शेयर बाजार 12 नवंबर 2022 ,22:45

IAS इंटरव्यू : मुर्गा सुबह 5 बजे ही क्यों बोलता है ? इसका जवाब देने में 99% लोग हुए फ़ैल

आज हम एक बार फिर से आपके लिए आईएएस की परीक्षा से जुड़े कुछ जनरल नॉलेज के सवाल लेकर आए हैं। यह सवाल आजकल हर तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। यह सामान्य ज्ञान के सवाल आपकी जनरल नॉलेज को तेज करते हैं। जिससे कि आप अपनी इन प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने […]

IAS इंटरव्यू : मुर्गा सुबह 5 बजे ही क्यों बोलता है ? इसका जवाब देने में 99% लोग हुए फ़ैल

आज हम एक बार फिर से आपके लिए आईएएस की परीक्षा से जुड़े कुछ जनरल नॉलेज के सवाल लेकर आए हैं। यह सवाल आजकल हर तरह कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक की प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। यह सामान्य ज्ञान के सवाल आपकी जनरल नॉलेज को तेज करते हैं।

IAS Examination

जिससे कि आप अपनी इन प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के लिए तैयारी करवाते हैं। आपको बता दें कि ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब हैं जो कई बार कम्पटीशन की परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। तो चलिए एक नजर डालते हैं इन महत्वपूर्ण सवालों पर और उनके जवाबों पर……………..

IAS Interview

1). भारत के किस राज्य में कन्नड़ भाषा बोली जाती है ?

Karnataka

2). एशियाई विकास बैंक का मुख्यालय कहा स्थित है ?

Asian development bank

उत्तर – मनीला (फिलीपींस)

3). अजन्ता की गुफाएं कहाँ स्थित हैं ?

Ajanta Caves

उत्तर – अजन्ता की गुफाएं महाराष्ट्र में स्थित है

4). नेत्र दान में से दानकर्ता की आँख का कौनसा भाग प्रयोग में आता है ?

Eye donation

उत्तर – नेत्र दान में से दानकर्ता की आँख का कार्निया प्रयोग में आता है

5). किस स्थान पर तेल रिफायनरी कारखाना है ?

Oil refinery factory

6). भारत को सर्वाधिक विदेशी मुद्रा किससे प्राप्त होता है ?

money

उत्तर – रत्न एवं आभूषण से

7). मुर्गा सुबह 5 बजे ही क्यों बोलता है ?

cock

उत्तर – वैज्ञानिकों के अनुसार मुर्गे के अंदर बायोलॉजिकल क्लॉक पाई जाती है जो उन्हें सुबह के समय का ठीक-ठाक अहसास कराती है, इसीलिए मुर्गा सुबह 5 बजे के लगभग ही बोलता है।

पीएम मोदी बोले, सिंगरेनी कोलियरीज के निजीकरण का कोई इरादा नहीं

शेयर बाजार 12 नवंबर 2022 ,22:45

पीएम मोदी बोले, सिंगरेनी कोलियरीज के निजीकरण का कोई इरादा नहीं

© Reuters. पीएम मोदी बोले, सिंगरेनी कोलियरीज के निजीकरण का कोई इरादा नहीं

हैदराबाद, 12 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि केंद्र का सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के निजीकरण का कोई इरादा नहीं है।उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ राजनीतिक ताकतें अपने राजनीतिक हितों के लिए अफवाहें फैला रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि निजीकरण के लिए न तो कोई प्रस्ताव विचाराधीन है और न ही केंद्र का ऐसा करने का कोई इरादा है।

पीएम मोदी तेलंगाना दौरे के दौरान पेद्दापल्ली जिले के रामागुंडम में अलग-अलग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अफवाह फैलाने वालों का झूठ पकड़ा गया है, क्योंकि तेलंगाना सरकार की एससीसीएल में 51 फीसदी हिस्सेदारी है।

