डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के फीस और शुल्क

शेयरों में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना आवश्यक है. डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट का लाभ उठाने के लिए विशिष्ट फीस और शुल्क लागू होते हैं.

बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड (बीएफएसएल) के सब्सक्रिप्शन प्लान

बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ के साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए, आप उपलब्ध तीन सब्सक्रिप्शन पैक्स मेस से चुनकर साइन-अप कर सकते हैं, हर पैक एक अलग ब्रोकरेज दर प्रदान करता है.

बीएफएसएल से जुड़े सभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट शुल्कों के विवरण यहां दिए गए हैं:

शुल्क के प्रकार

प्रोफेशनल पैक

बजाज प्रिविलेज क्लब

वार्षिक सब्सक्रिप्शन शुल्क

दूसरे वर्ष से: रु. 431

इक्विटी/डेरिवेटिव ट्रांज़ैक्शन शुल्क (सब्सक्रिप्शन मॉडल के लिए शुल्कों की सूची)

ब्रोकरेज शुल्क के अलावा, आपके शेयर मार्केट ट्रांज़ैक्शन पर कुछ अन्य शुल्क भी लगाए जाते हैं, जो इस प्रकार हैं:

शुल्क के प्रकार

बीएसई - स्क्रिप ग्रुप के अनुसार शुल्क अलग-अलग होते हैं

बीएसई - स्क्रिप ग्रुप के अनुसार शुल्क अलग-अलग होते हैं

क्लियरिंग मेंबर के शुल्क

ब्रोकरेज ट्रांज़ैक्शन और सीएम शुल्क पर 18%

ब्रोकरेज, ट्रांज़ैक्शन और सीएम शुल्क पर 18%

खरीदने और बेचने पर रु. 100 प्रति लाख (0.1%)

सेल साइड पर रु. 25 प्रति लाख (0.025%)

टर्नओवर का 0.00010%

टर्नओवर का 0.00010%

शुल्क के प्रकार

एनएसई - 0.053% (प्रीमियम पर)

बीएसई - शून्य या ट्रेड वैल्यू का 0.05%

बीएसई - शून्य या ट्रेडेड मूल्य का 0.05%

क्लियरिंग मेंबर के शुल्क

एनएसई और बीएसई - 0.00025%

एनएसई और बीएसई - 0.00025%

ब्रोकरेज, ट्रांज़ैक्शन और सीएम शुल्क पर 18%

ब्रोकरेज, ट्रांज़ैक्शन और सीएम शुल्क पर 18%

सेल साइड पर रु. 10 प्रति लाख (0.01%)

₹ 50 प्रति लाख (0.05%) सेल साइड (प्रीमियम पर)

टर्नओवर का 0.00010%

टर्नओवर का 0.00010%


बीएसई ट्रांज़ैक्शन/टर्नओवर शुल्क का विवरण

बीएफएसएल के साथ डीमैट अकाउंट शुल्क और फीस

बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड के साथ डीमैट अकाउंट खोलना एक आसान ऑनलाइन प्रोसेस है. अकाउंट खोलने का शुल्क शून्य है, लेकिन डीमैट अकाउंट से जुड़ी विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने से जुड़े शुल्क हैं. ये शुल्क डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) के लिए अलग-अलग हो सकते हैं. बीएफएसएल का डीमैट शुल्क मामूली हैं और सभी डीमैट शुल्कों की विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है:

शुल्क के प्रकार

अकाउंट खोलने का शुल्क

वार्षिक मेंटेनेंस शुल्क

बीएफएसएल के अंदर ऑफ-मार्केट ट्रांसफर*

₹30 या ट्रांज़ैक्शन वैल्यू का 0.02%, जो भी अधिक हो + लागू टैक्स

रु. 35 + लागू टैक्स

फिज़िकल सीएमआर/ डीआईएस

पहला सीएमआर/ डीआईएस अनुरोध मुफ्त है. उसके बाद रु. 50 + रु. 100 कूरियर शुल्क + लागू टैक्स

