Swap- स्वैप
क्या होता है स्वैप?
स्वैप (Swap) डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट होता है, जिसके जरिये दो पक्ष दो विभिन्न फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट से कैश फ्लो या लायबिलिटी का आदान प्रदान करते हैं। अधिकांश स्वैप में लोन या बॉन्ड जैसे नोशनल प्रिंसिपल अमाउंट पर आधारित कैश फ्लो शामिल होते हैं, हालांकि इंस्ट्रूमेंट लगभग कुछ भी हो सकता है। आम तौर पर प्रिंसिपल ट्रान्सफर नहीं होता। प्रत्येक कैश फ्लो स्वैप के एक लेग से निर्मित होता है। एक कैश फ्लो आम तौर पर फिक्स्ड होता है जबकि अन्य वैरियेबल होता है और एक बेंचमार्क ब्याज दर, फ्लोंटिंग करेंसी एक्सचेंज रेट या इंडेक्स प्राइस पर आधारित होती है। सबसे सामान्य प्रकार का स्वैप एक ब्याज दर स्वैप होता है। इसके बजाय, स्वैप मुख्य रूप से व्यवसायों या वित्तीय संस्थानों जो मुख्य रूप से दोनों पक्षों की आवश्यकताओं के लिए कस्टमाइज्ड होते हैं, के बीच ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) कॉन्ट्रैक्ट होते हैं।
स्वैप को समझना
इंटरेस्ट रेट स्वैप में पार्टियां इंटरेस्ट रेट रिस्क के खिलाफ हेज करने के लिए या स्पेकुलेट करने के लिए नोशनल प्रिंसिपल अमाउंट (इस राशि को वास्तविक रूप से एक्सचेंज नहीं किया जाता) पर आधारित कैश फ्लो का आदान प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए, कल्पना कीजिए कि एबीसी कंपनी ने अभी तुरंत एक वैरियेबल वार्षिक ब्याज दर जिसे लंदन इंटरबैंक ऑफर्ड रेट (लिबोर) प्लस 1.3 (या 130 आधार अंक) के रूप में परिभाषित किया गया है, के साथ पांच वर्षीय बॉन्ड में 10 लाख डॉलर जारी किया है। मान लीजिए लिबोर 2.5 प्रतिशत है और एबीसी मैनेजमेंट ब्याज दर के बढ़ने को लेकर चिंतित है। मैनेजमेंट टीम एक दूसरी कंपनी एक्सवाईजेड इंक. पाती है जो एबीसी को पांच वर्षों के लिए 10 लाख डालर के नोशनल प्रिंसिपल पर लिबोर प्लस 1.3 प्रतिशत की वार्षिक दर अदा करने की इच्छुक है। दूसरे शब्दों में, एक्सवाईजेड अपने नवीनतम बॉन्ड इश्यू पर एबीसी के ब्याज भुगतान को फंड करेगी। इसके बदले, एबीसी एक्सवाईजेड को पांच वर्षों के लिए 10 लाख डॉलर की नोशनल वैल्यू पर पांच प्रतिशत की निर्धारित वार्षिक दर का भुगतान करेगी। एबीसी को स्वैप से लाभ प्राप्त होगा अगर दरें अगले पांच वर्षों में उल्लेखनीय रूप से बढ़ जाएंगी, घटेंगी तो एक्सवाईजेड लाभान्वित होगी।
SIM swap क्या होता है और SIM swap से कैसे बचा जा सकता है? I How can SIM swap be avoided?
आपको पता है क्या? आपके हाथ का मोबाइल फ़ोन एक ऐसा अवजार है जिसे साइबर क्रिमिनल आपके वित्तीय खातों तक पहुंचने का एक रास्ता तेह करता है। इस फ्रॉड को सिम स्वैपिंग के रूप में जाना जाता है। साइबर क्रिमिनल आपके मोबाइल सिम पर कण्ट्रोल पा लेता है, जो की आपके नंबर को हाईजैक करके
इसका उपयोग आपके संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा और खातों तक पहुंच प्राप्त करने के लिए कर सकता हैं।
सिम स्वैपिंग घोटाले कैसे काम करते हैं?
