बदल सकते हैं म्‍यूच्‍युल फंड
आरबीआई ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी पर म्यूचुअल फंड निवेश में बदलाव पर, मास्टरट्रस्ट की वरिष्ठ उपाध्यक्ष, पालका अरोड़ा चोपड़ा ने कहा कि बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण ब्याज दरों में वृद्धि के साथ, निवेशकों को अपने मौजूदा डेट फंड पोर्टफोलियो को बदलना होगा। साथ ही नए निवेश की योजना भी बनाई चाहिए। बढ़ती ब्याज दरों से लाभ प्राप्त करने के लिए तरल और मुद्रा बाजार फंड में निवेश करना चाहिए। निवेशक लंबे समय तक डायनेमिक बॉन्ड फंड देख सकते हैं।

टारगेट मैच्योरिटी फंडो की तरफ बढ़ रहा निवेशकों का रुझान, आइए जानतें है क्या है इनकी खासियत

बॉन्ड से मिलने वाले ब्याज को बॉन्ड यील्ड कहा जाता है।बॉन्ड पर पहले से तय दर पर ब्याज मिलता है। इसमें बदलाव नहीं होता है

पिछले कुछ सालों के दौरान टारगेट मैच्योरिटी फंडों में भारी ग्रोथ देखने को मिली है। सरकार की तरफ से 2019 में भारत बॉन्ड ईटीएफ (Bharat Bond ETF) लॉन्च होने को बाद इनकी लोकप्रियता और बढ़ी है। भारत बॉन्ड ईटीएफ का प्रबंधन Edelweiss Mutual Fund के हाथों में हैं। ये देश का पहला टारगेट मैच्योरिटी फंड था।

ईटीएफ के अलावा इस समय तमाम इंडेक्स ट्रेडेड मैच्योरिटी फंड हैं। टारगेट मैच्योरिटी फंड की एक निश्चित परिपक्वता तिथि होती है। ये वो तिथि होती है जब स्कीम और उसके पोर्टफोलियो निवेश मैच्योर होते हैं। लेकिन निवेशकों को इनमें जल्द निकासी की भी सुविधा होती है क्योंकि ये एक ओपन-एंड फंड होते हैं। हालांकि कि टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं निवेशकों को सलाह होगी कि वे इनमें मैच्योरिटी तक बने रहने को वरीयता टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं दें जिससे कि ज्यादा से ज्यादा संभव रिटर्न प्राप्त हो सके। जैसे-जैसे ब्याज दरें बढ़ती हैं, निवेशक इस तरह के फंडों का इस्तेमाल अपने निवेश को हाई यील्ड टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं पर लॉक-इन करने के लिए कर सकते हैं।

Money Guru: ऊंचे ब्याज दरों में करना है निवेश तो इन बातों का रखें ध्यान? जानें क्या हैं टारगेट मैच्योरिटी फंड

Money Guru: क्या आप भी ऊंचे ब्याज दरों में निवेश करना चाहते हैं तो जान लीजिए कि मार्केट में आपके लिए क्या ऑप्शनंस मौजूद हैं. इसी के साथ ये भी समझिए कि क्या होते हैं टारगेट मैच्योरिटी फंड.

Money Guru: ऊंची ब्याज दरों में निवेश करना चाहते हैं, तो जान लीजिए आपके पास क्या विकल्प मौजूद हैं. इसमें भी टार्गेट मैच्योरिटी फंड की बात करते हैं, जिसमें आप ऊंची ब्याज में पैसों को लॉक इन कर सकते हैं. जहां एक तरफ टार्गेट मैच्योरिटी फंड का निवेश सरकारी सिक्योरिटीज के हाई क्वालिटी पेपर में होता है, वहीं फंड में कम जोखिम में हाई-लिक्विडिटी का भी फायदा मिलता है. आज हम जानेंगे टार्गेट मैच्योरिटी फंड के बेनिफिट्स और इसके साथ ही यह भी कि कब आ सकती है भारत ईटीएफ बॉन्ड की चौथी किस्त. इसके लिए हमारे साथ आनंदराठी वेल्थ मैनेजमेंट के सीईओ फिरोज अजीज और Edelweiss AMC की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता मौजूद हैं.

