अब शेयर के बदले मिलेगा लोन. नये नियम से हुआ Investment और आसान. ब्याज भी मात्र 9% सालाना होगा
L oan Against Shares : अगर आप मुश्किल भरे समय में आप लोन लेना चाहते हैं तो अब आप अपने शेयरों को गिरवी रख कर भी लोन ले सकते हैं. मिरे एसेट ग्रुप की नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) मिरे एसेट फाइनेंशियल सर्विसेज ( Mirae Asset Financial Services) ने ग्राहकों के लिए ‘लोन अगेंस्ट शेयर्स’ ( Loan Against Shares ) की सुविधा शुरू कर दी है.
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यह लोन एनएसडीएल-रजिस्टर्ड डीमैट खातों वाले सभी यूजर्स के लिए MAFS मोबाइल ऐप के माध्यम से उपलब्ध होगा. मिरे एसेट फाइनेंशियल सर्विसेज शेयरों के बदले में एंड-टू-एंड डिजिटल लोन प्रदान करने वाली चुनिंदा कंपनियों में से एक है.
NSDL डीमैट खातों वाले ग्राहक अपने इक्विटी निवेश को ऑनलाइन गिरवी रखकर 10,000 रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक की लोन अगेंस्ट शेयर्स (Loan Against Shares) का लाभ उठा सकते हैं. ग्राहक एप्रूव्ड इक्विटी की एक बड़ी लिस्ट से अपने शेयरों को गिरवी रख सकते हैं और उसी दिन एक लोन अकाउंट बना सकते हैं. ग्राहक जब चाहें और जहां भी जरूरत हो, मोबाइल ऐप के माध्यम से जरूरत की राशि निकाल सकते हैं. लोन की राशि उसी दिन सीधे ग्राहक के बैंक खाते में जमा करा दी जाती है. जहां तक ब्याज की बात है तो उपयोग की गई और अवधि पर 9% सालाना होगा.
यूजर्स MAFS मोबाइल ऐप के माध्यम से इस लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं और आवश्यक राशि वापस ले सकते हैं और वापस चुका भी सकते हैं. इस ऐप के ही जरिए लोन अकाउंट को बंद कराया जा सकता है और साथ ऐप पर अन्य कई गतिविधियों की सुविधा मिलती है.
समय की होगी बचत
पहले लोन के लिए जटिल आवेदन प्रक्रिया और लोन अकाउंट बनाने में लगने वाला लंबा समय अक्सर ग्राहकों को निराश करता था. मिरे एसेट फाइनेंशियल सर्विसेज Loan Against Shares म्यूचुअल फंड यानी म्यूचुअल फंड के खिलाफ लोन की सुविधा पहले से ही दे रहा है. अब शेयर के बदले में लोन भी ग्राहकों को मिल सकेगा. बिना किसी कागजी कार्यवाही के उसी दिन शेयरों पर लोन देने की क्षमता प्रोडक्ट को चलाने के लिए ब्रॉन्ड के प्रयास का एक प्रमुख फैक्टर होगा.
खर्च की जरूरतें होंगी आसान
इस सुविधा के शुरू किए जाने पर मिरे एसेट फाइनेंशियल सर्विसेज (इंडिया) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कृष्ण कन्हैया ने कहा कि हमारे प्रोडक्ट फोलियो में एनएसडीएल के साथ शेयरों के बदले डिजिटल लोन को शेयरों में निवेश के नियम जोड़ना रोमांचक है. NSDL की प्रौद्योगिकी पहल को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि इसने हमें ग्राहकों को अपने शेयर ऑनलाइन गिरवी रखने और उसी दिन शेयरों के बदले लोन देने में सक्षम बनाने की शेयरों में निवेश के नियम अनुमति दी है.
इसके पहले हमने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के बदले लोन सुविधा भी शुरू की थी, जिसे बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है. मुझे भरोसा है कि शेयरों पर लोन हमारे ग्राहकों को अचानक से पड़ने वाले खर्च को मैनेज करने के लिए और अधिक विकल्प देगा. शेयर निवेशकों के बढ़ते रिटेल मार्केट ने लोन अगेंस्ट शेयर्स प्रोडक्ट को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है. क्योंकि यह निवेशकों को अपने निवेश को प्रोटेक्ट करने और एक ही समय में यात्रा, चिकित्सा पर खर्च, घर की मरम्मत जैसे शॉर्ट टर्म खर्चों का प्रबंधन करने के लिए लिक्विडिटी देता है.
