कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करें – How To Start Commodity Trading In India

पेपर ट्रेडिंग क्या है

सोना चांदी का भाव

सूचकांक का नजरिया

निफ्टी बॅंक

52 हफ्ता

निफ्टी आइटी

52 हफ्ता

निफ्टी 50

52 हफ्ता

निफ्टी ऑटो

52 हफ्ता

निफ्टी फ़ार्मा

52 हफ्ता

इक्विटी मुनाफेवाले

कंपनी का नाम लेटेस्ट बदलाव बदलाव % में वाल्यूम(’000)दिन का ट्रेंड
फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लि.268.5544.7520.0036991.38
Pavna Industries Ltd.237.7039.6019.9914.40
राजश्री शुगर्स एंड केमिकल्स लि.55.559.2519.98931.32
मद्रास फर्टिलाइजर्स 88.3514.7019.9625427.70
सिंभावली शुगर्स लिमि.27.954.6519.96789.02
शक्ति शुगर्स लि.28.704.7519.836449.91
उगर शुगर वर्क्स लि.101.4014.6016.829903.51
मवाना शुगर्स लि.99.3013.5015.732787.90
Agro Phos India Ltd.49.506.6515.521359.44
राना शुगर्स लि.27.103.5014.8314623.33

शेयर बाजार

कंपनी का नाम ऑफर कीमत/सीमातिथि सीमा
Uma Converter Ltd.33.0015-12-2022 - 21-12-2022
Arihant Academy Ltd.90.0016-12-2022 - 21-12-2022
कंपनी का नाम ऑफर कीमत/सीमातिथि सीमा
RBM Infracon Ltd.36.0023-12-2022 - 27-12-2022
Homesfy Realty Ltd.197.0021-12-2022 - 23-12-2022
Elin Electronics Ltd.234.00-247.0020-12-2022 - 22-12-2022
KFIN Technologies Ltd.347.00-366.0019-12-2022 - 21-12-2022

टॉप म्यूचुअल फंड्स

कमोडिटीज (एमसीएक्स )

कमोडिटी समापनकीमत/यूनिट बदलाव % बदलाव वोल्यूम
सोना मिनी03-Feb-202354244.0/10 ग्राम204.000.382416
सोना03-Feb-202354302.0/10 ग्राम195.000.364961
सोना05-Apr-202354624.0/10 ग्राम161.000.3387
सोना मिनी05-Jan-202353950.0/10 ग्राम155.000.297277
सोना मिनी03-Mar-202354382.0/10 ग्राम146.000.27160
गोल्ड पेटल28-Feb-20235405.0/1 ग्राम14.000.26245
गोल्ड पेटल30-Dec-20225348.0/1 ग्राम10.000.1916160
सोना गिनी28-Feb-202343580.0/8 ग्राम81.000.1933
सोना गिनी31-Jan-202343496.0/8 ग्राम81.000.191001
सोना गिनी30-Dec-202243559.0/8 ग्राम69.000.161011

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कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? – What Is Commodity Trading In Hindi

कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करें - How To Start Commodity Trading In India

कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करें – How To Start Commodity Trading In India

कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? – What Is Commodity Trading In Hindi

कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है: रोजाना उपयोग में आने वाली कमोडिटी को एक्सचेंज के माध्यम से खरीदना – बेचने को कमोडिटी ट्रेडिंग कहते है। जैसे: जौ, गेहूं, सोयाबीन, धनिया, जीरा, हल्दी, सोना, चांदी, क्रूड ऑइल, नेचुरल गैस इत्यादि को जब कमोडिटी एक्सचेंज पर ख़रीदा और बेचा जाता है तो उसे Commodity Trading कहा जाता है।

Commodity 2 प्रकार की होती है –

  1. Agriculture Commodity (एग्रीकल्चर कमोडिटी)
  2. Non Agriculture Commodity (नॉन एग्रीकल्चर कमोडिटी)

1. Agriculture Commodity: एग्रीकल्चर कमोडिटी वे कमोडिटी होती है जो सीधे – सीधे कृषि क्षेत्र से सम्बंधित होती है। जैसे: जौ, गेहूं, सोयाबीन, धनिया, जीरा, हल्दी, कपास आदि।

2. Non Agriculture Commodity: वे सभी कमोडिटी जो एग्रीकल्चर से सम्बंधित नहीं है लेकिन जिन्हें रोज़ाना उपयोग में आने वाली वस्तु मानकर कमोडिटी केटेगरी में रखा जाता हो, ऐसी कमोडिटी को नॉन एग्रीकल्चर कमोडिटी कहते है। जैसे: सोना, चांदी, प्लैटिनम, क्रूड ऑइल, नेचुरल गैस आदि।(कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है – What Is Commodity Trading In Hindi )

