Lankesh and me entering the parliament for the 1st time @[email protected]@pmo #memories#nostalgic. pic courtesy . @shivsagarchoprapic.twitter.com/S9nPbmIEbY — Dipika Chikhlia Topiwala (@ChikhliaDipika) April 14, 2020
डॉ। अरुण बाल बातचीत
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'टिश्यू' कैंसर के शिकार हो गए थे अरुण जेटली, समय रहते इसके संकेत पहचानना बहुत जरूरी
पूर्व वित्त मंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने आज दोपहर दिल्ली एम्स में 12 बचकर 7 मिनट पर आखिरी सांस ली। वह पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके जेटली कैंसर के शिकार हो गए थे, जिसके चलते उन्हें दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) अस्पताल 'लाइफ सपोर्ट सिस्टम' यानि 'वेंटिलेटर' पर रखा गया है। वह बीते 18 महीनों से सेहत संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरुण जेटली निधन टिश्यू कैंसर की वजह से हुआ है।
चलिए, आपको बताते हैं टिश्यू कैंसर के बारे में. कि यह किस तरह का कैंसर है
टिश्यू कैंसर बड़ा ही रेयर कैंसर है जिसे सरकोमा कैंसर कहते हैं जो हड्डियों या मांसपेशियों जैसे (टिश्यू) ऊतकों से शुरू होता है। यह शरीर के चारों ओर मौजूद टिश्यू में हो सकता है। इसमें मांसपेशियों, वसा, रक्त वाहिकाओं, तंत्रिकाओं के साथ-साथ ज्वांइट्स भी शामिल हैं। आज इस यह बीमारी से सबसे ज्यादा युवा चपेट में आ रहे है। इतना ही नहीं इस बीमारी को डायग्नोसिस करना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि यह कई तरह से बढ़ता है।
हालांकि अगर इसका असर हाथ, बाजुओं और पैरों पर होता है तो सर्जरी के द्वारा आराम मिल सकता है लेकिन अगर प्रारंभिक स्टेज पर ही इसका पता चल जाए तो.
सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा के लक्षण
सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा के शुरुआती दिनों में कोई भी लक्षण या संकेत सामने नहीं आते है। .ट्यूमर बढ़ना भी इसका एक कारण हो सकता है।
-शरीर के किसी हिस्से में गांठ या सूजन होना
-शरीर में दर्द होना,नसों या मांसपेशियों में दबाव
-कोई भी गांठ जो मांसपेशी के अंदर स्थित हो।
-गांठ जो तेजी से बढ़ती जा रही हो और उसमें दर्द भी हो
या गांठ हटाए जाने के बाद फिर से बननी शुरु हो जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इस बीमारी से बचाव के लिए समय-समय पर डाक्टरी जांच करवाएं और लाइफस्टाइल को हैल्थी रखें।
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आज हम बात कर रहे हैं उस टीवी सीरियल की जिसने इतिहास रच दिया था। जिसके कलाकारों को भगवान का रूप मान लिया अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? गया था। जिसने 90 के दशक में लोगों को रामायण का पाठ पढ़ाया था। जी हां, यहां बात हो रही है रमानंद सागर के सीरियल रामायण की। इस सीरियल के साथ बहुत से किस्से और कहानियां जुड़ी हैं। उस समय जो लोग बच्चे थे उनके लिए तो शायद अरुण गोविल ही राम थे। बच्चे तो बच्चे बड़ों को भी लगता था कि राम और सीता के रूप में अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया ही उन्हें आशीर्वाद देंगे।
पिछले साल जहां सीरियल रामायण और महाभारत का दोबारा टेलिकास्ट किया गया था वहीं अब इस साल भी कोरोना वायरस और कई जगह लॉकडाउन के चलते एक बार फिर से इसे टेलिकास्ट करने की बात की जा रही है। खुद दीपिका चिखलिया ने इस बारे में जानकारी दी है।
गुजरे जमाने का सबसे लोकप्रिय शो रामायण लोगों को राम की याद दिला चुका है। इस दौरान क्यों न उनकी कुछ ऐसी तस्वीरें देखी जाएं जो शायद आपने पहले न देखी हों। राम और लक्षमण को आपने रामायण में तो साथ देखा होगा, लेकिन अरुण गोविल और सुनील लहरी का वो अंदाज़ भी क्या आपने देखा है जो ऊपर तस्वीर में दिख रहा है। नहीं न?