उन्होंने कहा, भारत सरकार की हिस्सेदारी 49 फीसदी है और वह निजीकरण पर फैसला नहीं ले सकती है। साफ है वह टीआरएस समर्थित कर्मचारी संघ और वाम दलों से संबद्ध ट्रेड यूनियनों के विरोध का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि पूर्व में कोयला क्षेत्र में कई हजार करोड़ रुपये के घोटाले हुए लेकिन पिछले आठ साल से कोयला खदानों की नीलामी में पारदर्शिता बरती जा रही है और इसका लाभ स्थानीय लोगों तक पहुंच रहा है।

मोदी ने यह भी टिप्पणी की कि उनकी तेलंगाना यात्रा और जनसभा में भारी भीड़ के कारण, हैदराबाद में कुछ कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक लोगों की रातों की नींद हराम हो गई है। प्रधानमंत्री ने रामागुंडम में उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन किया और भद्राचलम रोड- सत्तुपल्ली रेल लाइन राष्ट्र को समर्पित की, जिसे लगभग 1,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। उसके अलावा उन्होंने अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग की आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की इन परियोजनाओं से खेती और व्यापार क्षेत्रों को लाभ होगा। इन परियोजनाओं से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और जीवनयापन में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि अतीत में भारत उर्वरकों की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर था, क्योंकि देश में यूरिया कारखाने पुरानी तकनीकों के कारण बंद थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 से पहले आयातित यूरिया रासायनिक कारखानों में चला जाता था और किसान खाद के लिए रात-रात भर लाइन में खड़े रहते थे। उन्होंने दावा किया कि इस डायवर्जन को 100 प्रतिशत यूरिया की नीम कोटिंग से रोका गया।

उन्होंने कहा कि पांच उर्वरक संयंत्र फिर से खोले जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक संयंत्र और रामागुंडम में दूसरा संयंत्र फिर से खुल गया है और वह 60 लाख टन यूरिया प्रदान करेंगे, जिससे देश को हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रामागुंडम संयंत्र से तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के किसानों को लाभ मिलेगा। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई साउंडराजन और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी भी इस दौरान पीएम मोदी के साथ मौजूद थे।

कर्नाटक में होगा एथेनॉल का उत्‍पादन : मुख्यमंत्री बोम्मई

कर्नाटक में होगा एथेनॉल का उत्पादक : मुख्यमंत्री बोम्मई

एस निजलिंगप्पा शुगर इंस्टीट्यूट, बेलागवी और बक्वेस्ट कंसल्टेंसी एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आयोजित 'कर्नाटक में इथेनॉल उत्पादन' पर एक सेमिनार में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि राज्य में, 32 चीनी मिलें इथेनॉल का उत्पादन कर रही हैं, जबकि अन्य 60 कारखाने उत्पादन शुरू करने के लिए मंजूरी प्राप्त करने के विभिन्न चरण में हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एथनॉल नीति बना रही है।

बोम्मई ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन के लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा, जो कि पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक बढ़ाने के केंद्र के फैसले के आलोक में अगले डेढ़ साल में भारी वृद्धि देखेगा। यह देखते हुए कि न केवल गन्ने से, बल्कि धान, ज्वार और गेहूं की भूसी से भी इथेनॉल का उत्पादन किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, "दुनिया स्वच्छ ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रही है। इथेनॉल उत्पादन कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक और उपयोग पर अधिक शोध की आवश्यकता है। हाइड्रोजन हरित ऊर्जा के एक प्रमुख स्रोत के रूप में उभर रहा है। देश में लगभग 43 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन कर्नाटक में किया जा रहा है।

राज्य सरकार ने 1.30 लाख करोड़ रुपये के बड़े निवेश प्रवाह वाले हरित ऊर्जा के उत्पादन के लिए 3 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें समुद्र के पानी से अमोनिया का उत्पादन शामिल है। बोम्मई ने कहा कि ये पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊर्जा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन को एक बड़ा धक्का देगी और भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगी।

कर्नाटक की अर्थव्यवस्था में चीनी कारखानों का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि राज्य की 72 चीनी मिलों ने लाखों लोगों को रोजगार दिया है और किसानों की आय में वृद्धि की है।

