राहुल गांधी के परिवारवाद वाले बयान पर जम कर बरसे अरुण जेटली

अरुण जेटली ने कहा कि कुछ पार्टियों को यह लगता होगा कि वंशवाद पर केंद्रित रहना एक खूबी है

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने निशाना साधा है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी का बिना नाम लिए कहा कि उन्‍हें शर्म आई, जब अमेरिका में कहा गया कि परिवारवाद इस देश के स्वभाव में है.

अरुण जेटली ने कहा कि कुछ पार्टियों को यह लगता होगा कि वंशवाद पर केंद्रित रहना एक खूबी है, पर आगे चलकर यह भार बन जाता है.

उन्होंने रोहिंग्या के मुद्दे पर भी अपने विचार रखते हुए कहा, 'हर देश अपनी विदेश, सुरक्षा नीति और जनसंख्या के मुताबिक ही फैसला लेगा.'

बता दें कि राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका में हैं. एक यूनिवर्सिटी में उन्होंने छात्रों को संबोधित करने के दौरान कहा था कि परिवारवाद भारत की हकीकत है. इसके बाद से ही राहुल बीजेपी नेताओं के अरुण संकेतक क्या है? निशाने पर हैं. हालांकि वित्तमंत्री ने कांग्रेस उपाध्यक्ष का नाम नहीं लिया, लेकिन साफ था कि उनके निशाने पर राहुल ही हैं.

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एनसीडीईएक्स ने कृषि में गुआरेक्स, सोयडेक्स नाम से सूचकांक किए जारी

नेशनल कमोडिटी एण्ड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने, कृषि जिंस बाजार में दो क्षेत्रीय सूचकांक -- गुआरएक्स और सोयडेक्स-- जारी किये है. दरअसल एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण रास्ते ने एक बयान में कहा, ‘‘सूचकांक के वर्ग में, हमने कृषि जिंस में देश का पहला रिटर्न आधारित कृषि अरुण संकेतक क्या है? वायदा सूचकांक जारी किया है. गुआरेक्स और सोयडेक्स देश में कृषि जिंस कारोबार में पहले क्षेत्रीय सूचकांक हैं.’’

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नेशनल कमोडिटी एण्ड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने, कृषि जिंस बाजार में दो क्षेत्रीय सूचकांक -- गुआरएक्स और सोयडेक्स-- जारी किये है. दरअसल एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण रास्ते ने एक बयान में कहा, ‘‘सूचकांक के वर्ग में, हमने कृषि जिंस में देश का पहला रिटर्न आधारित कृषि वायदा सूचकांक जारी किया है. गुआरेक्स और सोयडेक्स देश में कृषि जिंस कारोबार में पहले क्षेत्रीय सूचकांक हैं.’’

गुआरएक्स और सोयडेक्स सूचकांक क्या है? (What is GuarX and Soydex Index?)

गुआरेक्स एक रिटर्न आधारित सूचकांक (return based index) होगा जो कि गुआर सीड और गुआर गम रिफाइंड के वायदा अनुबंध के मूल्य में होने वाले उतार-चढ़ाव पर आधारित होगा. इसी प्रकार सोयडेक्स सोयाबीन और रिफाइंड सोया तेल के वायदा अनुबंध में आने वाले उतार -चढ़ाव पर आधारित होगा.

अरुण रास्ते ने संभाला एनसीडीईएक्स (NCDEX) के एमडी एवं सीईओ का कार्यभार

अरुण रास्ते ने आज देश के अग्रणी कृषि-कोमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स)का कार्यभार ग्रहण किया. एनसीडीईएक्स से जुडने से पहले, अरुण रास्ते, कार्यकारी निदेशक के रूप…

खबरों के मुताबिक, दोनों सूचकांक को लेकर एनसीडीईएक्स ने कहा है कि, इन दोनों सूचकांक में वायदा कारोबार को आने वाले दिनों में शुरू किया जायेगा. शुरुआत में ये दोनों सूचकांक कृषि जिंस एक्सचेंज की वेबसाइट (Website of Agricultural Commodities Exchange) पर उपलब्ध होंगे और यह केवल गुआर कम्पलेक्स और सोय कम्पलेक्स के प्रदर्शन का मापन करेंगे.

