प्रदीप के अनुसार, वह सेक्टर 16 स्थित मैकडोनल्ड्स में एमएसीडी की मूल कहानी काम करते हैं। वह तकरीबन रोजाना 10 किलोमीटर दौड़ते हुए रात को घर जाते हैं। प्रदीप ने बताया कि यह उनका रोज का रुटीन है, वह रोज रात को दौड़ते हुए घर जाते हैं।
दुखी होकर पिता ने समुद्र में फेंक दिया अपना बेटा, रुला देगी ये कहानी
तुर्की से इटली के लिए निकली प्रवासियों की यात्रा काफी लंबी थी लेकिन नाव पर खाने पीने का सामान इतना नहीं था कि लोग लास्ट डे तक जीवन निर्वाह कर पाएं। धीरे-धीरे खाना, पानी और तेल खत्म होने लगा। और लाशें बिछने लगीं
वीडियो डेस्क। 27 अगस्त को कुछ प्रवासियों से भरी हुई नाव तुर्की के अंताल्या शहर से इटली के पोजालो के लिए निकली थी। लेकिन जब यात्रा शुरू हुई थी तब किसी को अंदाजा भी नहीं था कि ये मौत की यात्रा होगी। इटली के लिए निकली प्रवासियों की यात्रा काफी लंबी थी लेकिन नाव पर खाने पीने का सामान इतना नहीं था कि लोग लास्ट डे तक खा जीवन निर्वाह कर पाएं। धीरे-धीरे खाना, पानी और तेल खत्म होने लगा। जिंदा रहने के लिए समुद्री पानी का सहारा लिया तो हालत बिगड़ गई और 6 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 3 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं। शवों को नाव में ही एक जगह ये सोचकर रख दिया की इनका अंतिम संस्कार किया जाएगा लेकिन शव सड़ने लगे तो कपड़ों में लपेटकर शवों के समुद्र में फेंका गया। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। जहां एक पिता अपने बेटे के शव को फेंकता हुआ नजर आ रहा है। बच्चे को फेंकने वाला शख्स सीरिया का मूल निवासी है जो परिवार के साथ हमेशा के लिए इटली जा रहा था।
Pradeep Mehra: इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा 19 वर्षीय लड़का, ड्यूटी के बाद 10 किमी दौड़ कर आता है घर; देखें वीडियो
Noida Sector 18 McD Employee Pradeep Mehra 19 वर्षीय प्रदीप मेहरा इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर सनसनी बन गए हैं। वह मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं और नोएडा में नौकरी करते हैं। प्रदीप और उसका भाई दोनों रात की शिफ्ट में काम करते हैं।
नोएडा, जागरण डिजिटल डेस्क। इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं। यह वीडियो राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा का है। वीडियो में एक 19 साल का युवक आधी रात को पीठ पर बैग टांगकर दौड़ते हुए देखा जा एमएसीडी की मूल कहानी रहा है।
हिंदू धर्म में लौटी अथिरा ने सुनाई धर्म परिवर्तन की खौफनाक कहानी
कोच्चि: केरल के कासरगोड जिले में 23 साल की आथिरा के धर्म परिवर्तन कराने के मामले में एमएसीडी की मूल कहानी नया मोड़ आ गया है। वह अब फिर से हिंदू धर्म में लौट आई है। जुलाई में अपना परिवार छोड़ के इस्लाम धर्म अपनाने वाली आथिरा ने आरोप लगाया कि दोस्त के बहकावे में आकर उसकी आस्था बदल गई और उसने धर्म परिवर्तन करा लिया। अथीरा ने धर्म परिवर्तन के बाद अपना नाम आयशा रख लिया था।
घर छोडऩे से पहले लिखा 15 पन्नों का खत
