Cryptocurrency News: सिर्फ गिरावट ही नहीं गलत सूचनाएं भी पहुंचा रही हैं नुकसान, क्रिप्टोकरंसी को लेकर हो जाएं सतर्क

Cryptomarket News: स्टेबल क्वाइन टेरा लूना में जो गिरावट आई उसकी किसी निवेशक ने उम्मीद ही नहीं की थी, लेकिन यह देखते ही देखते 100 पर्सेंट तक टूट गई. इसके बाद आनन-फानन में कई एक्सचेंज से ये हटा दी गई.

By: ABP Live | Updated at : 27 May 2022 09:42 AM (IST)

Cryptocurrency News Update: भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) भले ही लीगल टेंडर नहीं है, लेकिन फिर भी देश में डिजिटल करेंसी (Digital Currency) में निवेश करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकार के सख्त रुख के बावजूद पिछले दिनों आई रिपोर्ट की मानें तो पहली बार क्रिप्टो में पैसा लगाने वाले निवेशकों के मामले में भारत अव्वल रहा. गौरतलब है कि क्रिप्टो बाजार (Crypto Market) बेहद उतार-चढ़ाव वाला मार्केट है और इसमें कब निवेशक आसमान पर पहुंच जाए और कब एक झटके में गिरकर जमीन पर आ गिरे, कहा नहीं जा सकता. पिछले दिनों टेरा लूना का हश्र इसका हालिया उदाहरण है. ऐसे में निवेशकों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है.

आपको जानकारी के लिए बता दें कि टेरा लूना में जो गिरावट आई उसकी किसी निवेशक ने उम्मीद ही नहीं की थी, लेकिन यह देखते ही देखते 100 पर्सेंट तक टूट गई. बाद में आनन-फानन में कई एक्सचेंज ने इसे अपने प्लेटफॉर्म से ही हटा दिया. बिनांस क्वाइन क्रिप्टोएक्सचेंज के सीईओ और फाउंडर चांगपेंग झाओ को तो लूना ने ऐसा झटका दिया कि उनके लिए उबरना भी मुश्किल हो गया.

यहां भी आई बंपर गिरावट

झाऊ को एक झटके में करीब एक अरब डॉलर का नुकसान हो गया. उनके नुकसान का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होंने खुद बयान देकर कह दिया कि 'मैं फिर से गरीब हो गया'. झाऊ के अलावा एक रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि सोशल मीडिया पर केएसआई (KSI) के नाम से मशहूर ओलाजिदे ओलायिंका विलियम्स नामक चर्चित यूट्यूबर ने करीब 21 करोड़ रुपये से अधिक गंवा दिए. ऐसे ही न जानें कितने निवेशक इस गिरवट से बुरी तरह कंगाल हो गए.

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क्रिप्टो पर और टैक्स की तैयारी

वहीं भारत में क्रिप्टो के प्रति सख्त रुख अख्तियार करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार दोनों ने निवेशकों को हमेशा से ही इससे होने वाले नुकसान के प्रति आगाह किया है. हालांकि, देश में क्रिप्टो प्रतिबंध नहीं लगाया गया लेकिन सरकार ने बजट 2022 में इस पर भारी भरकम 30 पर्सेंट टैक्स लागू कर दिया जो कि एक अप्रैल से प्रभावी है.

साथ ही किसी भी डिजिटल एसेट के ट्रांजैक्शन पर एक पर्सेंट की दर से टीडीएस का नियम भी लागू है. वहीं अब इसे जीएसटी (GST) के दायरे में लाकर पहले से लागू टैक्स के अतिरिक्त 28 पर्सेंट और टैक्स लगाने की कवायद शुरू कर दी गई है. जिसके चलते क्रिप्टो निवेशकों में भारी बेचैनी है.

