएस लगाने और क्रिप्टो लेन-देन में हुए मुनाफे पर फ्लैट 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया था. मंगलवार (8 मार्च 2022) को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार क्रिप्टो में रेवेन्यू की संभावनाएं तलाश रही है.
वहीं दूसरी तरफ निवेशक व ट्रेडर्स समेत क्रिप्टो इंडस्ट्री के सभी स्टेकहोल्डर्स क्रिप्टो टैक्स व टीडीएस रेट में कटौती की मांग कर रहे हैं.

यह रहा कैलकुलेशन

  • शेट्टी ने कई ट्वीट के जरिए दिखाया कि कैसे 1 फीसदी टीडीएस सरकार के लिए कम रेवेन्यू वाला मॉडल साबित हो सकता है.
  • पिछले साल भारत में 10 हजार करोड़ डॉलर (7.68 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टो का लेन-देन हुआ था और इस पर एक फीसदी टीडीएस का मतलब 100 करोड़ डॉलर (7684.35 करोड रुपये). हालांकि इसमें से अधिकतम हिस्सा रिफंड होगा क्योंकि टर्नओवर मुनाफा नहीं होता है.
  • शेट्टी के मुताबिक भारतीयों के पास करीब 300 करोड़ डॉलर (23,038.80 करोड़ रुपये) के क्रिप्टो एसेट्स हैं.
  • अगर इस पर 10 फीसदी नेट प्रॉफिट हो रहा है तो 30 करोड़ डॉलर (2303.88 करोड़ रुपये) के मुनाफे पर 30 फीसदी की दर के हिसाब से 10 करोड़ डॉलर (767.96 करोड़ रुपये) का इनकम टैक्स चुकाना होगा. इसका मतलब हुआ कि सरकार को हर साल 90 करोड़ डॉलर (6911.64 करोड़ रुपये) टीडीएस में रिफंड करना होगा.
  • हालांकि इस 90 करोड़ डॉलर के सरकार के पास रहने से निवेशक कम पैसों से ही ट्रेडिंग कर सकेंगे और फिर इससे उनका मुनाफा घटेगा और सरकार को मिलने वाला इनकम टैक्स कम हो सकता है.

क्रिप्टो में आई 4 फीसदी की गिरावट

गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी में 4 से 6 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली. BITCOIN 3.5 फीसदी की गिरावट पर ट्रेड कर रहा था और ETHEREUM भी 3.13 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. टेक कंपनियों ने वॉल स्ट्रीट पर शेयरों की गिरावट का नेतृत्व किया. वहीं सोना भी 1.5 फीसदी की गिराट पर था.

सुबह 10 बजे के करीब Dow Jones Industrial Average 287 अंक या 1 फीसदी तक गिरकर 28,923 पर आ गई. वहीं नैस्डैक (Nasdaq) कंपोजिट 2.2% कम था. गुरुवार सुबह ट्रेडिंग की शुरुआत में तीनों इंडेक्स नीचे थे, जिसमें एसएंडपी 500 2.4% और डॉव 549 अंक नीचे था. चार दशकों में सबसे खराब मुद्रास्फीति की चिंता और फेडरल रिजर्व के कठोर उपायों के बीच स्टॉक्स में इस उनके वैल्यू के एक चौथाई की गिरावट आ चुकी है.

फेड के इन उपायों ने न केवल कर्ज को अधिक महंगा और विकास दरों की धीमा किया है, बल्कि ये स्टॉक, क्रिप्टोकरेंसी और लगभग हर दूसरे निवेश की कीमतों को भी गिराते है, क्योंकि उनका मतलब है कि बॉन्ड ब्याज में अधिक भुगतान कर रहे हैं, जो डॉलर को अन्य निवेश से दूर खींचता है.

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