निवेश करते समय क्या रखें ध्यान? कैसे करें सही Stocks को चुनाव? | फंड का फंडा
फंड का फंडा आपको करता है शेयर मार्केट के प्रति जागरूक और देता है सलाह पैसे से पैसा बनाने की. आज निवेश के गुर सिखा रहे हैं निवेश गुरू और कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के MD नीलेश शाह.
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SIP और एकमुश्त निवेश में चुनाव कैसे करूं?
SIP बनाम एकमुश्त (एक बार) निवेश? ये सर्वथा इस बात पर निर्भर है कि आप अपने लक्ष्य, निवेश हेतु सोची गयी राशि और म्यूच्यूअल फंड्स की पद्धति, इन तीनों से भली भाँति अवगत हैं| अगर आप पर्याप्त पूँजी संचय और लक्ष्य प्राप्ति के लिए नियमित निवेश के पक्षधर हैं, आप SIP के ज़रिये उपयुक्त इक्विटी योजना में निवेश करें| उदाहरण स्वरुप, अगर आप अपने मासिक आय के बचत को एक ऐसे विकल्प में डालना चाहते हैं जहां आपकी धनराशि में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि होगी जो कालान्तर में आपके बच्चे की उच्च शिक्षा के वित्तीय पोषण में सहायक होगी, उस स्थिति में SIP वो विकल्प है| आवश्यकतानुसार फण्ड सलाहकार की सेवाएं लेना न भूलें|
अगर आपके पास इस वक़्त अतिरिक्त धनराशि है- बोनस, संपत्ति विक्रय से प्राप्त आय या सेवानिवृत्ति कोष और आप उसके उपयोग को लेकर दुविधा में हैं, तब आप डेब्ट या तरल फंड में एकमुश्त निवेश का विकल्प चुन सही निवेश शिक्षा का चुनाव कैसे करें सकते हैं| इक्विटी उन्मुख योजनाओं में निवेश के लिए SIP का माध्यम जहां एक ओर उपलब्ध है वहीं एकमुश्त राशि निवेश के लिए डेब्ट फंड्स अधिक कारगर हैं| अगर आप म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में अभी नौसीखिए हैं, आपके लिए SIP उपयुक्त रहेगा| SIP को, स्वयं को फायदेमंद साबित करने के लिए एक लम्बे
कैसे करें सही ETF का चुनाव? निवेश से पहले रखें इन बातों का ध्यान
इंडियन मार्केट में आम तौर पर पांच प्रकार के ETF देखने को मिलते हैं गोल्ड ETF, इंडेक्स ETF, बॉन्ड ETF, सिल्वर ETF और इंट . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : February 15, 2022, 13:46 IST
नई दिल्ली. अगर आप लंबे समय के निवेश में बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो ईटीएफ में इन्वेस्टमेंट एक बेहतर विकल्प हो सकता है. ETF शेयर बाजार में सूचीबद्ध होते हैं और शेयर की तरह ही इनकी खरीद बिक्री होती है. इसमें एक म्यूचुअल फंड की तरह एक्टिव पोर्टफोलियो मैनेजमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है, इसलिए इसे एक निष्क्रिय इक्विटी इन्वेस्टमेंट माना जाता है.
मार्केट में कई प्रकार के है ETF
इंडियन मार्केट में आम तौर पर पांच प्रकार के ETF देखने को मिलते हैं गोल्ड ETF, इंडेक्स ETF, बॉन्ड ETF, सिल्वर ETF और इंटरनेशनल ETF.
निवेश का तरीका
ETF को शेयरों की तरह स्टॉक मार्केट में खरीदा और बेचा जाता है. ETF खरीदने के लिए आपको सही निवेश शिक्षा का चुनाव कैसे करें अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है. एक ETF की कीमत रीयल टाइम में घट या बढ़ सकती है. यह एक म्यूचुअल फंड के यूनिट की कीमत के विपरीत होता है, जिसे सिर्फ एक ट्रेडिंग सेशन के अंत में तय किया जाता है.
निवेश से पहले इन पैरामीटर्स पर परखें ईटीएफ को
>> ETF को चुनते समय या उसमें निवेश करने से पहले निवेशकों को एल4यू स्ट्रेटजी पर भरोसा रखना चाहिए लिक्विडिटी, लो एक्सपेंस रेशियो, लो इंपैक्ट कॉस्ट, लो ट्रैकिंग एरर और अंडरलाइंग सिक्योरिटीज.
