कमजोर हुआ चक्रवात ‘मंदोस’, तमिलनाडु में नहीं हुआ व्यापक व्यापक नुकसान

चेन्नई, 10 दिसंबर (भाषा) तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान ‘मंदोस’ के कारण अपेक्षाकृत कम नुकसान हुआ है। इसके प्रभाव के चलते हुई बारिश संबंधी घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई जबकि कुछ घरों को नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने शनिवार को यहां यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने यहां पड़ोस में प्रभावित इलाकों का दौरा करने और प्रभावितों को राहत सामग्री वितरित करने के बाद कहा, ‘व्यापक स्तर पर नुकसान नहीं हुआ है।’

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और विशेष रूप से चेन्नई मंदोस के प्रभाव से निकल गए हैं।

स्टालिन ने एक सवाल का जवाब देते हुए पत्रकारों से कहा कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है और अगर जरूरत हुई तो केंद्रीय सहायता मांगी जाएगी।

उन्होंने बारिश संबंधी घटनाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि चार लोगों की मौत हुई है।

इन घटनाओं के चलते कम से कम 181 घर-झोपड़ी क्षतिग्रस्त हो गए हैं और अन्य प्रकार के नुकसान की जानकारी संकलित की जा रही है। 3,163 परिवारों के 9,130 लोगों को 201 राहत शिविरों में आश्रय दिया गया विकल्प अनुबंध हैं प्रकार है।

यहां ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन सहित नागरिक एजेंसियों ने पुलिस की सहायता से गिरे हुए पेड़ों को हटाया। चक्रवात से संबंधित राहत व बचाव कार्यों में कुल 25,000 कर्मियों को लगाया गया है।

इसके अलावा एनडीआरएफ और राज्य डीआरएफ के 496 कर्मियों भी बचाव व राहत कार्यों में जुटे हैं।

चक्रवात से कई इलाकों में बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए। बिजली आपूर्ति रोक दी गई और बाद में बहाल कर दी गई।

यहां काशीमेडु फिशिंग हार्बर में नावों को नुकसान हुआ है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, सुप्रिया साहू ने ट्वीट किया: “मंदोस चक्रवात के बाद वंडालूर में अरिंगनार अन्ना चिड़ियाघर और गुइंडी चिल्ड्रन पार्क में कई पेड़ गिर गए हैं। हालांकि सभी जानवर सुरक्षित हैं और बाड़ों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। वंडालूर चिड़ियाघर और गुंडी पार्क रखरखाव के काम के लिए विकल्प अनुबंध हैं प्रकार आज बंद है।”

चक्रवात के कारण हवाई अड्डे का संचालन प्रभावित होने के चलते 30 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गईं। हवाई अड्डे के रनवे को आज तड़के कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया। इसके अलावा तमिलनाडु से रवाना होने वालीं नौ उड़ान रद्द कर दी गईं। आने वाले 21 विमानों का मार्ग दूसरे शहरों की ओर मोड़ दिया गया।

इससे पहले भारत मौसम विज्ञान विभाग चेन्नई ने ट्वीट किया, ‘‘चक्रवाती तूफान मंदोस (जिसका मतलब खजाने की पेटी है) उत्तरी तमिलनाडु तट पर गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर कमजोर हो गया। यह 10 दिसंबर को दोपहर तक पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा तथा धीरे-धीरे कमजोर होकर दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा।’’

नौ दिसंबर की देर रात रवाना हुआ मंदोस यहां मामल्लपुरम के तट को पार कर गया है। शनिवार तड़के यह पूरी तरह दस्तक दे चुका था।

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

वायदा बाजार में ग्वार का क्या भाव है? NCDEX लाइव अपडेट

Gawar ka bhav today

Gawar ka bhav today: NCDEX पर शुरुआती कारोबारी सत्र में आज ग्वार के भाव में उछाल देखने को मिल रहा है । ग्वार गम जनवरी अनुबंध 50 रुपये के उछाल के साथ 12514 व ग्वार सीड जनवरी अनुबंध 25 रुपये के उछाल के साथ 5928 रुपए पर खुला ।

खबर लिखे जाने तक ग्वार गम जनवरी वायदा ने 12580 के ऊपरी स्तर व 12450 के निचले स्तर को छुआ जबकि ग्वार सीड जनवरी वायदा ने 5960 के उच्चतम व 5906 के निचले स्तर को छुआ। इसे भी देखें

हाजिर मंडियों की बात करें तो राजस्थान हरियाणा की अनाज मंडियों में फिलहाल ग्वार 5500 से 5800 रुपये प्रति क्विंटल के बीच कारोबार कर रहे है।

अदालतों में ‘छुट्टियों की छुट्टी’ करने पर विचार करे सरकार: सुशील कुमार मोदी

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में लाखों की संख्या में मामले लंबित हैं. ये अदालतें गर्मियों में लगभग 47 दिन और विकल्प अनुबंध हैं प्रकार सर्दियों में लगभग 20 दिनों तक बंद रहती हैं, जबकि अन्य सभी सार्वजनिक विकल्प अनुबंध हैं प्रकार कार्यालय साल भर काम करते रहते हैं. The post अदालतों में ‘छुट्टियों की छुट्टी’ करने पर विचार करे सरकार: सुशील कुमार मोदी appeared first on The Wire - Hindi.