डीमटीरियलाइज़ेशन अनुरोध शुल्क

रु. 50 प्रति अनुरोध + रु. 50 प्रति सर्टिफिकेट

री-मटीरियलाइज़ेशन अनुरोध शुल्क

रु. 35 प्रति सर्टिफिकेट या 100 शेयर और भाग, जो भी अधिक हो और अकाउंट रिडेम्प्शन स्टेटमेंट के प्रति री-स्टेट के लिए रु. 25

प्रत्येक इंटरनेशनल सिक्योरिटीज़ आइडेंटिफिकेशन नंबर (आईएसआईएन) के लिए, *रु. 30 आपके डीमैट अकाउंट से डेबिट किए जाते हैं. अगर यह बीएफएसएल डीमैट अकाउंट है, तो लागू शुल्क रु. 30 के साथ-साथ टैक्स भी लागू होते हैं. मार्केट सेल ट्रांज़ैक्शन के मामले में, यह उस परिस्थिति में लागू होगा, जब एक्सचेंज किए गए सिक्योरिटीज़ के पे-इन दायित्वों के लिए बीएफएसएल डीमैट अकाउंट का उपयोग करके डिलीवरी शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने की जाती है.

**हर बार लागू किया जाएगा, जब आईएसआईएन आपके डीमैट अकाउंट से डेबिट किया जाता है और अगर प्राप्तकर्ता का डीमैट अकाउंट बीएफएसएल डीमैट अकाउंट नहीं होता. इसमें सीडीएसएल शुल्क शामिल है.

शेयर बाजार में ऐसे. बनाएं शानदार करियर, लाखों में होगी कमाई, नौकरी के ढेरों विकल्प

नईदिल्ली। यदि आप कॉमर्स के छात्र है या शेयर बाजार में निवेश करने में आपकी रूचि है तो आपने निफ्टी, सेंसेक्स, शेयर ब्रोकर जैसे शब्द जरूर सुने होंगे। इन दिनों निवेश की इच्छा रखने वाले युवा शेयर बाजार में जमकर पैसा लगा रहे है। आप शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने भी इस क्षेत्र में यदि आगे बढ़ना चाह रहे है तो बता दें की शेयर बाजार कोई बच्चों का खेल नहीं है। यहां पैसा लगाने से पहले आपको इस मार्केट की शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने जानकारी होना बेहद जरुरी है। क्योंकि जानकारी के अभाव में आपको नुकसान भी हो सकता है। यदि आपको शेयर बाजार में दिलचस्पी और जानकारी है तो आप भी इस क्षेत्र में शानदार करियर बना सकते है।

इस क्षेत्र में आप स्टॉक ब्रोकर के रूप में काम कर सकते है। जो व्यक्ति किसी इन्वेस्टर और शेयर मार्केट के बीच काम करता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है। इस फील्ड में जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। ब्रोकर के बिना किसी भी इन्वेस्टर या निवेशक के लिए स्टॉक मार्केट में बेस्ट परफॉर्मेंस दे पाना मुश्किल है। ये इस मार्किट की अहम कड़ी होता है।

स्टॉक ब्रोकर 2 तरह के होते हैं -

फुल टाइम ब्रोकर -

फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट्स को स्टॉक एडवाइजरी, स्टॉक खरीदने के लिए मार्जिन मनी की सुविधा, मोबाइल फोन पर ट्रेडिंग सुविधा और IPO में इन्वेस्टमेंट जैसी सर्विस देते हैं। इस सर्विस की फीस ज्यादा होती है। फुल टाइम स्टॉक ब्रोकर की कस्टमर सर्विस काफी अच्छा मान जाता है।

डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर –

दूसरा होता है डिस्काउंट सर्विस स्टॉक ब्रोकर। ये अपने क्लाइंट से ब्रोकरेज लेकर शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा देता है। लेकिन ये अपने किसी भी क्लाइंट को स्टॉक एडवाइजरी और रिसर्च की सुविधा नहीं देते हैं। अकाउंट खोलने से लेकर इनके अभी काम ऑनलाइन माध्यम से ही होते है।

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए योग्यता -

उम्मीदवार यदि कॉमर्स स्ट्रीम से है तो उसके लिए ये फील्ड बेहतर है। एक स्टॉक ब्रोकर को एकाउंटेंसी, कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की अच्छी नॉलेज होनी बेहद जरूरी है। जिसके लिए वह 12वीं के बाद इन विषयों में यूजी एवं पीजी कोर्स कर सकते है। स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 'एनसीएफएम कोर्स' ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम भी उपलब्ध हैं।

नौकरी एवं वेतन -

इस फिल्ड में नौकरी की अपर संभावनाएं है। आप स्टॉक एक्सचेंज, फॉरेन इन्वेस्टमेंट फर्म्स, रेगुलेशन अथॉरिटी, म्यूचुअल फंड वाली कंपनी, इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंसी, ब्रोकर फर्म्स, इंश्योरेंस एजेंसी, बैंक आदि में नौकरी पा सकते है। शुरूआती सालों में 20 से 30 हजार एवं अनुभव के बाद आप 5 से आठ लाख रुपए प्रति वर्ष कमा सकते है।

Stock Market : शेयर बाजार से मुनाफा पाना है तो अमल में लाएं कुछ जरूरी बातें

बाजार की परख, धैर्य की कुंजी के जरिए शेयर मार्केट की तिजोरी से कमाई को पंख लगाए जा सकते हैं. निवेश का तरीका क्या है और कौन सी सावधानियां अपनानी हैं, इसके कुछ मामूली टिप्स जानकार आप लाभ उठा सकते हैं.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 03 Jul 2021 10:31 PM (IST)

stock market : शेयर मार्केट में निवेश सिर्फ लाभ बनाना भर नहीं है. इसके लिए आपके पास सही स्टॉक चुनने की समझ भी जरूरी है. शेयर बाजारों में निवेश के साथ जोखिम भी काफी है, लेकिन इसके मुकाबले होने वाले बड़े लाभ नुकसान का असर कम कर देते हैं. दअसल, शेयर बाजार राष्ट्रीय वित्तीय एक्सचेंजों पर लिस्टेँड कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री है. जब कोई कंपनी सार्वजनिक होती है तो वह अपने शेयर जनता को बिक्री के लिए जारी करती है, इन्हें खरीदने या बेचने वाले स्टॉक कारोबारी कहे जाते हैं. वे बाजार के जानकार होने के साथ यह भी समझते है कि अपने पैसे का सही निवेश कब और कहां करना चाहिए. स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग से पहले पुख्ता प्लानिंग जरूरी है.

निवेश से पहले यह करना जरूरी
सभी पेंडिंग लोन खत्म कर लें: शेयर बाजार में निवेश शुरू करने से पहले एहतियातन आपको अपने सभी हाई इंट्रेस्ट वाले लोन, जैसे पर्सनल, क्रेडिट कार्ड क्लीयरेंस आदि चुकता कर लेने चाहिए. जिससे क्रेडिट लायबिलिटी न हो.

एक्स्ट्रा सेविंग ही इंवेस्ट करें: स्मार्ट निवेश का एक जरूरी नियम है कि मार्केट में आप उसी बजट का
उपयोग करें, जो आपकी एक्स्ट्रा सेविंग है. ऐसी सूरत में आपको स्टॉक खरीदने के लिए कभी भी रकम उधार नहीं लेनी होगी. किसी दूसरी जरूरत के लिए रखा पैसा भी र्मोकेट में लगाना ठीक नहीं.

