फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है. (Image- Pixabay)

फंडामेंटल एनालिसिस 2022|Share Market Fundamental Analysis In Hindi

दोस्तों, आज के इस लेख में हमने आपको आपको समझाया की Fundamental Analysis Kya Hai, Fundamental Analysis in फंडामेंटल विश्लेषण क्या है Hindi, Share market fundamental analysis in hindi, Fundamental Analysis का क्या काम है, क्या Fundamental Analysis करना जरुरी है, Fundamental Analysis में क्या होता है? आदि.

Share Market Fundamental Analysis In Hindi क्या काम है?

Share Market Fundamental Analysis In Hindi- जब भी हमें भविष्य के लिए 1,2,5 या 10 साल के लिए शेयर मार्किट में निवेश करने की सोचते है तो सबसे पहले कंपनी का चुनाव फिर उस कंपनी के Fundamental को Analysis किया जाता है. शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए सही शेयर को चुनने की प्रकिया को Fundamental Analysis कहते है.

Fundamental Analysis में क्या देखा जाता है?

बहुत से ट्रेडर्स को Fundamental Analysis के बारे में पता फंडामेंटल विश्लेषण क्या है ही नहीं होता है इसलिए वह लोग मार्किट में नुकसान उठाते है. Fundamental Analysis में कम्पनी के अन्दर की जानकारी को जाना जाता है- कंपनी का बिज़नस कैसा चल रहा है, मार्केट में कंपनी के प्रोडक्ट की कितनी मांग है, कंपनी किस तरह के प्रोडक्ट बनती है, कंपनी कितने loss या profit में चल रही है, कंपनी ने पर कितना कर्ज लिया है? Share Market Fundamental Analysis In Hindi

आदि इन सभी जानकारी को हासिल करके उस कंपनी के शेयर ख़रीदे जाते है जिससे फ्यूचर में अच्छा मुनाफा होता है. Fundamental Analysis में हमें कंपनी यह देखना होता है की जिस कंपनी के शेयर खरीद रह है वह कितने मजबूत है इसकी आर्थिक स्थति क्या है? क्या फंडामेंटल विश्लेषण क्या है यह भविष्य में अच्छा मुनाफा दे सकती है या नहीं!

Fundamental Analysis का एक ही उद्देश्य होता है वर्तमान के शेयर को कम कीमत में खरीद कर भविष्य में अधिक कीमत में बेचना होता है. Fundamental Analysis में कंपनी के बिज़नस और फाइनेंसियल स्टेटमेंट को देखते है बिज़नस प्रदर्शन से ही कंपनी के शेयर की कीमत निर्धारित होती है क्योकि जब कंपनी का बिज़नस आगे बढेगा तभी कंपनी को प्राफिट होगा जिससे भविष्य में शेयर की कीमत बढेगी.

Fundamental Analysis 2 प्रकार के होते है?

  1. Qualitative Analysis
  2. Quantitative Analysis
  3. Qualitive Analysis – Qualitive Analysis में कंपनी क्या बिज़नस कर रही है, बिज़नस मॉडल, मैनेजमेंट एनालिसिस, प्रोडक्ट और सर्विस आदि जानकारी को Analysis किया जाता है.
  4. Quantitative Analysis Quantitative Analysis में बैलेंस सीट, मुनाफा और नुक्सान स्टेटमेंट, केस फ्लो स्टेटमेंट, इस तरह के रेश्यो को और सेल्स ग्रोथ, प्रॉफिट ग्रोथ आदि को एनालिसिस किया जाता है. Share Market Fundamental Analysis In Hindi

Fundamental Analysis का उपयोग कैसे करे?

Share Market Fundamental Analysis In Hindi जितने भी पुराने और नय ट्रेडर्स होते वह लोग लम्बे समय के लिए शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए Fundamental Analysis का उपयोग करते है. Fundamental Analysis के दोवारा हम अच्छे शेयर को चुनने में मदद मिलती फंडामेंटल विश्लेषण क्या है है. इसके दोवारा हम उन शेयर को सर्च कर सकते है जो वर्तमान में डिस्काउंट में मिल रह है.