अरुण गोविल जो बन गए राम-
अरुण गोविल की पहली फिल्म थी पहेली, इस फिल्म में उनका एक छोटा सा साइड रोल था। इसके बाद उन्होंने काम किया एक और फिल्म 'सावन आने दो' में। इसके बाद उन्हें मिला टीवी सीरियल विक्रम और बैताल जिसमें उन्होंने विक्रमादित्य का रोल किया और फिर बने वो राजा राम। वैसे तो इस बीच अरुण गोविल ने कई फिल्में कीं, लेकिन जो लोकप्रियता उन्हें राजा राम बनकर मिली वो शायद ही कभी उन्हें मिल पाती।
बहुत कम लोग जानते हैं कि अरुण गोविल असल में 17 साल की उम्र में मुंबई बिजनेस करने के लिए आए थे। पर उनका दिल नहीं लगा तो वो फिल्मों की ओर मुड़ गए। उनकी फिल्में सफल भी हुई हैं।
ये तस्वीरें अरुण गोविल की कुछ बॉलीवुड फिल्मों की ही हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि वो एक समय चेन स्मोकर हुआ करते थे, लेकिन उनकी लोकप्रियता राजा राम अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? के तौर पर इतनी बढ़ गई कि उन्हें पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग छोड़नी पड़ी।
दीपिका चिखलिया सीता से संसद तक-
दीपिका चिखलिया असल में सीता के रोल में बहुत ही अच्छी तरह से रम गई थीं। 1987 से पहले दीपिका की गिनती बी ग्रेड फिल्मों की हिरोइन में होती थी। दीपिका चिखलिया को लोग सीता के नाम से जानते उसके पहले उन्हें एक साइड एक्ट्रेस के रूप में देखते थे। इसके बाद उन्हें भी विक्रम और बैताल शो मिला और फिर रामायण। बस फिल दीपिका बन गईं सीता।
An old pic when I stood for election from baroda now called as Vadodara extreme right is our PM narendra modi ji nxt to hom was LK Advaniji अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? and me and nalin bhatt in charge of the election @[email protected]#lkadvani##contest#election#ramayan pic.twitter.com/H5PsttaodC
— Dipika Chikhlia Topiwala (@ChikhliaDipika) April 12, 2020
दीपिका चिखलिया राजनीति में भी सक्रीय रही हैं। मोदी और आडवाणी से मिलने के साथ-साथ 1991 की दसवीं लोक सभा चुनाव में ये वडोदरा सीट से लड़ी थीं। इसके बाद जिन सांसदों ने उस दौरान शपथ ली थी उनमें से एक दीपिका भी थीं।
Lankesh and me entering the parliament for the 1st time @[email protected]@pmo #memories#nostalgic. pic courtesy . @shivsagarchoprapic.twitter.com/S9nPbmIEbY
— Dipika Chikhlia Topiwala (@ChikhliaDipika) April 14, 2020
इस तस्वीर में देख लीजिए। वो संसद की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं वो हैं दीपिका यानी सीता और लंकेश रावण यानी अरविंद त्रिवेदी। इस समय वो पहले से ही 53 साल के हो चुके थे, लेकिन देखिए कुर्ता पैजामा पहन कितने स्टाइलिश लग रहे हैं। उन्हें भी भाजपा ने ही टिकट दिया था और जरा सोचिए उनका चुनावी कैम्पेन क्या रहा होगा? इनका चुनावी मुद्दा था राम मंदिर।
This is picture with the entire cast and crew of ramayan ..sagar Saab with his sons below [email protected] the direction team my extreme अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? right was the unit make up man ,blessed to have received this pic #memories #nostalgic##ramayan #@ValmikiRamayan @[email protected]/Ij1uxvrgQL
— Dipika Chikhlia Topiwala (@ChikhliaDipika) April 11, 2020
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सुनील लहरी जो थे आज्ञाकारी-
इस सबके बीच सुनील लहरी को भी काफी फेम मिला। मध्यप्रदेश के दमहो से ताल्लुक रखने वाले सुनील लहरी ने The Naxalites फिल्म से अपना डेब्यू किया था जिसमें उन्होंने एक बहुत छोटा रोल निभाया था, लेकिन वो फिल्म फ्लॉप रही। एक दो और फिल्मों और टीवी सीरियल में रोल अदा करने वाले सुनील लहरी का स्टारडम तो रामायण से ही जुड़ा है।
रामायण के बाद वो हर घर के चहीते बन गए थे। उन्होंने राम यानी अरुण गोविल के साथ मिलकर एक प्रोडक्शन कंपनी भी खोली थी जिसका नाम है राम लक्ष्मण। अब खुद ही देख लीजिए अपने जवानी के दिनों में वो कितने स्टाइलिश लगा करते थे।
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रामायण टीवी सीरियलने राम और सीता को घर-घर तक पहुंचा दिया था और इसका रीटेलिकास्ट भी काफी फेमस हो रहा है। हो सकता है आपको भी ये टीवी सीरियल काफी पसंद हो। अगर आपको ये स्टोरी पसंद आई तो इसे शेयर जरूर करें और साथ ही साथ ऐसी अन्य खबरों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
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रामायण में राम का किरदार निभाने के लिए अरुण गोविल ने हमेशा के लिए छोड़ दी थी ये लत
