Basant Maheshwari Wealth Advisers के को-फाउंडर बसंत माहेश्वरी ने कहा कि बीते हफ्ते FIIs ने कैश मार्केट में 6410 करोड़ रुपए के शेयर बेचे. जबकि वायदा बाजार में 3885 करोड़ रुपए के शेयर बेचे. उन्होंने कहा कि आगे फेड द्वारा दरों में बढ़ोतरी, मंदी की आशंका, रुपए की कमजोरी और रूस-यूक्रेन युद्ध से विदेशी निवेश पर असर पड़ेगा. बसंत माहेश्वरी ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में रिकॉर्ड तेजी एक बड़ा ट्रिगर है, जिसके चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से फंड निकलकर डॉलर असेट में निवेश कर रहे हैं.

बॉन्ड के बारे में जानिए 4 बुनियादी बातें

bond28

2. बॉन्ड को बहुत सुरक्षित माना जाता है. खासकर सरकारी बॉन्ड बहुत सुरक्षित है. कारण यह है कि इनमें सरकार की गारंटी होती है. कंपनी का बॉन्ड उसकी वित्तीय स्थिति के हिसाब से सुरक्षित होता है. इसका मतलब यह है कि अगर कंपनी की वित्तीय स्थिति ठोस है तो उसका बॉन्ड भी सुरक्षित होगा.

3. बॉन्ड पर पहले से तय दर से ब्याज मिलता है. इसे कूपन कहा जाता है. चूंकि बॉन्ड की ब्याज दर पहले से तय होती है, इसलिए इसे फिक्स्ड रेट इंस्ट्रूमेंट भी कहा जाता है. बॉन्ड की अवधि भी तय होती है. इसे मैच्योरिटी पीरियड कहते हैं. बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि एक से 30 साल तक हो सकती है.बॉन्ड की ब्याज दर निश्चित होती है. इसमें बदलाव नहीं होता है.

विदेशी निवेशकों की कभी बिकवाली कभी खरीदारी, आखिर विदेशी बॉन्ड फंड भारतीय बाजार में क्यों नहीं लग रहा FIIs का दिल?

फेड द्वारा दरों में बढ़ोतरी, मंदी की आशंका, रुपए की कमजोरी और रूस-यूक्रेन युद्ध से विदेशी निवेश पर असर पड़ेगा.

अमेरिकी डॉलर और बॉन्ड यील्ड में उछाल से भारतीय शेयर मार्केट की हालत नरम होती जा रही है. क्योंकि इससे विदेशी संस्थागत निवेशक यानि FIIs का मूड स्विंग हो रहा है. एक तरफ जहां अक्टूबर 2021 से जून 2022 तक FIIs ने लगातार 9 महीने बिकवाली की. वहीं जुलाई में हल्की और फिर अगस्त में तेज खरीदारी की. केवल अगस्त में विदेशी निवेशकों ने 51200 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे. लेकिन सितंबर में खरीदारी का ट्रेंड कमजोर हो गया. 23 सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक FIIs ने कुल 8600 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे.

डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में रिकॉर्ड उछाल

अगर डॉलर इंडेक्स की बात करें तो यह 20 सालों में सबसे ऊंचाई पर पहुंच गया है, इस विदेशी बॉन्ड फंड समय इंडेक्स 113 के ऊपर ट्रेड कर रहा है. डॉलर इंडेक्स में 2022 में अबतक करीब 19 फीसदी की उछाल देखने को मिली है. वहीं US 10-ईयर बॉन्ड यील्ड भी 12 सालों की ऊंचाई पर पहुंच गया है. इस समय यह 3.69 फीसदी पर है.

डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए में कमजोरी लगातार जारी है. 26 सितंबर को भी रुपया 62 पैसे कमजोर होकर पहली बार 81.62 तक फिसल गया. 2022 में अबतक रुपया करीब 11 फीसदी कमजोर हुआ है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि ग्लोबल अनिश्चितताओं की वजह से डॉलर की सुरक्षित निवेश मांग बढ़ना. इसके अलावा फेड ने ब्याज दरों में लगातार तीसरी बार बढ़ोतरी की. उम्मीद की जा रही है कि नवंबर में होने वाली बैठक में भी दरों को बढ़ाया जा विदेशी बॉन्ड फंड सकता है. इससे डॉलर की डिमांड बढ़ी है.