जागरुकता की कमी से बढ़ रहे इसमें घोटाले

क्रिप्टो बाजार में आजकल कई तरह के घोटाले भी सामने आते रहते हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स के सीईओ और संस्थापक निश्चल शेट्टी की मानें तो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर सामने आने वाले अधिकांश घोटालों की अब भी बड़ी वजह गलत सूचनाएं ही सामने आई हैं. उनका कहना है कि क्रिप्टो में अपनी गाढ़ी कमाई लगाने के दौरान निवेशकों को जागरूक रहने की जरूरत है, जागरूकता की कमी ही उन्हें नुकसान पहुंचाने का कारण बन जाती है.

उन्होंने ये भी बताया है कि प्लेटफॉर्म पर इस तरह के फ्रॉड की शिकायतों के बाद 17,218 खाते लॉक कर दिए गए, जो अप्रैल-सितंबर 2021 की तुलना में 19 पर्सेंट की वृद्धि दर्शाता है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो से संबंधित धोखाधड़ी के 95 पर्सेंट से अधिक मामले ब्लॉकचैन ईकोसिस्टम के बाहर आधारित हैं.

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Published at : 27 May 2022 09:42 AM (IST) Tags: Money Cryptocurrency RBI fraud हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

Cryptocurrency: किसी को रातोंरात कर सकती है मालामाल तो किसी को कंगाल, जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान

टाइम्स नाउ ब्यूरो

What is cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इन दिनों देश में एक बहस सी चल पड़ी है। खुद पीएम मोदी इसे लेकर आगाह कर चुके हैं। आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने तो इसे लेकर कानून बनाने की मांग की है।

Cryptocurrency know the advantages and disadvantages of Cryptocurrency and Bitcoin

  • देश और दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है क्रिप्टोकरेंसी का चलन
  • पीएम मोदी ने क्रिप्टो को लेकर जताई चिंता, कहा- ये जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर मिलकर काम करें
  • क्रिप्टो किसी को भी घंटों के अंदर बना सकती है मालामाल तो कर सकती है कंगाल भी

Cryptocurrency's advantages and disadvantages: आज बात उस डिजिटल डेंजर की, जिसकी तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में इशारा कर चुके हैं। सिर्फ इशारा नहीं बल्कि दुनिया के बड़े और ताकतवर मुल्कों को आगाह कर चुके हैं और इसका नाम है-क्रिप्टो करेंसी। बिटक्वाइन। वही बिटक्वाइन जो किसी की रातों रात मालामाल तो किसी को रातों रात कंगाल बना देती है। आने वाले वक्त में पीएम मोदी इस बाबत बड़ा कदम उठाने वाले हैं। इसका संकेत उन्होंने दो दिन पहले दे दिया था। अब एक्शन की बारी है।

पीएम ने खतरे को लेकर जताई चिंता

पीएम मोदी क्रिप्टोकरंसी के नुकसान ने इसे लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा, 'क्रिप्टो करेंसी और बिटक्वाइन। ये जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर मिलकर काम करें और सुनिश्चित करें कि ये गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।' क्रिप्टो करेंसी या बिट क्वाइन को लेकर प्रधानमंत्री ने ये चिंता दो दिन पहले क्रिप्टोकरंसी के नुकसान सिडनी डायलॉग में चलाई। ना सिर्फ चिंता जताई, बल्कि दुनिया के सभी बड़े देशों को इससे आगाह भी किया। तो सवाल ये है कि आखिर बिटक्वाइन को लेकर प्रधानमंत्री का डर क्या है? पीएम ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अलार्म क्यों बजाया ? कौनसा खतरा है, जिसकी आहट हो चुकी है ?

क्या है क्रिप्टो करैंसी

आज आपको इन सभी सवालों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब मिलेगा। लेकिन सबसे पहले ये जान लीजिए कि आखिर ये क्रिप्टो करेंसी है क्या ? जी हां ये वही क्रिप्टो करेंसी या बिट क्वाइन है, जो पूरी दुनिया को बहुत तेजी से अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है। इस रफ्तार से कि कल्पना करना मुश्किल क्रिप्टोकरंसी के नुकसान है।ये वही क्रिप्टो करेंसी है, जो भारत में लीगल नहीं है। बावजूद इसके भारत वो देश है, जो इस अदृश्य करेंसी में सबसे ज्यादा इन्वेस्ट कर रहा है। इसीलिए सवाल उठता है कि आखिर देश में इस डिजिटल करेंसी का फ्यूचर क्या है? क्या सरकार इसे बैन करेगी या कानूनी मान्यता देगी?