शेयर बाजार में निवेश के नियम – Rules of Investment In Stock Market
जानिए क्या है ? शेयर बाजार में निवेश के नियम – Rules of Investment In Stock Market
Share Market Tips for Beginners In Hindi / Rules of Investment In Stock Market In Hindi– हेल्लो दोस्तों कैसे है आप ? स्वागत है आपका हमारी एक और शेयर मार्केट ( Stock Market ) से सम्बन्धित नई पोस्ट के साथ ! दोस्तों शेयर बाजार का नाम आते ही बहुत से लोगो के मन में यह सवाल आता है कि शेयर बाजार ( Share Market ) में निवेश करके हम बहुत ही जल्दी अमीर बन जायेंगे या फिर यह सवाल आता है कि इसमें निवेश करने से हमें फायदा कम और नुकसान अधिक होता है !
दोस्तों दोनों ही परिस्थितियों में हम गलत साबित हो सकते है यदि शेयर मार्केट में पैसे निवेश को लेकर हमें बिल्कुल भी नोलेज नहीं है ! दोस्तों आज के इस लेख में हम बात करने वाले है शेयर मार्केट के उन नियमो के बारे में जिन्हें यदि आप सही तरीके से अपनाते है तो निश्चित ही आप शेयर मार्केट से पैसा कमा सकते है ! तो आइये जानते है शेयर मार्केट में निवेश करने के वे कोनसे नियम है Share Market New Rules In Hindi –
Rules of Investment In Stock Market In Hindi
1. पहले सीखना ( First Learn )
दोस्तों यदि आप शेयर मार्केट में निवेश करके पैसा कमाने के बारे में सोच रहे है तो सबसे पहले आपको शेयर मार्केट के बेसिक्स सीखने पर ध्यान देना चाहिए ! इसमे यदि आप बिना नोलेज लिए निवेश करते है तो यह बिल्कुल वैसा साबित होगा जिस प्रकार से एक योद्धा बिना तलवार लिए युद्ध के मैदान में जाता है !
शेयर मार्केट के नियमो को सीखने के लिए आप नेट पर इससे सम्बन्धित ब्लोग्स को पढ़ सकते है , न्यूज़ पेपर पढ़ सकते है या फिर इनसे सम्बंधित बुक्स पढ़ सकते है ! कंपनियों की बैलेंस शीट उनकी बिज़नेस की रणनीतियो आदि के बारे में पहले नोलेज गेन कीजिये, उसके बाद ही आप उसमे निवेश कीजिये !
2. छोटी राशी के साथ निवेश करे (Invest with small amount )
शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत छोटी अमाउंट के साथ करे ! छोटी अमाउंट से निवेश करने से आपको यह फायदा होगा कि यदि आपको नुकसान भी होता है तो इसमें आपको बहुत बड़ी अमाउंट का नुकसान नहीं होगा !
इसलिए पहले छोटी राशी से निवेश की शुरुआत करे और जैसे – जैसे आपका नोलेज बढेगा आप अपनी निवेश की राशी को भी बढ़ाते रहिये !
3. सही कम्पनी का चुनाव करे (Choose the right company )
दोस्तों निवेश करते समय आपको सही कंपनी का चयन करना चाहिए , इससे आपका पैसा सुरक्षित रहेगा और आपको अच्छा रिटर्न भी मिलेगा !
सही कम्पनी के चुनाव के लिए आपको विभिन्न कंपनियों की Balance Sheet और उसके बिज़नेस प्लान को समझना होगा , तभी आप एक अच्छी कंपनी का चुनाव कर सकते है !
4. सही ब्रोकर का चयन (Choose the right broker )
निवेश करने से पहले यह जरुरी है कि आप एक सही और विश्वसनीय ब्रोकर को चुने ! ब्रोकर वह होता है जिसके साथ आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमेट अकाउंट ओपन करते है !
किसी ब्रोकर के चुनाव से पहले आपको यह देखना चाहिए कि उसके ब्रोकरेज charges क्या होंगे और हमें वह क्या – क्या अतिरिक्त सुविधाए देगा !
5. निगरानी और समीक्षा (Monitoring and review )
अपने द्वारा निवेश किये गए शेयरों की समय – समय पर निगरानी और समीक्षा करते रहे ! आपको लिए गए शेयरों के तिमाही के परिणामो की घोषणा पर भी नजर रखना चाहिए ! और अपने पोर्टफोलियो में होने वाले परिवर्तनों को एक नोट बुक में समय – समय पर नोट करते रहना चाहिए ! ऐसा करने से आप शेयरों की सही तरीके से निगरानी और समीक्षा कर पाएंगे !
