राजस्थान में स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क
राजस्थान में विभिन्न लेनदेन के पंजीकरण की जिम्मेदारी पंजीकरण और स्टांप विभाग की है। 33 अन्य डीड और संबंधित लेनदेन जैसे कि गोदनामा, विभाजन पत्र, ऋण समझौते, पावर ऑफ अटॉर्नी, आदि के अलावा प्रॉपर्टी की लेनदेन बड़े लेनदेन में से एक है। राजस्थान में स्टांप शुल्क समय-समय पर अपडेट किया जाता है और यह विभाग अजमेर में एक महानिरीक्षक के नेतृत्व में है। इस लेख में हम 2020 में राजस्थान में स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क पर नजर डालने जा रहे हैं और यह कैसे कुल लागत में जुड़ता है जो एक खरीदार को प्रॉपर्टी के मालिक को भुगतान करना पड़ता है।
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4 पेनी स्टॉक जो निवेशकों को कर रहे मालामाल, 6 महीने में दिया 2800% तक का रिटर्न, आपके पोर्टफोलियो में हैं क्या?
शेयर बाजार के निवेशकों के लिए साल 2022 वैसे तो अब तक कुछ खास नहीं रहा। घरेलू इक्विटी बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव नजर आया। बावजूद चार पेनी स्टॉक ऐसे रहे जो कि गिरते बाजार में भी 20 गुना से अधिक बढ़ गए।
Multibagger penny stock: शेयर बाजार के निवेशकों के लिए साल 2022 वैसे तो अब तक कुछ खास नहीं रहा। घरेलू इक्विटी बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव नजर आया। बावजूद चार पेनी स्टॉक ऐसे रहे जो कि गिरते बाजार में भी 20 गुना से अधिक बढ़ गए। बाजार पर नजर रखने वालों के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे भू-राजनीतिक संकट और इस कारण कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी, विदेशी निवेशकों द्वारा भारी निकासी और ग्लोबल केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि देखी गई।
इन शेयरों में आई तेजी
पेनी शेयरों में सबसे ज्यादा 2,812 प्रतिशत की रैली के साथ कैसर कॉरपोरेशन टॉप पर है। कंपनी के शेयर पिछले साल 31 दिसंबर को 2.79 रुपये से 29 जून को बढ़कर 81.25 रुपये पर पहुंच गए।
इस लिस्ट में गैलॉप्स एंटरप्राइजेज दूसरे नंबर पर है। कंपनी के शेयर इसी अवधि के दौरान 4.56 रुपये से 1,723 प्रतिशत बढ़कर 83.15 रुपये हो गए। इसके बाद हेमांग रिसोर्सेज के शेयर तीसरे नंबर पर हैं। इस साल यह शेयर 3.09 रुपये से बढ़कर 46.25 रुपये हो गया, जो साल-दर-साल आधार पर 1,396.76 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। एलायंस इंटीग्रेटेड मेटालिक्स, बीके निर्यात और बीएलएस इंफोटेक जैसे कुछ अन्य प्लेयर्स ने भी इसी अवधि के दौरान 500 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की।
क्या कहते हैं जानकार?
मार्केट जानकार सौम्या मलानी ने कहा, 'भरोसेमंद रिटेल निवेशकों को पेनी स्टॉक से बचना चाहिए। किसी भी स्टॉक में निवेश करने के लिए अच्छे प्रमोटर, स्केलेबल बिजनेस मॉडल पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि “बेहतर होगा कि हम एक चेकलिस्ट सेट करें जैसे कि पेनी स्टॉक में निवेश करते समय क्या नहीं खरीदना चाहिए। जंक पेनी स्टॉक से बचने के कुछ सरल कदमों में शामिल हैं। उन कंपनियों से दूर रहें, जिनकी वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन अक्सर बोनस और स्टॉक विभाजन के साथ आते हैं। खराब वित्तीय, नकारात्मक नकदी प्रवाह और जिन कंपनियों पर लोन ज्यादा हो उसमें निवेशक करने से बचें।
(डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)
यह शेयर 15,000 गुना कीमत देने पर भी नहीं मिल रहा, जानिए पूरी कहानी
BSE पर इसकी कीमत महज 6 रुपये है, मगर जानकारों के अनुसार इस शेयर की असली कीमत 1 लाख रुपये से अधिक होनी चाहिए.
