Forex Trading Kya होती Hai ? हिंदी में जाने

आइए दोस्तो! क्या आप फॉरेक्स मार्केट या Forex Trading के बारे में जानना चाहते तो आप सही पोस्ट पर आए है और मैं खुद एक ट्रेडर हूं इसके बारे में आप को बेहतर तरीके से बता सकता हु। आइए जानते इस दुनिया की सबसे बड़ी मार्केट बारे में।

फॉरेक्स मार्केट क्या होता है –

फॉरेक्स क्या अर्थ होता है = foreion+exchange इस मार्केट में एक करेंसी को दूसरी करेंसी में बदला जाता है। यह दुनिया को सबसे बड़ी मार्केट है इसका रोज का लेनदेन 5 या 6 ट्रिलियन का होता है। यह 24×5 खुली रहती है और Suterday,Sunday बंद रहती है।

Forex Trading क्या होती है – FOREX TRADING IN HINDI

जिस तरह से लोग शेयर मार्केट में Profit यानी पैसा कमाने के लिए शेयरों की खरीदी बेचा करते है। इसी तरह इस forex market में किसी करेंसी को कम दाम में खरीद कर ज्यादा दाम में बेचने को ही फॉरेक्स ट्रेडिंग या करेंसी ट्रेडिंग कहते है। जिस तरह शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने पर high या medium रिस्क होता है। इस मार्केट में ट्रेडिंग करने पर medium या low रिस्क होता है। इसमें ट्रेड करने पर मार्जिन काम देना पड़ता है। आगे हम मार्जिन और जो भी फॉरेक्स मार्केट में concept है उसको जानेंगे।

India में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे होती है

भारत में यह दो तरीके से हो सकती है

  1. इंडियन ब्रोकर अकाउंट जैसे – Zerodha,Upstox Etc.
  2. International ब्रोकर अकाउंट जैसे – Octafx, Exness,Tickmill Etc.
    औरSEBI के गाईडलाइन के अनुसार NSE और BSE एक्सचेंज को दिए गये निर्देश के अनुसार सिर्फ पंजीकृत ब्रोकरों को ही यह ट्रेडिंग कराने की अनुमति है। यह ट्रेडिंग कानूनी रूप से लीगल है।
  • कुछ ही सालों में भारत में बाहरी फॉरेन एक्चेंज ने काफी दिलचस्पी दिखाई है और वह भारत में ट्रेडिंग कराने लगे है।

भारत में Forex Trading के कॉन्सेप्ट –

  • ट्रेडिंग करने के लिए सबसे जरूरी है Money Management, Risk Managment और Pyscology यही ट्रेडिंग का आधार है।
  • फॉरेक्स ट्रेडिंग हमेशा जोड़ो में होती है। जैसे – USD/INR ,GBP/INR, EUR/INR
  • भारत में करेंसी ट्रेडिंग दो तरह से होती है ऑप्शन ट्रेडिंग और फ्यूचर ट्रेडिंग

करेंसी हमेशा Pairs Me ट्रेड होती है।Pairs की कीमत हमेशा ऊपर नीचे होती रहती है।करेंसी Pairs के लिए फार्मूला होता है।

बेस करेंसी/कोटेशन करेंसी = Price (कीमत)

  • बेस करेंसी – बेस करेंसी हमेशा किसी देश करेंसी के एक बराबर माना जाता है। जैसे – 1 डॉलर 1 रुपया 1 जापानी येन
  • कोटेशन करेंसी – कोटेशन करेंसी वह करेंसी जो बेस करेंसी के मुकाबले बताया जाता है
  • Price – कीमत उसे कहते जो बेस करेंसी के मुकाबले कोटेशन की कीमत होती है

मान लीजिए की USD (अमेरिकी डॉलर)/INR (भारतीय रुपए) एक पेयर है जिसकी कीमत = 79 है।

यहां USD अमेरिकी डॉलर एक बेस करेंसी है और INR भारतीय रुपया एक कोटेशन करेंसी है। इसकी कीमत 79 है जिसका मतलब है 1 डॉलर लेने के लिए 79 रुपया देना होगा।