इसे भी पढ़े: What Is Share Market In Hindi

MCX और NCDEX क्या है

1. MCX (Multi Commodity Exchange): MCX एक नोन एग्रीकल्चर कमोडिटी एक्सचेंज है जिसमें मुख्य रूप से Non Agriculture Commodity जैसे: सोना, चांदी, क्रूड ऑइल, नेचुरल गैस और बेस मेटल का कारोबार होता है। नॉन एग्री कमोडिटी ट्रेडिंग सोमवार से शुक्रवार, सुबह 10 बजे से रात 11:55 बजे तक होती है। Non Agriculture Commodity Market लगभग पुरे दिन ओपन रहता है।

2. NCDEX (National Commodity and Derivatives Exchange): NCDEX एक एग्रीकल्चर कमोडिटी एक्सचेंज है जिसमें मुख्य रूप से एग्रीकल्चर प्रोडक्ट जैसे: चना, जौ, गेहूं, ग्वार, सोयाबीन, धनिया, जीरा, हल्दी में कारोबार होता है। NCDEX में ट्रेडिंग सोमवार से शुक्रवार, सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होती है।(Commodity Market Basics In Hindi)

कैसे शुरू कर सकते है कमोडिटी ट्रेडिंग

Commodity Market में Trading शुरू करने के लिये किसी भी स्टॉक ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाना होता है। ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाने के लिये बैंक अकाउंट, पैन कार्ड, और एड्रेस प्रूफ का होना जरूरी है। ध्यान रहे जिस भी ब्रोकर के पास आप अपना ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवा रहे है वह MCX और NCDEX Exchange का मेंबर होना चाहिये, इसकी जानकारी ब्रोकर के वेबसाइट से पेपर ट्रेडिंग क्या है ले सकते है।

कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे काम करती है


भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग Future And Option मार्किट यानि Derivatives Segment में होती है। जिसमें कमोडिटी एक्सचेंज खरीददार और विक्रेता को आपस में मिलवाते है और वे पहले से निर्धारित मात्रा और कीमत पर भविष्य की किसी तारीख पर ट्रेड को पूरा करने का अनुबंध करते है।

कमोडिटी ट्रेडिंग दो तरह के लोग करते है एक होते है हेजर्स और दूसरे सट्टेबाज़।

हेजर्स व्यापारी होते है जो किसी एक खास कमोडिटी में व्यापार करते है और उस कमोडिटी की कीमत में बहुत तेज़ी से कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं आ जाये इसके लिये वह उस कमोडिटी में पहले से ही अपनी पोजीशन बना कर रखते है।

सट्टेबाज़ कमोडिटी की कीमत में जो उतार – चढ़ाव आता उसका फायदा उठाकर ट्रेडिंग करते है और एक्सपायरी से पहले अपना प्रॉफिट और लोस्स जो भी हो उसे बुक करके ट्रेड से निकल जाते है।

इसे भी पढ़े: स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है

क्या भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग करना लाभदायक है


भारत में कमोडिटी मार्किट बहुत ही ज्यादा वोलेटाइल है और जोखिम भरा है। अगर आप एक नये निवेशक है या छोटे निवेशक है तो पहले Commodity Market को अच्छे से सीखने की सलाह में आपको दूंगा। पहले पेपर ट्रेडिंग या डेमो ट्रेडिंग करे और एक अच्छी Commodity Trading Strategy बनाये। जब आपकी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी डेमो ट्रेडिंग में काम करने लगे तो छोटी राशि से Real Trading करें और धीरे – धीरे अपनी इन्वेस्टमेंट बढ़ाये। इससे आप लम्बे समय तक कमोडिटी मार्किट में बने रहेंगे, नहीं तो आपका पैसा डूब सकता है।Commodity Market For Beginners – Commodity Market In Hindi

Backtesting क्या है?

बैकटेस्टिंग क्या है? [What is Backtesting? In Hindi]

बैकटेस्टिंग एक व्यापारिक रणनीति के संभावित प्रदर्शन का विश्लेषण करने का एक तरीका है, इसे वास्तविक दुनिया, ऐतिहासिक डेटा के सेट पर लागू करना। परीक्षण के परिणाम आपको सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए एक रणनीति से दूसरी रणनीति का नेतृत्व करने में मदद करेंगे।

बैकटेस्टिंग इस विचार पर निर्भर करता है कि पिछले डेटा पर अच्छे परिणाम देने वाली रणनीतियों की संभावना वर्तमान और भविष्य की बाजार स्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करेगी। इसलिए, मौजूदा कीमतों, विनियमों और बाजार की स्थितियों से निकटता से संबंधित पिछले डेटासेट पर ट्रेडिंग योजनाओं को आज़माकर, आप यह जांच सकते हैं कि व्यापार करने से पहले वे कितना अच्छा प्रदर्शन करते हैं।

बैकटेस्टिंग क्या है? [What is Backtesting? In Hindi]

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बैकटेस्टिंग इस बात की गारंटी नहीं है कि मौजूदा बाजार में रणनीति सफल होगी। पिछले परिणाम कभी भी भविष्य के प्रदर्शन का पुख्ता संकेतक नहीं होते हैं। बल्कि, यह किसी पोजीशन को खोलने से पहले आपकी सावधानी बरतने का हिस्सा है। बैकटेस्टिंग आपको यह स्थापित करने में मदद करेगा कि परिसंपत्ति वर्ग कितना अस्थिर हो सकता है पेपर ट्रेडिंग क्या है और अपने जोखिम को प्रबंधित करने के लिए आवश्यक कदम उठा सकता है। Backorder क्या है?