कहते है कि एक कलाकार को परदे पर रियल दिखने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। तब कही जा कर उसका अभिनय अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? निखर कर आता है। बता दे कि दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली रामायण में राम का किरदार निभाने वाले एक्टर अरुण गोविल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। जी हां अरुण गोविल को एक बु;री आदत थी और ऐसे में रामायण में राम बनने के लिए उन्होंने इस बु;री आदत को छोड़ दिया। वैसे इसमें कोई शक नहीं कि जो लोग किताबों में रामायण नहीं पढ़ सके और रामायण के बारे में नहीं जान सके, उन्हें टीवी पर देख कर रामायण के बारे में काफी कुछ पता चल गया होगा।
राम के किरदार के लिए पहले रिजेक्ट हो गए थे अरुण गोविल :
यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि रामायण को सम्पूर्ण बनाने में इसके सभी किरदारों का बहुत बड़ा हाथ है। खास करके अरुण गोविल का, जिन्होंने राम का किरदार निभा कर दर्शकों को प्रेम से खुद के सामने झुकने पर मजबूर कर दिया। हालांकि आपको ये जान कर हैरानी होगी कि पहले अरुण गोविल को इस किरदार के लिए रिजेक्ट कर दिया गया था। जी हां इस बारे में बात करते हुए अरुण गोविल ने बताया था कि पहले रामानंद सागर ने उन्हें यह रोल देने से मना कर दिया था।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनने के लिए छोड़ दी यह बुरी आदत :
वो इसलिए क्यूकि रामानंद सागर का ये मानना था कि जो व्यक्ति मर्यादा पुरुषोत्तम राम के किरदार को परदे पर निभाएगा, उसमें कोई बु;री आदत नहीं होनी चाहिए। मगर तब अरुण गोविल को सिग;रेट पीने की काफी बुरी आदत थी। तो ऐसे में इस रोल को हासिल करने के लिए अरुण गोविल ने सिग;रेट पीना छोड़ दिया। यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो इस किरदार ने उनके जीवन को संवार दिया। बता दे कि अरुण गोविल ने इसके इलावा भी कई फिल्मों अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? और शो में काम किया है, लेकिन जितनी प्रसिद्धि और प्यार उन्हें इस शो से मिला है, उतना किसी और शो से नहीं मिला।
भगवान की तरह पूजने लगे थे लोग :
जी हां उनकी प्रसिद्धि का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि उस दौर में लोग अरुण गोविल के पोस्टर अपने घरों में लगा कर उन्हें पूजते थे और शूटिंग के दौरान भी लोग उनके पास आ कर अपनी तकलीफें बताते थे। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अरुण गोविल ने इस किरदार को जीवित रूप से दर्शकों के सामने पेश करने के लिए और राम बनने के लिए काफी कड़ी मेहनत की है।
दोस्तों श्रीराम के किरदार में आपको कौन सा एक्टर सबसे ज्यादा पसंद है, इस बारे में हमें अपनी राय जरूर दीजियेगा।
एलटीसीजी की वापसी, शेयरों में तेजी का फायदा उठाएगी सरकार
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2018-19 के लिए आम बजट पेश किया है. एक बार फिर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स की वापसी हुई है.
बीडीओ इंडिया के मैनेजिंग पार्टनर मिलिंद कोठारी ने कहा, "उम्मीद के मुताबिक एलटीसीजी ने नए अवतार में वापसी की है. जैसा कि हम टैक्स नियमों के बारे में जानते हैं, यह स्थितियों को और खराब करेगा."
वित्त सचिव हंसमुख अधिया ने बजट के बाद दिए इंटरव्यू में ईटी नाउ से बातचीत में कहा कि देश में सिक्योरिटी ट्रांसेक्शन टैक्स कलेक्शन महज 9,000 करोड़ अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? रुपये ही है. इस लिए एलटीसीजी को इक्विटी बाजार में वापिस लाया गया है.
मार्केट दिग्गज मधुसुदन केला ने बजट से पहले ही अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? ईटी नाउ खास बातचीत में कहा था कि बाजार एलटीसीजी को फैक्टर नहीं कर रहा. इस स्थिति में कोई भी बदलाव बाजार अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? में गिरावट आ सकती है.
दोपहर 12.50 बजे, बीएसई सेंसेक्स 239 अंक या 0.67 फीसदी की गिरावट के साथ 35,747 पर था. इस समय निफ्टी 11,000 के स्तर के नीचे कारोबार करते रिकॉर्ड किया गया. हालांकि, 1.30 बजे के बाद बाजार की सूरत बदल की गई और प्रमुख सूचकांक हरे निशान में कारोबार करते नजर आए.
नॉन-इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों में एलटीसीजी की अवधि 36 महीनों की है. इस मामले में इंडेक्सेशन के बाद 20 फीसदी टैक्स लागू होता है. आईआईएफएल के संस्थापक निर्मल जैन के ट्वीट कर कहा, "यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि एसटीटी के रहते हुए एलटीसीजी वापस आ रहा है."
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