भारत में ट्रेडिंग करने के कुछ नियम –

Lot – फॉरेक्स ट्रेडिंग हमेशा Lot साइज में होती है।भारत में एक Lot 1000 करेंसी का होता है यानी 1000 बेस करेंसी का। JPY/INR में यह 10000 का होता है।

Pips या Tick– पेयर्स में प्राइस की सबसे छोटी movment को pip या tick कहते है। भारत में 1 Pip = 0.0025 होता है।

मार्जिन – मार्जिन शब्द हमेशा ट्रेडिंग में इस्तेमाल होता है।जैसे हम कोई ट्रेड में एंटर करते है तो हमे पूरा पैसा न देकर कुछ परसेंट पैसा देकर ट्रेड में एंटर कर सकते है जैसे USD/INR का एक lot buy करना है तो 79000 रुपए का होता है क्यों होता क्योंकि lot 1000 का था lot हमेशा बेस करेंसी के बराबर होता है लेकिन हमे लेवरेज मिलता जिसके कारण हमे सिर्फ 2000 ya 2200 में आप ट्रेड कर सकते है। इसी को मार्जिन कहते है।

Trading Hours – भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग का समय सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक ही होती है।

फॉरेक्स मार्केट को इफेक्ट करने वाले कारक

USD/INR का प्राइस कम को एप्रीसिएशन कहते है और प्राइस बढ़ने को डिप्रीशिएशन कहते है। प्राइस कम होने का मतलब है भारतीय रुपया मजबूत होता है।जब प्राइस बढ़ता है तो भारतीय रुपया कमजोर होता है।

  1. इनफ्लेशन (मुद्रास्फीति) – जब महगाई की दर यानी महंगाई कम होती है तब INR एप्रीसिएशन होता है
  2. इंटरेस्ट रेट्स (ब्याज दर) – जब rbi रेट्स बढ़ाता है तब भी INR एप्रीसिएशन होता है।
  3. RBI का USD/INR का बेचना – जब INR का प्राइस बढ़ने लगता है।इससे एक्सपोर्टइंपोर्ट करने में परेशानी होने लगती है तो RBI USD/INR बेचने लगता है इससे मार्केट स्थिर हो जाता है और एप्रेशियट होने लगता है।
  4. निर्यात – जब एक्सपोर्ट या निर्यात बढ़ने लगता है।तब INR एप्रीसिएशन होता है।
  5. राजनीतिक स्थिरता – भारत में जब सरकार बार – बार नही बदलती है और एक सरकार पूरे पांच साल तक रहती है तो भी INR एप्रीसिएशन होता है
  6. करेंट अकाउंट डेफिसिट – करेंट अकाउंट डेफिसिट होता है तो भी INR का प्राइस कम होने लगता है

Forex Trading में जरुरी टिप्स

  • ट्रेडिंग करने के लिए सबसे जरूरी है सही ब्रोकर को चुनना।कुछ ब्रोकर hidden चार्जेस लेने लगते है।
  • ट्रेडिंग करते समय जरूरी है आप इमोशन पर काबू करे नही तो ट्रेडिंग आपकी दुश्मन बन जायेगी। जिसने भी इमोशन को कंट्रोल कर लिया वह ट्रेडर बन गया। ट्रेडिंग में 90% साइकोलॉजी यानी इमोशन और 10% स्किल important है।
  • आप हमेशा सीखते रहे और प्रैक्टिस करते है इससे आपकी स्किल improve होगी आप और भी अच्छे ट्रेडर बन पायेंगे।
  • एक अच्छा ट्रेडर मार्केट की साइकोलॉजी को समझता है वह यह जानता है अब मार्केट ओवरबॉट या ओवरसेल हो चुका है
  • जो ट्रेडर रिस्क नहीं लेता वह ट्रेडर नही होता है ।बिना रिस्क लिए आप प्रॉफिट नहीं कमा सकते है।वो डायलॉग सुना है रिस्क है तो इश्क है।
  • टेक्निकल एनालिसिस करे! और उसे ज्यादा से ज्यादा सीखे और चार्ट पैटर्न को देख कर ट्रेड करने का निर्णय लीजिए ।
  • स्टॉप लॉस ट्रेडिंग सबसे जरूरी हिस्सा है ।जब भी आप ट्रेड में एंटर हो पहले आप अपना स्टॉप लॉस सेट करने के बाद ही किसी ट्रेड में एंटर करे।