जब कोई निवेशक किसी कंपनी के शेयर खरीदता है तो उसे कंपनी से उम्मीद करता है की ये कम्पनी आने बाले समय में काफी बढ़ोतरी करे. प्रॉफिट के लिए कंपनी के बारे में पूरा रिसर्च करना जरुरी है. Technical analysis में चार्ट पर indicator इस तरह की जानकारी नहीं देते है वह सिर्फ price movement को दिखाते है.

तभी कीमत को देख कर buy और sell करते है जो बिलकुल ठीक नहीं है fundamental analysis भी बहुत जरुरी है. Fundamental का उपयोग तब की जाता है जब आपको शेयर को लम्बे समय तक खरीदकर रखना होता है. Fundamental analysis में किन चीजों के बारे में जानना जरुरी होता है?

Stock Market Tips: किसी शेयर में निवेश से पहले आप खुद भी करें रिसर्च, जानें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का फर्क और अहमियत

Fundamental vs Technical Analysis: स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशंस या टिप्स मिलते हैं लेकिन आपको खुद एनालिसिस करनी चाहिए.

Stock Market Tips: किसी शेयर में निवेश से पहले आप खुद भी करें रिसर्च, जानें फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का फर्क और अहमियत

फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है. (Image- Pixabay)

Stock Market Tips: स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए बेहतरीन शेयरों का चयन करना पहला स्टेप होता है. इसके लिए मुख्य रूप से दो तरीकों से एनालिसिस किया जाता है जैसे कि फंडामेंटल एनालिसिस या टेक्निकल एनालिसिस. हालांकि कभी-कभी कंफ्यूजन होती है कि इन दोनों ही एनालिसिस के जरिए शेयरों का चयन किया जाए या किसी एक एनालिसिस के सहारे स्टॉक मार्केट से मुनाफे की रणनीति अपनाई जाए.

कुछ निवेशक किसी एक एनालिसिस के सहारे शेयरों का चयन करते हैं लेकिन एनालिस्ट्स का मानना है कि टेक्निकल एनालिसिस करते समय भी कुछ फंडामेंटल भी देखना चाहिए और इसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस करते समय कुछ टेक्निकल भी देखना चाहिए. इसके अलावा स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशंस या टिप्स मिलते हैं लेकिन आपको खुद एनालिसिस करनी चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं कि दोनों एनालिसिस क्या है और दोनों में क्या फर्क है.

Mcap of Top 10 Firms: टॉप 10 में से 9 कपनियों का मार्केट कैप 2.12 लाख करोड़ बढ़ा, HDFC बैंक को सबसे ज्यादा फायदा

Keystone Realtors IPO: कल खुलेगा कीस्टोन रियल्टर्स का आईपीओ, दांव लगाने से पहले जान लें तमाम जरूरी बातें

Upcoming IPO: अगले हफ्ते Global Health और Fusion Micro Finance समेत 4 कंपनियों का आ रहा है आईपीओ, लगभग 4,500 करोड़ जुटाने का इरादा

Fundamental Analysis

इसमें कंपनी के फाइनेंशियल्स और P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखते हैं. इसके अलावा और भी रेशियो को एनालाइज करते हैं. अब अगर जैसे पीई रेशियो की बात करें तो इसकी वैल्यू अगर कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है जब पीबी रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है. इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस में बीटा को भी देखते हैं जो अगर एक से अधिक है तो इसका मतलब हुआ कि मार्केट की तुलना में यह अधिक वोलेटाइल है. जो कंपनियां हाई डिविडेंड यील्ड वाली हैं और कर्ज मुक्त हैं, वे फंडामेंटली रूप से बहुत मजबूत हैं.

