अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं
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इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.
2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.
3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.
4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.
5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
स्टॉक चुनने का सही तरीका क्या है?
इसके संदर्भ में, हम महत्वपूर्ण तरीकों के बारे में समझतें हैं:
१. टॉप डाउन दृष्टिकोण
२. बॉटम-अप दृष्टिकोण
टॉप डाउन दृष्टिकोण
- निवेश की इस पद्धति में, निवेशक देखकर विश्लेषण शुरू करता है
- व्यक्तिगत स्टॉक पर काम करने से पहले आर्थिक नीति जैसे इन्फ्लेशन, अर्थशास्रीय विकास, आर्थिक विकास, जैसी व्यापक घटनाएं।
निवेशक बाजार में प्रचलित कारणों, घटनाओं की तलाश करता है और उस अवसर को समझने की कोशिश करता है जो उससे प्राप्त किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, द इलेक्शन इन इंडिया सबसे ज्यादा चर्चित घटना है। इसलिए, चुनाव वह घटना / विषय है जिसे निवेशक इस दृष्टिकोण से प्रभावित निवेश के अवसर को पकड़ने के लिए देखेंगे ।
अधिकांश टॉप-डाउन निवेशक मैक्रोइकॉनॉमिक निवेशक हैं, जो व्यक्तिगत इक्विटी मार्किट के बजाय बड़े चक्रीय रुझानों को भुनाने पर केंद्रित होते हैं।
इसका मतलब यह है कि उनकी रणनीति किसी भी प्रकार के मूल्य-आधारित निवेश की दृष्टिकोण की तुलना में अल्पकालिक लाभ को कमाने के लिए है, ना कि मुल्यवान कंपनियों को अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं खोजने के लिए है।
बॉटम-अप दृष्टिकोण
निवेश की इस पद्धति में, निवेशक:
- व्यक्तिगत कंपनियों को देखकर और फिर उनकी खूबी और विशेषताओं के आधार पर एक पोर्टफोलियो का निर्माण करके उनका विश्लेषण शुरू करते है ।
- निवेशक इस तरीके के निवेश में सूक्ष्म आर्थिक कारणों पर ध्यान केंद्रित करता है।
- वे अपने स्टॉक चयन मापदंडो के आधार पर अपने शेयरों का चयन करते हैं जैसे कीमत से आय कई गुना, इक्विटी अनुपात में ऋण कम, नकद प्रवाह, प्रबंधन की गुणवत्ता आदि।
- निवेश निर्णय लेने से पहले उन स्टॉक पर उपलब्ध विश्लेषण रिपोर्टों और अन्य शोध पत्रों का मूल्यांकन करता है ।
- क्यूंकि व्यक्तिगत निवेशक अपना काफी समय निवेश के ऊपर शोध करने में व्यतीत करते है इसलिए वे अपने निवेश को लम्बे समय तक खरीद कर रखने की प्रवृत्ति रखते हैं। इसका मतलब यह है कि उनके निवेश को लाभ देने में अधिक समय लग सकता है, लेकिन संकट प्रबंधन में अधिक प्रभावी हो सकता है और अंततः निवेश से होने वाले संकट की तुलना में ये बुनियादी शोधपूर्ण होने के कारण इसमें इतना खतरा नहीं होता ।
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निष्कर्ष
- सभी निवेशकों के लिए कोई एक दृष्टिकोण नहीं होता है
- टॉप-डाउन या बॉटम-अप निवेश के बीच का निर्णय काफी हद तक व्यक्तिगत पसंद का मामला है।
- इन तकनीकों का सफलतापूर्वक उपयोग करने की कुंजी सही मापदंडो की अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं पहचान करना और व्यापक संदर्भ में स्टॉक का विश्लेषण करना है। यह आप StockEdge App की मदद से भी कर सकते है
- टॉप-डाउन निवेश मापदंड, मैक्रोज़ के चारों ओर घूमता है इसलिए इस बात को ध्यान में रखता है कि कौन सा क्षेत्र कौन से समय की अवधि में रिटर्न देगा। उदाहरण के लिए, फार्म सेक्टर के स्टॉक चक्रीय प्रकृति के होने के कारण मॉनसून के दौरान ही रिटर्न देते हैं।
- बॉटम-अप निवेश, किसी भी स्टॉक के सूक्ष्म अनुपात या वित्तीय विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए निवेश करते हैं और इसलिए किसी भी मैक्रोज़ से प्रभावित नहीं होते हैं।
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क्यों गिर रहा है भारतीय शेयर बाजार? आगे क्या हैं संभावनाएं? मॉर्गन स्टेनली के MD का विश्लेषण
रिदम देसाई ने कहा कि शॉर्ट टर्म में शेयर बाजार एक अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं दायरे में घूमता नजर आएगा.
