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Vivo T1 Pro 5G स्मार्टफोन अब गर्मी में रहेगा ठंडा, लिक्विड कूल टेक्नोलॉजी के साथ हुआ लॉन्च

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स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Vivo ने भारत में अपना नया स्मार्टफोन vivo T1 Pro 5G को लॉन्च कर दिया है। इस फोन की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें 8 लेयर लिक्विड कूल टेक्नोलॉजी को शामिल किया है जिसकी मदद से फोन इस्तेमाल करते समय हीट नहीं होगा और आपको स्मूथ परफॉरमेंस मिलेगी। इस फोन का डिजाइन और इसके फीचर्स ग्राहकों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ही डिजाइन किये गये हैं। कंपनी ने इस फोन को दो वेरिएंट में उतारा है। आइये जानते हैं इसकी कीमत और फीचर्स के बारे में.

जिला अस्पताल में इंस्टॉल हुआ लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक, पावर कट पर भी बंद नहीं होगी सप्लाई

शिवपुरी। नईदुनिया प्रतिनिधि स्वास्थ्य सुविधाओं की दिशा में जिला अस्पताल ने एक और बेहतर सुविधा जोड़ ली है। शु्‌क्रवार को यहां पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का टैंक इंस्टॉल कर दिया गया है। इससे अब पावर कट होने पर भी ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं रुकेगी। साथ ही यह हाईप्रेशर पर फ्लो देगा।

जिला अस्पताल में इंस्टॉल हुआ लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक, पावर कट पर भी बंद नहीं होगी सप्लाई

शिवपुरी। नईदुनिया प्रतिनिधि

स्वास्थ्य सुविधाओं की दिशा में जिला अस्पताल ने एक और बेहतर लिक्विडिटी कनेक्टिविटी सुविधा जोड़ ली है। शु्‌क्रवार को यहां पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का टैंक इंस्टॉल कर दिया गया है। इससे अब पावर कट होने पर भी ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं रुकेगी। साथ ही यह हाईप्रेशर पर फ्लो देगा। शुक्रवार को इसे इंस्टॉल कर दिया गया है और सोमवार से लाइन से जोड़कर यह काम करने की स्थिति में आ जाएगा।

सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर ने बताया कि अभी जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं, लेकिन इनकी एक सीमित क्षमता होती है। हमारे यहां 400 लीटर क्षमता का प्लांट है तो यह प्रतिमिनिट इतनी ही ऑक्सीजन बनाएगा। मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन का जो 6 केएल क्षमता का टैंक लगाया है इसकी क्षमता की सीमाएं नहीं हैं क्योंकि टैंक खाली होते ही इसे रिफिल किया जा सकता है। इससे कनेक्ट होने से लाइन में हाई प्रेशर पर ऑक्सीजन की सप्लाई होगी। इसमें खास बात यह है कि इसमें हमेशा प्रेशर एक समान रहता है और बिजली जाने पर भी सप्लाई में कोई बाधा नहीं आती है। इसे अस्पताल के पीछे सुलभ कॉम्प्लेक्स की जगह को साफ कर इंस्टॉल किया गया है। यह जगह खराब पड़ी हुई थी जिससे इसका भी इस्तेमाल हो गया। सोमवार तक इसे लाइन से जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद मरीजों के लिए अब ऑक्सीजन प्लांट और इससे सप्लाई मिलेगी। जिला अस्पताल के पहले मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध है।

कोरोना काल में आई थी परेशानी

कोविड की दूसरी लहर में सबसे बड़ी चुनौती ऑक्सीजन थी। हालांकि जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं आई, लेकिन एक दिन पावर कट होने के बाद हड़कंप मच गया था। तब यह भी बात सामने आई थी कि ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने से एक मरीज की मौत हो गई थी। मरीज के सीरियस होने की स्थिति में लाइट जाने पर जितना समय पावर स्विच करने में लगता है, वे कुछ पल भी मरीज की जान के लिख खतरा साबित हो सकते हैं।

इस महीने के अंत में 36 सैटेलाइट लॉन्च करने को तैयार इसरो, गांव के आखिरी छोर तक होगी पहुंच

इसका मकसद दुर्गम क्षेत्रों के कस्बों, गांवों और स्थानीय और क्षेत्रीय नगर पालिकाओं को डिजिटल बनाने का है. इस सिलसिले में वनवेब के सीईओ नील मास्टर्सन ने कहा, "- हमें गर्व है कि हम गांव के आखिरी छोर पर बसी आबादी को दुनिया भर से जोड़ने का काम कर रहे हैं.

