एक मायने में, प्रत्येक बिटकॉइन उपयोगकर्ता को बिटकॉइन बाजार के “मौद्रिक प्राधिकरण” में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। नाकामोटो के विचार ने अनुयायियों के एक छोटे समूह को जल्दी से आकर्षित किया, जिनमें से अधिकांश कंप्यूटर विशेषज्ञ थे। 3 जनवरी 2009 को पहले 50 बिटकॉइन बनाए गए थे । बिटकॉइन माइनिंग नामक एक प्रक्रिया का उपयोग करते हुए , व्यक्तिगत उपयोगकर्ता और कंपनियां अपने कंप्यूटर और बाद में विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए खनन कंप्यूटरों के साथ बेहद जटिल समीकरणों को हल करके बिटकॉइन बना सकती हैं।
चीन सरकार के ऑर्गेनाइजेशन ने Bitcoin, Ether जैसे क्रिप्टो को मानव इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड बताया
पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टोकरेंसीज की हालात ठीक नहीं है। बिटकॉइन सहित कई क्रिप्टो की कीमतें बहुत गिर गई हैं।
चीन में BSN के अधिकारियों ने क्रिप्टोकरेंसीज को फ्रॉड बताया है। BSN का मतलब Blockchain-based service Network (BSN) से है। चीन की सरकार ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के कमर्शियल इस्तेमाल के लिए BSN बनाया है। बीएसएन के एग्जिक्यूटिव्स ने क्रिप्टोकरेंसीज और Web3 बिजनेस मॉडल को इनवेस्टमेंट फ्रॉड बताया है।
पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टोकरेंसीज की हालात ठीक नहीं है। बिटकॉइन सहित कई क्रिप्टो की कीमतें बहुत गिर गई हैं। इससे इनवेस्टर्स को भारी लॉस हुआ है। हालांकि, Bitcoin का इतिहास इंडिया में RBI और दूसरे देशों में वहां की सरकारी एजेंसियां क्रिप्टो में निवेश को लेकर इनवेस्टर्स को आगाह करती रही हैं। उनका मानना है कि क्रिप्टो में निवेश बहुत ज्यादा रिस्की है।
संबंधित खबरें
Jaypee Power Ventures ने बुलाई बोर्ड मीटिंग, सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट को बेचने पर होगा विचार
Budget 2023: Income Tax में छूट का चांस नहीं, जानिए क्यों!
Mutual Funds में निवेशक जमकर लगा रहे पैसे, पहली बार 40 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा AUM, लेकिन इन स्कीम्स का का घटा क्रेज
BSN के शान झिगुआंग और हे यिफान ने क्रिप्टोकरेंसीज को मानव इतिहास का सबसे बड़ा पॉन्जी स्कीम बताया है। उन्होंने कहा है कि इसे ऐसे समुदायों का सपोर्ट हासिल है, जो इस फ्रॉड को जारी रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने Bitcoin का इतिहास चीन सरकार के अखबर पीपल्स डेली में एक लेख में ये बातें कही हैं।
क्रिप्टोकरेंसीज की तुलना पहली बार पॉन्जी स्कीम से नहीं की गई है। इससे पहले कई बार क्रिप्टो के आलोचक इस डिजिटल एसेट की तुलना पॉन्जी स्कीम से कर चुके हैं। पॉन्जी स्कीम ऐसी स्कीम को कहा जाता है, जिसमें स्कैम करने वाले लोग पुराने इनवेस्टर्स को पेमेंट के लिए नए इनवेस्टर्स के पैसे का इस्तेमाल करते हैं।
Bitcoin (BTC) मूल्य इतिहास चार्ट
मुद्रा विनिमय दर द्वारा प्रदान की गई CryptoRatesXE.com
विज्ञापन के बिना और वेबसाइट के साथ सीधा लिंक के लिए एम्बेड कोड
विज्ञापनों के साथ और बिना वेबसाइट के सीधा लिंक के लिए एम्बेड कोड
इस कोड को कॉपी और पेस्ट करें अपनी साइट में जहाँ आप कैलकुलेटर प्रदर्शित करना चाहते हैं ।
बिटकॉइन का इतिहास | Bitcoin ki history in hindi
संभावना है, आप सभी बिटकॉइन के बारे में सुन रहे होंगे। यह कट्टरपंथी, सभी डिजिटल, पीयर-टू-पीयर मुद्रा संभावित रूप से मौद्रिक बाजारों में क्रांति ला सकती है। तो बिटकॉइन कहां से आया और यह कहां जा रहा है? बिटकॉइन एक कंप्यूटर प्रोग्रामर, या प्रोग्रामर्स के समूह द्वारा बनाया गया था, जो सतोशी नाकामोटो के छद्म नाम के तहत काम कर रहा था। 1 नवंबर , 2008 को नाकामोतो ने एक अस्पष्ट Bitcoin का इतिहास क्रिप्टोलॉजी वेबसाइट पर एक शोध पत्र लिखा और प्रकाशित किया जिसमें Bitcoin का इतिहास बिटकॉइन का वर्णन किया गया था और यह भी बताया Bitcoin का इतिहास गया था कि सभी डिजिटल मुद्रा कैसे काम कर सकती है।
