सेबी ने ब्रोकरों को इक्विटी ईटीएफ में मार्जिन ट्रेडिंग की सुविधा की अनुमति दी

नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने ब्रोकरों को इक्विटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में मार्जिन ट्रेडिंग की सुविधा देने की अनुमति दी है। इस तरह के ‘फंड’ को गिरवी भी रखा जा सकता है।

इस समय ‘समूह एक’ प्रतिभूतियों के तहत आने वाले चुनिंदा शेयरों में ही मार्जिन ट्रेडिंग की सुविधा (एमटीएफ) दी जाती है।

सेबी ने एक परिपत्र में कहा, ”पारदर्शिता, विविधीकरण, किफायत जैसे विभिन्न लाभों के साथ एक निवेश उत्पाद के रूप में ईटीएफ के चलन को ध्यान में रखते हुए, इक्विटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (इक्विटी ईटीएफ) की यूनिट को एमटीएफ के लिए योग्य प्रतिभूति मानने का फैसला किया गया है। साथ ही इस तरह के ‘फंड’ को गिरवी भी रखा जा सकेगा।”

यह सुविधा उधार लिए गए ‘फंडों’ या प्रतिभूतियों के साथ क्रियान्वित की जाती है। इसके जरिए निवेशक अपने संसाधनों से अधिक निवेश कर सकते हैं।

भारत बॉण्ड ईटीएफ को मंजूरी, निवेश से पहले समझें बारीकियां

देश में शुरू हुए ये ईटीएफ निवेशकों के लिए कितने सुरक्षित हैं? और निवेश करते समय किन बातों का ख्याल एक निवेशक को रखना चाहिए? इन सवालों का जबाव दिया सर्टिफाइड फाइनेंनशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी.

फोटो साभारः इंडिया टुडे

शुभम शंखधर

  • 04 दिसंबर 2019,
  • (अपडेटेड 04 दिसंबर 2019, 8:24 PM IST)

इक्विटी और डेट आधारित म्युचुअल फंड में अंतर को आसान भाषा में ऐसे समझा जा सकता है कि इक्विटी ईटीएफ में आपका पैसा किसी कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने में जाता है, जबकि डेट में आप उस कंपनी को उधार देते हैं. ऐसे में डेट डे ट्रेडिंग ईटीएफ आधारित उत्पाद इक्विटी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं.

बुधवार को कैबिनेट ने देश के पहले कॉर्पोरेट बॉण्ड आधारित ईटीएफ ‘’भारत बॉण्ड ईटीएफ’’ को मंजूरी दे दी है. भारत बॉण्ड देश का पहला बॉण्ड ईटीएफ होगा. इससे पहले देश में केवल इक्विटी आधारित ईटीएफ ही ट्रेड होते थे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक इससे सरकारी कंपनियों और संस्थाओं को फंड का अतिरिक्त स्रोत मिलेगा.

भारत बॉण्ड ईटीएफ के अंतर्गत सरकारी संस्थाओं की ओर से जारी बॉण्ड ट्रेड किए जा सकेंगे. ईटीएफ की यूनिट का मूल्य 1000 रुपए होगा, जिससे छोटे निवेशक इसमें ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी ले सके. इस ईटीएफ के अंतर्गत मैच्योरिटी की दो समयावधि हैं पहली तीन वर्ष और दूसरी आठ वर्ष.

देश में शुरू हुए ये ईटीएफ निवेशकों के लिए कितने सुरक्षित हैं? और निवेश करते समय किन बातों का ख्याल एक निवेशक को रखना चाहिए? इन सवालों का जबाव दे रहे हैं सर्टिफाइड फाइनेंनशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी.

फाइनेंनशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी कहते हैं, 'इस ईटीएफ में निवेश से पहले निवेशकों को यह भलिभांति समझ लेना चाहिए कि यह बॉण्ड बाजार से जुड़ा ईटीएफ है. यह पहला ऐसा मौका होगा जब आम जनता बॉण्ड मार्केट से जुड़ सकेगी ’’ अभी देश में बॉण्ड बाजार से जुड़े उत्पाद बहुत लोकप्रिय नहीं हैं. ऐसे में भारत बॉण्ड ईटीएफ निश्चित तौर पर छोटे निवेशकों को आकर्षित कर सकता है. गोल्ड और इक्विटी आधारित ईटीएफ बाजार में पहले से कारोबार कर रहे हैं, जिससे निवेशक ईटीएफ प्रोडक्ट से परिचित हैं.

बॉण्ड ईटीएफ में कैसे रिटर्न की उम्मीद?

परम्परागत निवेश माध्यम मसलन बैंक डिपॉजिट आदि की तुलना में बॉण्ड ईटीएफ अच्छे रिटर्न दे सकते हैं. हालांकि 3 साल की परिपक्वता वाले ईटीएफ महंगाई की दर को मात दे पाएंगे यह कहना मुश्किल है. सरकारी बॉण्ड की दर ही इन ईटीएफ के रिटर्न का आधार बनेगी.

निवेश में कोई जोखिम है?

भारत बॉण्ड ईटीएफ में नवरत्न कंपनियों के ट्रिपल ए रेटिंग वाले बॉण्ड ही ट्रेड करेंगे. यानी जोखिम सीमित है. लेकिन इस उत्पाद में तरलता एक मुश्किल हो सकती है. यानी लोग जब चाहें तब उन्हें ईटीएफ बेचने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है या उन्हें मौजूदा बाजार भाव से नीचे बिकवाली करनी पड़ सकती है. निवेशकों को चाहिए कि निवेश से पहले बॉण्ड ईटीएफ में तरलता की स्थिती का आकलन कर लें.

10 साल की अवधि वाले बॉण्ड निवेश के लिए कैसे?

लंबी अवधि में ये बॉण्ड महंगाई को मात देकर पूंजी को सुरक्षित रख सकते हैं. 7 से 8 फीसदी तक के रिटर्न इन बॉण्ड्स में अपेक्षित हैं. 10 साल की अवधि शेयर बाजार में निवेश के लिहाज से भी बेहतर है. वहां निवेश करके इसी अवधि में अच्छे रिटर्न पाए जा सकते हैं. हालांकि वहां जोखिम ज्यादा है.

ऐसे समय में जब जमा पर ब्याज की दर नीचे जा रही है तब डेट मार्केट के रास्ते छोटे निवेशकों के लिए खोलना निवेश विकल्पों की दृष्टि से बेहतर हो सकता है. लेकिन इनके प्रति जागरुकता बढ़ाने लिए सतत प्रयास जरूरी हैं.

Nifty 50 ETF: नए निवेशकों के लिए बेहतर है 'निफ्टी 50 ईटीएफ', शेयर बाजार में पहली बार निवेश की पूरी जानकारी

लोग इक्विटी की ओर आमतौर पर इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि इसमें लंबी अवधि में महंगाई को पछाड़ने की संभावना होती है। हमारे सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इक्विटी एक्सपोजर अच्छा होता है। शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने वालों के लिए जानकारी भरी अजीत सिंह की यह रिपोर्ट.

सांकेतिक तस्वीर

अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं, तो सही शेयर में निवेश का निर्णय लेना आसान नहीं है। इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी कारोबारी संभावनाओं, मूल्यांकन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहीं पर निफ्टी 50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सामने आता है।

ईटीएफ एक विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है। इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ की यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक शुरुआती प्वॉइंट में से एक है।

50 ब्लूचिप शेयरों के विविधीकरण में निवेश
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा विविधीकरण प्रदान करता है।

एक विविध पोर्टफोलियो निवेशक डे ट्रेडिंग ईटीएफ के लिए जोखिम को कम करता है, जो कि स्टॉक में निवेश करने के मामले में नहीं होता है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट खाते की जरूरत पड़ती है। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं।

आप चाहें तो इसमें एसआईपी के जरिये भी निवेश कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी कर सकेंगे और इससे निवेश की लागत औसत होती जाएगी।