Technical Analysis

टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस की तुलना में थोड़ा अधिक कांप्लेक्स है. इसके तहत रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands) जैसे 30-40 टेक्निकल इंडिकेटर्स का एनालिसिस किया जा सकता है. इस एनालिसिस में स्टॉक की मजबूती और रूझानों का अनुमान लगाया जाता है.

Fundamental vs Technical Analysis

फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस को कुछ फैक्टर पर किया जााता है जैसे कि समय, रिस्क और ट्रैकिंग.

  • समय- फंडामेंटल एनालिसिस आमतौर पर ऐसे समय में किया जाता है जब आपको लंबे समय के लिए किसी स्टॉक को होल्ड करना है. इसके तहत ऐसे स्टॉक की पहचान की जाती है जो समय के साथ और मजबूत होंगे. इसके विपरीत टेक्निकल एनालिसिस को शॉर्ट टर्म में किसी स्टॉक में पैसे लगाने के लिए किया जाता है. इसमें बुलिश स्टॉक की पहचान की जाती है.
  • रिस्क- फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयरों में निवेश पर रिस्क कम होता है जबकि टेक्निकल वैरिएबल्स में ऐसा दावा नहीं किया जा सकता है.
  • ट्रैकिंग- फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक उतार-चढ़ाव को एनालिसिस करना होता है.
  • वैल्यू: फंडामेंटल एनालिसिस में किसी कंपनी के कारोबार, इंडस्ट्री और मार्केट के साथ घरेलू व अंतरराष्ट्रीय माहौल का आकलन करते हुए फेयर वैल्यू डेवलप करते हैं. वहीं टेक्निकल में हिस्टोरिकल रिटर्न और भाव में बदलाव के जरिए आगे कीमतों में उतार-चढ़ाव का आकलन किया जाता है.

Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.

fundamental analysis

what is fundamental analysis

what is fundamental analysis

what is fundamental analysis ?

आज हम आपको फंडामेंटल स्टॉक के बारे में | तो बने रहे हमारे पेज पर |

फंडामेंटल एक ऐसा स्टॉक हे जो आपको व्यवसाय में मदद रूप हो सकते हे या आपको किसीभी चीज में मदद के सहारे चलता हे इसी लिए फंडामेंटल दवरा उसकी निति बदल सी जाने लगती है इसी लिए इस स्टॉक को मदद के रूप में जना जाता है |

एक स्टॉक के फंडामेंटल ऐसे कारक हैं जिन्हें अंतर्निहित कंपनी के मूल्य या व्यवसाय के रूप में मूल्य में योगदान करने के लिए माना जाता है। बुनियादी बातों में मापने योग्य, मात्रात्मक डेटा (जैसे नकदी प्रवाह और ऋण-से-इक्विटी अनुपात) और गुणात्मक, स्थितिजन्य कारक (जैसे व्यवसाय मॉडल और प्रतिस्पर्धी) शामिल हो सकते हैं।

मौलिक विश्लेषण की मुख्य धरना किया है |

मौलिक विश्लेषण का उपयोग करने वाले व्यापारी यह मानते हैं कि बाजार हमेशा सभी शेयरों का सही मूल्य नहीं देता है। यह कुशल बाजार परिकल्पना के विपरीत है, जो मानता है कि सभी स्टॉक हर समय सटीक रूप से मूल्यवान होते हैं | इसी लिए व्यापारी लोग मानते है की कोई स्टॉक में सटीक के रूप में मूलयवान होते है | और व्यापारी इसमें बहुत सारा इन्वेस्ट करते है ताकि उसकी निवेश बढ़े |