कुछ रकम बचाकर रखें: एक इमरजेंसी फंड भी मेनटेन करें. इसके लिए कुछ नगदी पूरी तरह अलग रखें. आप शेयर बाजार में सारा पैसा निवेश करते हैं, तो इमरजेंसी की सूरत में खुद को मुसीबत में डाल सकते हैं.

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लक्ष्य तय करना जरूरी
निवेश से पहले तय करिए कि लंबी अवधि के लिए निवेश कर हाई रिटर्न पाना चाहते हैं? या लाभांश के रूप में सिर्फ कमाई के लिए अलग सोर्स. ऐसे निवेश के लक्ष्य आपको समझने में मदद करेंगे कि आपको निवेश कितना और कब तक करना चाहिए. वर्तमान वित्तीय स्थिति देखकर तय करें कि आप एकमुश्त निवेश चाहते हैं या छोटे नियमित मासिक. एक छोटी राशि से शुरुआत करना ही समझदारी है, जिसे समय के साथ आप धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं.

ट्रेडिंग खाता खोलें
शेयर बाजार में निवेश के लिए ब्रोकर रख सकते हैं या ट्रेडिंग खाता बना सकते हैं, जो आपको खुद ऑपरेट करने की छूट देगा. निवेश के लिए एक बजट तय कर लें औ तय करें कि आप दिन के दौरान कारोबार करते समय उसी बजट को उपयोग करें.

खुद की नॉलेज बढ़ाएं
नियमित शेयर बाजार के कामकाज के बारे में पढ़ें, उन कंपनियों की चेकलिस्ट रखें, जिनमें आपकी रुचि है. उनकी परफार्मेंस के लिए स्टॉक चेक करें. समय के साथ जैसे-जैसे आप अधिक से अधिक कारोबार करेंगे, समझ जाएंगे कि अपने लक्ष्य के लिए बेहतर क्या है.

भावुकता नहीं तर्क से समझें
आप शेयर में निवेश शुरू करते हैं तो बेहद खुद दिमाग से फैसले लेने होंगे. यहां चीजें लगातार बदलती हैं. कठिन परिस्थितियों में आपको तर्कशीलता से काम करना चाहिए. कोई भी विशेषज्ञ आपको यही बताएगा कि कारोबार का पहला नियम है आपके दिमाग के साथ कारोबार करना है, न कि दिल के साथ.

जानिए क्या हैं स्टॉक ब्रोकर
यह दो तरह के होते हैं, पहला कम्लीट सर्विस ब्रोकर और दूसरा डिस्काउंट ब्रोकर. कम्लीट सर्विस ब्रोकर पारंपरिक ब्रोकर हैं, जो शेयरों की खरीद-बिक्री, निवेश सलाह, वित्तीय योजना, पोर्टफोलियो मेंटेनेंस, बाजार रिसर्च-एनालिसिस आदि करते हुए अधिक से अधिक सेवाओं की विविधता देते हैं। ये आपकी जरूरत और वित्तीय लक्ष्य के अनुरूप पर्सनल टिप्स देकर निवेश सेवाएं देते हैं. वहीं डिस्काउंट ब्रोकर ऑनलाइन ब्रोकर हैं, जो नो-फ्रिल शेयर ब्रोकिंग खातों पर काम करते हैं। वे ग्राहक को पर्सनल सर्विस नहीं देते हैं. वे कम से कम संभव लागत पर जरूरी कारोबार सुविधा देते हैं। डिस्काउंट ब्रोकर चुनकर, आप कम ब्रोकरेज से भी शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने मार्केट देख सकते हैं.

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Published at : 03 Jul 2021 10:31 PM (IST) Tags: Finance Budget Stock Market stock exchange company Return market profit listed amount broker caution buy-sell हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi

Stock Broker Meaning in Hindi | स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?