हाइलाइट्स
- यह कंपनी अपने निवेशकों को हर साल कंपनी 15 रुपये का डिविडेंड देती है.
- निवेशक इस शेयर को खरीदने के लिए 15,000 गुना तक कीमत देने को तैयार हैं.
- साल 2011 के बाद इस शेयर का कारोबार सिर्फ 18 बार हुआ है.
यह शेयर है माइक्रकैप कंपनी एल्सिड इंवेस्टमेंट्स (Elcid Investments) कंपनी का. यह कंपनी एशियन पेंट्स के प्रमोटर्स में शामिल है. शुक्रवार को एशियन पेंट्स के शेयर 1,515 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे.
एल्सिड की दो सहयोगी कंपनियां हैं. इन दोनों के नाम मुराहर इंवेस्टमेंट्स एंड ट्रेडिंग कंपनी और सुप्तेश्वर इंवेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी हैं. दोनों ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के रूप में पंजीकृत हैं.
एल्सिड इंवेस्टमेंट्स के पास एशियन पेंट्स के 2.83 करोड़ शेयर हैं. इस तरह कंपनी में इसकी करीब 2.95 फीसदी हिस्सेदारी है. मौजूदा समय में इस हिस्सेदारी की वैल्यू 4,200 करोड़ रुपये से अधिक है. मगर एल्सिड इंवेस्टमेंट की पेड-अप कैपिटल महज 0.20 करोड़ रुपये और मार्केटकैप सिर्फ 0.12 करोड़ रुपये है.
बीते आठ महीनों में इस शेयर में कारोबार नहीं हुआ है. इसका अंतिम दफा कारोबार 9 अगस्त 2018 को हुआ था, जब इस शेयर ने 5 फीसदी का अपर सर्किट हिट करते हुए 5.89 रुपये का स्तर छुआ था. खास बात है कि कंपनी हर साल 15 रुपये का डिविडेंड भी देती है.
दलाल पथ पर निवेशक इस 'जैकपॉट' शेयर को खरीदने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. मगर बाजार की कीमत और वास्विक कीमत में इतने बड़े फर्क के कारण कोई इसे बेचने को तैयार नहीं है. साल 2011 के बाद इस शेयर का कारोबार सिर्फ 18 बार हुआ है.
हिडन जेम्स एडवाइजरी के निदेशक आशीष चुघ ने कहा, "कोई भी निवेशक 80,000 रुपये से अधिक की कीमत वाले शेयर को महज 6 रुपये की कीमत पर नहीं बेचेगा. ऐसा सिर्फ तभी होता है, जब कोई गलती से शेयर को बेच दे. इसकी संभावनाएं बेहद कम है."
क्या है इसकी वास्तविक कीमत?
सेबी द्वारा पंजीकृत फर्म SA इंवेस्टमेंट एडवाइजर्स के सह-संस्थापक अरुण मुखर्जी का मानना है कि इस शेयर की असली कीमत 1 लाख रुपये से अधिक है. उनका मानना है कि होल्डिंग कंपनियों के शेयर अमूमन 30 से 40 फीसदी के डिस्टकाउंट पर कारोबार करते हैं.
मुखर्जी ने कहा, "यदि कोई शेयरधारक इसे बेचेगा, तभी तो कोई खरीद पाएगा. ऐसे ही बाजार में लेन-देने होता है. एल्सिड की वास्तिव कीमत 1 लाख रुपये से अधिक है. कोई भी इसे 6 रुपये की कीमत पर तो नहीं बेचने वाला. इसी वजह से न इसका कोई वॉल्यूम हैं और न ही लेन-देन."