अगर आप निवेशक हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार की संभावना में विश्वास करते हैं तो निफ्टी 50 ईटीएफ निवेश के लिए बेहतर आइडिया है। आपके निवेश पर इसमें सबसे कम खर्च या चार्ज लगता है।
-चिंतन हरिया, प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रमुख, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी

ईटीएफ में निवेश की लागत बहुत कम है
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश सस्ता पड़ता है। चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से ट्रैक करता है और इंडेक्स घटकों में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है, इसलिए लागत कम होती है। खर्च का अनुपात या दूसरे शब्दों में, जो फंड चार्ज करते हैं, वह सिर्फ 2 से 5 आधार अंक (0.02-0.05%) है। इक्विटी और स्टॉक में एक नौसिखिया निवेशक के रूप में आपको कुछ कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी महंगी लग सकती हैं।

निफ्टी बास्केट के भीतर ऐसे स्टॉक हैं जो 15,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति शेयर के बीच कहीं भी ट्रेड करते हैं। नए निवेशकों के लिए, विशेष रूप से उनके करियर के शुरुआती चरण में सीमित मासिक या समय-समय पर यह राशि बहुत बड़ी और पहुंच से बाहर हो सकती है।

जोखिम की क्षमता कम होती है
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश करके अधिक जोखिम उठाए बिना वर्षों तक बाजार की गतिशीलता को समझना शुरू कर सकते हैं। साथ ही बाजारों को चलाने वाले विभिन्न कारकों से खुद से परिचय कराते हैं। जोखिम लेने की क्षमता, लक्ष्य, समय सीमा और निवेश करने योग्य सरप्लस के आधार पर छोटे और मिडकैप शेयरों या म्यूचुअल फंड का पता लगा सकते हैं।

ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा। ईटीएफ की एक यूनिट को आप कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है। आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं।

विस्तार

अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ निवेश की डे ट्रेडिंग ईटीएफ शुरुआत करना चाहते हैं, तो सही शेयर में निवेश का निर्णय लेना आसान नहीं है। इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी कारोबारी संभावनाओं, मूल्यांकन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहीं पर निफ्टी 50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सामने आता है।

ईटीएफ एक विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है। इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ की यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक शुरुआती प्वॉइंट में से एक है।

50 ब्लूचिप शेयरों के विविधीकरण में निवेश
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा विविधीकरण प्रदान करता है।

एक विविध पोर्टफोलियो निवेशक के लिए जोखिम को कम करता है, जो कि स्टॉक में निवेश करने के मामले में नहीं होता है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट खाते की जरूरत पड़ती है। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं।

आप चाहें तो इसमें एसआईपी के जरिये भी निवेश कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी कर सकेंगे और इससे निवेश की लागत औसत होती जाएगी।

अगर आप निवेशक हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार की संभावना में विश्वास करते हैं तो निफ्टी 50 ईटीएफ निवेश के लिए बेहतर आइडिया है। आपके निवेश पर इसमें सबसे कम खर्च या चार्ज लगता है।
-चिंतन हरिया, प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रमुख, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी

ईटीएफ में निवेश की लागत बहुत कम है
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश सस्ता पड़ता है। चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से ट्रैक करता है और इंडेक्स घटकों में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है, इसलिए लागत कम होती है। खर्च का अनुपात या दूसरे शब्दों में, जो फंड चार्ज करते हैं, वह सिर्फ 2 से 5 आधार अंक (0.02-0.05%) है। इक्विटी और स्टॉक में एक नौसिखिया निवेशक के रूप में आपको कुछ कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी महंगी लग सकती हैं।

निफ्टी बास्केट के भीतर ऐसे स्टॉक हैं जो 15,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति शेयर के बीच कहीं भी ट्रेड करते हैं। नए निवेशकों के लिए, विशेष रूप से उनके करियर के शुरुआती चरण में सीमित मासिक या समय-समय पर यह राशि बहुत बड़ी और पहुंच से बाहर हो सकती है।