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स्टॉक ब्रोकर क्या होता है ? (Stock Broker kya hai):

एक स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज जैसे NSE यानि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और BSE यानि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य होता है।

कोई भी स्टॉक ब्रोकर अपने client यानि कोई निवेशक या ट्रेडर तथा स्टॉक शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने एक्सचेंज के बिच की कड़ी की तरह होता है।

वह निवेशक और ट्रेडर को स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदने और बेचने की पूरी व्यवस्था करता है।

Stock Broker kya hai और का उसका काम क्या है ?


शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करने के लिए किसी भी व्यक्ति को ट्रेडिंग और डीमैट खाता खुलवाने की जरुरत होती है।

Meaning of StockBroker


एक ब्रोकर यह दोनों खाते खोल कर निवेश और ट्रेडिंग करने की सुविधा देता है।

कई Banks जैसे SBI और HDFC भी एक ब्रोकर की तरह रजिस्टर्ड होते है।

ऐसी बैंक आपको Bank Account, Demat Account और Trading Account तीनो खाते एक साथ खुलवाने की सुविधा देती है।

नई टेक्नोलॉजी की वजह से अब सभी ब्रोकर अपने client को सीधा खरीद और बिक्री का प्लेटफॉर्म देती है।

इन प्लेटफॉर्म की वजह से अब लोगो को ब्रोकर को कॉल कर के अपना ऑर्डर देने की जरुरत नहीं पड़ती।

बल्कि वह खुद सिर्फ अपने मोबाइल से भी अपना शेयर खरीद बिक्री का ऑर्डर सीधे स्टॉक एक्सचेंज को भेज सकते है।

इन सभी प्लेटफॉर्म की वजह से ही आज शेयर बाजार में हर सेकंड से भी कम समय में शेयर के दाम बदलते रहते है।

इन सारी सुविधाओं के बदले में वह हर एक खरीद बिक्री पर कुछ ब्रोकरेज लेता है।

अलग अलग तरह के ब्रोकर अलग अलग ब्रोकरेज चार्ज करते है। Stock Broker kya hai

स्टॉक ब्रोकर के प्रकार (Types of StockBroker) :


स्टॉक ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली सुविधा और ब्रोकरेज लेने के अनुसार उसके दो प्रकार है।

1) Full Service या Regular Broker :

इस प्रकार के ब्रोकर पुराने तरह शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने के ब्रोकर है। Meaning of StockBroker
यह ब्रोकर खरीद बिक्री की सुविधा के साथ साथ निवेशको और ट्रेडरो को और भी बहुत सी सेवाए देते है।

  • निवेश या ट्रेडिंग की सलाह देना , Stock Broker kya hai
  • IPO भरने की सुविधा और उसके बारे में सलाह देना ,
  • शेयर बाजार के संबंध में आने वाली खबरों के बारे में अवगत करवाना ,
  • कॉल कर के शेयर की खरीद-बिक्री का ऑर्डर देने की सुविधा देना ,
  • कि जाने वाली खरीद बिक्री के Contract Note की कॉपी देना।

और भी बहुत सुविधाए देता है। Stock Broker kya hai

यह सब सुविधा देने के कारण इस तरह के ब्रोकर का खर्च थोड़ा ज्यादा होता है।

इस वजह से इस तरह के ब्रोकर अपने क्लाइंट (निवेशको और ट्रेडरो) से ज्यादा ब्रोकरेज लेते है।

2) Discount StockBroker : Meaning of StockBroker

डिस्काउंट ब्रोकर के नाम से ही पता चलता है, की वह regular broker से काफी कम ब्रोकरेज लेते है।

जैसे Upstox जो Intraday Trading पर कुल टर्नओवर के 0.05 % या फिर हर एक ऑर्डर के 20 रूपए दोनों में से जो कम हो उतना ब्रोकरेज लेता है। जबकि डिलीवरी ले कर ट्रेडिंग करने पर तो 0 ब्रोकरेज लेते है।

इनका मुख्य उद्देश्य निवेशकों और ट्रैडरो को कम से कम ब्रोकरेज पर खरीद बिक्री करने की सुविधा देना होता है।

इस वजह से ऐसे ब्रोकर निवेशको को सिर्फ खरीद के लिए जरुरी सुविधाए ही देते है .