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forex trading in hindi.फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है ?

forex trading in hindi.फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है ?

मनस्ते दोस्तों। आज हम जानने वाले है की forex trading in hindi में क्या होता है। और कैसे हम फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकते है। क्या हम फोरेक्स ट्रेडिंग कर के भी अच्छा खासे पैसे कमा सकते है भी या नहीं।और क्या फोरेक्स ट्रेडिंग भारत में की जा सकती है या नहीं। की जा सकती है तो फिर किस माध्यम से की जा सकती है। इन सब के बारे में आज हम सीखने वाले है।

forex trading in hindi.फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है ?

forex trading का मतलब होता है की बाहर की देशो के जो मुद्राये होती है। यानि की करेंसी उनकी जो खरेदी बिक्री की जाती है। उसेही forex trading in hindi में कहा जाता है। forex ये शब्द foreign +exchange से आया है। हम कोई भी देश की मुद्रा यानि की करेंसी हमारी करेन्सी में डिजिटली खरीद या बेच सकते है। उसेही फोरेक्स ट्रेडिंग कहा जाता है।

forex trading भी ये हमरे शेयर बाजार की तरह ही होता है। लेकिन इसका जो मूल्य है यानि की valume जो होता है वो हमारे शेयर बाजार से ज्यादा होता है। क्युकी इसमें स्टॉक की ट्रेडिंग नहीं होती। इसमें होती है मुद्रा यानि करेंसी की ट्रेडिंग। जो पुरे देश में चलती है। यानि फोरेक्स ट्रेडिंग पूरा देश में की जाती है। इसीलिए इसका मूल्य हमारे शेयर बाजार से कई गुना ज्यादा होता है।

forex trading in india

जैसे की मैंने आपको बताया फोरेक्स ट्रेडिंग शेयर बाजार जैसे होती है। भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए सेबी रजिस्टर ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ता है। अगर आपका शेयर बाजार का पहले से ही ट्रेडिंग अकाउंट है तो आप उसमेंही फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकते है।

भारत में हम ७ पेयर्स में फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकते है। पहले तो सिर्फ चार ही पेयर्स थे लेकिन अभी हम साथ पेयर्स में भारत में ट्रेडिंग कर सकते है। भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग हमेश जोड़ो में की जाती है। और हर मुद्रा के मुद्रा से जोड़कर की जनि वाले ट्रेडिंग को ही फोरेक्स ट्रेडिंग करते है। जैसे की –

इनमे से सबसे बड़ी करेंसी है USD .और जिस जोड़ी में INR लगा है।उस पेयर्स में हम भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकता है। वो भी हमारे भारत के सेबी रजिस्टर ब्रोकर के माध्यम से। और अगर आपको और भी पियर्स में ट्रेडिंग करनी है तो आपको अंतररास्ट्रीय प्लेटफार्म पर अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ता है।

forex trading kaise kare for begginers

आप अपने भारत सेबी रजिस्टर ब्रोकर से अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा लीजिये। और जैसे की मैंने कहा आप चार पेयर्स में भारत में ट्रेडिंग कर सकते है। भारत में आप future & option में फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकते हो। आपको पहले कोनसा भी पेयर्स का चयन करना होगा।

फोरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए हमें ब्रोकर्स से अच्छा मार्जिन मिलता है। जो हम ट्रेडिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते है। जैसे की हमने USD/INR में ट्रेडिंग करनी है। तो हम USD/INR का लॉट खरीदेंगे। जैसे निचे दिखाए गए इमेज में आप देख सकते है।

forex trading in hindi

आपको आपके वॉचलिस्ट में टाइप करना है USD/INR आपको अगर option trading करनी है तो आप एक्सपायरी देख कर लॉट खरीद सकते है।

forex trading se paise kaise kamaye

अभी USD/INR का प्राइज चल रहा है ७५ रुपये। और अगर आपने अभी इसे खरीद लिया। और अगर थोड़े दिनों के बाद अगर ये बढ़ जाता है। तो आपको मुनाफा होगा। और अगर घाट जाता ये यानि की अगर ये ७३ रुपये हो जाता है तो आपको १ रुपये का नुकसान हो जायेगा। लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग में ध्यान रहे ये आपको एक्सपायरी के पहले बेच देना है।

फोरेक्स ट्रेडिंग (forex trading in hindi) की एक खासियत ये की वो ज्यादा वोलेटाइल नहीं होता। मतलब वो दिन में सिर्फ १० पैसो से लेकर ५० या फिर ७० पैसो तक ही ऊपर निचे होता है। मतलब आपको ज्यादा नुकसान नहीं हो सकता। सिर्फ आपको १० से ५० पैसो कही नुकसान हो सकता है।

फोरेक्स ट्रेडिंग में आपको लॉट साइज होती है। मतलब आपको अगर करेंसी खरीदनी है तो आपको एक फिक्स मात्रा में करेंसी खरीदनी होती है। आम तौर पे अगर आप एक लॉट ७४ करेंसी ट्रेडिंग क्या है रुपये के प्राइज पे usd/inr खरीदते हो तो वो २२०० रुपये तक आ जायेगा। क्युकी आपको ब्रोकर मार्जिन देता है।

forex trading example

हम अभी उदहारण के तौर पर समझते है। अभी डॉलर का भाव चल रहा है ७५ रुपये। यानि हमें १ डॉलर खरीदने के लिए ७५ भारतीय डॉलर देने पड़ेंगे। समझो अगर आप विदेश जाते है। यानि आप अगर अमेरिका गए तो वहापर हमारी भारत की मुद्रा (करेंसी ) नहीं चलती। तो आपको हमारे भारतीय रुपये अमेरिका के डॉलर में रूपांतरित करने होते है। जैसे की हमारे पास १ लाख रुपये तो डॉलर में वो रूपांतरित होने के बाद वो १३३४ डॉलर बन जायेंगे।

और १ महीने के बाद आप अगर वापस भारत आना चाहते हो। लेकिन भारत में तो डॉलर नहीं चलता। तो आपको वही डॉलर को भारतीय रुपयों में रूपांतरित कारणा होगा। अभी वही १३३४ डॉलर को आप रूपांतरित करने जाते हो तो आपको १०६७२० रुपये मिलेंगे।

लेकिन ये कैसे आप को तो एक लाख रुपये मिलने चाहिए। लेकिन एक महीने में जो डॉलर का भाव जो ७५ रुपये था वो अभ बढाकर ८० रुपये हो गया है। इसीलिए आपको ऊपर का मुनाफा यानि छे हजार सात्सो बिस रुपये का होगा।

यकीं करेंसी ट्रेडिंग क्या है हे आपको यह उदहारण समज आ गया होगा। की डॉलर का भाव चढ़ाता घटता रहता है।उसके मुताबिक ही हमारे भारतीय रुपयेसे उसे हम खरीद या बेच सकते है।

forex trading time

अगर हमारे भारत की बात करे तो फोरेक्स ट्रेडिंग (forex trading in hindi) का वक्त सुबह ९ बजे से लेकर शाम के ५ बजे तक ही होता है। हलाकि forex trading २४ घंटे चालू रहता करेंसी ट्रेडिंग क्या है है। लेकिन सेबी के मुताबिक हमारे भारत में उसका टाइम ९ ले लेकर ५ बजे तक निचित किया गया है। सेबी के माध्यम से ही हम फोरेक्स में ट्रेडिंग कर सकते है।