बढ़ते रेट क्या करना चाहिए Debt में निवेश?

  • बढ़ती ब्याज दरों में डेट फंड में निवेश बेहतर
  • डेट फंड में 7% जबकि FD में 6.5% प्री-टैक्स रिटर्न
  • डेट फंड की 17 कैटेगरी में कई कैटेगरी में FD से बेहतर रिटर्न
  • डेट फंड की कई कैटेगरी का सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश

ऊंची ब्याज दरें, कहां निवेश करें?
क्या हैं टारगेट मैच्योरिटी फंड?
कैसे चुनें सही टारगेट मैच्योरिटी फंड?
भारत बॉन्ड ETF में निवेश का मौका जल्द!#MoneyGuru में आज

FD vs डेट फंड

निवेश FD डेट फंड

रकम `1 करोड़ `1 करोड़
रिटर्न 6% 7%
होल्डिंग अवधि 3 साल 3 साल
रकम की वैल्यू `1.19 करोड़ `12.25 करोड़
इंडेक्स्ड कॉस्ट(4% इनफ्लेशन) - `11.24 करोड़
गेन पर टैक्से `19 लाख `10 लाख
टैक्स देनदारी `5.95 लाख `2.08 लाख
पोस्ट टैक्स रकम `1.13 करोड़ `1.20 करोड़
पोस्ट टैक्स रिटर्न 4.20% 6.39%

निवेश के विकल्प

इस स्कीम में निवेशकों को पीएसयू बॉन्ड में निवेश करने का विकल्प तो है ही साथ ही एसडीएल इंडेक्स फंड और जीसेक इंडेक्स फंड में भी निवेश करने का विकल्प मिलता है।

विशेषज्ञ क्रेडेंस वेल्थ एडवरटाइजर के संस्थापक कीर्तन शाह का मानना है कि इस स्कीम में लंबी अवधि के निवेश से बचना चाहिए। उनके अनुसार ‘यील्ड में केवल 0.1% या 0.2% अधिक यील्ड ही प्राप्त होगा। इसलिए लंबी अवधि के मैच्योरिटी फंड का विकल्प चुनने से बचना चाहिए। हो सकता है लंबी अवधि के निवेश के कारण कुछ अच्छे मौके हाथ से छूट जाएँ’।

कौन सा टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं विकल्प बेहतर?

जानकारों की राय है कि निवेशक को अपनी आवश्यकता के अनुसार पहले सही मैच्योरिटी वाले फंड को चिन्हित करना चाहिए। उन्हें खुद अपने समय की सीमा निर्धारित करनी चाहिए। इसका मतलब है कि यदि निवेशक को 3 या 5 सालों बाद पैसे की जरूरत है तो निवेशक दो अलग-अलग टारगेट मैच्योरिटी फंड में अपना पैसा विभाजित करके निवेश कर सकते हैं। प्लानरूपी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के संस्थापक अमोल जोशी ने सलाह दी है कि ‘निवेश को उस टीएमएफ में निवेश करना चाहिए जो उनकी आवश्यकता के समय मैच्योर होता हो।’

Target Maturity Funds: टारगेट मैच्योरिटी फंड को भारत में सबसे पहले 2019 में लॉन्च किया गया था। ये वे फंड हैं जो अपने शानदार रिटर्न, बेहतर लिक्विडिटी और कम नुकसान की संभावना के लिए जाने जाते हैं। यही कारण है कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ इस क्षेत्र का हिस्सा बनने के लिए खासी उत्सुक नजर आ रही हैं। दैनिक समाचार पत्र द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार फिलहाल हर एक बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी एक टारगेट मैच्योरिटी फंड पेश करने में लगी हुई है। इस फंड में निवेश करने के लिए आपको कुछ महत्त्वपूर्ण टिप्स देने जा रहे हैं।