बोम्मई ने कहा कि वाहनों के लिए जीवाश्म ईंधन में इथेनॉल मिश्रण बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले से न केवल देश के लिए कीमती विदेशी मुद्रा की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।

अमित शाह ने गुजरात के सूरत में कृषक भारती कोआपरेटिव लिमिटेड की बायो-इथेनॉल परियोजना कृभको हजीरा का शिलान्यास किया

Representational image

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात के सूरत में कृषक भारती कोआपरेटिव लिमिटेड की बायो-इथेनॉल परियोजना कृभको हजीरा का शिलान्यास किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल और रेल राज्यमंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि KRIBHCO की जैव-इथेनॉल परियोजना, कोऑपरेटिव क्षेत्र, पर्यावरण सुधार, किसानों की आय को दोगुना करने, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने व ग्लोबल वॉर्मिंग की चुनौती का सामना करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा चलाए जा रहे लाए जा रहे कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक बहुआयामी अभियान की दिशा में एक सार्थक कदम है। इस परियोजना से हज़ीरा में 2 लाख 50 हज़ार लीटर की दैनिक क्षमता वाला बायो-इथेनॉल संयंत्र स्थापित होगा जो 8.25 करोड़ लीटर जैव-ईंधन का उत्पादन करेगा, इससे ढाई लाख मीट्रिक टन मक्का या पर्याय उपजों को अच्छा बाज़ार भी मिलेगा। गुजरात के लगभग नौ ज़िलों में मक्का मुख्य उपज है और इसके अलावा राज्य के दस ज़िलों में मक्का की पैदावार हो सकती है और इस संयंत्र के माध्यम कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक से किसानों को बहुत फ़ायदा हो सकता है। साथ ही इससे ख़राब मक्के का भी ईंधन बनकर देश के अर्थतंत्र और विदेशी मुद्रा भंडार को फ़ायदा होगा और ये संयंत्र निराश किसानों के जीवन में एक नई आशा का संचार करेगा।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि KRIBHCO की जैव-इथेनॉल परियोजना से उच्च प्रोटीन युक्त पशुचारे,मत्स्यपालन और मुर्गीपालन के लिए भी कच्चा माल मिलेगा जिससे इन क्षेत्रों को भी काफ़ी फ़ायदा होगा। उन्होंने कहा कि मोदी जी की पेट्रोलियम नीति के फलस्वरूप आज देश में इथेनॉल के प्लांट लग रहे हैं। 2011-12 में भारत 172 एमएमटी कच्चे तेल का आयात करता था और 2021-22 में 212 एमएमटी कच्चे तेल का आयात करता है। कच्चे तेल पर हमारी निर्भरता 83 से बढ़कर 88 प्रतिशत हो गई है क्योंकि विकास करने के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में कच्चे तेल के महत्व को हमें समझना होगा। आज हमारे देश का 9 लाख करोड़ रूपए की विदेशी मुद्रा कच्चे तेल के आयात पर ख़र्च होता है और इससे बचने का जीवाश्म ईंधन एक अच्छा विकल्प है और इसके लिए पूरे विश्व में प्रयास हो रहे हैं। भारत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की इथेनॉल नीति के तहत किया गया संगठित प्रयास किसी और देश ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि अमरीका पूरे विश्व का 55 प्रतिशत, ब्राज़ील 27 प्रतिशत जबकि भारत सिर्फ 3 प्रतिशत इथेनॉल का उत्पादन करता है। उन्होने कहा कि इस क्षेत्र में भारत के लिए कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक अपार संभावनाएं उपलब्ध हैं, कृभको की तरह अन्य सहकारी इकाइयों को भी इस दिशा में काम करना चाहिए, इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी साथ ही भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी और मजबूत होगा