निवेशकों ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था
कई निवेशकों ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए उनसे इस मामले में हस्ताक्षेप करने की की मांग की थी. वे सेबी और BSE के पास भी गए थे. कई निवेशकों ने इस शेयर की सही कीमत का अंदाता लगाने के लिए 'कॉल ऑक्शन' प्रक्रिया का भी विकल्प सुझाया था.
एल्सिड इंवेस्टमेंट्स के प्रमोटर्स ने साल 2013 में ऑफर-फॉर-सेल (OFS) के तहत 5,000 रुपये प्रति शेयर की पेशकश की थी. इसके बाद उन्होंने साल 2013 में 11,455 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर कंपनी को डीलिस्ट करने की भी पेशकश की थी. मगर इसे भी अस्वीकार कर दिया गया.
चुघ का कहना है कि नियम और कानून अल्पसंख्यक और रिटेल शेयरधारकों के लिए बनाए जाने चाहिए. नियामक और एक्सचेंजों को इन निवेशकों के हितों की रक्षा करनी चाहिए. कई भोले-भाले निवेशक इस तरह के ऑफर्स के झांसे में आ जाते हैं और बेहद कम कीमतों पर अपने शेयर गंवा देते हैं.
क्या करें निवेशक?
न तो सेबी और न ही NSE ने निवेशकों को अपील पर गौर किया है. चुघ का कहना है, "यदि एक्सचेंज प्राइस डिस्कवरी का आदेश दें, तो इस शेयर की असली वैल्यू कम से कम 80,000 रुपये से ऊपर होगी. मगर ऐसा कोई नियम नहीं हैं. यह एक्सचेंजों पर निर्भर करता है."
उन्होंने कहा कि एक्सचेंजों को छोटे निवेशकों के विषयों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और उनके हितों की रक्षा करनी चाहिए. दिल्ली के इस वैल्यू निवेशक का मत है कि ऐसे मामलों में एक्सचेंजों को प्राइस डिस्कवरी का आदेश देना चाहिए, ताकि सही वैल्यू निकल कर आ सके.
अमूमन एक्सचेंज ऐसे शेयरों के कारोबार को निलंबित कर देते हैं. यह सबसे सरल रास्ता है. उन्होंने कहा, "यदि ऐसे शेयरों का कारोबार रोका जाता है, तो हजारों छोटे निवेशक फंस जाते हैं. इससे उनके शेयर की लिक्विडिटी खत्म हो जाती है. इसका असर प्रमोटर्स पर नहीं पड़ता है."
खास शेयरों की परख रखने में माहिर मुखर्जी ने कहा कि ऐसे शेयरों के लिए भी खरीदार हैं. ऐसे कई ब्रोकर्स हैं, जो सही भाव पर इन शेयरों की बिक्री करते हैं. यदि कोई इस शेयर को बेचना ही चाहता है, तो वह इन ब्रोकर्स से संपर्क कर सकता है.
भारत में होल्डिंग कंपनियों को लेकर कोई खास कानून नहीं हैं. मुखर्जी ने कहा, "ऐसी स्थिति में कुछ नहीं हो सकता. यदि एशियन पेंट्स और एल्सिड इंवेस्टमेंट्स के प्रमोटर्स कुछ करना चाहें, तो ही इस दिशा में आग कदम बढ़ाए जा सकते हैं."