2019 में आरंभ

भारत के घरेलू शेयर बाजार के निवेशकों को इनका पहला परिचय 2019 में हुआ था। तब बॉन्ड ईटीएफ 2023 और 2030 इस प्रकार दो शृंखलाएँ लॉन्च की गई थीं। वर्ष 2020 में दो एडिशनल फंड भारत बॉन्ड ईटीएफ शृंखलाएँ 2025 और 2031 पेश की गई थीं। डेट फंड में निवेश करने वालों के लिए एक अच्छी क्रेडिट क्वालिटी का पोर्टफोलियो प्रस्तुत किया गया था।

इन इन्वेस्टमेंट स्कीम्स को AAA का रेटिंग दिया गया था और ये निवेश की दृष्टि से काफी सुरक्षित हैं। इस स्कीम में पोर्टफोलियो की पारदर्शिता पर ज़ोर दिया गया है और इसमें मैच्योरिटी पूर्व निर्धारित होने के कारण रिटर्न अनुमान लगाना पहले से आसान हो गया है। दूसरी बड़ी बात है कि इसमें ब्याज की दर के बारे में जोखिम बहुत कम टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में निवेश करने के फ़ायदे क्या हैं हो गया है। निवेशक के लिए किसी भी समय अपनी निवेश की गई रकम की निकासी करना बहुत ही आसान है।

Mutual Fund में निवेश की प्‍लानिंग? ऐसे उठाएं अधिक ब्‍याज का लाभ, जानें कैसे करें तैयारी

Mutual Fund में निवेश की प्‍लानिंग? ऐसे उठाएं अधिक ब्‍याज का लाभ, जानें कैसे करें तैयारी

Mutual Funds में निवेश की कैसे करें प्‍लानिंग (फोटो-Freepik)

म्यूचुअल फंड में अधिक समय के लिए निवेश की सलाह दी जाती है, ताकि आपको एक अच्‍छा फंड मिल सके। अगर आप भी निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं और म्‍यूच्‍युअल फंड से अच्‍छा पैसा बनाना चाहते हैं तो यह खबर आपकी मदद कर सकती है। आइए विशेषज्ञों से जाने कैसे करें निवेश की प्‍लानिंग और किस तरह आपको अधिक रिटर्न मिल सकता है?

किस तरह के फंड में अधिक रिटर्न
कर और निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, दरों में बढ़ोतरी का असर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न पर शॉर्ट टर्म यानी 6 महीने से लेकर दो साल तक हो सकता है। मिंट की एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया गया है कि शॉर्ट टर्म इनवेस्टर्स, जिनके पास 6 महीने से लेकर दो साल तक का टाइम है, उन्हें डेट म्यूचुअल फंड्स- लिक्विड, मनी मार्केट और बॉन्ड फंड्स में निवेश करना चाहिए। इस तरह के फंड से उनके मौजूदा वार्षिक औसत रिटर्न से 0.50 से 1 फीसदी अधिक ब्‍याज मिल सकता है।

मैच्योरिटी डेट्स

ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी SDL दिसंबर 2028 इंडेक्स फंड की मैच्योरिटी डेट 29 दिसंबर, 2028 है जबकि ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी G-Sec दिसंबर 2030 इंडेक्स फंड 31 दिसंबर, 2030 को परिपक्व होगा. ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी SDL दिसंबर 2028 इंडेक्स फंड के तहत निफ्टी SDL दिसंबर 2028 इंडेक्स में निवेश किया जाएगा. जबकि ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी G-Sec दिसंबर 2030 इंडेक्स फंड के तहत निफ्टी G-Sec दिसंबर 2030 इंडेक्स के घटकों में निवेश किया जाएगा.

टारगेट मैच्योरिटी फंड (TMF) कम क्रेडिट रिस्क के साथ आते हैं क्योंकि ये स्कीम्स SDL और G-Secs (संबंधित योजनाओं के आधार पर) जैसे सॉवरेन इंस्ट्रूमेंट्स से युक्त इंडेक्स में निवेश करती हैं. यदि आप फिक्स्ड डिपॉजिट या गोल्ड जैसे ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट से बेहतर रिटर्न की तलाश में हैं तो आप TMF में निवेश कर सकते हैं. हालांकि, आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट में गारंटीड रिटर्न मिलता है जबकि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है.

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