श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने नवंबर, 2022 से पहले 10% ब्लेंडिंग का जो लक्ष्य रखा था उसे देश ने तय समय सीमा से पांच माह पहले ही प्राप्त कर लिया है और इसलिए 2030 तक 20% इथेनॉल ब्लेंडिंग करने के लक्ष्य को प्रीपोन कर 2025 कर दिया गया है। 2025-26 तक 20% सम्मिश्रण करने के लिए कई सारे नीतिगत फैसले भी मोदी जी ने लिए है। जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया और आकर्षक ब्याज अनुदान योजना के तहत इथेनॉल के कारखाने लगाने वाले लोगों का 6 वर्ष की अवधि का 50% ब्याज भारत कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक सरकार बैंकों को चुकाएगी। अब देशभर में अनेक प्लांट लगने लगे हैं और इथेनॉल का उत्पादन आने वाले दिनों में देश के पेट्रोलियम क्षेत्र के संपूर्ण अर्थतंत्र को बदलने वाला सिद्ध होने वाला है जिससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी लगभग 1,00,000 करोड रुपए बचेंगे।

श्री अमित शाह ने कहा कि कृभको एक जानी-मानी और अनेक प्रकार की गतिविधियों से जुड़ी संस्था है। कृभको देश का एक बड़ा सफल सहकारी प्रकल्प है जो दुनियाभर में देश के कोऑपरेटिव के मॉडल रूप में जाना जाता है। उन्होने कहा कि कृभको के फुल फॉर्म में कृषक भारती शब्द का उपयोग किया गया है क्योंकि कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक क्योंकि कृभको भारत के किसानों का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि हजीरा और शाहजहांपुर में 2 मेगा उर्वरक प्लांट लगाए हैं जो प्रति वर्ष लगभग 34 लाख मैट्रिक टन यूरिया का उत्पादन करते हैं, यह भारत की कुल बिक्री का 10% है। इसके साथ ही कृभको ने एक स्पेशल परपज व्हीकल बनाया है जो किसानों के फल और सब्जियों को प्रोसेस और निर्यात कर किसानों की आय में वृद्धि करने का प्रयास करेगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र, विशेषकर सब्जी और फल प्रसंस्करण में कृभको जितनी गति बढ़ाएगा देश के किसानों को उतना ही फायदा होगा। इसके साथ-साथ अच्छे बीजों को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए 12 अत्याधुनिक प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की गई है जो 1.90 लाख क्विंटल बीज प्रमाणित करने का काम करती हैं।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय ने अनेक नए कदम उठाए हैं जिनमें पैक्स का कंप्यूटराइजेशन, बहुआयामी पैक्स बनाना और पैक्स को एफपीओ का स्टेटस देना शामिल है। इसके साथ-साथ कृभको, इफको और अमूल जैसी संस्थाएं मिलकर मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी का एक एक्सपोर्ट हाउस बनाने जा रहे हैं जो किसानों की उपज को कोऑपरेटिव बेसिस पर एक्सपोर्ट करेगी और मुनाफा सीधा किसान के बैंक अकाउंट में जाएगा। इसके अलावा बीज संवर्धन के लिए भी एक मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाई जा रही और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के सर्टिफिकेशन तथा मार्केटिंग के लिए भी एक बहुराज्यीय सहकारी समिति बनाने जा रहे हैं जिसमें हमें कृभको का भी सहयोग मिलेगा।

Metro Rail Coach: यूपी में होगा मेट्रो कोच का निर्माण, दिल्ली-NCR के युवाओं को मिलेगा रोजगार

Metro Rail Coach: यूपी में होगा मेट्रो कोच का निर्माण, दिल्ली-NCR के युवाओं को मिलेगा रोजगार