>> ETF की लिक्विडिटी से निवेशकों को स्टॉक एक्सचेंज पर इसकी खरीद या बिक्री करने में आसानी रहेगी.
>> आमतौर पर ETF के एक्सपेंस रेशियो एक्टिव फंड्स की तुलना में कम होते हैं लेकिन निवेशकों को विभिन्न ईटीएफ के एक्सपेंस रेशियो की आपस में तुलना जरूर करनी चाहिए.
>> किसी भी ETF को चुनते समय लो ट्रैकिंग एरर महत्वपूर्ण फैक्टर है. इससे इंडेक्स की तुलना में मिलने वाले रिटर्न का अंतर कम करने में मदद मिलती है. आमतौर पर अंडरलाइंग सिक्योरिटीज के मुताबिक 0 2 फीसदी का ट्रैकिंग एरर आदर्श माना जाता है.
>> किसी ETF का चुनाव करते सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर अंडरलाइंग सिक्योरिटीज है क्योंकि रिटर्न इसी के परफॉरमेंस पर निर्भर होता है.
नॉन इक्विटी ETF जैसे गोल्ड और इंटरनैशनल ETFs में 3 साल से कम समय के लिए किए गए इन्वेस्टमेंट्स को शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट माना जाता है, जबकि 3 साल से ज्यादा समय के लिए किए गए इन्वेस्टमेंट्स को लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट माना जाता है. नॉन इक्विटी ETFs के STCG पर मामूली दर से टैक्स लगता है. नॉन इक्विटी ETF के LTCG पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20% टैक्स लगता है.
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अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए चुनें ये 3 प्लान, मिलेंगे कई फायदे
माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर हमेशा कई सारी चीजों की प्लानिंग करते हैं फिर चाहे स्कूल का चुनाव करना हो या फिर कॉलेज का इन सभी चीजों का सही चुनाव करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। बता करें अगर स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई की तो कई सारे स्कूल और कॉलेज बहुत ज्यादा फीस लेते हैं जिस वजह से माता-पिता को कई सारी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है इस वजह से उन्हें पहले से प्लानिंग करनी पड़ती है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बच्चों की पढ़ाई के लिए आप सही निवेश शिक्षा का चुनाव कैसे करें कौन से 3 प्लान चुन सकते हैं और उसमें आसानी से निवेश कर सकते हैं।
1) म्यूचल फंड्स में करें निवेश
अगर आप अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले एक लिस्ट को तैयार करना चाहिए जिसमें आपको यह पता रहें कि कौन से टाइप के म्यूचल फंड्स से आपके बच्चें की पढ़ाई में फायदा होगा।आपको बता दें कि बच्चे की पढ़ाई के लिए म्यूचुअल फंड का चुनाव करना बहुत आसान काम नहीं है।
अगर आप सही चुनाव करेंगे तभी आपके बच्चें की पढ़ाई में आर्थिक सहायता आपको मिल पाएगी। ध्यान रखें कि जब भी आप म्यूचुअल फंड का चुनाव करें तो उसकी सही निवेश शिक्षा का चुनाव कैसे करें ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन का भी ध्यान रखें कि कितना खर्च आपको उसमें करना होगा और फिर उस हिसाब से ही निवेश करने की प्लानिंग करें।
2)पीपीएफ अकाउंट से मिलेगा फायदा
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ में अगर आप निवेश करते हैं तो इससे भी आपके बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसों की सहायता हो सकती है। आपको बता दें कि आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट भी मिलती है।
इसके अलावा आप अपने बच्चे के नाम का भी दूसरा पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं जिसे पीपीएफ चाइल्ड अकाउंट भी कहा जाता है और उसमें आप मैक्सिमम 1.5 लाख तक का निवेश कर सकते हैं। इस तरह के प्लान की मदद से आपके बच्चे की पढ़ाई में मदद हो सकती है।
3)इसमें करें निवेश