एक सिम स्वैप स्कैम जिसे SIM splitting, sim hijacking, sim jacking और port-out scamming भी कहते है।
एक साइबर क्रिमिनल किसी भी व्यक्ति के दो कमजोरी का फायदा उठाते है। उसमे authentication और verification शामिल है। जिसमे एसएमएस भेजना और आपके मोबाइल नंबर पर कॉल करना है।
मोबाइल में सिम कार्ड के बिना फ़ोन को authorised नहीं कर सकते है। इसका फायदा धोखेबाज आपके मोबाइल नंबर पर नियंत्रण करने में सक्षम होता है और आपका नंबर चुराने के लिए, स्कैमर्स आप पर उतनी ही व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा करके शुरू करेगा जितनी सोशल इंजीनियरिंग में प्राप्त कर सकता है।
स्कैमर आपके वायरलेस कैरियर से संपर्क करके यह दावा करते हैं कि आपने सिम कार्ड को खो दिया है। ग्राहक सेवा (कस्टमर केयर ) प्रतिनिधि को एक नया सिम कार्ड सक्रिय करने के लिए कहते है। और यह आपके टेलीफ़ोन नंबर को क्रिमिनल अपने डिवाइस में पोर्ट करता है जिसमें एक अलग सिम होता है। या, वे दावा कर सकते हैं कि उन्हें नए फोन पर स्विच करने में मदद चाहिए।
बादमे सिम की अदला-बदली करके क्रिमिनल पर्सनल डाटा को चोरी करता है। उसके पास पूरी तरह से कण्ट्रोल होता है। उसका आपके मर्जी के विरुद्ध इसका दुरूपयोग करना शुरू कर देता है। एक बार ऐसा हो जाने के बाद, वे तुरंत आपके मोबाइल ऑपरेटर से संपर्क करते हैं, आपके मौजूदा सिम कार्ड को ब्लॉक करते हैं, और एक नया सिम कार्ड प्राप्त करते हैं।
सोशल मीडिया और सिम स्वैप घोटाला
सोशल मीडिया भी किसी victim के लिए trap हो सकता है। सोशल मीडिया जैसे फेसबुक पर bio के लिए पूछता है और हम जैसे आम व्यक्ति उधऱ भर-भर के पर्सनल डेटा डालते है। इसका फायदा एक fraudster आपके प्रोफाइल के भीतर उस जानकारी को खोजने के लिए करता है।
ऐसे कौनसे लक्षण है जिससे आप सिम स्वैप का शिकार हुए है ?
सिम स्वैप फ्रॉड स्वैप दरों से कैसे बचें? किसी के साथ भी हो सकता है, जो व्यक्ति दर व्यक्ति पर निर्भर करता है की उसकी सतर्कता कैसी है। और सिम स्वैप फ्रॉड के आगे बने रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उसके संकेत को पहचानना महत्वपूर्ण हो सकता है।
इसके कुछ लक्षण हो सकते है।
जैसे की आपको एसएमएस नहीं आ रहे है, कॉल नहीं आ रहे है। तो यह पहला बड़ा संकेत कि आप सिम स्वैपिंग का शिकार हो सकते हैं, जब आपका फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज नहीं चल रहा हो। इसमें fraudster आपके सिम को यूज़ कर रहा होगा या फिर निष्क्रिय कर चूका होगा। यदि आपके पास कोई नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं है और आप असामान्य रूप से लंबे समय तक कोई कॉल या एसएमएस प्राप्त नहीं कर रहे हैं, तो अपने मोबाइल ऑपरेटर से पूछताछ करें।
सिम स्वैप से खुद को बचा ने के लिए क्या करे ?