ग्रेटर नोएडा [अरविंद मिश्रा]। Metro Rail Coach: दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर के जेवर क्षेत्र में बनने जा रहा जेवर इंटरनेशनल हवाई अड्डा (Jewar Inter National Airport) निवेश के कई और नए रास्ते भी खोलने जा रहा है। सबकुछ ठीक रहा और योजना फलीभूत हुई तो आने वाले समय में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेट्रो कोच का निर्माण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में मेट्रो कोच निर्माण का यह पहला कारखाना होगा, इससे यूपी की पूरे देश में धाक जमेगी। मेट्रो कोच का निर्माण शुरू करने के बाबत फैक्ट्री शुरू करने के लिए पहल करते हुए पीपीसीआई कंपनी ने यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Expressway Industrial Development Authority) से 50 एकड़ जमीन मांगी है। इस बाबत कंपनी की ओर से प्रस्ताव भी बनाकर YEIDA के पास भेजा जा चुका है। इस पर अंतिम कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक निर्णय प्राधिकरण अधिकारियों को लेना है। माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलना तय है, क्योंकि इससे यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निवेश के रूप में एक और बड़ी कंपनी मिलने जा रही है। इस कंपनी के बाद संभव है कि तेजी से और कंपनियां यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताएं। यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर-32 में कारखाने के लिए भूमि आवंटन पर सहमति जताई है। मेट्रो कोच कारखाना प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित होने से निवेश के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। प्राधिकरण क्षेत्र में अधिकतर औद्योगिक भूखंड इलेक्ट्रॉनिक्स या हल्के उद्योगों के लिए आवंटित किए गए हैं। भारी उद्योग स्थापित होने से प्राधिकरण क्षेत्र में इसके लिए संभावनाओं के नए दरवाजे खुलेंगे। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने पर भूखंड आवंटन पर फैसला लिया जाएगा।

मेक इन इंडिया के तहत होगा मेट्रो कोच का निर्माण

मिली जानकारी के मुताबिक, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेट्रो कोच का निर्माण मेक इन इंडिया (Make in India) की तर्ज पर होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मेक इन इंडिया को लगातार बढ़ावा देने की बात करते रहे हैं। ऐसे में मेट्रो कोच का यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में निर्माण करना एक बड़ी शुरुआत होगी।

विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर की जाएगी इकाई स्थापित

बताया जा कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक रहा है कि मेट्रो कोच का निर्माण तो मेक इन इंडिया के तहत होगा, लेकिन इसमें विदेशी कंपनियों की सहभागिता भी होगी। इनमें जर्मनी की एक नामी कंपनी भी शामिल होगी। यह कंपनी फिलहाल ट्रेक्शन सिस्टम के उपकरण का निर्माण करती है।

जल्दी से बढ़ेगी मेट्रो कोच की मांग

जिस तरह से देश के 2 दर्जन शहरों में मेट्रो संचालन की तैयारी जारी है, उससे मेट्रो कोच की जरूरत पड़ेगी। अब तक कोच विदेश से मंगाए जाते रहे हैं। देश में कारखाना विदेशी मुद्रा कर्नाटक ही मेट्रो कोच का निर्माण होने से न केवल विदेशी मुद्रा की बचत होगी, बल्कि रोजगार भी पैदा होगा। संभव है आने वाले समय में भारत अन्य देशों को मेट्रो कोच का निर्यात भी शुरू कर दे।

लोगों को मिलेगा रोजगार

मेट्रो कोच फैक्ट्री लगने के साथ इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा होगी। अनुमान के मुताबिक, इसमें हजारों लोगों को सीधे-सीधे रोजगार मिलेगा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेट्रो कोच निर्माण होने के साथ प्राधिकरण क्षेत्र में भारी उद्योग की शुरुआत होगी। देश में मेट्रो का नेटवर्क बढ़ता जा रहा है।

बड़े शहरों में सुगम सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराने के लिए मेट्रो का जाल बिछाया जा रहा है। प्रदेश के कई शहरों में भी मेट्रो का काम चल रहा है। शुरुआत में देश में मेट्रो कोच विदेश से मंगाए गए थे, लेकिन देश में अब तीन राज्यों गुजरात, कर्नाटक व तमिलनाडु में मेट्रो कोच का निर्माण हो रहा है। उत्तर भारत में मेट्रो कोच निर्माण का अभी कोई कारखाना स्थापित नहीं है।

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