सबसे पहले, नाकामोटो ने जापान के निवासी होने का दावा किया Bitcoin का इतिहास Bitcoin का इतिहास लेकिन आगे के शोध से पता चला कि उसकी असली पहचान, नागरिकता और लिंग पूरी तरह से अज्ञात है। जबकि बिटकॉइन की अवधारणा 2008 में सार्वजनिक हो गई थी, इंटरनेट के मूलभूत चरणों के दौरान 1990 के दशक की शुरुआत से एक सभी-डिजिटल, गैर-सरकारी मुद्रा का विचार आसपास रहा है। कई प्रोग्रामर और व्यापारिक नेताओं ने ऐसी मुद्रा स्थापित करने की कोशिश की थी।
Current Affairs: इस शख्स ने बनाई और पहली बार बेची बिटक्वाइन, जानिए क्रिप्टो करेंसी की पूरी ABCD
इस वक्त एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 37 लाख रुपये है. क्या आपने सोचा है कि आखिर पहला बिटक्वाइन किसने खरीदा था.
5
5
5
Bitcoin का इतिहास
- Post category: Money
- Post comments: 0 Comments
- Reading time: 4 mins read
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है जिसपर Bitcoin का इतिहास ना तो किसी देश की सरकार का नियंत्रण है और ना ही किसी वित्तीय संस्था का नियंत्रण है बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है यह दुनियां की सबसे पहली क्रिप्टोकरेन्सी है बिटकॉइन को वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है क्योंकि बिटकॉइन करेंसी को हम स्पर्श नहीं कर सकते है केवल किसी भी डिजिटल फॉर्मेट में देख सकते है यह फॉर्मेट लैपटॉप हो सकता है, मोबाइल हो सकता है, कंप्यूटर हो सकता है, टेबलेट हो सकता है.
किसी ना किसी चीज को बनाने के पीछे कई कारण होते है जैसे की 2008 में ग्लोबली इकॉनमिक प्रॉब्लम, 8 November 2016 इंडियन में 500 और 1000 के नॉट अचानक से अमान्य, बैंक प्रॉब्लम तो इसी चीज को देखकर बिटकॉइन का निर्माण हुआ बिटकॉइन क्रिप्टोकोर्रेंसी को Satoshi Nakamoto ने बनाया और इसे Jan. 3, 2009 को लॉन्च कर दिया जब बिटकॉइन मार्किट में आया था तो इसका मूल्य काफी कम था इस पर किसी गवर्नमेन्ट अथॉरिटी का हस्क्षेप नहीं था और ना ही कोई कानून था इसलिए इंटरनेट यूजर इस करेंसी पर ज्यादा ट्रस्ट नहीं करते थे जिस तरह रूपये करेंसी को भारत सरकार नियंत्रण करती है , डॉलर करेंसी काअमेरिका सरकार नियंत्रण करती है, रूबल करेंसी को रूस देश नियंत्रण करता है लेकिन बिटकॉइन को दुनियां का कोई भी देश नियंत्रण नहीं करता है.
बिटकॉइन कैसे काम करता है?
बिटकॉइन ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर काम करती है ब्लॉकचैन Bitcoin का इतिहास टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर एक-दूसरे से जुड़े होते है सभी बिटकॉइन हिस्सेदार का एक पब्लिक अकाउंट होता है जिसे Ledger खाता कहते है इस Ledger खाते की कॉपी हर एक ब्लैकचैन के कंप्यूटर में डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर होती है जो लोग ब्लॉकचैन से जुड़े कंप्यूटर को हैंडल करते है उन्हें Miners कहते है Miners का काम होता है बिटकॉइन की हर लेनदेन को वेरीफाई करते रहना
जैसे की अ से ब को 5 बिटकॉइन लेना है तो ब को कैसे पता चलेगा की अ पास 5 बिटकॉइन है तो यह पता लगाने के लिए Miners की हेल्प लेनी होती है Miners आपको बता देगें वास्तव में अ के पास बिटकॉइन उपलब्ध है देने के लिए की नहीं Miners जब यह काम करते है तो उनको कुछ काम के बदले रिवॉर्ड मिलते है जो बिटकॉइन के फॉर्मेट में होते है
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 691