नतीजतन, उसने कहा, जब यह कृषि और पीवी की बात आती है, "मैं सतर्क हूं और अब के लिए लगता है कि सबसे अच्छी जगह सौर पैनलों डाल करने के लिए एक अपारदर्शी छत पर है कि आप जानते है कि कम से 30 साल के लिए खड़ा हो जाएगा."

Prediction by Face Shape: चेहरे का आकार बताता है कितने लकी हैं आप! रिसर्च में हुए रोचक खुलासे

न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पुरुषों और महिलाओं के चेहरे की 17,607 पासपोर्ट फोटो के चेहरे की चौड़ाई-लम्बाई को मापा. इससे निकले परिणामों से पता चला की चौकोर चेहरे वाले लोग अंडाकार चेहरे वालों से ज़्यादा गुस्सैल और आक्रामक होते हैं और यह चीज खासतौर पर पुरुषों में ज्‍यादा पाई गई. इसके अलावा भी चेहरे के अन्‍य आकारों को लेकर भी रोचक बातें निकलकर आईं.

जिन लोगों का चेहरा चौकोर होता है वो लोग बहुत ही ज्‍यादा तेज, फुर्तीले और महत्वकांक्षी होते हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए यह लोग किसी भी हद तक जा सकते है. ये विद्रोही रूप भी अख्तियार कर सकते हैं . बहुत आसानी से वे दूसरों पर तेज प्रवृत्ति की भविष्यवाणी अपना इम्प्रेशन जमा सकते हैं और आसानी से कंफ्यूज भी नहीं होते हैं.

Jyotish Shastra : जन्मकुंडली से ऐसे जानें, कैसी होगी आपकी पत्नी

Jyotish Shastra : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातक की जन्मकुंडली में जातक के जीवन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं का राज छिपा रहता है। जन्मकुंडली से आप लोग अपने जीवन के संदर्भ में सभी बातों को जान सकते हैं। व्यक्ति की जन्मकुंडली से उसकी आयु, पद-प्रतिष्ठा, पत्नी और पुत्र आदि अनके विषयों के बारे में पता चल जाता है। जन्मकुंडली का सप्तम भाव पत्नी के गुण और अवगुण आदि के बारे में बताता है। तो आइए जानते हैं जन्मकुंडली के अनुसार आपकी होने वाली पत्नी के स्वभाव और गुणों के बारे में।

