जिरोधा के फाउंडर नितिन कामथ ने बजट 2022 में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स घटाए जाने के पक्ष में मजबूत दलीलें दी हैं,

zerodha margin calculator 2022: ट्रेडिंग ब्रोकरेज शुल्क से हैं परेशान, तो आज ही जुड़े भारत की सबसे बड़ी कंपनी के साथ

zerodha margin calculator 2022:- ज़ेरोधा क्या है? संक्षिप्त विवरण जाने: अगर आप शेयर मार्केटिंग या स्टॉक मार्केटिंग में जुड़कर कार्यों को करना चाहते हैं या आप एक अपना demat account open करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि Zerodha Kya Hai?

हिंदुस्तान में बहुत ही कम दर पर ट्रेडिंग खाते और डीमेट खाते की सुविधा प्रदान करने वाली बहुत सारी कंपनियां मौजूद है| बस उन्हीं कंपनियों में से एक कंपनी ज़ेरोधा है| ज़ेरोधा की सर्विस से सबसे फास्ट है इसके अलावा यहां पर बड़ी डिस्काउंट ब्रोकर इन सेवा भी मिलती है| इसके अतिरिक्त ज़ेरोधा छोटे निवेशक को या बड़े निवेशकों के लिए बहुत ही अच्छा प्लेटफार्म मुहैया कराता है|

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zerodha margin calculator 2022:- क्या आप ज़ेरोधा के पुराने अथवा ने ग्राहक हैं और आप काफी दिनों से परेशान भी है की स्टॉक मार्केटिंग, मैचुअल फंड वगैरा-वगैरा कैसे कार्य करते हैं या फिर क्या मुनाफा है, क्या घाटा लग रहा है |

तो आप घबराएं नहीं इसके लिए हम और आप मिलकर zerodha margin calculator के बारे में जानकारी लेंगे | जिसके माध्यम से आप किसी भी स्टॉक मैचुअल फंड या zerodha के अन्य किसी भी प्रोडक्ट में क्या बेनिफिट आपको मिल रहा है! और कैसे आपको पैसे इन्वेस्ट करना है|

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इसके संबंधित सभी जानकारी आप लोग जीरोधा मार्जिन कैलकुलेटर के माध्यम से निकाल सकते हैं | वैसे zerodha margin calculator 2022 काफी प्रचलित ज़ेरोधा ट्रेडिंग का समय क्या है? मार्जिन कैलकुलेटर में से एक है | मार्जिन कैलकुलेटर इस्तेमाल करना बेहद आसान है | इस mis in zerodha पोस्ट को पूरा अवश्य पढ़ें! अगर आप भी एक ही बार में zerodha margin calculator 2022 को सीखना चाहते हैं तो|

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ज़ेरोधा की आधिकारिक zerodha.com वेबसाइट में zerodha margin calculator 2022 को चार भागों में विभाजित किया गया है:

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इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.

2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.

3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.

4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.

5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

CDSL पर शेयर बेचने में परेशान रहे इन्वेस्टर्स, Zerodha ने बताई क्या है वजह

जेरोधा (Zerodha) और पेटीएम मनी (Paytm Money) सहित कई ब्रोकरेज हाउसों के निवेशकों को डिपॉजिटरी सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) से संबंधित एक मुद्दे कारण सोमवार सुबह शेयर बेचते समय कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ा. हालांकि CDSL ने दोपहर तक समस्या को सुलझा लिया.

कई इन्वेस्टर्स ने ट्विटर पर बताया कि उन्हें स्टॉक की ट्रेडिंग करते समय परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा ऑनलाइन ब्रोकरेज हाउस जेरोधा, पेटीएम मनी ने भी इन्वेस्टर्स को बताया कि सेल ऑर्डर पूरा करने में समस्या आ रही है.

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जेरोधा ने बताया शेयर को बेचने में आ रही परेशानी

जेरोधा ने ट्वीट किया कि, "CDSL के साथ किसी समस्या के कारण आपको अपने स्टॉक को बेचने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है. हम इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने के लिए CDSL के साथ संपर्क में हैं."

You may face an issue with authorizing the sale of your stocks due to an issue with CDSL. We are in touch with CDSL to have the issue resolved at the earliest.