तकनीकी विश्लेषण के लिए मौलिक विश्लेषण पसंद करने वाले निवेशकों का मानना ​​है कि किसी कंपनी के स्टॉक की कीमत हमेशा कंपनी के मूल्य का सटीक गेज नहीं होती है। मौलिक विश्लेषण का संचालन करके, एक निवेशक एक ऐसे स्टॉक की पहचान कर सकता है जो उनका मानना ​​है कि बाजार द्वारा इसका मूल्यांकन नहीं किया गया है और इस उम्मीद के साथ निवेश करना चुन सकता है कि लंबी अवधि में कीमत में वृद्धि होगी क्योंकि कंपनी का मूल्य समय के साथ बाजार में स्पष्ट हो जाता है। इसी तरह, एक निवेशक एक ऐसे स्टॉक को बेचने का विकल्प चुन सकता है जो उनके पास है जो कीमत में बढ़ गया है क्योंकि मौलिक विश्लेषण उन्हें बताता है कि यह अब बाजार से अधिक है।

मौलिक विश्लेषण की मुख्य धारणा क्या है?

मौलिक विश्लेषण का उपयोग करने वाले व्यापारी यह मानते हैं कि बाजार हमेशा सभी शेयरों का सही मूल्यांकन नहीं करता है। यह कुशल बाजार परिकल्पना के विपरीत है, जो मानता है कि सभी स्टॉक हर समय सटीक रूप से मूल्यवान होते हैं (नीचे इस पर और अधिक)।|

मौलिक विश्लेषण किसके लिए उपयोग किया जाता है?

किसी कंपनी के आंतरिक मूल्य की अधिक सटीक तस्वीर प्राप्त करने के लिए निवेशक और संस्थान अक्सर मौलिक विश्लेषण का उपयोग करते हैं।

तकनीकी विश्लेषण के लिए मौलिक विश्लेषण पसंद करने वाले निवेशकों का मानना ​​है कि किसी कंपनी के स्टॉक की कीमत हमेशा कंपनी के मूल्य का सटीक गेज नहीं होती है। मौलिक विश्लेषण का संचालन करके, एक निवेशक एक ऐसे स्टॉक की पहचान कर सकता है जो उनका मानना ​​है कि बाजार द्वारा इसका मूल्यांकन नहीं किया गया है और इस उम्मीद के साथ इसमें निवेश करना चुन सकते हैं कि यह लंबी अवधि में कीमत में वृद्धि करेगा क्योंकि कंपनी का मूल्य समय के साथ बाजार में स्पष्ट हो जाता है। इसी तरह, एक निवेशक एक ऐसे स्टॉक को बेचने का विकल्प चुन सकता है जो उनके पास है जो कीमत में बढ़ गया है क्योंकि मौलिक विश्लेषण उन्हें बताता है कि यह अब बाजार से अधिक है।

मौलिक विश्लेषण तकनीकी विश्लेषण से कैसे भिन्न है?

जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, मौलिक विश्लेषण इस धारणा पर आधारित है कि बाजार हमेशा सभी शेयरों का सही मूल्यांकन नहीं करता है। क्योंकि सभी स्टॉक हर समय सटीक रूप से मूल्यवान होते हैं, इसलिए प्रवृत्ति मूल्यांकन और पैटर्न मान्यता के आधार पर व्यापारिक निर्णय सर्वोत्तम होते हैं। जो व्यापारी तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं, वे अपना अधिकांश शोध समय कैंडलस्टिक चार्ट और ऐतिहासिक डेटा को देखने में बिताते हैं, ताकि कंपनी-विशिष्ट मेट्रिक्स जैसे नकदी प्रवाह और आय वृद्धि का मूल्यांकन करने के बजाय भविष्यवाणियां की जा सकें।

तकनीकी विश्लेषण क्या है?

तकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना।

moneycontrol.com

तकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना। यह समझना जरूरी है कि तकनीकी विश्लेषण पूरी तरह से शेयर की कीमतों पर आधारित होता है। कंपनी की मूलभूत जानकारियों, जैसे मुनाफा, बिक्री, कर्ज, का इस्तेमाल तकनीकी विश्लेषण में नहीं किया जाता है। साथ ही, विश्लेषण करते समय माना जाता है कि बाजार से जुड़ी और दूसरी सभी जानकारी उपलब्ध हैं और उनका इस्तेमाल शेयर का चार्ट बनाते वक्त किया गया फंडामेंटल विश्लेषण क्या है फंडामेंटल विश्लेषण क्या है है।