  • ऐसे ब्रोकर निवेश या ट्रेडिंग की सलाह नहीं देते।
  • IPO के बारे में सलाह या सुविधा भी नहीं देते।
  • कॉल कर के ट्रेडिंग की सुविधा भी नहीं देते और देते है तो उसके लिए अलग चार्ज लेते है।
  • कागज़ पर Contract Note चाहिए तो इसके लिए भी अलग चार्ज लेते है।
  • हलाकि ईमेल पर Electronic Contract Note मिलता है।

यह सभी सुविधाए न देने के कारण उनका खर्च Regular Broker से बहुत कम हो जाता है।

और इस वजह से वह बहुत कम ब्रोकरेज में शेयर की खरीद बिक्री करने की सुविधा देते है।

दोनों तरह के ब्रोकर के अपने अपने लाभ और हानी है। Stock Broker kya hai

आप अपनी जरुरत के हिसाब से अपने लिए इन दोनों में से अपने लिए ब्रोकर चुन सकते है।

तो दोस्तों यह था स्टॉक ब्रोकर का मतलब (Meaning of StockBroker).

उम्मीद करता हु की आपको StockBroker के बारे में सब समझ आ गया होगा।

दोस्तों अभी Upstox जो की एक Discount Broker है, उसमे Trading और Demat अकाउंट free मे खोलने का offer चल रहा है।

अगर आप शेयर बाज़ार से जुड़ी एसी ही जानकारी की Update free मे चाहते है, तो नीचे दिए गए Blue Color के (Subscribe to Updates) के Button को Click करके जो स्क्रीन खुलेगी उसमे yes का विकल्प select कर दीजिए।

शेयर मार्केट में अकाउंट कैसे खोलें

शेयर मार्केट के फायदे

शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए निम्न औपचारिकताओं को पूर्ण करना होता है:

स्टॉक ब्रोकर के साथ पंजीकरण

भारत में ट्रेडिंग के लिए मुख्यतः दो प्लेटफार्म बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) एवं एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) उपलब्ध है। परंतु निवेशक सीधे तौर पर उपलब्ध प्लेटफार्म पर ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। ट्रेडिंग आरंभ करने से पूर्व निवेशकों को स्टॉक ब्रोकर्स के साथ पंजीकरण करना अनिवार्य होता है। स्टॉक ब्रोकर्स निवेशक के प्रतिनिधि के रूप में सभी प्रकार की खरीद-फरोख्त करते हैं। स्टॉक ब्रोकर्स मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:

डिस्काउंट ब्रोकर्स: शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने डिस्काउंट ब्रोकर्स जैसे कि जीरोधा, एंजल ब्रोकिंग का उपयोग निवेशकों द्वारा उस स्थिति में किया जाता है जब वे स्वयं ट्रेडिंग करना चाहते हैं जिसके कारण स्टॉक ब्रोकर्स निवेशकों पर बहुत कम ट्रांजैक्शन शुल्क एवं वार्षिक मेंटेनेंस शुल्क लागू करते हैं।

फुल सर्विस ब्रोकर्स: फुल सर्विस ब्रोकर्स अपने अनुभव एवं विश्लेषण के आधार पर निवेशकों को संपूर्ण सेवाएं प्रदान करते हैं। उदाहरण के तौर पर उचित स्टॉक उचित समय पर चुनाव करना एवं चुने गए स्टॉक में निवेश की जाने वाली राशि को सुनिश्चित करना। फुल सर्विस ब्रोकर निवेशकों को और भी सेवाएं प्रदान करते हैं उदाहरण के तौर पर टैक्स संबंधी सुझाव, एस्टेट प्लैनिंग, कंस्ट्रक्शन, इनिशियल पब्लिक आफरिंग आदि। फुल सर्विस ब्रोकर निवेशकों के पोर्टफोलियो में निरंतर सुधार भी करते रहते हैं। इसी कारण शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने शेयर मार्केट में डिस्काउंट ब्रोकर को कैसे चुने फुल सर्विस ब्रोकर्स निवेशकों पर सामान्य से अधिक शुल्क लागू करते हैं।