सबसे डरावना पहलू

खैर सरकार इस बाबत क्या करने वाली है, तो आने वाले वक्त में पता चलेगा, लेकिन इस करेंसी के कुछ अपने खतरे हैं। वो क्या. समझिए। इसके अपने खतरे तो हैं ही। चाहे वो सरकार के लिए हों या उन लोगों के लिए जो इसके जरिए रातों रात रईस बनने का सपना देख रहे हैं। लेकिन अब ये भी समझिए कि आखिर इस छिपे हुए या अदृश्य मनी को लाने के पीछे का मकसद क्या था? सबसे डरावना पहलू ये है कि जिस तरह से ये रुपया अदृश्य है, उसी तरह से इसे अस्तित्व में लाने वाला शख्स भी।

फायदा और नुकसान दोनों

2010 में एक बिट क्वाइन की कीमत सिर्फ 22 पैसे थे, लेकिन अब इसकी कीमत सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे। इस क्रिप्टो करेंसी के खतरे क्या हैं, उसे भी समझिए। इन सब खतरों के बीच, प्रश्न ये है कि आखिर भारत में इस करेंसी का क्या भविष्य है। क्या सरकार इसे बैन करने वाली है, या कानूनी मान्यता देगी? भारत में क्रिप्टो करेंसी बैन होगी या नहीं, इसका जवाब आने वाले वक्त में मिलेगा, लेकिन दुनिया के कई देशों में ये बैन है। तो कहने का मतलब ये है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि जितने इसके फायदे हैं, उतने ही नुकसान भी हैं।

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क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाने से पहले जान लें इसके फायदे और नुकसान

क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाने से पहले जान लें इसके फायदे और नुकसान

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है जो ट्रांजेक्शन को वैरिफाई करने के लिए किसी भी बैंक पर निर्भर नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर में क्रांति लाने के इरादे से लॉन्च किया गया था। लेकिन, हर क्रांति के अपने फायदे और नुकसान होते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी — क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की देन है। आज, यहां आप पढ़ेंगे क्रिप्टोकरेंसी के कुछ फायदों और इससे होने वाले नुकसान के बारे में।

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

क्रिप्टोकरेंसी सबसे सिक्योर करेंसी मानी जाती है, क्योंकि यह क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से मिलकर बनीं है।

क्रिप्टोकरेंसी पैसे के लिए एक नया सेंट्रलाइज्ड सिस्टम डिफाइन करती है। इस सिस्टम में ट्रांजेक्शन को वैरिफाई करने के लिए किसी भी बैंक पर निर्भर होने की जरूरत नहीं हैं। फलस्वरूप, समय और रिसॉर्स दोनों की बचत होती है।

क्रिप्टोकरेंसी किसी विश्वसनीय थर्ड पार्टी जैसे बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी की जरूरत के बगैर, दो पार्टी के बीच सीधे फंड ट्रांसफर करना आसान बनाती है।

क्योंकि यह थर्ड-पार्टी मिडिएटर का उपयोग नहीं करती है, दो ट्रांजेक्शन करने वाली पार्टियों के बीच क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर, स्टैंडर्ड मनी ट्रांसफर की तुलना में ज्यादा फास्ट होते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने से लाभ मिल सकता है। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की वैल्यू पिछले एक दशक में आसमान छू गई है, एक पॉइंट पर तो यह लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई।

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क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान

क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें बेहद अस्थिर हैं। दुनिया भर में 24×7 इस पर ट्रेडिंग चलती रहती है। अक्सर, किसी भी देश में नियामक कार्रवाई की फुर्ती से कीमतों में गिरावट आ सकती है। क्रिप्टोकरंसी के नुकसान इसी तरह, अटकलें कीमतों को बढ़ा सकती हैं।