6. हमेशा लम्बी अवधि में निवेश करे (Always invest in the long term )
आपको शेयर बाजार में निवेश के शुरुआती में हमेशा Long – Term में ही निवेश करना चाहिए , क्योंकि long-term में निवेश करने शेयरों में निवेश के नियम से जोखिम बहुत ही कम हो जाती है !
शुरुआत में Intra – day ट्रेडिंग करने से बचना चाहिए , क्योंकि इसमें रिस्क की अधिक सम्भावना है और आपको लोस भी अधिक हो सकता है ! Intra – day ट्रेडिंग आप तभी करे जब आपको शेयर मार्केट में अधिक समय हो जाए !
7. Planning के साथ Research जरुर करे
जब आप किसी कंपनी के स्टॉक्स को खरीदना चाहते है तो कम से कम एक सप्ताह तक उस कम्पनी के shares पर नजर रखे ! उस कंपनी के पीछे के रिकार्ड्स और बैलेंस शीट आदि को देखे !
8. विभिन्न क्षेत्रो में निवेश करे (Invest in various fields )
दोसो हमें हमारे सारे पैसो को एक ही सेक्टर या कंपनी में इन्वेस्टमेंट नहीं करना चाहिए ! यदि हम पूरी कैपिटल को एक ही कंपनी में निवेश करते है तो इससे हमें अधिक लोस होने की सम्भावना रहती है वही यदि हम कैपिटल को छोटे – छोटे टुकडो में बांटकर निवेश करते है तो यह हमारे लिए एक समझदारी भरा निर्णय होता है !
9. लालच न करे (Do not be tempted )
यदि हम स्टॉक मार्केट में निवेश के दौरान अधिक प्रॉफिट कमाने के चक्कर में अपने shares या स्टॉक्स को समय पर नहीं बेचते है तो इससे हमें नुकसान उठाना पड़ सकता है ! इसलिए लालची होने से बचे !
10. गलतियों शेयरों में निवेश के नियम से सीखे ( Learn from mistakes )
दोस्तों कई लोग होते है जो निवेश के दौरान बार – बार एक ही प्रकार की गलतियाँ करते है जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है ! एक अच्छा निवेशक वही हो सकता है जो अपनी गलतियों से सीखता है और आगे बढ़ता है ! अतः हमें पिछली गलतियों से सीखकर निवेश के लक्ष्यों को आगे बढ़ाना चाहिए !
दोस्तों उम्मीद करता हूँ Rules of Investment In Stock Market In Hindi लेख आपको जरुर अच्छा लगा होगा ! यदि Share Market Tips for Beginners In Hindi लेख आपको अच्छा लगा है तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे , और हमें कमेंट भी करे !
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SEBI New Rules: अब शेयर बाजार में नहीं होगा नुकसान! SEBI ने बदले म्यूचुअल शेयरों में निवेश के नियम फंड से जुड़े कई बड़े नियम
SEBI New Rules: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय (SEBI) ने आईपीओ के लिए सबसे जरूरी माने जाने वाले एंकर निवेशकों की लॉक इन अवधि 30 दिन से बढ़ाकर 90 दिन कर दिया है, साथ ही निकासी सीमा भी 50 फीसदी तक तय कर दी है. इसके साथ ही कई और भी नियम बदल गए हैं, जानिए इन नियमों के बारे में.
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SEBI New Rules: शेयर बाजार के निवेशकों के लिए सेबी ने कई नियमों में बदलाव कर दिए हैं. इससे अब आईपीओ और म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने वाले इन्वेस्टर्स पर रिस्क कम हो गई है. सेबी ने आईपीओ के एंकर निवेशकों की निकासी सीमा और समय तय करने के साथ जुटाए फंड के सही इस्तेमालके लिए भी नियम बनाया है. अगर आप भी इन नियमों को नहीं जानते हैं तो आइए जानते हैं इनके बार में .
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय (SEBI) ने आईपीओ के लिए सबसे जरूरी माने जाने वाले एंकर निवेशकों की लॉक इन अवधि 30 दिन से बढ़ाकर 90 दिन कर दिया है, जबकि उनकी निकासी सीमा भी 50 फीसदी तक तय कर दी है.
जानिए क्या है नया नियम?