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भारत सरकार
व्यापार नीति प्रभाग (टीपीडी) को व्यापार एवं वाणिज्य के विभिन्न कार्यक्षेत्रों में बाजार विभाजन के लिए 6 मामले विभाजित किया गया है जैसे कि कृषि, गैर कृषि बाजार पहुंच, विवाद एवं नियम, एसपीएस / टीबीटी, ट्रिप्स एवं पर्यावरण / श्रम, सेवा एवं व्यापार सुगमता जो विश्व व्यापार संगठन तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं / समूहों जो विश्व व्यापार के विकास के क्षेत्र में काम करते हैं, से संबंधित कार्य करते हैं।
अपर सचिव इस प्रभाग के मुखिया हैं तथा दो संयुक्त सचिव एवं सात संभागीय स्तर के अधिकारी अर्थात निदेशक / अपर आर्थिक सलाहकार / उप सचिव एवं निम्नलिखित डेस्क के अन्य सहायक कर्मचारी हैं :
- डेस्क 1: टीपीडी (कृषि एवं समन्वय)
- डेस्क 2: टीपीडी (विवाद एवं नियम)
- डेस्क 3: टीपीडी (एसपीएस-टीबीटी / ट्रिप्स, पर्यावरण एवं श्रम)
- डेस्क 4: सेवा 1
- डेस्क 5: सेवा 2
- डेस्क 6: सेवा 3
- डेस्क 7: सेवा 4
- डेस्क 8: टीपीडी (टीएफ एवं प्रशासन)
- श्री अरविंद मेहता : अपर सचिव
व्यापार नीति प्रभाग वाणिज्य विभाग पता : भारत सरकार, उद्योग भवन, नई दिल्ली- 110011
व्यापार नीति प्रभाग वाणिज्य विभाग पता : भारत सरकार, उद्योग भवन, नई दिल्ली- 110011
व्यापार नीति प्रभाग वाणिज्य विभाग पता : भारत सरकार, उद्योग भवन, नई दिल्ली- 110011
- विश्व व्यापार संगठन की अधिसूचना आवश्यकता से संबंधित कार्य शामिल हैं
- प्रासंगिक करारों के अनुपालन की समीक्षा
- प्रासंगिक करारों पर विश्व व्यापार संगठन की समितियां
- सीसीडब्ल्यूटीओ / मंत्रिमंडल में रखे जाने वाले मामलों सहित दोहा चक्र की डब्ल्यूटीओ वार्ता के लिए समग्र समन्वय
- विश्व व्यापार संगठन का मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
- डब्ल्यूटीओ मुद्दों पर चर्चा के बिंदु एवं ब्रीफ
- स्थायी समितियों सहित संसदीय कार्य
- वार्षिक रिपोर्टों, आर्थिक सर्वेक्षण, बजट भाषण, मासिक मंत्रिमंडलीय रिपोर्टों तथा अन्य वीआईपी रिपोर्टों आदि के लिए सामग्री
- टीएनसी तथा सामान्य परिषद का कार्य
- डब्ल्यूटीओ पब्लिक फोरम, अंतर्संसदीय संघ आदि में भारत की भागीदारी से संबंधित मामले
- जी-20, ओईसीडी तथा विश्व आर्थिक मंच से संबंधित मामले
- श्री एन। अशोक कुमार : निदेशक
- श्री नारायण प्रसा : अवर सचिव
- सुश्री प्राची सिंघल : सहायक निदेशक
डब्ल्यूटीओ विवाद निस्तारण, गैट के प्रावधानों की व्याख्या, पाटनरोधी सहित नियमों पर वार्ता एवं सब्सिडी तथा प्रतिकारी उपायों पर करार एवं सुरक्षोपायों पर करार, सीमा शुल्क प्रशुल्क अधिनियम की धारा 9, भारतीय मध्यस्थता परिषद तथा संबद्ध कार्य जिसमें शामिल हैं :
- विश्व व्यापार संगठन की अधिसूचना आवश्यकता से संबंधित कार्य शामिल हैं
- प्रासंगिक करारों के अनुपालन की समीक्षा
- प्रासंगिक करारों पर विश्व व्यापार संगठन की समितियां
- भारत – यूरोपीय संघ बीटीआईए में सरकारी प्रापण अध्याय
- श्री तपन मजूमदार : निदेशक
- श्री ए के शर्मा : अवर सचिव
व्यापार एवं निवेश, व्यापार एवं श्रम, ट्रिप्स पर करार, सेनेट्री एवं फाइटोसेनेट्री उपायों पर करार तथा व्यापार की तकनीकी बाधाओं पर करार जिसमें शामिल हैं :
- विश्व व्यापार संगठन की अधिसूचना आवश्यकता से संबंधित कार्य शामिल हैं
- प्रासंगिक करारों के अनुपालन की समीक्षा
- प्रासंगिक करारों पर विश्व व्यापार संगठन की समितियां
टीपीडी की क्षमता का निर्माण जिसमें डबल्यूटीओ अध्ययन केन्द्र तथा राष्ट्रीय विधि विद्यालय, बंगलौर में डब्ल्यूटीओ पीठ, एमएआई के तहत अनुमोदन के लिए प्रस्तावों का अध्ययन आदि शामिल है
