सट्टेबाजी से प्रेरित फैसले न लें

करोड़पति से गरीब बनाने वाले शेयर: इन 4 स्टॉक्स ने पहले निवेशकों को कराया बंपर मुनाफा, फिर उनकी सारी संपत्ति डुबो दी

शेयर बाजार में निवेश के साथ हमेशा पैसे खोने का भी जोखिम रहता है। एक्सपर्ट्स अक्सर सलाह देते हैं कि जिन निवेशकों में जोखिम उठाने की क्षमता नहीं शेयरों में निवेश के जोखिम है, उन्हें बड़ी कंपनियों में निवेश करना चाहिए क्योंकि इनमें पैसे डूबने का खतरा कम रहा है। हालांकि शेयर बाजार में किसी भी स्टॉक की कोई गारंटी नहीं है। कई बार बड़ी कंपनियों या कागजों में सभी मानकों पर मजबूत शेयरों में निवेश के जोखिम दिख रहे स्टॉक के साथ कुछ ऐसी घटनाएं होती है, जिनके बाद वह भरभरकार गिर जाते हैं।

आज हम आपको यहां ऐसे ही कुछ शेयरों के बारे में बता जा रहे हैं, जिन्होंने स्टॉक मार्केट में आने के बाद शुरुआती कुछ सालों में अपने निवेशकों को बंपर मुनाफा कराया, लेकिन फिर उन्होंने ही अपने निवेशकों की सारी संपत्ति डूबो दी। आइए जानते हैं इन सटॉक्स के बारे में-

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लेकिन फिर 2008 में ग्लोबल आर्थिक मंदी आई और जो शेयर जनवरी 2008 में 1085 रुपये पर कारोबार कर रहा था, वहीं शेयर दिसंबस 2008 में गिरकर 70 रुपये पर आ गया। आने वाले सालों में HDIL के शेयरों में थोड़ी रिकवरी दिखी और यह 2010 में करीब 400 रुपये के स्तर तक गया, लेकिन उसके बाद से लगातार इसमें गिरावट ही आती है।

HDIL के शेयर बुधवार 10 अगस्त को 4.50% फीसदी बढ़कर 5.80 रुपये पर बंद हुए। अपने पीक स्तर से HDIL के शेयरों में 99.5 फीसदी से अधिक की गिरावट आ चुकी है और आज इसका मार्केट कैप सिर्फ 274.92 करोड़ रुपये का है।

PC ज्वैलर्स

क्या आप निवेश में शेयरों में निवेश के जोखिम जोखिम का सही मतलब जानते हैं?

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उनका कहना है कि इस तरह के ज्यादातर निवेशक खुद शेयरों में निवेश के जोखिम पर बहुत ज्यादा भरोसा करते हैं. बाजार में अस्थिरता के दौरान यह भरोसा गायब हो जाता है. गिरावट के दौरान ये अति-आत्मविश्वासी निवेशक काफी बेचैन हो जाते हैं.

सर्कल वेल्थ एडवाइजर्स के संस्थापक पार्टनर सौरभ मित्तल ने कहा, "निवेशक जोखिम के अर्थ को अपने अनुसार समझ रहे हैं. उन्हें लगता है कि जोखिम का अर्थ ज्यादा रिटर्न से है है. उन्हें यह नहीं पता कि अधिक जोखिम उठाना घाटे का भी सौदा साबित हो सकता है."

सलाहकारों का कहना है कि ज्यादातर निवेशक जोखिम को पूंजी की बर्बादी के साथ जोड़कर नहीं देखते हैं. उनका मानना है कि निवेशकों को दांव लगाने से पहले खुद से कुछ सवाल जरूर करने चाहिए और फिर किसी निर्णय तक पहुंचना चाहिए.

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शेयर बाजार में निवेश से पैसा बनाने की संभावना एक ऐसा आइडिया है, जो हर नए निवेशक को उत्साहित करता है। साथ ही उन लोगों के लिए भी जो कम अवधि में फायदा कमाना चाहते हैं। हालांकि जब बाजार शेयरों में निवेश के जोखिम उतार-चढ़ाव के माहौल में हो, तब किसी भी तरह के तुरंत रिटर्न की संभावना काफी कम हो जाती है। ऐसे में आपको हम बता शेयरों में निवेश के जोखिम रहे हैं कि निवेश के समय कौन से नियम का आपको पालन करना चाहिए।

खुद निर्णय न लें

एंजल ब्रोकिंग के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट ज्योति रॉय कहते हैं कि आप खुद निर्णय लेकर अपने लाभ को बढ़ाने के लालच को छोड़ दीजिए। पोर्टफोलियो मैनेजर्स और एक्सपर्ट्स की सलाह पर ध्यान दें। सतर्कता से व सोच-समझकर निवेश करें।

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शेयर बाजार में सीधे निवेश करना छोटे निवेशकों के लिए बेहद जोखिम भरा होता है। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि न्यूनतम और नियमित निवेश से एसआईपी के जरिये शेयरों में निवेश पर जोखिम कम हो जाता है। साथ ही शेयरों में निवेश के जोखिम बाजार में तेजी आने पर तगड़ा रिटर्न मिलने की गुंजाइंश रहती है।

उदाहरण के लिए 10 हजार रुपये किसी शेयर में निवेश करते हैं तो 10 फीसदी गिरावट आने पर आपका निवेश घटकर नौ हजार रुपये रह जाता है। उसके बाद जब 10 फीसदी तेजी आती है निवेश बढ़कर 9900 रुपये हो जाता है। जबकि एसआईपी में एक हजार रुपये लगाते हैं तो 10 फीसदी गिरावट पर निवेश घटकर 900 रुपये हो जाता है। इस तरह एसआईपी में नुकसान कम होता है।

Comparison of Returns in Different Investment Options-

अब हम इन तीनो कम्पनीज के रिटर्न्स को निवेश के अन्य विकल्पों के साथ तुलना करेंगे

Saving AccountRecurrent Deposit/GOVT.
BOND YIELD
REAL ESTATEDABUR
INDIA
HDFC OR MARUTIBRITANNIA
OR SHREE
CEMENT
AVERAGE ANNUAL RATE OF RETURNS *
(LAST 10 YEARS)
3%7%12%18%20%32%
MONTHLY INVESTMENT OF Rs.5000 AFTER 10 Yrs (TOTAL RETURNS)9900026000052100094800011260003313000
MONTHLY INVESTMENT OF Rs.5000 AFTER 20 Yrs4380001352003440008455000
(84.5 L)
11214000
(1.12 Cr.)
55321000
(5.53 Cr.)
MONTHLY INVESTMENT OF Rs.5000 AFTER 30 YrsDOIT YOURSELF.YOUWILL BESURPRISED.
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