विदेशी बाजार में बढ़ेगी भारतीय बॉन्ड की पहुंच

bonds

कोविड-19 महामारी के बीच खर्चे पूरे करने विदेशी बॉन्ड फंड के लिए 12 लाख करोड़ जुटाने की तैयारी में लगी सरकार की राह आसान हो सकती है। भारत अक्तूबर तक वैश्विक बॉन्ड सूचकांक में शामिल हो जाएगा, जिससे भारतीय बॉन्ड के लिए पहली बार दुनिया के शीर्ष बेंचमार्क के रास्ते भी खुल जाएंगे।

मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारत 2019 से ही वैश्विक बॉन्ड सूचकांक मेें शामिल होने की कोशिश कर रहा था, ताकि विदेशी बाजारों से बॉन्ड के जरिए फंड जुटाना आसान हो जाए। वैसे तो उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में भारत का बॉन्ड बाजार सबसे बड़ा है।

भारत का बॉन्ड बाजार अभी करीब 800 अरब डॉलर का है, लेकिन विदेशी निवेशकों के कई प्रतिबंधों की वजह से इन्हें दुनिया के शीर्ष बेंचमार्क में शामिल नहीं किया जाता। अगर अक्तूबर तक वैश्विक बॉन्ड सूचकांक में भारत शामिल होता है, तो जेपी मॉर्गन और ब्लूमबर्ग बार्कलेज जैसी बड़े सूचकांक से अनुमति मिल जाएगी।

आरबीआई बांड

लिंक पर क्लिक करके आपको थर्ड पार्टी की वेबसाइट पर रीडायरेक्ट कर दिया जाएगा। थर्ड पार्टी वेबसाइट का स्वामित्व या नियंत्रण बैंक ऑफ इंडिया के पास नहीं है और इसकी सामग्री बैंक ऑफ इंडिया द्वारा प्रायोजित, अनुमोदित या अनुमोदित नहीं है। बैंक ऑफ इंडिया वेबसाइट के माध्यम से पेश किए गए लेनदेन, उत्पाद, सेवाओं या अन्य मदों सहित उक्त वेबसाइट की किसी भी सामग्री के लिए कोई गारंटी या गारंटी या जिम्मेदारी नहीं लेता है। इस साइट तक पहुंचने के दौरान, आप स्वीकार करते हैं कि साइट पर उपलब्ध किसी भी राय, सलाह, कथन, ज्ञापन या जानकारी पर कोई निर्भरता आपके एकमात्र जोखिम और परिणामों पर होगी। बैंक ऑफ इंडिया और उसके सहयोगी, सहायक कंपनियां, कर्मचारी, अधिकारी, निदेशक और एजेंट ऐसी तृतीय पक्ष वेबसाइटों की सेवा में कमी की स्थिति और इस लिंक के माध्यम से विदेशी बॉन्ड फंड तीसरे पक्ष की वेबसाइट तक पहुंचने के लिए उपयोग किए जाने वाले इंटरनेट कनेक्शन उपकरण हार्डवेयर या सॉफ़्टवेयर की त्रुटि या विफलता के किसी भी परिणाम सहित किसी भी नुकसान, दावे या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। इस साइट या उसमें निहित डेटा को बनाने में शामिल किसी भी अन्य पार्टी के कार्य या चूक सहित किसी भी कारण से तीसरे पक्ष की वेबसाइट का मंदी या टूटना, जिसमें पासवर्ड, लॉगिन आईडी या अन्य गोपनी सुरक्षा जानकारी के किसी भी दुरुपयोग के लिए इस वेबसाइट पर लॉगिन करने के लिए या आपकी पहुंच से संबंधित किसी अन्य कारण से, बैंक ऑफ इंडिया और उसके अनुसार साइट या इन सामग्रियों का उपयोग करने में असमर्थता और इसके सभी संबंधित पक्षों को सभी कार्यवाहियों या उससे उत्पन्न होने वाले मामलों से क्षतिपूर्ति की जाती है। उक्त वेबसाइट तक पहुंचने के लिए आगे बढ़ने से यह माना जाता है कि आप उपरोक्त और लागू अन्य नियमों और शर्तों से सहमत हो गए हैं

क्या होते हैं Green Bond?, बजट में हुआ था ऐलान, अब मंजूरी देने की तैयारी

ग्रीन बॉन्ड की रूपरेखा तैयार, सरकार जल्द दे सकती है मंजूरी

  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2022,
  • (अपडेटेड 10 विदेशी बॉन्ड फंड नवंबर 2022, 1:38 PM IST)

केंद्र सरकार जल्द ही मंजूरी देते हुए ग्रीन बॉन्ड (Green Bond) जारी कर सकती है. वित्त मंत्रालय ने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की रुपरेखा तैयार कर ली है. सरकार की योजना इस वित्त वर्ष की दूसरी छिमाही में 16,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने की है. इसका उपयोग कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करने वाली परियोजनाओं में किया जाएगा.

वित्त मंत्री ने बजट में किया था ऐलान
Green Bond लाने का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस वित्त वर्ष के अपने बजट भाषण के दौरान किया था. यह चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए उधारी कार्यक्रम का एक हिस्सा है. पीटीआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि रूपरेखा तैयार है और इसे जल्द ही मंजूरी दी जा सकती है. इससे जुटाई गई रकम का इस्तेमाल उन सरकारी क्षेत्र की परियोजनाओं में होगा, जो अर्थव्यवस्था में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करने वाली हैं.

रेटिंग: 4.69
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 797