  • सप्तम भाव में मेष राशि हो तो व्यक्ति स्वयं भी क्रोधी, हठी तथा अपना काम बनाने वाला होता है तथा पति-पत्नी आदि में कलह होता रहता है।
  • वृषभ राशि सप्तम भाव में हो तो जातक की पत्नी सुन्दर-सुशील एवं धैर्यशील, अपने पर अभिमान करने वाली होती है।
  • मिथुन राशि सप्तम भाव में हो तो उसकी पत्नी मध्यम, उत्तम विचार वाली एवं मनमोहक होती है।
  • कर्क राशि सप्तम में हो तो स्त्री अत्यन्त सुन्दर, मधुर स्वभाव, सहज एवं सब का मन मोह लेने वाली अत्यन्त भावुक होती है।
  • सिंह राशि सप्तम भाव में हो तो क्रोधी स्वभाव की पत्नी साथ ही तनाव देने वाली तथा अपनी बातों को मनवाने वाली, क्रोधी, कलह करने वाली होती है, परन्तु मस्तिष्क से बहुत तेज और बुद्धिमान होती है।
  • कन्या राशि सप्तम भाव में हो तो सुन्दर-सुशील, लज्जाशील, मधुरभाषी, सौभाग्य युक्त और सम्पत्ति को बढ़ाने वाली पत्नी प्राप्त होती है। सन्तान पक्ष को लेकर चिन्ता रहती है। लेकिन चिन्ताओं से मुक्त होकर अपने पति को मार्ग दिखाने वाली होती है।
  • जिसकी कुंडली तेज प्रवृत्ति की भविष्यवाणी के सप्तम भाव में तुला राशि हो उसे सुन्दर-सुशील, उच्च शिक्षा युक्त, धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाली, साहसी, सौन्दर्य प्रिय तथा आभूषण प्रिय पत्नी प्राप्त होती है तथा उसे सजावट एवं साफ-सुथरा अत्यन्त प्रिय होता है, साथ ही वह उदारवादी प्रवृत्ति की भी होती है।
  • जिसकी कुंडली के सप्तम भाव में वृश्चिक राशि हो तो वह अधूरी शिक्षा, भाग्यहीनता, बाल्यावस्था से ही कठोर परिश्रम, हर क्षेत्र में असफलता, ससुराल पक्ष कमजोर, हीन भावना आदि से ग्रसित होता है।
  • जिसकी कुंडली के सप्तम भाव में धनु राशि हो तो वह अहंकारी, सम्मान पाने के लिए कुछ भी करने वाली, सुन्दर तथा अल्प शिक्षा से युक्त परन्तु कला आदि में रुचि रखने वाली होती है और उसे तेज प्रवृत्ति की भविष्यवाणी ससुराल पक्ष से जीवन में सहयोग प्राप्त होता है।
  • जिसकी कुंडली में सप्तम भाव में मकर राशि हो उसकी स्त्री अल्प शिक्षित, शृंगार आदि में समय व्यर्थ करने वाली, क्रोधी, तंत्र-मंत्र टोटके आदि में विश्वास रखने वाली, किसी भी प्रकार का व्यंग्य न सहने वाली, अपनी बातें दूसरों के ऊपर थोपने वाली होती है तथा वह घृणा करने में भी पीछे नहीं रहती।
  • जिस जातक की कुंडली के सप्तम भाव में कुंभ राशि हो तो स्त्री संघर्ष करते हुए विपत्तियों से लड़ने वाली, दृढ़ता से हर कार्य करने वाली, ईश्वर में आस्था रखने वाली, पुण्य कार्यों में रुचि रखने वाली परन्तु अंहकार की भावना रखने वाली होती है और अपने यश एवं प्रतिष्ठा के लिए प्रयत्न करती तेज प्रवृत्ति की भविष्यवाणी रहती है। उसको चाहिए कि लोग उसकी बढ़ाई व प्रशंसा करते रहें। ऐसे व्यक्ति झूठी शान में जीवन यापन करते रहते हैं।
  • जिस जातक की कुंडली में सप्तम भाव में मीन राशि हो तो स्त्री धर्म से युक्त, दान-पुण्य देने में विश्वास रखने वाली, भगवान में अटूट श्रद्धा रखने वाली, जीवन में अनेक कठिनाइयों से लड़ने वाली, चंचल स्वभाव तथा तुरन्त उत्तर देने में सक्षम होती है।

कृषि पीवी अफ्रीका के अगले बड़े सौर बाजार प्रवृत्ति हो सकता है

Zimbabwe

उन्होंने एक ईमेल में कहा, कृषि क्षेत्र की बिजली की मांग और आपूर्ति प्रोफाइल सौर पीवी को एकदम फिट बनाते हैं । "हम इस प्रवृत्ति की परिकल्पना के रूप में सौर पीवी प्रौद्योगिकी परिपक्व जारी रखने के लिए और लागत में कमी जारी है."

अफ्रीका में दिन के दौरान सौर उत्पादन की लागत और विश्वसनीयता को देखते हुए, "इस तरह का आवेदन लागू होता है जहां भी साल भर में बिजली का दिन का उपयोग होता है," उन्होंने कहा ।

जबकि शब्द "कृषि सौर" अक्सर एक ही भूमि पर पीवी परियोजनाओं के सह स्थान को संदर्भित करता है, जहां फसलों बढ़ने या पशुधन चराई, अफ्रीका में, स्थान पहलू प्राथमिक ध्यान केंद्रित नहीं है । इसके बजाय, यह तथ्य यह है कि व्यवसायों मुख्य रूप से सौर बिजली का उपयोग करने के लिए सिंचाई के पानी पंप और यह शिपिंग से पहले उपज ठंडा है ।