तकनीकी विश्लेषण का मुख्य सिद्धांत है कि शेयर बाजार पूरी तरह से पारदर्शीय है और बाजार के सभी प्रतिभागी कुशल हैं। बिना किसी ठोस कारण के शेयरों की खरीद-फरोख्त फंडामेंटल विश्लेषण क्या है तकनीकी विश्लेषण सिद्धांतों के खिलाफ है। फंडामेंटल विश्लेषण के मुकाबले तकनीकी विश्लेषण में ज्यादा लचीलापन है। फंडामेंटल विश्लेषण शेयरों के उतार-चढ़ाव को जानने के लिए तिमाही नतीजों, आय पर फंडामेंटल विश्लेषण क्या है गाइडेंस और कंपनी नीतियों में बदलाव पर निर्भर करता है।

अगर ये माना जाए कि फंडामेंटल विश्लेषण ही शेयरों के उतार-चढ़ाव की सही तौर पर बता सकता है, तो ऐसे में शेयरों की कीमतों में साल में 4-5 बार ही बदलाव दिखना चाहिए। लेकिन, ऐसा नहीं होता है। शेयरों के भाव रोजाना बढ़ते-घटते हैं। इस उतार-चढ़ाव के बारे में तकनीकी विश्लेषण से ही पता किया जा सकता है।

fundamental anaylsis क्या होता हे ?

fundamental-analysis-kya-hota-he/

शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उस कंपनी का फंडामेंटल होता हे.fundamental analysis करना मतलब किसीभी कंपनी की पूरी हिस्ट्री निकलने जैसा हे. तो चलिए आज फंडामेंटल का पूरा पाठ पड़ते हे.

दोस्तों आज हम fundamental anaylsis kya hota he के बारे में जानेंगे , कई लोगो को फंडामेंटल नाम सुनते ही डर लगता हे. की क्या होता होगा ये ,और इसको जानने के लिए तो किसी एक्सपर्ट की जरुरत पड़ती होती। या किसी चार्टेन अकाउंटेंट की जरुरत पड़ती होती। लेकिन दरसल ऐसा नहीं हे हम लोगो में ये ब्रह्म पैदा कर दिया हे। की फंडामेंटल एनालिसिस के लिए किसी वक्सपर्ट की जरुरत हे.

fundamental analysis

fundamental analysis का मतलब होता हे की किसी भी कंपनी का पिछले रिकॉर्ड निकलना मतलब कंपनी की पूरी जानकारी निकलना जैसे की कंपनी की बैलेंस शीट ,कंपनी का प्रॉफिट एंड लोस ,कंपनी का प्रोडक्शन क्या हे ,या फिर कंपनी की पूरी हिस्ट्री। किसीभी कंपनी में निवेश करने के लिए एक्सपर्ट उस कंपनी के फंडामेंटल को समझते हे।

कंपनी का फंडामेंटल देखने से हमें कंपनी की ग्रोथ पता चलती हे। लॉन्ग टर्म निवेशक जो होते हे वह कंपनी के फंडामेंटल देखके ही कंपनी में इन्वेस्ट करते हे। फंडामेंटल एनालिसिस के भी दो प्रकार पड़ते हे जैसे की एक होता हे qualitative analysis और दूसरा होता हे quantitative analysis .तो चलिए हम इन दोनों के बारे सविस्तर देखते हे.

qualitative analysis;

qualitative analysis में किसीभी कंपनी की एनालिसिस नंबर की फॉर्म्स में नहीं जाना जा सकता। जैसे की इसमें हम कंपनी की ब्रैंड वैल्यू देखते हे.कंपनी का प्रोडक्ट्स देखते हे,कंपनी के प्रमोटर देखते हे। कंपनी के कॉम्पिटिटर के साथ उसकी तुलना करते हे इससे हमें कंपनी की जानकारी मिलती तो फंडामेंटल विश्लेषण क्या है फंडामेंटल विश्लेषण क्या है हे लेकिन वो नंबर के फॉर्म में नहीं रहती।