स्वीडन और कनाडा जैसे देशों से उत्तर प्रदेश में आएगा बड़ा निवेश
शेयर बाजार 15 दिसम्बर 2022 ,20:45
© Reuters. स्वीडन और कनाडा जैसे देशों से उत्तर प्रदेश में आएगा बड़ा निवेश
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
लखनऊ, 15 दिसंबर(आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में कनाडा स्वीडन जैसे देशों से बड़ा निवेश आने की संभावना है। विभिन्न देशों में रोड शो और वन टू वन बिजनेस मीटिंग कर रही टीम योगी जब बड़े बिजनेस लीडर्स से मुलाकात करती है तो वो सहर्ष ही उत्तर प्रदेश में निवेश को तैयार हो जा रहे हैं। इसका उदाहरण स्वीडन है, जहां से टीम योगी को 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। स्वीडन की कंपनियां उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी, रिटेल, टूरिज्म, वेस्ट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में निवेश करने को तैयार हैं। वहीं कनाडा के वैंकूवर से भी टीम योगी को 1200 करोड़ रुपए के 6 एमओयू प्राप्त हुए हैं, जिससे 600 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। अमेरिका और सिंगापुर जैसे देशों में भी टीम योगी की निवेशकों से व्यापक चर्चा हुई है, जिसके बाद कई कंपनियां यूपी में निवेश को लेकर इच्छुक हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का निश्चय किया है। इसके लिए फरवरी 2023 में राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाना है जिसमें 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य तय किया गया है। इसकी पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में मंत्रियों और अधिकारियों की टीमें विभिन्न देशों में बड़े बिजनेस लीडर्स से निवेश को लेकर चर्चा कर रही हैं।
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी और लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद की अध्यक्षता वाला प्रतिनिधिमंडल बुधवार को स्टॉकहोम में रोड शो के दौरान स्वीडिश बिजनेस कम्युनिटी से मिला। इस अवसर पर विभिन्न बिजनेस टू बिजनेस (बीटूबी) और गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (जीटूजी) में डिफेंस, टेक्सटाइल व गारमेंट्स, फूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल व ईवी, रीन्यूएबल एनर्जी, वेस्ट एवं वाटर मैनेजमेंट और ट्रांसपोर्टेशन जैसे क्षेत्रों में निवेश को लेकर चर्चा की गई। अपर मुख्य सचिव (खेल एवं युवा मामले) नवनीत सहगल व उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदेश की मजबूती के साथ ही स्वीडिश बिजनेस कम्युनिटी को रेड कार्पेट और समर्पित निवेश सुविधाओं के प्रति आश्वस्त किया। नोएडा में रिटेल स्टोर खोलने जा रही आइकिया के ग्लोबल एक्सटेंशन हेड जेन क्रिस्टिनसन और पब्लिक अफेयर बाजार विभाजन के लिए 6 मामले मैनेजर जेन क्रेलिना ने यूपी में अपने रिटेल स्टोर्स की श्रंखला के विस्तार और लग्जरी मॉल्स के लिए 4300 करोड़ रुपए के निवेश का इरादा जताया। प्रतिनिधिमंडल ने स्टॉकहोम में आइकिया गैलेरियन का भी दौरा किया। इसी तरह, स्वीडिश निर्माण कंपनी सेरनेक ने यूपी में फिल्म सिटी प्रोजेक्ट में 10 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया। वहीं, बोसोन एनर्जी ने वेस्ट एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए एक हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया तो पर्यटन से जुड़े करीब 40 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव भी मिले।