- ऑनलाइन व्यवहार जैसे फिशिंग मेल से बचे रहे। फिशिंग मेल आपके डिवाइस पर हमला करने का तरीका है जिससे आप अपने डिवाइस पर का कण्ट्रोल खो सकते हो और पर्सनल डेटा तक भी खो सकते हो।
- ऑनलाइन पर्सनल डेटा को शेयर करने से बचे। अपना पता, फ़ोन नंबर, मेल आईडी जैसे डिटेल्स को डालने से खुद को रोखे।
- अपने डिवाइस पर पिन कोड सेट करे। जैसे किसी भी मोबाइल फ़ोन पर अपने संचार के लिए एक अलग पासकोड या पिन सेट करने की अनुमति होती है, तो इसका इस्तेमाल करे।
- अपने पर्सनल अकाउंट को सुरक्षा दे, मजबूत पासवर्ड रखे, Q & A के साथ अपने सेलफोन की सुरखा को और भी बढ़ाये।
- Authentication ऍप्स का इस्तेमाल करे जैसे गूगल ऑथेंटिकेटर।
- अपने फ़ोन के साथ आपके टेक्स्ट भी एन्क्रिप्टेड नहीं है उसका भी ध्यान रखे।
- कई अज्ञात कॉल प्राप्त करने की स्थिति में अपने स्मार्टफोन को कभी भी बंद न करें। यह एक चाल हो सकती है कि आप अपने फोन को बंद कर दें और छेड़छाड़ वाले नेटवर्क कनेक्शन को देखने से रोकें।
- अनियमितताओं की पहचान करने के लिए अक्सर अपने बैंक स्टेटमेंट की जांच करें।
क्या घोटाले इतने खतरनाक होते हैं?
आमतौर पर सिम स्वैपिंग का मुख्य उद्देश्य आपके बैंक खाता तक पहुंचना होता है। जिसमे आपको वित्तीय धोका स्वैप दरों से कैसे बचें? हो सकता है।
यदि ऐसे मामलों में फ्रॉस्टर पीड़ित के डिजिटल और व्यक्तिगत जीवन पर भी असर डालता है। हैकर्स सोशल मीडिया पर जाके आपके पर्सनल डेटा लीक कर सकता है या फिर संवेदनशील संदेश, फ़ोन कॉल्स को डाउनलोड कर करके आपको लंबे समय तक हानी पंहुचा सकता है।
In summary
जबकि देखा जाये सिम स्वैप घोटाला किसी के साथ भी हो सकता है। तो यह ध्यान में रखे। आपकी लापरवाही आपको बड़ी नुकसानदायी हो सकती है। तो हमेशा सतर्क रहे और लेख में उल्लिखित किये गए चरणों का शिकार होने से बचने के लिए इस्तेमाल करे। इसके अतिरिक्त, आप किसी भी पूरक सुरक्षा सेवाओं के बारे में पूछताछ करने के लिए अपने बैंक और दूरसंचार प्रदाताओं से संपर्क बनाये रखे।
सिम स्वैप फ्रॉड: फोन पर कॉल कर ऐसे बनाते हैं सिम क्लोन, खाली कर देते हैं बैंक अकाउंट
सिम स्वैप, ये हैकर्स का नया स्वैप दरों से कैसे बचें? हथियार है जिसके जरिए वो आजकल आम लोगों को चूना लगा रहे हैं. इसमें हैकर्स आपको ही फोन करके आप . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 25, 2018, 14:37 IST
सिम स्वैप, ये हैकर्स का नया हथियार है जिसके जरिए वो आजकल आम लोगों को चूना लगा रहे हैं. इसमें हैकर्स आपको ही फोन करके आपके सिम का क्लोन बना लेते हैं. और ओटीपी हासिल कर आपका अकाउंट खाली कर देते हैं. ये कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि ये नया तरीका है जिसके जरिए हैकर्स आपकी गाढ़ी कमाई पर सेंध लगा रहे हैं. टेक्निकल भाषा में इस ऑनलाइन फ्रॉड को सिम स्वैप कहा जाता है. आइए जानें इसके बारे में.
क्या होता हैं सिम स्वैप- हैकर्स खुद को टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बताकर आपका 20 अंकों वाला सिम कार्ड नंबर लेते हैं. जिसके बाद किसी खास सर्विस के लिए आपको एक नंबर दबाकर रिप्लाई करने को कहा जाता है. जैसे ही आप ये नंबर दबाते हैं आपके मोबाइल से नेटवर्क गायब हो जाता है, और यहीं से सिम स्वैप का डर्टी गेम शुरू होता है. (ये भी पढ़ें-VIDEO: सावधान! ऐसे चोरी होती है ATM कार्ड से आपकी जानकारी, भूलकर भी न करें ये काम)
इस तरह से लगाते हैं चूना-जैसे ही आप हैकर्स को अपना सिम नंबर देते हैं वो आपका डुप्लिकेट सिम बना लेता है.