कम लागत, विश्वसनीय बिजली के स्रोत के रूप में सौर

जिम्बाब्वे तेज प्रवृत्ति की भविष्यवाणी के नहब फ्रेश एक्सपोर्ट्स के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन एडविन मासिम्बा मोयो ने एक इंटरव्यू में कहा, दोनों स्थितियों में पीवी ग्रिड सप्लाई से ज्यादा भरोसेमंद और डीजल जनरेशन से सस्ता हो सकता है ।

ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, रसभरी और मटर के अफ्रीका के शीर्ष निर्यातकों में से एक, Nhimbe ताजा तुषार किया गया है ग्रिड बंदी से जिसे हल करने में कई सप्ताह लग सकते हैं, जिससे सिंचाई की हानि हो सकती है या माल की खराबी हो सकती है जिसे चुनने के बाद फ्रिज में रखा जाना है।

अब तक, Nhimbe डीजल gensets पर भरोसा किया है ग्रिड बंदी के माध्यम से सवारी । लेकिन डीजल की लागत महत्वपूर्ण हो सकती है - एक साल में $ 800,000 तक। मोयो ने कहा, ' यह एक बड़ी संख्या है ।

इस समस्या से उबरने के लिए, Nhimbe अपने खेत, पंप साइटों, पैक हाउस और कोल्ड स्टोरेज के लिए लगभग १.९ मेगावाट सौर प्लस ३.९ मेगावाट की बैटरी प्रणाली की खरीद कर रहा है ।

परती क्षमता तेज प्रवृत्ति की भविष्यवाणी अनलॉक करने के लिए नए वित्तपोषण मॉडल

मोयो ने कहा कि सन एक्सचेंज का फंडिंग मॉडल नह्बे के सौर में जाने को सक्षम तेज प्रवृत्ति की भविष्यवाणी करने में एक निर्णायक कारक था । अवधारणा का लाभ यह है कि खरीद और स्थापना की अग्रिम लागत सन एक्सचेंज निवेशकों द्वारा वहन की जाती है, जो तब ग्राहक द्वारा किए गए बिजली भुगतान से लाभ प्राप्त करते हैं।

कैम्ब्रिज ने कहा, "यह खेतों और कृषि व्यवसायों तेज प्रवृत्ति की भविष्यवाणी को कोई उपकरण, स्थापना, बीमा या चल रही परिचालन लागत के साथ सौर जाने की अनुमति देता है," जिसके परिणामस्वरूप "पूरे 20 साल के पट्टे की अवधि में कम से 20 प्रतिशत की तत्काल ऊर्जा लागत में कमी और ४० प्रतिशत से अधिक की औसत बचत होती है ।

अन्य खरीद विकल्प भी उपलब्ध हैं। दक्षिण अफ्रीकी फोटोवोल्टिक उद्योग संघ के साथ स्पेंसर ने कहा कि सबसे आम मॉडल के लिए एक सौर प्रणाली एकमुश्त है, जो तीन और पांच साल के बीच की एक लौटाने की अवधि पैदावार खरीद रहा है ।

छत और ग्रीनफील्ड विकल्प बनाम फसलों के साथ सौर मिश्रण

वित्त तक पहुंच से अफ्रीका में कृषि-पीवी की गति में और वृद्धि होने की संभावना होगी । लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या खेती के साथ पीवी बांधना के कथित लाभों को दुनिया के अन्य हिस्सों में दोहराया जा सकता है-खासकर जब सौर पैनलों को सीधे खेत पर बैठाया जाता है ।

चीन में एक ब्लूमबर्गईएफ अध्ययन, जहां पीवी के कई गीगावाट कृषि के साथ सह-स्थित हैं, पाया कि बांधना का मुख्य कारण मजबूत बिजली की मांग और ग्रिड संसाधनों वाले क्षेत्रों में सीमित भूमि उपलब्धता थी। स्थिति खेती के लिए या पीवी के लिए इष्टतम नहीं था, अध्ययन में पाया गया ।