एक पीयर-टू-पीयर सिस्टम, जो किसी को भी, कहीं भी पेमेंट भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, होने की वजह से इस पर किसी भी बैंक, या सरकार का कंट्रोल नहीं है।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में सरकारें एक मत नहीं है। कुछ देशों में सरकार ने इसे लीगल करार दे दिया है तो कहीं पर अभी भी इस पर कानून की तलवार लटकी हुई है।

मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध खरीदारी जैसी नापाक गतिविधियों के लिए क्रिप्टोकरेंसी अपराधियों के लिए एक लोकप्रिय उपकरण बन गई है। कुछ रिपोर्ट्स ने डार्क वेब पर ड्रग्स बेचने के लिए इसका इस्तेमाल किए जाने के संकेत दिए हैं। क्रिप्टोकरेंसी भी हैकर्स की पसंदीदा बन गई है जो उनका इस्तेमाल हानिकारक गतिविधियों के लिए करते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी का एक नुकसान यह है कि कोई भी इंटरनेट कनेक्शन वाले कंप्यूटर का उपयोग करके उन्हें माइन (खनन) कर सकता है। हालांकि, लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए काफी एनर्जी की जरूरत होती है, कभी-कभी उतनी क्रिप्टोकरंसी के नुकसान ऊर्जा, जितनी कि पूरे देश में खपत होती है।

हालांकि क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की वजह से बेहद सिक्योर है, लेकिन दूसरी क्रिप्टो रिपॉजिटरी, जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज और वॉलेट क्रिप्टोकरंसी के नुकसान को हैक किया जा सकता है। समय-समय पर कई ऐसी ख़बरें आईं हैं जब एक्सचेंज और वॉलेट को हैक कर लिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी लाखों डॉलर वैल्यू के "कॉइन" चोरी कर लिए गए।

निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। यह सलाह दी जा सकती है कि निवेश करने से पहले अपने धन लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और रिटर्न अपेक्षाओं के अनुरूप सावधानीपूर्वक निर्णय लें।

क्रिप्टो करेंसी की कब हुई थी शुरुआत, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, समझिए पूरा हिसाब

इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते हैं. आमतौर पर इसका इस्तेमाल किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है.

क्रिप्टो करेंसी की कब हुई थी शुरुआत, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, समझिए पूरा हिसाब

डिजिटल होती दुनिया में हर चीज वर्चुअल होती जी रही है. डिजिटल पेंमेट की सुविधा ने लोगों की लाइफ को काफी आसान बना दिया है. डिजिटल होते इस वर्ल्ड में क्रिप्टो करेंसी का क्रेज बढ़ गया है. दुनिया के हर एक देश की अपनी मुद्रा है. जैसे-भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर और ब्रिटेन में पाउंड. लेकिन इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते हैं. आइए अब समझ लेते हैं इस क्रिप्टो करेंसी का पूरा हिसाब.

कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी क्रिप्टो करेंसी एक इंडिपेंडेंट मुद्रा है. यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती. जैसे रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं का संचालन देश की सरकारें करती हैं, लेकिन क्रिप्टो करेंसी का संचलान कोई भी अथॉरिटी नहीं करती. यह एक डिजिटल करेंसी होती है. इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है. आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है.

जापान के एक इंजीनियर ने की थी शुरुआत

सबसे पहले साल 2009 में क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत हुई थी, जो बिटकॉइन थी. जापान के इंजीनियर सतोषी नाकमोतो ने इसे बनाया था. शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली, लेकिन धीरे-धीरे इसकी कीमत आसमान छूने लगी और ये पूरी दुनिया में छा गया.

क्रिप्टो करेंसी के क्या हैं फायदे और नुकसान

क्रिप्टो करेंसी के कई फायदे हैं और इसके नुकसान भी हैं. पहला फायदा ये है कि डिजिटल करेंसी होने के कारण धोखाधड़ी की गुंजाइश ना के बराबर है. दूसरा ये कि इसकी कोई नियामक संस्था नहीं है. इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों असर इसपर नहीं पड़ता. क्रिप्टोकरेंसी में मुनाफा अधिक होता है और ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. इसका सबसे बड़ा नुकसान है कि वर्चुअल करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव आपके माथे पर पसीना क्रिप्टोकरंसी के नुकसान ला देगा.

एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी एक ही दिन में बिना किसी चेतावनी के 40 से 50 प्रतिशत गिर गई थी. इसका सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि वर्चुअल करेंसी होने के कारण इसमें सौदा जोखिम भरा होता है. इस करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त जैसे अवैध कामों के लिए किया जा सकता है. , इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजेक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं.

क्रिप्टो करेंसी से क्या भारत में होता है लेनदेन

भारत में क्रिप्टो करेंसी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था और वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाजत दी थी. साल 2018 में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भारतीय रिजर्व बैंक के सर्कुलर पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बिटकॉइन के अलावा भी रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कोइन, वॉइस कॉइन और मोनरो कॉइन जैसी अन्य क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध हैं.

क्रिप्‍टोकरंसी में निवेश से पहले जानें क्‍या हैं इसके जोखिम और फायदे की बात

आप किसी भी समय इसे खरीद सकते हैं। यह स्‍टाक मार्केट की तरह ट्रेडिंग से अलग है।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Cryptocurrency market में निवेश को लेकर लोगों में दिलचस्‍पी बढ़ रही है। दुनिया की सबसे बड़ी Cryptocurrency Bitcoin की एक साल में कीमत 90 फीसद तक बढ़ी है। यह इस समय 60 हजार डॉलर के आसपास चल रही है। जबकि कुछ दिन पहले यह 69 हजार डॉलर पर थी। दुनिया की दूसरी बड़ी क्रिप्‍टोकरंसी Ether की कीमत 4075 डॉलर है। हालांकि इसमें निवेश से पहले इसके जोखिम और फायदों को समझना जरूरी है।

जानें क्‍या हैं फायदे

जानकारों की मानें तो क्रिप्‍टो करंसी में निवेश के फायदे भी हैं और खतरे भी। मसलन अगर इसमें लंबे समय तक निवेश किया जाए तो यह बेहतर रिटर्न का जरिया बन सकता है। हालांकि ये डिसेंट्रलाइज्‍ड हैं। इसमें सरकारी नियमन का कोई दखल नहीं होता। इसके जरिए निवेशक अपने पैसे पर सीधा अधिकार रखता है। इसमें निवेश के लिए क्रिप्टोकरंसी के नुकसान वैश्विक स्‍तर पर पैसा लगाया जा सकता है। आप किसी भी देश के हों, इसमें निवेश कर सकते हैं।

स्‍टॉक मार्केट से अलग

एक और अच्‍छी बात है कि क्रिप्‍टो करंसी में निवेश के लिए कोई समय तय नहीं है। आप किसी भी समय इसे खरीद सकते हैं। यह स्‍टाक मार्केट की तरह ट्रेडिंग से अलग है।

जानें क्‍या है नुकसान

क्रिप्‍टो करंसी में निवेश में जोखिम भी बड़ा है। यह किसी सरकारी या फाइनेंशियल संस्‍थान के नियंत्रण में नहीं है। यह नियमन के दायरे में नहीं आता। इसमें पैसे की सेफ्टी या सुरक्षा की गारंटी नहीं है। इसकी खरीद-फरोख्‍त डिजिटली होती है। इसे हैक किया जा सकता है। अगर आप निवेश करने की सोच रहे हैं तो एक बार अपने वित्‍तीय सलाहकार की राय जरूर लें।

निवेश से पहले क्‍या करें

अगर आप इसमें निवेश करने जा रहे हैं तो यह जान लें कि यह काफी नया है। हर कोई इसमें निवेश नहीं कर सकता। इसके लिए तकनीकी ज्ञान होना जरूरी है। सिस्‍टम को समझना चाहिए। साथ ही इसमें उतार-चढ़ाव का काफी चांस रहता है, जिससे आपका निवेश फंस भी सकता है। ज्‍यादा उतार-चढ़ाव को रोक पाना आम निवेशक के बस के बाहर की बात है।

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