— Zerodha (@zerodhaonline) October 18, 2021

जेरोधा ने बाद में ट्वीट कर कहा कि CDSL TPIN ऑथराइजेशन की समस्या का समाधान कर लिया गया है. अब आप अपनी होल्डिंग की बिक्री कर सकते हैं.

पेटीएम ने भी जानकारी

ऐसे ही एक ट्वीट में Paytm Money ने कहा कि CDSL वेबसाइट पर समस्या के चलते इन्वेस्टर्स को वर्तमान में हमारे प्लेटफॉर्म पर शेयर बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

Alert: You may currently be facing challenges in authorizing a sale on our platform due to issues on the CDSL website. This has affected all brokers and we are working on resolving it with CDSL on priority.

— Paytm Money (@PaytmMoney) October 18, 2021

दोपहर तक सुलझ गई परेशानी

इसके अलाना पेटीएम मनी केयर ने भी इन्वेस्टर्स को सूचित किया कि आज सुबह CDSL में एक समस्या थी और सभी ब्रोकर ने इसका सामना किया. इसे दोपहर में हल कर लिया गया है, इसलिए आप हमारे एप पर ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.

इसी तरह Groww के यूजर्स को भी शेयर्स बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ा. ग्रो ने ट्विटर पर इन्वेस्टर्स को जवाब देते हुए कहा, "सभी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर CDSL TPIN को लेकर परेशानी चल रही है और हम मुद्दे के सुलझने के लिए लगातार CDSL के संपर्क में हैं."

Zerodha Founder on STT: बजट में घटाया जाए STT, नितिन कामथ ने कहा, ट्रांजैक्शन की ऊंची लागत से ट्रेडर्स को हो रहा भारी नुकसान

Zerodha Founder Nithin Kamath on STT: जिरोधा के फाउंडर के मुताबिक अगर किसी रिटेल निवेशक के खाते में 5 लाख रुपये हैं और वो कुछ लीवरेज के साथ डेरिवेटिव ट्रेडिंग करता है तो उस पर STT का बोझ ही इतना ज्यादा हो जाता है कि वो आसानी से लाभ नहीं कमा सकता.

Zerodha Founder on STT: बजट में घटाया जाए STT, नितिन कामथ ने कहा, ट्रांजैक्शन की ऊंची लागत से ट्रेडर्स को हो रहा भारी नुकसान

जिरोधा के फाउंडर नितिन कामथ ने बजट 2022 में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स घटाए जाने के पक्ष में मजबूत दलीलें दी हैं,

Budget 2022 Expectations, Zerodha Founder Nithin Kamath on STT: केंद्र सरकार से उम्मीद है कि वो इस बार अपने नए बजट में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) घटाए जाने की मांग ज़रूर पूरी करेगी. ये कहना है जिरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर नितिन कामथ (Nithin Kamath) का. उन्होंने इस मांग के समर्थन में बेहद जोरदार तरीके से अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा है कि देश के शेयर बाजारों में कारोबार करने वाले ट्रेडर्स को ट्रांजैक्शन कॉस्ट और इंपैक्ट कॉस्ट के तौर पर भारी रकम गवांनी पड़ती है. उनका दावा है कि ट्रेडर्स को इन मदों में जितना नुकसान होता है, उतना तो बाजार के कारोबार में भी नहीं होता.

डेढ़ दशक से कर रहे STT घटने की उम्मीद : कामथ

नितिन कामथ ने इस बारे में अपनी राय ट्विटर के जरिए सामने रखी है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ” पिछले 15 वर्षों से भी ज्यादा वक्त से मैं हर बजट के दिन यह उम्मीद लगाता हूं कि STT को कम किया जाएगा. महज जिरोधा के कस्टमर्स को ही STT, GST और स्टैंप ड्यूटी के तौर पर हर साल करीब 2500 करोड़ रुपये चुकाने पड़ते हैं. कुल मिलाकर, ट्रेडर्स को बाजार से ज्यादा आर्थिक नुकसान तो ट्रांजैक्शन कॉस्ट्स (transaction costs) और इंपैक्ट कॉस्ट्स (impact costs) के रूप में उठाना पड़ता है.”