व्यापारियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि वास्तविक ट्रेडों में फीस लगती है जो बैकटेस्ट में शामिल नहीं हो सकती है। इसलिए, आपको इन सिम्युलेशन को निष्पादित करते समय इन ट्रेडिंग लागतों को ध्यान में रखना होगा क्योंकि वे लाइव खाते पर आपके लाभ-हानि (P/L) मार्जिन को प्रभावित करेंगे।

बैकटेस्टिंग बनाम फॉरवर्ड परफॉर्मेंस टेस्टिंग [Backtesting vs Forward Performance Testing]

फॉरवर्ड परफॉरमेंस टेस्टिंग एक और महत्वपूर्ण तरीका है जो ट्रेडिंग रणनीति विकसित करते समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे 'पेपर ट्रेडिंग' और 'आउट-ऑफ-सैंपल ट्रेडिंग' भी कहा जाता है। यहां सारा कारोबार कागजों पर ही होता है। आगे के प्रदर्शन परीक्षण में, व्यापार प्रणाली से जुड़े लाभ और हानि के साथ सभी व्यापार लेनदेन दर्ज किए जाते हैं। हालांकि, कोई वास्तविक व्यापार लागू नहीं किया जाता है।

ट्रेडिंग रणनीति का सटीक मूल्यांकन करने के लिए, आगे के प्रदर्शन परीक्षण को सिस्टम के तर्क का पालन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, सिस्टम के तर्क के अनुसार होने वाले सभी ट्रेडों को कड़ाई से प्रलेखित किया जाना चाहिए।

बैकटेस्टिंग में लाइव डेटा की कमी होती है जो फॉरवर्ड टेस्टिंग का एक हिस्सा है। जबकि बैकटेस्टिंग यह व्याख्या करने में मदद करता है कि अतीत में ट्रेडिंग रणनीति कैसे व्यवहार करती थी, आगे का परीक्षण व्यापारियों को सूचित करता है कि यह अब कैसा प्रदर्शन करेगा।

इन दोनों तरीकों में एक समानता यह है कि ट्रेडर को इसे करते समय अपनी पूंजी को जोखिम में नहीं डालना पड़ता है।

क्‍या शेयरों के ट्रेड-टू-ट्रेड सेगमेंट के बारे में जानते हैं आप?

ट्रेड-टू-ट्रेड (T2T) एक ऐसा सेगमेंट है जहां शेयर केवल अनिवार्य डिलीवरी के आधार पर ट्रेड किए जा सकते हैं.

Investement

ट्रेड-टू-ट्रेड (T2T) एक ऐसा सेगमेंट है जहां शेयर केवल अनिवार्य डिलीवरी के आधार पर ट्रेड किए जा सकते हैं. इसका मतलब यह है कि ट्रेड-टू-ट्रेड शेयर की इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं हो सकती है. इस सेगमेंट के हर एक खरीदे/बेचे गए शेयर की पूरा पेमेंट देकर डिलीवरी लेनी पड़ती है. इस सेगमेंट में उपलब्ध शेयरों का निपटान ट्रेड-टू-ट्रेड आधार पर किया जाता है.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चंदन तपाड़िया कहते हैं, "T2T सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग की अनुमति नहीं है. शेयरों की डिलीवरी लेना और उनका पूरा भुगतान जरूरी होता है."

2. T2T सेगमेंट में शेयर के जाने का पैमाना क्या है?
सेबी के साथ विचार-विमर्श के बाद स्टॉक एक्सचेंज किसी शेयर को T2T सेगमेंट में डालने या उससे निकालने का फैसला करते हैं. स्टॉक एक्सचेंज और सेबी की वेबसाइटों पर इसके पैमाने लिस्ट हैं. इसकी समय-समय पर समीक्षा होती है. समीक्षा के दिन प्रतिभूति को कम से कम 22 कारोबारी दिनों के लिए 5 फीसदी के प्राइस फिल्टर बैंड में होना चाहिए. इस मापदंड को न पूरा करने पर शेयर 'T'सेगमेंट में नहीं जा सकता है.

3. क्या T2T सेगमेंट से बाहर आकर शेयर दोबारा सामान्य तरह से ट्रेड कर सकता है?
बिल्कुल. शेयर T2T सेगमेंट से बाहर आ सकता है. एक्सचेंज और सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार इसमें सामान्य तरह से ट्रेडिंग शुरू हो सकती है.

4. कौन-से शेयर अभी T2T सेगमेंट में हैं?
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, अभी Atlas Cycle, Tree House, Punj Lloyd, Rolta और Melstar जैसे शेयर T2T सेगमेंट में हैं.

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