आईपीओ से फंड जुटाने वाली कंपनियां अब सिर्फ 25 फीसदी इस्तेमाल इन-ऑर्गेनिक कार्यों में कर सकेंगी, शेयरों में निवेश के नियम जबकि 75 फीसदी राशि उन्हें कारोबार विस्तार में लगानी पड़ेगी. आईपीओ में 20 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले प्रवर्तकों की लॉक इन अवधि तीन साल से घटाकर 18 महीने कर दी है, जबकि 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी पर लॉक इन अवधि एक साल से घटाकर छह महीने हो गई है. इसी तरह, म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने से पहले फंड हाउस को यूनिट धारकों की अनुमति लेनी होगी. ये नियम एक अप्रैल, 2022 के बाद आने वाले आईपीओ पर लागू होंगे.
- किसी आईपीओ में 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले शेयर होल्डर या एंकर निवेशक अब सूचीबद्ध वाले दिन अपना पूरा हिस्सा नहीं बेच सकेंगे। ऐसे शेयर होल्डर सूचीबद्ध के दिन कुल हिस्सेदारी का 50 फीसदी ही बेच पाएंगे.
- आईपीओ से मिले पैसों के इस्तेमाल से जुड़े खुलासा नियमों का भी निवेशकों को लाभ मिलेगा. कंपनियां अब सिर्फ 25 फीसदी राशि का इस्तेमाल इन-ऑर्गेनिक फंडिंग में कर सकेंगी, जबकि 75 फीसदी राशि उन्हें कारोबार विस्तार में लगानी होगी
- आईपीओ के मूल्य बैंड के नियमों में बदलाव करते हुए इसका दायरा बढ़ा दिया है. अब किसी आईपीओ का फ्लोर प्राइज (आधार मूल्य) और अपर प्राइज के बीच का अंतर कम से 105 फीसदी रहेगा.
- फंड हाउस अब किसी म्यूचुअल फंड योजना को बंद करना चाहते हैं, तो उन्हें पहले यूनिट धारकों से इजाजत लेनी होगी. फंड हाउस को 2023-24 से भारतीय अकाउंटिंग मानक का पालन करना होगा, जिसमें किसी योजना को बंद करने के लिए निवेशकों से वोटिंग कराई जाएगी.
- एक यूनिट पर एक वोट होगा जिसका खुलासा 45 दिनों के भीतर करना होगा. अगर निवेशकों ने योजना बंद करने के खिलाफ वोट किया, तो उसे दोबारा शुरू करना होगा और निवेशक उस योजना अपना पैसा निकाल सकेंगे.
- सेबी के अनुसार अब कंपनियों को सेटलमेंट के लिए आवेदन कारण बताओ या अनुपूरक नोटिस मिलने के 60 दिनों के भीतर देना अनिवार्य होगा.
- सेबी ने जनवरी 2019 में शेयरों में निवेश के नियम सेटलमेंट नियम लागू किया था. इसके मुताबिक, कोई गलती होने पर कंपनियां फीस भरकर सेबी के साथ उस मामले का निपटारा कर सकती हैं. इसमें कोई संशोधित सेटलमेंट है, तो उसे 15 दिनों के भीतर पूरा करना होगा. इसके तहत सभी भुगतान सिर्फ पेमेंट गेटवे से लिए जाएंगे.
विदेशी निवेशकों के नियमों में हुआ बदलाव
सेबी ने विदेशी निवेशकों से जुड़े नियमों को भी बदल दिया है. अब एफपीओ का पंजीकरण करते समय सामान्य जानकारियों के साथ विशेष पंजीकरण संख्या दी जाएगी. इससे निवेशक की ओर से डुप्लीकेट शेयर की मांग करने पर डीमैट के रूप में प्रतिभूतियों को जारी किया जा सकेगा. इस कदम से निवेशकों के लिए लेनदेन आसान हो जाएगा और उनकी सुरक्षा भी बढ़ेगी.
बनेगा विशेष स्थिति फंड
इस बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि जोखिम वाली संपत्तियों में पैसे लगाने के इच्छुक निवेशकों के लिए सेबी विशेष स्थिति फंड (एसएसएफ) लाएगा. इसका न्यूनतम कॉर्पस 100 करोड़ रुपये होगा, जबकि न्यूनतम निवेश 5 करोड़ और 10 करोड़ रुपये होगा. एसएसएफ को वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) की ही एक कैटेगरी के रूप में उतारा जाएगा.
शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों के लिए जरूरी खबर, 25 फरवरी से बदलने जा रहा है ये नियम
मार्केट नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने T+1 (ट्रेड+1 दिन) सेटलमेंट साइकिल के लागू होने की समयसीमा को बढ़ा दिया है. यह सेटलमेंट साइकिल अब 25 फरवरी 2022 से लागू होगी.