अगर आपको फोरेक्स में ट्रेडिंग करना यानि की अगर आपको सभी करेंसी में ट्रेडिंग करनी है। तो आपको फोरेक्स ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर्स की जरुरत पड़ेगी। जो आपको forexbrokers.com पे मिलेंगे। आप चाहे तो उन ब्रोकर्स के नाम इस वेबसाइट पे जाकर पढ़ सकते हो।

निष्कर्ष

forex trading in hindi हमारे भारत में लीगल यानि क़ानूनी है। और हम हमारे ब्रोकर के माध्यम से जो की सेबी रजिस्टर है forex trading कर सकते है। और ये काम वोलेटाइल होने की वजह से ये शेयर बाजार से काम रिस्की होता है। लेकिन फोरेक्स ट्रेडिंग के लिए आपके पास फोरेक्स ट्रेडिंग ज्ञान भी होना जरुरी है। तब जेक आप forex trading में पैसे कमा सकते है।

यकीं है की आपको forex trading in hindi में क्या होता है। forex trading kaise करेंसी ट्रेडिंग क्या है karte hai , forex trading time ,forex trading se paise kaise kamaye, forex trading kaise kare for begginers ,और forex trading kya hota hai .इन सब के बारे में जानकारी मिल गयी होगी।

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Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम करेंसी ट्रेडिंग क्या है बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?

यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स करेंसी ट्रेडिंग क्या है और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.

क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप?

इंटरनेट के जरिये आप घर बैठे फॉरेक्स ट्रेडिंग कर सकते हैं. इसे एफएक्स (FX) मार्केट भी कहते हैं

क्या फॉरेक्स मार्केट का मतलब जानते हैं आप?

आप भी कर सकते हैं फॉरेक्स ट्रेडिंग
इंटरनेट के जरिये आप घर बैठे करेंसी ट्रेडिंग क्या है फॉरेक्स ट्रेडिंग कर सकते हैं. लेकिन सबसे पहले आपको किसी फॉरेक्स ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. फॉरेक्स मार्केट में एक करेंसी को दूसरी करेंसी से बदला (एक्सचेंज) जाता है. ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा जरूरी बात है एक्सचेंज रेट. इसका मतलब है कि एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा से एक्सचेंज करने की दर क्या होगी.

आपने आमतौर पर देखा होगा कि रुपये की कीमत डॉलर की अपेक्षा इतनी है या डॉलर की कीमत यूरो की तुलनी में कितनी है. उदाहरण के तौर पर अगर एक डॉलर की कीमत 70 रुपये है तो एक डॉलर के लिए आपको 70 रुपये चुकाने होंगे.

मान लीजिये डॉलर के बदले आप 1,000 यूरो लेने का मन बनाते हैं. जिस वक्त आपने यूरो खरीता उस वक्त डॉलर/यूरो का एक्सचेंज रेट 1.5 था यानी आपको 1,000 यूरो खरीदने के लिए 1,500 डॉलर देने पड़े. कुछ समय बाद एक्सचेंज रेट में थोड़ा बदलाव हुआ और यह बढ़कर 1.55 हो गया. अब जब आप 1,000 यूरो बेचेंगे तो आपको 1,550 डॉलर मिलेंगे. इस तरह आपको कुल 50 डॉलर का फायदा हुआ.

इसी तरह अगर यूरो बेचने के वक्त एक्सचेंज रेट 1.35 रहा, तो आपको उन्हीं 1000 यूरो के बदले 1,350 डॉलर मिलेंगे यानी आपको 100 डॉलर का नुकसान हुआ. इसी तरह से दूसरी करेंसी की भी खरोद-फरोख्त कर सकते हैं.

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