>> जब आप खास मैसेज पर रिप्लाई करते हैं तो कंपनी को लगता है कि आपने नए सिम के लिए अप्लाई किया है.
>> जिसके बाद आपका सिम बंद हो जाता है. ठीक उसी समय हैकर्स के पास मौजूद आपके डुप्लिकेट सिम पर नेटवर्क आ जाता है.
>> ये सब कुछ होने में 2-3 घंटे का वक्त लगता है. उस बीच चालाक हैकर्स आपको लगतार कॉल करते हैं ताकि आप परेशान होकर या तो फोन बंद कर दें या फिर उसे म्यूट कर दें और आपको किसी तरह का कोई मैसेज अपने सर्विस प्रोवाइडर से न मिले.
>> एक बार सिम स्वैप सक्सेसफुल हुआ तो फिर आपको वो कभी पता नहीं लगेगा.
>> इस तरह के फ्रॉड में हैकर्स के पास आपका बैंक अकाउंट नंबर या एटीएम कार्ड नंबर पहले से होता है, जो वो फिशिंग के जरिए हासिल कर चुका होता है.
>> बस जरूरत होती है तो ओटीपी की जो आपके सिम स्वैप करने से मिल जाता है.
>> ओटीपी हासिल होते ही आपकी मेहनत की कमाई मिनटों में उड़ जाती है.
>> ये हैकर्स इतने चालाक होते हैं कि कई बार फोन करके तो ये आपको इतना परेशान कर देते हैं कि आप गुस्से में आकर फोन ही बंद कर देते हैं.
>> इसी का वो इंतजार करते हैं ताकि पैसे उड़ाने पर आपके नंबर पर बैंक के मैसेज ना आएं. (ये भी पढ़ें- SBI अकाउंट से करते हैं ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर, तो जान लें ये 4 काम की बातें)
फ्रॉड हो जाने पर क्या करें-अगर आपके साथ धोखा जाए तो फिर फ्रॉड का पता लगते ही बैंक को सूचना दें.
>> एटीएम कार्ड ब्लॉक कराएं और इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड बदलें.
>> बैंक से की गई कंप्लेन नंबर और एसएमसी सुरक्षित रखें.
>> पुलिस की साइबर क्राइम सेल को तुरंत संपर्क करें.
>> 30 दिन में बैंक से मदद ना मिलने पर बैंकिंग लोकपाल से मिलें.
>> बैंक के प्रशासनिक शिकायत जांच अधिकारी से शिकायत करें.
>> आरबीआई के डिप्टी गवर्नर को भी शिकायत भेज सकते हैं.
ऐसे रखें अपने आपको सुरक्षित- सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क को कनेक्ट करने से बचें और बैंक में अलर्ट के लिए ई-मेल रजिस्टर कराएं.
>> फोन पर प्लान एक्टिवेट कराने वाले कॉल्स को इग्नोर करें.
>> प्लान ऐक्टिवेट कराने के लिए मेसेज भेजने से बचें.
>> खास प्लान के लिए खुद ही कस्टमर केयर से बात करें.
>> सोशल मीडिया पर पर्सनल जानकारियां शेयर ना करें.
>> सोशल मीडिया पर सभी सिक्योरिटी फीचर्स ऑन रखें.
>> अनजान ई-मेल या मैसेज ना खोलें, इसमें वायरस हो सकता है.
>> मोबाइल बैंकिंग के लिए भरोसेमंद मोबाइल ऐप ही डाउनलोड करें.
>> ई-वॉलेट में जरूरत भर के ही पैसे रखें और भरोसेमंद वेबसाइट पर ही ई-शॉपिंग करें.
>> फोन, ईमेल पर किसी को बैंक, एटीएम, क्रेडिट कार्ड की डीटेल्स ना दें.
>> घर में मौजूद सदस्यों को इस बारे में जागरूक करें.
>> किसी को भी अपना आधार कार्ड नंबर ना दें और बैंक जाकर स्वैप दरों से कैसे बचें? खुद आधार नंबर रजिस्टर कराएं.(ये भी पढ़ें-इधर आपने कार्ड स्वाइप किया उधर गायब हुई आपकी गाढ़ी कमाई)
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स्वैप दरों से कैसे बचें?
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