2004 में LTCG हटने पर शुरू हुआ था STT

कामथ ने इन लागतों को घटाने के समर्थन में अपने तर्क पेश करते हुए आगे लिखा है, “ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम होने से लिक्विडिटी में सुधार होता है, जिससे इंपैक्ट कॉस्ट भी घटती है. आप यह दलील दे सकते हैं कि ऐसा होने पर लोग ज्यादा स्पिकुलेशन करने लगेंगे, जो ठीक नहीं होगा. यह एक तर्क जरूर है, लेकिन दोनों स्थितियों के बीच में एक संतुलन होना चाहिए. मैं उम्मीद कर रहा हूं कि इस साल STT में कमी की जाएगी.” गौरतलब है 2004 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) को हटाते समय सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स की शुरुआत की थी. कामथ का कहना है कि STT को स्टॉक्स एक्सचेंज ट्रेडिंग के समय ही वसूल कर लेते हैं, इसलिए सरकार के लिए इसका कलेक्शन करना LTCG वसूलने के मुकाबले काफी आसान साबित होता है. LTCG का कलेक्शन तभी होता है, जब निवेशक खुद इसकी जानकारी देकर टैक्स भरते हैं.

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2018 के बजट में LTCG लौटा, लेकिन STT नहीं घटा

ध्यान देने की बात यह है कि STT लाते समय LTCG को हटा दिया गया था, लेकिन 2018 के बजट में केंद्र सरकार ने 1 लाख से ज्यादा के लाभ पर 10 फीसदी LTCG फिर से लागू कर दिया. हालांकि STT में कोई कटौती नहीं की गई. नितिन कामथ ने एक सवाल के जवाब में विस्तार से समझाया कि STT का बाजार और ट्रेडिंग कैपिटल पर क्या असर पड़ता है. उन्होंने पूरे मसले को समझाते हुए कहा कि अगर ज़ेरोधा ट्रेडिंग का समय क्या है? आप STT, GST और स्टैंप ड्यूटी को जोड़ दें तो सिर्फ जिरोधा के कस्टमर ही हर महीने करीब 200 करोड़ रुपये और साल में 2500 करोड़ रुपये महज ट्रांजैक्शन से जुड़े करों के रूप में अदा करते हैं. इतना टैक्स भरने के बाद जो आय होती है, उस पर भी अलग से टैक्स भरना होता है. इनमें 1 लाख से ज्यादा कैपिटल गेन पर लगने वाला 10 फीसदी LTCG, 15 फीसदी की दर से लगने वाला शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (STCG) और इंट्रा-डे और फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स (F&O) पर आयकर की स्लैब के हिसाब से लगने वाले इनकम टैक्स शामिल हैं.

ट्रांजैक्शन की लागत कम हुई तो बढ़ेगा निवेश : कामथ

इससे पहले ईटी नाउ को दिए इंटरव्यू में भी कामथ ने कहा था कि अगर किसी रिटेल निवेशक के एकाउंट में 5 लाख रुपये हैं और वो कुछ लीवरेज के साथ डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट में कारोबार करता है तो उस पर सिर्फ STT का बोझ ही इतना हो जाता है कि दिन भर के कारोबार के बाद उसका मुनाफा कमा पाना मुश्किल हो जाता है. जिरोधा के को-फाउंडर का कहना है कि अगर भारत में ट्रांजैक्शन की लागत कम की जाती है, तो इससे विदेशी निवेशक हमारे देश के एक्सचेंजों में आकर कारोबार करने के लिए प्रेरित होंगे और हमारी अर्थव्यवस्था में निवेश करेंगे. इससे हमारे बाजार का आकार बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा सुधार है, जिसका लंबे समय से इंतजार हो रहा है.

नितिन कामथ का कहना है कि ट्रांजैक्शन की ऊंची लागत ट्रेडिंग कैपिटल में सेंध लगा रही है. अगर इसमें इंपैक्ट कॉस्ट को भी जोड़ दिया जाए, तो ज्यादातर एक्टिव ट्रेडर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. यह नुकसान बाजार में कारोबार से होने वाले नुकसान से भी कहीं ज्यादा है. उन्होंने कहा कि अगर STT को कम किया जाता है, तो इससे कस्टमर्स को न सिर्फ प्रत्यक्ष लाभ होगा, बल्कि लिक्विडिटी में सुधार होने के कारण इंपैक्ट कॉस्ट भी कम हो जाएगी.

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