इसका मतलब किसीभी कंपनी का qualitative analysis हर एक व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता वो उसी व्यक्ति पे निर्भर हे की वह व्यक्ति उस कंपनी के qualitative analysis को कैसे देखता हे। किसी के लिए कंपनी की ब्रैंड वैल्यू मायने नहीं रखती होगी तो किसी के लिए ब्रैंड वैल्यू बहुत इम्पोर्टैंट होगी। इसीलिए qualitative analysis हेर व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता हे।

quantitative analysis;

quantitative analysis में हम कंपनी को नंबर्स की फॉर्म में जान सकते हे। जैसे की किसीभी कंपनी का ग्रोथ देखना हे तो उसका फायदा और नुकसान देखा जा सकता हे। उसकी बैलेंस शीट देखि जा सकती हे. या फिर कंपनी के रेश्यो होते हे. जैसे की PE ratio ,cash erning ratio,eps ratio,divident ratio ऐसे कई सार रेश्यो हम quantitative analysis में देखते हे।

कंपनी के पास कितने कॅश फ्लो हे ,कंपनी के पास असेट्स (मालमत्ता ) कितने हे। कंपनी की इन्वेंटरी इन सब के बारे में quantitative analysis में पता चलता हे या देखा जाता हे। अगर किसी भी कंपनी का फंडामेंटल ठीक नहीं हे. या फिर वीक हे तो उससे हम कंपनी की वर्तमान स्तिति को समज सकते हे।

किसीभी कंपनी का fundamental analysis कैसे करते हे.

किसी भी कंपनी का अगर हमें फंडामेंटल एनालिसिस करना हे। तो हम सबसे पहले कंपनी की बैलेंस शीट देखेंगे। इससे हमें कंपनी की पूरी जनम कुंडली पता चलती हे. किसी भी कंपनी का फंडामेंटल देखने के लिए हम गूगल में www.nseindia.com जाके चेक कर सकते हे। ये एक सेबी रेजिस्टेड गवर्नमेंट वेबसाइट हे इसमें हमें कंपनी की पूरी जानकारी मिल जाती हे। इससे आपको न तो किसी एक्सपर्ट की जरुरत पड़ेगी। नहीं किसी चार्टेन अकॉउंटट की।

एक सिम्पल फंडा हे हमें कंपनी में निवेश करने से पहले कंपनी के फंडामेंटल का जानना बहुत ही महत्वपूर्ण हे। नहीं तो किसी की बातो में आकर हम किसभी कंपनी में निवेश कर देते हे और उस कंपनी का फंडामेंटल ठीक ठीक नहीं रहता। और हमें नुकसान हो जाता हे,और फिर हम स्टॉक मार्किट को जुआ या सट्टा बाजार कहने लगते हे।

आज हमने जाना की fundamental anaylsis kya hota फंडामेंटल विश्लेषण क्या है he और किसीभी कंपनी निवेश करने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस महत्वपूर्ण हे. और उसमे कंपनी का क्या क्या चेक करना पड़ता हे और fundamental के कोनसे दो इम्पोर्टेट एनालिसिस हे. ये हमने देखे।

यकीं हे की आपको मेरी ये fundamental anaylsis kya hota he पोस्ट पसंद आयी हो। और आपको काफी मदतगार ये पोस्ट साबित हुयी होगी। मेरी आपसे यही सलाह रहेगी की किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले आप उस कंपनी फंडामेंटल एकबार जरूर चेक कर लीजिये। और आपको मेरी ये पोस्ट अच्छी लगे तो कृपया इसे शेयर जरूर कीजियेगा ,और आपको कोई बात समज नहीं आयी हो या आपका कोई सवाल हो , तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें भेज सकते हे। धन्यवाद !

रेटिंग: 4.84
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 372