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2022,
  • (Updated 06 अक्टूबर 2022, 5:02 PM IST)

वनवेब एक वैश्विक संचार नेटवर्क है

ये नेटवर्क सरकारों, व्यवसायों और अलग-अलग समुदायों के लिए कनेक्टिविटी को आसान बनाता है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने मेसर्स नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (मैसर्स वनवेब), यूनाइटेड के साथ दो लॉन्च सेवा सर्विसेज पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत इसरो के सबसे भारी लॉन्चर LVM3 वनवेब के LEO ब्रॉडबैंड संचार उपग्रह को लॉन्च किया जाएगा.

सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगी शुरूआत

इसरो ने अपने एक बयान में कहा कि मेसर्स वनवेब के साथ इसरो के इस एग्रिमेंट से एलवीएम3 वैश्विक वाणिज्यिक लॉन्च सेवा बाजार में एंट्री करेगा, इस एग्रिमेंट में 36 उपग्रहों को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक LVM3 की मदद से कक्षा में रखा जाएगा.

वनवेब एक वैश्विक संचार नेटवर्क है, ये नेटवर्क सरकारों, व्यवसायों और अलग-अलग समुदायों के लिए कनेक्टिविटी को आसान बनाता है. फिलहाल यह लो अर्थ ऑर्बिट उपग्रहों के एक समूह को एक्टिव कर रहा है.

वनवेब ने लॉन्चिग को बनाया आसान

बता दें कि दो सॉलिड स्ट्रैप-ऑन बूस्टर और LVM3 के लिक्विड कोर स्टेज को सतीश धवन स्पेस सेंटर एकीकृत किया गया है. इसकी जांच के बाद 36 वनवेब उपग्रहों को डिस्पेंसर यूनिट के साथ जोड़ा गया है. वनवेब ने लॉन्च को आसान बनाने के लिए राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ मिलकर काम किया है.

अगले साल शुरुआत में तीन नई लॉन्चिंग

कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस लॉन्च के साथ, वनवेब 'जेन 1 एलईओ तारामंडल' के 70 प्रतिशत से ज्यादा कक्षा की एक तरह से देखरेख करेगा. बता दें कि वनवेब दुनिया भर में हाई स्पीड के साथ तेजी से कनेक्टिविटी सेवाएं प्रदान करने वाली सर्विस है. वनवेब का कहना है कि इसके अलावा इसी साल एक और संचार उपग्रह लॉन्च होने वाला है, वहीं अगले साल शुरुआत में तीन और लॉन्च का लक्ष्य रखा गया है,

गांव के आखिरी छोर तक होगी पहुंच

वनवेब में एक प्रमुख निवेशक और शेयरधारक भारती एंटरप्राइजेज ने इस साल ह्यूजेस कम्युनिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एचसीआईपीएल) के साथ एक साझेदारी की. इसका मकसद दुर्गम क्षेत्रों के कस्बों, गांवों और स्थानीय और क्षेत्रीय नगर पालिकाओं को डिजिटल बनाने का है. इस सिलसिले में वनवेब के सीईओ नील मास्टर्सन ने कहा, "- हमें गर्व है कि हम गांव के आखिरी छोर लिक्विडिटी कनेक्टिविटी पर बसी आबादी को दुनिया भर से जोड़ने का काम कर रहे हैं.

दक्षिण अफ्रीका में टाटा के नियोटेल को खरीदेगी लिक्विड टेलीकॉम, नेटवर्क का करेगी विस्‍तार

टाटा समूह के नेतृत्व वाली दक्षिण अफ्रीकी दूरसंचार कंपनी नियोटेल को संपूर्ण अफ्रीका में दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनी लिक्विड टेलीकॉम ने खरीदने का निर्णय किया है।

Manish Mishra
Updated on: February 13, 2017 18:31 IST

दक्षिण अफ्रीका में टाटा के नियोटेल को खरीदेगी लिक्विड टेलीकॉम, नेटवर्क का करेगी विस्‍तार- India TV Hindi

दक्षिण अफ्रीका में टाटा के नियोटेल को खरीदेगी लिक्विड टेलीकॉम, नेटवर्क का करेगी विस्‍तार