शेयर बाजार (Stock market) में फिलहाल और गिरावट की आंशका है. ऐसा मानना है मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) के मैनेजिंग ड . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 07, 2022, अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं 17:47 IST
नई दिल्ली. शेयर बाजार (Stock Market) में जारी गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है. मंगलवार 7 जून को भी बाजार में अच्छी-खासी गिरावट आई. मॉर्गन स्टेनली के मैनेजिंग डायरेक्टर रिदम देसाई बाजार (Morgan Stanley MD Ridham Desai) ने बाजार में आई हालिया गिरावट के पीछे कुछ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारण गिनाए हैं. देसाई का कहना है कि बढ़ती महंगाई बाजार के लिए घातक है.
मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, CNBC TV-18 के साथ बातचीत में रिदम देसाई ने कहा कि शॉर्ट टर्म में शेयर बाजार एक दायरे में घूमता नजर आएगा. लेकिन, आगे इसमें और गिरावट आ सकती है. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) और अमेरिका में मंदी की आहट से निवेशक सहमे हुए हैं. ये दोनों ही कारण फिलहाल शेयर बाजार को गिराने में योगदान दे रहे हैं.
रेपो रेट बढ़ाने का हुआ नकारात्मक असर
देसाई ने कहा कि मई में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अचानक रेपो रेट में बढ़ोतरी करने का शेयर बाजार पर नकारात्मक असर हुआ है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी से निवेशकों में यह संदेश गया कि महंगाई का डर ज्यादा है. उन्होंने कहा कि अगर वित्त वर्ष 2023 में महंगाई ऊंचे स्तर पर रही तो इसका असर देश के विकास पर पड़ेगा.
मॉर्गन स्टेनली के एमडी ने कहा कि पाम ऑयल और सूरजमुखी के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और अमेरिकी मार्केट में मंदी की आशंकाएं भारतीय शेयर बाजार को डरा रही हैं. हालांकि, इस समय भारत पहले की तुलना में कीमतों के उछाल का सामना करने के लिए बेहतर स्थिति में है.
इन सेक्टर में दिख रही अच्छी संभावना
रिदम देसाई का मानना है कि वित्त वर्ष 2022 में 35 फीसदी EPS ग्रोथ के बाद वित्त वर्ष 2023 में अब EPS में मध्यम स्तर के ग्रोथ की संभावना है. उन्होंने कहा कि इस अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं समय बैंक, ऑटो और रियल एस्टेट स्टॉक अच्छे नजर आ रहे हैं. इनके अलावा ट्रैवल, लेजर, मीडिया और ऑटो एंसिलिरी स्टॉक भी देसाई की नजर में पॉजिटिव हैं. देसाई का कहना है कि सीमेंट सेक्टर अगले 2-3 साल के दौरान अंडरपरफॉर्म करता नजर आ सकता है. फिलहाल ये अच्छा आकार लेता नजर आ रहा है. भविष्य में उत्पादन स्तर में तेजी आने की संभावना है. इसके अलावा इन कंपनियों को बढ़ती मांग से भी फायदा होगा.
फर्टिलाइजर की कीमतें बिगाड़ेगी खेल
रिदम देसाई का कहना है कि अगर रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहता तो इससे फर्टिलाइजर की कीमतें बढ़ सकती हैं. युद्ध समाप्त न हुआ तो भारत को फर्टिलाइजर सब्सिडी पर अगले साल भी भारी खर्च करना होगा. भारत के लिए फर्टिलाइजर की कीमतों में बढ़ोतरी को सहना काफी मुश्किल होगा. अगर देश में उर्वरकों की कीमत बढ़ेगी तो खाद्य पदार्थ महंगे हो जाएंगे. इससे महंगाई बढ़ेगी. महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जाएगी और अंतत: इसका असर ग्रोथ में गिरावट के रूप में सामने आएगा.
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