आवेदन: उचित स्टॉक ब्रोकर के चुनाव के बाद निवेशक द्वारा स्टॉक ब्रोकर को संपूर्ण व्यक्तिगत जानकारी प्रदान की जाती है जिसके आधार पर निवेशक की सरकारी विनियमन के अंतर्गत जांच की जाती है एवं पंजीकरण किया जाता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट ऑनलाइन सिर्फ 15 मिनट में ही खो जाते हैं और उसके बाद आप अपनी ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।

ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करना

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए स्टॉक ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करना अनिवार्य है। ट्रेडिंग अकाउंट निवेशक द्वारा की गई सभी प्रकार की खरीद-फरोख्त को दर्शाता है। ट्रेडिंग अकाउंट निवेशक के बैंक अकाउंट एवं डीमैट अकाउंट के मध्य संपर्क स्थापित करता है।

ट्रेडिंग अकाउंट के उपयोग द्वारा स्टॉक्स खरीदे जाने पर संबंधित राशि बैंक अकाउंट से डेबिट हो जाती है एवं इसके विपरीत स्टॉक्स के बेचे जाने पर जाने पर संबंधित राशि बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाती है।

ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने के लिए केवाईसी फॉर्म के साथ निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • वर्तमान बैंक अकाउंट से संबंधित कैंसल्ड चेक
  • आय प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ

डीमैट अकाउंट ओपन करना

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए स्टॉक ब्रोकर के साथ डिमैट अकाउंट ओपन करना भी अनिवार्य है। डिमैट अकाउंट निवेशक द्वारा संग्रहित सभी प्रकार की सिक्योरिटी को दर्शाता है। डीमैट अकाउंट का उपयोग निवेशक द्वारा खरीदे गई सभी प्रकार की सिक्योरिटी को संग्रहित करने के लिए किया जाता है।

ट्रेडिंग अकाउंट के उपयोग द्वारा शेयर खरीदे जाने पर संबंधित शेयर की संख्या डिमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाती है एवं इसके विपरीत शेयर के बेचे जाने पर संबंधित शेयर की संख्या डीमैट अकाउंट से डेबिट हो जाती है।

डिमैट अकाउंट ओपन करने के लिए केवाईसी फॉर्म के साथ निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ

बैंक अकाउंट लिंक करना

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए बैंक अकाउंट का ट्रेडिंग अकाउंट के साथ लिंक होना अनिवार्य है। ट्रेडिंग अकाउंट का बैंक अकाउंट के साथ लिंक होना स्टॉक मार्केट में होने वाली खरीद-फरोख्त को सहज बनाता है।

ट्रेडिंग अकाउंट एवं डिमैट अकाउंट के सक्रिय होने एवं ट्रेडिंग अकाउंट एवं बैंक अकाउंट लिंक होने के बाद निवेशक ट्रेडिंग आरंभ कर सकते हैं। स्टॉक मार्केट में निवेश एक लाभप्रद विकल्प है एवं इसके पोर्टफोलियो को विविधीकरण प्रदान कर इसे अधिक लाभप्रद बनाया जा सकता है।

ध्यान दें बैंक अकाउंट लिंक करने के लिए आपको कुछ अलग से नहीं करना पड़ता है। ट्रेडिंग अकाउंट खोलते वक्त आपका बैंक अकाउंट खुद ब खुद आपके ट्रेडिंग अकाउंट के साथ लिंक कर दिया जाता है।

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