जोहांसबर्ग भारत के टाटा समूह के नेतृत्व वाली दक्षिण अफ्रीकी दूरसंचार कंपनी नियोटेल को संपूर्ण अफ्रीका में दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनी लिक्विड टेलीकॉम ने खरीदने का निर्णय किया है। इस अधिग्रहण के बाद लिक्विड की पूरे उप सहारा क्षेत्र में फाइबर नेटवर्क उपलब्ध कराने की योजना है।

यह भी पढ़ें : Reliance Jio यूजर्स को अब मिलेगा 6-सीरीज वाला मोबाइल नंबर, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

6.55 अरब रैंड में होगा सौदा

  • नियोटेल में भारत के टाटा कम्युनिकेशंस के साथ नेक्सस कनेक्शन की नियोटेल में अल्पांश हिस्सेदारी है।
  • लिक्विड 6.55 अरब रैंड अफ्रीकी मुद्रा में नियोटेल का अधिग्रहण करेगी।
  • इससे पहले इस अधिग्रहण के संबंध में दक्षिण अफ्रीका की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाकॉम के साथ प्रारंभिक वार्ता चल रही थी लेकिन इस सौदे को लेकर नियामक की अनुमति नहीं मिली।
  • इस सौदे के लिए लिक्विड ने दक्षिण अफ्रीकी निवेश समूह रॉयल बैफोकेंग होल्डिंग्स के साथ समझौता किया है जो नियोटेल में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का प्रतिबद्ध है।

लिक्विड करेगी नियोटेल के नेटवर्क का विस्‍तार

  • आने वाले महीनों में लिक्विड की योजना नियोटेल के नेटवर्क का विस्तार करने की है ताकि पूरे अफ्रीका में ज्यादा ग्राहकों तक तेज गति वाला इंटरनेट उपलब्ध कराया जा सके।
  • इसके लिए उसकी योजना नियोटेल के डाटा सेंटर की क्षमता पर निवेश करने की है।
  • इसके बाद पहली बार नियोटेल का परिचालन पूरे अफ्रीका में फैलेगा।
  • इसके नेटवर्क को लिक्विड के फाइबर फुटप्रिंट से जोड़ा जाएगा जिससे 40,000 किलोमीटर के क्षेत्र में एक ही कनेक्शन से कई तरह की दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।

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गौरतलब है कि नियोटेल ने लगभग एक दशक पहले सार्वजनिक क्षेत्र की टेलकॉम से प्रतिस्पर्धा करते हुए दूसरी फिक्स्ड लाइन सेवा देने वाली कंपनी के तौर पर काम शुरू किया लिक्विडिटी कनेक्टिविटी था।

बड़ी राहत: RBI ने म्यूचुअल फंडों के लिए 50,000 करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी का एलान किया

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया (RBI) ने सोमवार को निवेशकों का भरोसा कायम रखने के लिए म्यूचुअल फंडों की खातिर 50,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी (SLF) की घोषणा की है.

बड़ी राहत: RBI ने म्यूचुअल फंडों के लिए 50,000 करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी का एलान किया

Yoyocial News

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भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सोमवार को निवेशकों का भरोसा कायम रखने के लिए म्यूचुअल फंडों की खातिर 50,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी (SLF) की घोषणा की है. दरअसल, कुछ ही दिन पहले अमेरिकी फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने भारत में मौजूद छह फंडों को बंद करने की घोषणा की थी.

केंद्रीय बैंक ने म्यूचुअल फंडों के सामने आए तरलता संबंधी दिक्कतों के लिए कोरोनावायरस महामारी की वजह से पूंजी बाज़ारों में उतार-चढ़ाव का ज़िक्र किया है.

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि कुछ म्यूचुअल फंडों के बंद हो जाने की वजह से निवेशित रकम लौटाने का दबाव तथा अन्य संभावित बुरे प्रभावों के चलते तरलता संबंधी दिक्कतें बढ़ गई हैं. पिछले सप्ताह फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने घोषणा की थी कि वह 23 अप्रैल से भारत में छह यील्ड-ओरिएंटेड क्रेडिट फंडों को बंद कर देगी.

फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने कोरोनावायरस के चलते तरलता नहीं होने तथा बाज़ारों पर पड़े बुरे और गंभीर प्रभावों को इसकी वजह करार दिया था. बहरहाल, RBI ने कहा है कि फिलहाल यह संकट सिर्फ हाई-रिस्क डेट म्यूचुअल फंडों तक सीमित है, और मोटे तौर पर उद्योगों में तरलता बनी हुई है.

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