आपको बता दें कि कई लोग फिक्स्ड डिपॉजिट( एफडी ) में भी अपने बच्चों के लिए सेविंग करते हैं। आपको बता दें कि अगर आपके बच्चे की उम्र 5 से 10 साल तक की है तो आप एफडी कर सकते हैं। इसके अलावा सुकन्या समृद्धि योजना में भी निवेश कर सकते हैं।
इसमें सही निवेश शिक्षा का चुनाव कैसे करें आपके बच्चे को 18 साल की उम्र के बाद जो पैसे आपने निवेश करें होते हैं वह मिलते हैं जिसका इस्तेमाल वह पढ़ाई के लिए कर सकते हैं। एलआईसी की मनी बैक पॉलिसी और जीवन तरुण प्लान में भी आप अपने बच्चे की पढाई के लिए निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में भी निवेश करने का भी एक अच्छा तरीका हो सकता है।
इन सभी तरह से सही निवेश शिक्षा का चुनाव कैसे करें आप अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए निवेश कर सकते हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी सही निवेश शिक्षा का चुनाव कैसे करें के साथ।
बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए अभी से करें बचत की तैयारी
बढ़ती महंगाई के साथ बच्चों की पढ़ाई पर होने वाले खर्च में भी इजाफा हुआ है। इसको ध्यान में रखते हुए अभी से यदि सही वित्तीय योजना नहीं बनाते हैं तो आप भविष्य में मुश्किलों में पड़ सकते हैं। ऐसे में.
बढ़ती महंगाई के साथ बच्चों की पढ़ाई पर होने वाले खर्च में भी इजाफा हुआ है। इसको ध्यान में रखते हुए अभी से यदि सही वित्तीय योजना नहीं बनाते हैं तो आप भविष्य में मुश्किलों में पड़ सकते हैं। ऐसे में बच्चों की उम्र और अपनी कमाई के हिसाब से निवेश की योजना बनाना फायदेमंद हो सही निवेश शिक्षा का चुनाव कैसे करें सकता है। आइए जानें बेहतर वित्तीय रणनीति से कैसे करें बच्चों के भविष्य की सुरक्षा।
कैसे करें खर्च का आकलन
मौजूदा समय में यदि बच्चे की उम्र तीन साल है तो 15 साल बाद उसे उच्च शिक्षा की जरूरत पड़ेगी। आप उसे इंजीनियरिंग या अन्य कोई तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई कराना चाहते हैं जिसका वर्तमान खर्च पांच लाख रुपये है तो इसी के हिसाब से आकलन करना होगा। इसमें 10 फीसदी सालाना बढ़ोतरी के हिसाब से आकलन करें तो खर्च 15 साल बाद करीब 21 लाख रुपये हो जाएगा। इसके लिए हर महीने करीब चार हजार रुपये निवेश करना होगा।
म्यूचुअल फंड में भी करें निवेश
म्यूचुअल फंड (एमएफ) में एफडी से ज्यादा रिटर्न मिलता है और शेयरों के मुकाबले जोखिम भी कम होता है। इसमें बचत का एक हिस्सा जरूर निवेश करें। आप इसके लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) का विकल्प चुन सकते हैं। इसमें न्यूनतम 500 रुपये भी जमा कर सकते हैं। यदि आप 2,000 रुपये सिप में जमा करते हैं तो 12 फीसदी के अनुमानित रिटर्न पर 15 साल में 9.43 लाख रुपये हो जाएंगे।
शेयरों से भी उठाएं लाभ
शेयर बाजार मे पिछले 15 साल में औसतन 15 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है। हालांकि, इसमें जोखिम भी बहुत अधिक होता है। लेकिन लंबी अवधि में यह फायदेमदं होते हैं। बचत का एक हिस्सा इसमें निवेश कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अपने कुल बचत का 15 से 20 फीसदी सही निवेश शिक्षा का चुनाव कैसे करें हिस्सा ही शेयरों में निवेश करना चाहिए।
एफफडी कितनी रहेगी फायदेमंद बच्चों की शिक्षा के लिए बचत के एक हिस्से का सबसे पहले सावधि जमा (एफडी) करवाएं। मौजूदा समय में इसपर आठ से 9.25 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है। एक लाख रुपये तक की एफडी का बीमा होता है। ऐसे में एक ही बैंक में पूरी पूंजी जमा करने की बजाए उसे एक लाख रुपये के हिसाब से अलग-अलग बैंकों में एफडी करवाएं।
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