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में लाखों की संख्या में मामले लंबित हैं. ये अदालतें गर्मियों में लगभग 47 दिन और सर्दियों में लगभग 20 दिनों तक बंद रहती हैं, जबकि अन्य सभी सार्वजनिक कार्यालय साल भर काम करते रहते हैं.

Bengaluru: Chairman of the State Finance Ministers Group and Bihar Deputy Chief Minister Sushil Kumar Modi speaks during a press conference after meeting with the group of ministers constituted to monitor and remove IT challenges faced in implementation of GST, in Bengaluru on Saturday, July 14, 2018. (PTI Photo/Shailendra Bhojak)(PTI7_14_2018_000148B)

सुशील कुमार मोदी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में ग्रीष्मकालीन और दशहरा अवकाश की व्यवस्था को अंग्रेजों के जमाने की परंपरा बताते हुए बुधवार को केंद्र सरकार से ऐसी ‘छुट्टियों की छुट्टी’ पर विचार करने का आग्रह किया.

राज्यसभा में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थतम केंद्र संशोधन विधेयक, 2022 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में लाखों की संख्या में मामले लंबित हैं, जबकि निचली अदालतों में चार करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं.

उन्होंने कहा विकल्प अनुबंध हैं प्रकार कि न्याय व्यवस्था में देरी होने और उसके खर्चीले होने की वजह से आम जनता का न्यायपालिका पर से भरोसा उठता जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वैकेशन का सिस्टम है. हिंदुस्तान में कहीं भी वैकेशन का कोई प्रावधान नहीं है. अगर कोई आदमी काम करता है तो उसे साल में 50 या 60 छुट्टियां मिलती हैं और इसके प्रावधान हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता कि सचिवालय महीने भर के लिए बंद कर दिया गया हो.’

उन्होंने कहा कि गर्मियों में लगभग 47 दिन और सर्दियों में लगभग 20 दिनों तक अदालतें बंद रहती हैं, जबकि अन्य सभी सार्वजनिक कार्यालय साल भर काम करते रहते हैं. उन्होंने न्यायपालिका में छुट्टियों की व्यवस्था को ब्रिटिशकालीन परंपरा बताया, जो अभी भी जारी है.

भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऐसी चीजों को समाप्त करने का आह्वान किया है. उन्होंने सरकार से न्यायपालिका में छुट्टियों को खत्म करने और अन्य सार्वजनिक कार्यालयों और संगठनों की तरह वार्षिक छुट्टियों की व्यवस्था करने का आग्रह किया.

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एक और आश्चर्य की बात है कि अधीनस्थ और आपराधिक न्यायालयों (निचली अदालतों) में इस तरह की छुट्टियां नहीं हैं. सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों सहित शीर्ष न्यायालयों ने इस विशेषाधिकार को संस्थागत बना दिया है. उन्होंने कहा कि साल 2014 में पूर्व सीजेआई आरएम लोढ़ा ने भी छुट्टियों की व्यवस्था को खत्म करने की मांग की थी.

उन्होंने कहा, ‘आज देश के अंदर सारी संस्थाएं, सारे कार्यालय 365 दिन काम करते हैं और अगर किसी को छुट्टी चाहिए यानी एक आदमी छुट्टी पर जाएगा तो दूसरा आदमी काम करेगा, अगर दूसरा आदमी छुट्टी पर जाएगा तो तीसरा आदमी काम करेगा.’

उन्होंने कहा, ‘कोई कह सकता है कि वैकेशन बेंच काम करता है लेकिन वैकेशन बेंच में कितना काम होता है, यह हम सब लोग जानते हैं.’

उन्होंने कहा कि आजादी के पहले उस जमाने में न्यायाधीश अंग्रेज होते थे और उन्हें भारत की गर्मी बर्दाश्त नहीं होती थी.

उन्होंने कहा कि उस समय हवाई जहाज नहीं चलता था तो उन्हें पानी के जहाज से इंग्लैंड जाने में एक महीना और लौटने में एक महीना लगता था और महीना छुट्टियां बिताने में लग जाते थे.

उन्होंने कहा, ‘इसलिए वैकेशन की जो परंपरा प्रारंभ हुई, खासकर स्कूलों में और अदालतों में, इस ब्रिटिश परंपरा की जड़ें वहां पर है.’

उन्होंने कहा कि एक और आश्चर्य की बात है कि निचली अदालतों में किसी प्रकार की ‘वैकेशन’ नहीं है.

सुशील मोदी ने कहा, ‘मैं आपके माध्यम से कहना चाहूंगा कि ‘वैकेशन वैकेट’ यानी छुट्टियों की छुट्टी करो. छुट्टियों के लिए छुट्टी की आवश्यकता नहीं है.’

उन्होंने कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू बहुत ही क्रांतिकारी मंत्री हैं और वह सुधार के भी बहुत सारे काम कर रहे हैं. उन्होंने रिजिजू से आग्रह किया, ‘इस विषय को भी कैसे आगे बढ़ाया जाए, इसके बारे में विचार करना चाहिए.’

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