मार्केट नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने T+1 (ट्रेड+1 दिन) सेटलमेंट साइकिल के लागू होने की समयसीमा को बढ़ा दिया है. यह सेटलमेंट साइकिल अब 25 फरवरी 2022 से लागू होगी. यह खबर शेयर बाजार और इसके निवेशकों के लिए अहम है. इससे पहले सेबी का यह नियम 1 जनवरी 2022 से लागू होना था.
जानकारों के मुताबिक, शुरुआत में इसमें शेयर बाजार में मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से नीचे के 100 शेयरों को चुना गया है. मार्च से इसमें 500-500 शेयर जोड़े जाएंगे. सितंबर में, जब सेबी ने यह नया नियम पेश किया था, तो उसने इसे स्टॉक एक्सचेंजेज के लिए वैकल्पिक रखा था और अनिवार्य नहीं किया था. लेकिन अब जब सेबी ने साफ कर दिया है कि इसमें शुरुआत में नीचे के 100 शेयरों को शामिल किया जाएगा. इससे एक्सचेंजेज के लिए इस नए नियम को 25 फरवरी से लागू करना अनिवार्य हो गया है.
समयसीमा को बढ़ाने की थी मांग
एक्सपर्ट्स का कहना है कि फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) के कस्टोडियन यह मांग कर रहे थे कि इसकी समयसीमा को बढ़ाया जाए. उनका कहना था कि इतने कम समय में वे इस नियम को लागू नहीं कर पाएंगे. अमेरिका में भी जब इस नियम को लागू किया गया था, तो ज्यादा समय दिया गया था.
आपको बता दें कि सेबी ने सितंबर में इस नियम में बदलाव का ऐलान किया था. अगर आसान शब्दों में आपको समझाएं, तो फिलहाल भारत में सभी इक्विटी/स्टॉक सेटलमेंट T+2 के आधार पर होता है. जब आप शेयर बेचते हैं, तो वो शेयर तुरंत ब्लॉक हो जाता है और राशि आपको T+2 डे (T+2 Day) को मिलती है. यहां से टी का मतलब ट्रेड होता है.
T+1 सेटलमेंट का नया नियम क्या है?
सेबी के नए सर्कुलर के मुताबिक, कोई भी स्टॉक एक्सचेंज सभी शेयरधारकों के लिए किसी भी शेयर के लिए T+1 सेटलमेंट साइकिल चुन सकता है. हालांकि सेटलमेंट साइकिल बदलने के लिए कम से कम एक महीना पहले नोटिस देना होगा. सेबी शेयरों में निवेश के नियम ने यह भी कहा है कि स्टॉक एक्सचेंज किसी भी शेयर के लिए अगर एकबार T+1 सेटलमेंट साइकल चुन लेगा उसे कम से कम 6 महीने तक जारी रखना होगा. अगर स्टॉक एक्सचेंज बीच में T+2 सेटलमेंट साइकिल चुनना चाहता है तो उसे एक महीना पहले नोटिस देना होगा.
हालांकि सेबी ने यह साफ कर दिया है कि T+1 और T+2 में कोई फर्क नहीं किया जाएगा. यह स्टॉक एक्सचेंज पर होने वाले सभी तरह के ट्रांजैक्शन पर लागू होगा. अगस्त 2021 की शुरुआत में सेबी ने एक्सपर्ट्स का एक पैनल बनाया था, जिसमें मौजूदा T+2 साइकिल की जगह T+1 साइकल लागू करने की प्रक्रिया की मुश्किलों पर रिपोर्ट पेश करनी थी.फिलहाल देश में अप्रैल 2003 से T+2 सेटलमेंट साइकिल चल रहा है. उससे पहले देश में T+3 सेटलमेंट साइकिल चल रहा था.
बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के बीच शेयर मार्केट में इन 7 नियम का रखें ध्यान, फायदे में रहेंगे
Investment Tips: हर बाजार के अपने नियम होते है जो किताबों में लिखे होते है, लोग इन नियमों का पालन दिल से शेयरों में निवेश के नियम करते हैं। वहीं कुछ ऐसे नियम भी होते हैं जिनका उल्लेख आपको किसी प्रकार के किताब में नहीं मिलेगा। बल्कि यह नियम पीढ़ी दर पीढ़ी पुराने निवेशकों से नए निवेशकों के बीच ट्रांसफर हो रही है। हालांकि ये नियम प्रामाणिक नहीं है लेकिन आम तौर पर सटीक होते हैं। ऐसे ही बाजार से जुड़े 7 नियमों का जिक्र यहां हम करने जा रहे है, जो हर निवेशक को जानना चाहिए।
शेयरों में निवेश के नियम 1) बाजार हमेशा बेअसर होता है
हाई-टाइड हो या लो-टाइड, निवेश बाजार हमेशा समुद्र के स्तर की तरह हमेशा सामान्य स्तर पर वापस आ जाता है। अपनी मूल योजना पर टिके रहना और अस्थायी विचलन के कारण पथ से विचलित न होना बहुत महत्वपूर्ण है। अंतिम वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के साथ तालमेल रखना बहुत जरूरी है।
2) किसी भी चीज की अति बुरी होती है
अगर बाजार हाई टाइम में ग्रोथ पर हैं, तो उसे गले लगाएं और भुजाएं या धैर्य रखें। अत्यधिक तेजी वाला बाजार अत्यधिक भालू को आकर्षित करता है। लेकिन अचानक पतन होने पर प्रतिक्रिया न करें धैर्य रखें और अपनी पूंजी को किसी भी आवेगपूर्ण प्रतिक्रिया से बचाएं।
3) चरम पर मत जाओ
यहां तक कि अगर आप एक अनुभवी निवेशक हैं और आपने भाग्य बनाया है या सुस्त बाजार से निराश हैं, तो दोनों तरफ निवेश बाजार के चरम व्यवहार के शिकार न हों। बाजार हमेशा अपने मतलब पर वापस आ जाता है। यह निवेशकों की सबसे बड़ी गलतियों में से एक है।
4) बाजार सुधार के साथ तालमेल बैठाते हैं
तेजी से परिचालन बाजार में तेज सुधार की अपेक्षा करें। इससे आपके अधिकांश अनुमान गलत हो जाएंगे लेकिन घबराएं नहीं और पहली बात को याद रखें। आवेग में लिया गया कोई भी निर्णय शीघ्र ही खेद में परिवर्तित हो सकता है। अपनी लंबी अवधि की योजना पर टिके रहें और निवेशित रहें।
5) सुनी-सुनाई बातों का पालन न करें, अपना शोध करें
अगर आप उन निवेशकों में से हैं, जो आपके मोबाइल फोन या समाचार पत्र पर मिलने वाले समाचार फ़ीड के आधार पर खरीदारी और बिक्री के निर्णय लेते हैं, तो यह अत्यधिक संभावना है कि आप बीत चुकी चीजों में निर्णय ले रहे हैं। जब तक समाचार आप तक पहुंचता है, तब तक नुकसान हो चुका होता है और यदि आप उस खबर के आधार पर निवेश का निर्णय लेते शेयरों में निवेश के नियम हैं, तो आप पीछे रह जाते हैं।
होमवर्क करना बहुत जरूरी है, अटकलें न लगाएं। खुद का रिसर्च करें और निवेश करें। यह आपको झुंड की भेड़ों से बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा।
6) अपनी भावनाओं को अपने ऊपर हावी न होने दें
फैक्ट और लॉजिक की तुलना में इमोशन का ह्यूमन माइंड पर कहीं अधिक प्रभाव पड़ता है। जब हम इमोशन शब्द का उल्लेख करते हैं, तो हम आम तौर पर प्यार, खुशी, आनंद आदि जैसी खुश भावनाओं का अनुभव करते हैं, लेकिन इमोशन का एक और सेट भी होता है जो अधिक नहीं, समान रूप से शक्तिशाली होते हैं। दुखद भावनाएं मानव मन को जबरदस्त प्रभाव से प्रभावित करती हैं जिससे आवेगपूर्ण निर्णय होते हैं। मामला तब और बिगड़ जाता है जब वह भय, क्रोध, लोभ, निराशा आदि भावनाओं से मन भर जाता है।
अपनी लंबी अवधि की योजना पर टिके रहें और अपने लॉन्ग टर्म गोल के बारे में सोचें।
7) एकमत पर भरोसा न करें
यह सत्य है, जब हर कोई लेफ्ट कहता है, तो 99.999999% बार यह राइट जाएगा और यह कोई जादू नहीं है। इसमें तथ्य मिले हैं। तुमने जो खरीदना चाहा, खरीद लिया, जो मैं चाहता था, खरीद लिया, उसी तरह दूसरे खरीददारों को भी अपना हिस्सा मिल गया अब बिकना नहीं है।
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