कनाडा के वैंकूवर में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह की अगुवाई में यूपी के प्रतिनिधिमंडल को निवेश के कई प्रस्ताव मिले हैं। प्रतिनिधिमंडल ने यहां बिजनेस कम्युनिटी के साथ 6 निवेश प्रस्ताव (एमओयू) साइन किए जिनकी कुल कॉस्ट 1200 करोड़ रुपए है। यह निवेश प्रस्ताव आईटी पार्क, एल्यूमिनियम व किचेन सप्लाई की मैन्युफैक्च रिंग यूनिट्स, होटल्स आदि से जुड़े हैं। इन निवेश प्रस्तावों से 600 से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिटिश कोलंबिया के स्पीकर राज चौहान से भी मिला और प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर बातचीत की।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में कई बड़े बिजनेस लीडर्स से मिला। न्यूयॉर्क में उनकी मुलाकात बिज2क्रेडिट के को-फाउंडर रोहित अरोड़ा से हुई जिन्होंने भारत में 500 मिलियन डॉलर का निवेश कर रखा है। उनसे प्रदेश में बिजनेस एक्सपैंशन को लेकर चर्चा की गई। इसी तरह प्रतिनिधिमंडल इनबेव के ग्लोबल वाइस प्रेसीडेंट रेगुलेटरी और पब्लिक अफेयर्स आंद्रियस पेनेट से भी मिला और बातचीत के बाद यहां यूपी में निवेश को लेकर एमओयू भी साइन किया गया। वहीं, आईक्रिएट के फाउंडर पराग अमीन से मुलाकात के दौरान यूपी में फोस्टर स्टार्टअप के विकास को लेकर एक एमओयू हुआ। ई कुबेर वेंचर्स बाजार विभाजन के लिए 6 मामले के को-फाउंडर और एमडी अजय श्रीवास्तव के साथ डिफेंस, ड्रोन्स और स्टार्टअप में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा हुई। प्रतिनिधिमंडल ने डेल्टाग्रिड मीटरिंग से अर्बन व रूरल एरियाज में स्मार्ट मीटर्स के लोकल बाजार विभाजन के लिए 6 मामले मैन्युफैक्चि रंग को लेकर चर्चा की। वहीं, केंड्रिल के सीईओ मार्टिन श्क्रोइडर आईटी और आईटीईएस के क्षेत्र में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट व आईटी पार्क में भागीदारी को लेकर आग्रह किया।
उधर, जलशक्ति मंत्री बाजार विभाजन के लिए 6 मामले स्वतंत्र देव सिंह की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर में बिजनेस मीटिंग की। प्रतिनिधिमंडल विडा टेक्नोलॉजी के एमडी से मिला और उत्तर प्रदेश में ओईएम/ओडीएम टेक्नोल़ॉजी में निवेश के विभिन्न माध्यमों पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने विडा टेक्नोलॉजी के एमडी को आश्वासन दिया कि प्लांट लगाने के लिए भूमि प्राथमिकता के आधार पर प्रदान की जाएगी और यह भी आश्वस्त किया कि सभी हैंडहोल्डिंग सहमतियां भी प्रदान की जाएंगी। प्रतिनिधिमंडल यहां सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन नील पारेख और कुछ अन्य लीडिंग इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से भी मिला। इस अवसर पर उनके साथ डिफेंस, ईवी, बैंकिंग व फाइनेंस, एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्च र एवं आईटी व संबंधित उद्योगों में सिंगापुर को निवेश की संभावनाओं से परिचित कराया गया और निवेश का आग्रह किया गया। एशिया की बड़ी अर्बन इंफ्रास्ट्रक्च र कंसल्टिंग फर्म सुर्बना जुरोंग के सीईओ हरी पुलोंगसुंदरम के उनके मुख्यालय में मुलाकात की गई। इस दौरान उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्च र, स्मार्ट सिटी और हाउसिंग डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में निवेश जुटाने के लिए राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में व्यापक चर्चा हुई। टीम योगी ने उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए अपने क्लाइंट बेस को जुटाने और प्रोत्साहित करने के लिए भी जोर दिया।
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