"कुछ भी कृषि के साथ क्या करने के लिए एक वैश्विक विश्लेषण के साथ समस्या यह है कि यह जलवायु परिस्थितियों से अलग है, फसल आप विकसित करना तेज प्रवृत्ति की भविष्यवाणी चाहते है [और] श्रम और मशीनरी की उपलब्धता," जेनी चेस, BloombergNEF में सौर विश्लेषण के प्रमुख, एक ईमेल में लिखा था । "यह भी साल से अलग कर सकते हैं."

कोरोना: अप्रैल के मध्य में चरम पर होगी दूसरी लहर, सबसे प्रभावित राज्य होगा पंजाब- विशेषज्ञ

कोरोना: अप्रैल के मध्य में चरम पर होगी दूसरी लहर, सबसे प्रभावित राज्य होगा पंजाब- विशेषज्ञ

देश में इस समय कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर चल रही है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को भी देश में 89,129 नए मामले सामने आए हैं। इसी बीच चिकित्सा विशेषज्ञों ने एक भविष्यवाणी करते हुए सरकार और लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है। वैज्ञानिकों ने एक एक गणितीय मॉडल के जरिए अनुमान लगाया है कि देश में जारी महामारी की दूसरी लहर अप्रैल के मध्य में चरम पर पहुंच जाएगी।

भारत में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति

भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 89,129 नए मामले सामने आए और 714 मरीजों की मौत हुई है। ये पिछले छह महीनों में एक दिन में मिले सर्वाधिक मरीज हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,23,92,260 हो गई है। इनमें से 1,64,110 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 6,58,909 हो गई है।

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के मनिंद्र अग्रवाल सहित अन्य वैज्ञानिकों ने SUTRA नाम के मॉडल का प्रयोग संक्रमण के मामलों में वर्तमान वृद्धि की प्रवृत्ति का अनुमान लगाया है। इसमें वैज्ञानिकों ने पाया कि वैश्विक महामारी की जारी लहर में संक्रमण के रोजाना के नये मामले अप्रैल के मध्य में चरम पर पहुंच जाएंगे। इसी मॉडल के जरिए वैज्ञानिकों ने पहली लहर के अगस्त-सितंबर में चरम पर होने का अनुमान लगाया था।

मई के अंत तक बिल्कुल कम हो जाएंगे मामले- अग्रवाल

वैज्ञानिक अग्रवाल ने कहा, "इस बात की बहुत आशंका है कि भारत में मामले 15 से 20 अप्रैल के बीच बहुत बढ़ जाएंगे, लेकिन मामलों में गिरावट भी इतनी ही तेजी से होगी और मई के अंत तक मामले बेहद कम हो जाएंगे।" उन्होंने कहा, "तेज वृद्धि के कारण नए मामलों की चरम तेज प्रवृत्ति की भविष्यवाणी संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है। वर्तमान में प्रतिदिन करीब एक लाख नए मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इनमें घटत और बढ़त भी हो सकती है।"

वैज्ञानिक अग्रवाल ने कहा, "मौजूदा लहर में पहला राज्य जहां कुछ दिनों में मामले चरम पर पहुंचेंगे वह पंजाब हो सकता है और उसके बाद महाराष्ट्र का नंबर रहेगा।" हालांकि, नए चरम को लेकर मॉडल का अनुमान संक्रमण के रोजाना के मामलों के डाटा के प्रति संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा, "प्रतिदिन मामलों में थोड़ा सा भी परिवर्तन चरम संख्या में कई हजार संख्या का बदलाव आ सकता है, लेकिन चरम का समय मध्य अप्रैल ही रहेगा।"