अथिरा 10 जुलाई को अस्पताल जाने की बात कहते हुए अपने घर से निकली थी। बाद में घरवालों को अथिरा का लिखा 15 पन्नों का खत मिला था जिसमें उन्होंने इस्लाम अपनाने की बात कही थी। इसके अलावा उन्होंने अपने मामा को फोन करके कहा था कि वह शांति की तलाश में जा रही हैं। इसके बाद उसके परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर वह मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुई। 27 जुलाई को उसे महिला संरक्षण गृह भेज दिया गया। बाद में केरल हाईकार्ट के आदेश पर उसे परिवार के साथ रहने के लिए भेज दिया गया। हालांकि कोर्ट ने यह शर्त रखी थी उन्हें इस्लाम की पढ़ाई जारी रखने दी जाएगी और उन्हें जबरन हिंदू धर्म अपनाने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।
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एक ड्राइवर के बेटे की सीएम बनने की असली कहानी
हिमाचल प्रदेश के होने वाले नए एमएसीडी की मूल कहानी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के बारे में जानना दिलचस्प है। वो लगातार 4 बार विधायक बने। बुरे हालात में भी जीते लेकिन कभी उन्हें मंत्री या किसी बोर्ड का चेयरमैन नहीं बनाया गया। सशक्त राजपूत नेता होने के बावजूद कोई गुट नहीं बनाया और सिर्फ कांग्रेस और गांधी परिवार के निष्ठावान सिपाही बने रहे। अब जब उनको पार्टी आलाकमान ने सब्र का फल दिया है तो सीधे विधायक से सीएम की कुर्सी तक पहुंचा दिया। और जानिएः
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हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का इस टॉप पद तक पहुंचना आसान नहीं था लेकिन कांग्रेस से उनकी अटूट निष्ठा हर चीज पर भारी पड़ी। हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह जो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं, उनको मनाना इतना आसान नहीं था। कांग्रेस को बैठक पर बैठक करनी पड़ी, तब जाकर प्रतिभा सिंह ने अपनी सहमति दी।
'त्रिया चरित्र' किसने रचा और दंड किसने भोगा?
रायपुर। एक स्त्री, जिसका ब्याह बचपन में हो चुका था। उसने बाहरी पुरुषों से अपनी इज्जात बचा ली, लेकिन ससुराल वालों से आबरू नहीं बचा पाती। यह कहानी है फिल्म त्रिया चरित्र की, जिसका प्रदर्शन छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसाइटी द्वारा 'रायपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल' की श्रृंखला में रविवार को वृन्दावन हॉल में किया गया।
बासु चटर्जी द्वारा निर्देशित एवं नसीरूद्दीन शाह, ओमपुरी एवं राजेश्वरी जैसे मंझे हुए कलाकारों से सजी फिल्म 'त्रियाचरित्र' घटिया सोच वाले पुरुष वर्ग पर करारा तमााचा है। त्रिया चरित्र ईटभठ्ठा में काम करने वाली एक युवती की कहानी है। ससुर द्वारा छल से किए गए बलात्कार का दंड भी उसे ही दिया जाता है। पीड़ित स्त्री का सत्य, स्त्री का त्रिया चरित्र मान लिया जाता है। गंभीर सामाजिक मसलों को अपनी फिल्मों की विषयवस्तु बनाकर, उसे उसी गंभीरता के साथ समाज के एमएसीडी की मूल कहानी समक्ष प्रश्नचिन्ह लगाकर प्रस्तुत करने का प्रयास बासु चटर्जी अपनी फिल्मों के जरिए करते रहे हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाती है उनके सामाजिक सरोकार को दर्शाती, 'एन.एफ.डी.सी.' के सहयोग से बनी फिल्म 'त्रिया चरित्र' जो पुरुष स्वार्थी सामाजिक चरित्र का मुखौटा उतार यह प्रश्न छोड़ती है कि त्रिया चरित्र किसने रचा और दंड किसने भोगा ? स्त्री दमन का यह सिलसिला क्या कभी थमेगा भी या यूं ही चलता रहेगा ?
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