जोखिम की क्षमता कम होती है
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश करके अधिक जोखिम उठाए बिना वर्षों तक बाजार की गतिशीलता को समझना शुरू कर सकते हैं। साथ ही बाजारों को चलाने वाले विभिन्न कारकों से खुद से परिचय कराते हैं। जोखिम लेने की क्षमता, लक्ष्य, समय सीमा और निवेश करने योग्य सरप्लस के आधार पर छोटे और मिडकैप शेयरों या म्यूचुअल फंड का पता लगा सकते हैं।

ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा। ईटीएफ की एक यूनिट को आप कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है। आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं।

Bitcoin ETF : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की नई शुरुआत, अब इन्वेस्ट कर सकेंगे बिटकॉइन फ्यूचर में

Bitcoin ETF : ETFs की एक शीर्ष कंपनी ProShares एक वायदा बाजार में बिटकॉइन का ETF स्वरूप ला रही है, जिसमें निवेशक सीधे वहीं से निवेश कर सकेंगे. यह वैसा ही होगा, जैसा कि वायदा बाजार में किसी प्रॉडक्ट में निवेश करते हैं.

Bitcoin ETF : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की नई शुरुआत, अब इन्वेस्ट कर सकेंगे बिटकॉइन फ्यूचर में

Wall Street पर Bitcoin Future में निवेश. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पॉपुलर और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin अब मेनस्ट्रीम निवेश के माध्यमों का हिस्सा बनने जा रही है. न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर मंगलवार को बिटकॉइन का एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF शुरू हो रहा है. ETFs की एक शीर्ष कंपनी ProShares एक वायदा बाजार में बिटकॉइन का ETF स्वरूप ला रही है, जिसमें निवेशक सीधे वहीं से निवेश कर सकेंगे. यह वैसा ही होगा, जैसा कि वायदा बाजार में किसी प्रॉडक्ट में निवेश करते हैं. कंपनी ने कहा है कि वो फ्यूचर इंडेक्स के तहत "BITO" टिकर नाम से बिटकॉइन फ्यूचर लॉन्च करेगी. म्युचुअल फंड डे ट्रेडिंग ईटीएफ में एक दिन में एक बार ट्रेडिंग होती है, लेकिन उसके उलट ETFs में पूरा दिन ट्रेडिंग की जाती है.

यह भी पढ़ें

क्रिप्टो निवेशक काफी वक्त से इस लॉन्चिंग का इंतजार कर रहे हैं. इसके चलते पिछले दिनों बिटकॉइन की कीमत ने एक बार फिर 62,000 डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया था. अप्रैल, 2021 के बाद से बिटकॉइन में ऐसी तेजी नहीं दिखी है.

ProShares ने कहा कि निवेशक सीधे डिजिटल करेंसी में निवेश करने के बजाय BITO के जरिए बिटकॉइन फ्यूचर में निवेश कर पाएंगे.

BITO से अब बिटकॉइन के दरवाजे निवेशकों की उस बड़ी तादाद के लिए खुल जाएंगे, जिनके पास अपना ब्रोकरेज अकाउंट और वो स्टॉक या ETFs में निवेश करने को लेकर सहज महसूस करते हैं. ऐसे निवेशक जो बिटकॉइन में निवेश करने के लिए अलग से न तो क्रिप्टोकरेंसी अकाउंट या वॉलेट सेटअप करना चाहते हैं, न ही इसके सुरक्षा या नियमन संबंधी शंकाओं का सामना करना चाहते हैं.,

Securities and Exchange Committee ने ProShares फंड की लॉन्चिंग पर कोई आपत्ति नहीं जताई है, लेकिन एजेंसी ने निवेशकों से अपील की है कि वो इस फंड में निवेश करने की संभावित लाभ-नुकसान को देखकर ही फैसला लें.

बता दें कि बिटकॉइन ETF की शुरुआत तब हो रही है, जब क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Coinbase की अभी छह महीने पहले ही Nasdaq पर प्रीमियरिंग हुई है. इस कंपनी की शुरुआत 2012 में हुई थी और इसका वैल्यूएशन अब 75 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो चुका है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

रेटिंग: 4.30
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 144