अन्य वैज्ञानिकों ने भी अप्रैल-मई को बताया चरम का समय

हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी तेज प्रवृत्ति की भविष्यवाणी के गौतम मेनन समेत अन्य वैज्ञानिकों की व्यक्तिगत गणना में भी संक्रमणों के चरम पर पहुंचने का अनुमान मध्य अप्रैल और मध्य मई के बीच जताया गया है। मेनन ने कहा, "संक्रमण के मामलों में महज पांच दिनों का तेज उछाल भी किसी भी अत्यधिक सटीक भविष्यवाणी, इनपुट से जुड़ी कई अनिश्चितताओं को बढ़ा सकती है।" ऐसे में अब इन भविष्यवाणियों को देखते हुए सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे।

अग्रवाल ने बताया कि भविष्यवाणी के लिए SUTRA मॉडल में तीन मुख्य मापदंडों का उपयोग किया गया है। सबसे पहले संपर्क दर या बीटा को देखा गया है, जिसमें यह पता चलता है कि एक व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित करता है। इसी तरह 'रीच' का अध्ययन किया जाता है, जिसमें यह पता चलता है कि संक्रमण का विस्तार कहां तक पहुंचा। इसके बाद 'एप्सिलॉन के तहत पता लगाए गए और अनिर्धारित संक्रमण के मामलों को देखा जाता है।

गोल्‍ड प्राइस फ्यूचर: क्या उम्मीद करें

भविष्य में, एमसीएक्स पर सोने की कीमतों में सकारात्मकता के साथ ट्रेड होगा। यह पूर्वानुमान निम्नलिखित चिंताओं के कारण है:

  • उच्च मुद्रास्फीति
  • भू-राजनीतिक अनिश्चितता

संक्षेप में, यह आने वाले हफ्तों में भारतीय बाजार के लिए सोने की कीमतों में मामूली सुधार को दर्शाता है। वर्तमान में, एमसीएक्स पर सोने की कीमतें 51,315 रुपये के रेज़िस्‍टेंस लेवल पर ट्रेड कर रही हैं। यदि यह लेवल लंबे समय तक बना रहता है, तो हम जल्द ही 52,000 रुपये तक बढ़ने की उम्मीद कर सकते हैं। इसका असर चांदी की कीमतों पर भी पड़ेगा, जिसके 63,500 रुपये के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह डेटा आईसीआईसीआई डायरेक्ट द्वारा रिपोर्ट किया गया था।

13 जून की शुरुआत में कॉमेक्‍स गोल्ड की कीमतों की शुरुआत कमजोर रही थी। अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा आक्रामक नियामक दृष्टिकोण का पालन करने की उम्मीद के कारण, आने वाले दिनों में डॉलर और मजबूत होगा। इसका भारतीय गोल्‍ड मार्केट पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

भारत में सोने की कीमत में इस गिरावट का क्या कारण है?

मई 2022 में, संयुक्त राज्य में मुद्रास्फीति बढ़कर 8.6% हो गई। अमेरिका के लेबर डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में यह महंगाई 40 साल में सबसे ज्यादा थी। दुनिया भर के वित्तीय विश्लेषकों को यूनाइटेड स्टेट्स फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के उद्देश्य से आने वाले महीनों में यह वृद्धि होने की उम्मीद है।

10 जून को कॉमेक्स गोल्ड की कीमतों में 1% से अधिक की बढ़ोतरी हुई थी। आईसीआईसीआई डायरेक्ट के अनुसार, यह निम्नलिखित कारणों से हुआ:

  • महंगाई के आंकड़े उम्मीद से ज्यादा थे।
  • ग्‍लोबल मार्केट में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति।

उच्च मुद्रास्फीति के कारण बेंचमार्क यूएस 10-ईयर ट्रेज़री यील्ड भी बढ़ाया गया है। इसी तरह, डॉलर इंडेक्स में भी तेजी आई। यह बेंचमार्क यील्ड 13 जून को उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में भी इसी तरह की तेजी देखी गई।

रेटिंग: 4.53
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 216