एनसीडीईएक्स क्या है? (What is NCDEX?)

एनसीडीईएक्स यानि नेशनल कमोडिटी एण्ड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज, भारत का ऑनलाइन कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज (वस्तुओं के विनिमय का कारोबार) है, जो विशेषरूप से कृषि उत्पादों में व्यापार के लिए बनाया गया है. यह वायदा व्यापार के मूल्य और संख्या के संदर्भ में, एनसीडीईएक्स एमसीएक्स से दूसरे स्थान पर आता है.

हालांकि, इसका मुख्यालय मुंबई में है, यह देश भर में स्थित अपने कई कार्यालयों के माध्यम से काम करता है. इसके अलावा, यह कृषि वस्तुओं पर कुल व्यापार का 75-80 प्रतिशत नियंत्रित करता है.

English Summary: ncdex issued indices in the name of Guarex, Soydex in the अरुण संकेतक क्या है? agriculture sector Published on: 07 July 2021, 12:39 IST

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अरुण संकेतक क्या है?

संसद भवन पहुंचे वित्त मंत्री अरुण जेटली,11 बजे पेश होगा आम बजट

संसद भवन पहुंचे वित्त मंत्री अरुण जेटली,11 बजे पेश होगा आम बजट

नई दिल्ली। सोमवार को देश की स्थिर विकास दर, सरकारी खर्च और देश की सुधार की दिशा से संबंधित चिंता के बीच केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली आने वाले वित्त वर्ष के लिए आम बजट पेश करेंगे। वह सुबह वित्त मंत्रालय पहुंचे और वहां से बजट भाषण की कॉपी लेकर राष्ट्रपति भवन पहुंचे।

उनके साथ वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा भी मौजूद थे। बजट पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दी। उसके बाद जेटली और सिन्हा संसद भवन पहुंचे। सुबह 11 बजे वित्त मंत्री जेटली लोकसभा में आम बजट पेश करेंगे। इस बीच बजट की प्रतियां भी संसद भवन पहुंचा दी गई हैं।

वित्तमंत्री अरुण जेटली आम आदमी की उम्मीद कहां तक पूरी कर सकते हैं। शुक्रवार को इस बारे में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2०15-16 में सुझाव देते हुए कहा गया है कि उम्मीदों को फिर से परिभाषित करने की जरूरत है। बजट में यह भी देखा जाएगा कि सर्वेक्षण के सुझावों को कहां तक अपनाया गया है। सर्वेक्षण में सब्सिडी को सुसंगत करने और अधिक लोगों को कर दायरे में लाने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए जाने जैसे सुझाव दिए गए हैं।

जेटली के सामने किसानों, निवेशकों दोनों को खुश करने की कठिन चुनौती

यदि शेयर बाजारों को संकेतक माना जाए, तो बजट से पहले प्रमुख सूचकांकों में देखी जा रही गिरावट अरुण संकेतक क्या है? को शुभ नहीं माना जा सकता है। आर्थिक सर्वेक्षण में वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए मौजूदा वित्त वर्ष में देश की विकास दर के अनुमान को 7.6 फीसदी पर रखा गया है।

इस बजट में चाहिए आधी आबादी को शिक्षा, सुरक्षा और जॉब

सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘‘वैश्विक सुस्ती के कारण 2०16-17 की विकास दर 2०15-16 के मुकाबले काफी अधिक रहने की उम्मीद कम है। इसमें कहा गया है की सातवें वेततन आयोग की सिफारिशों और वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने से सरकार का खर्च बढ़ेगा।

मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने भी इसी महीने के शुरुआत में कहा था कि सरकार यदि वित्तीय घाटा कम करने के पूर्व घोषित रास्ते पर चलती भी रहेगी, तब भी भारत की वित्तीय स्थिति समकक्ष देशों के मुकाबले कमजोर ही रहेगी।

नौकरीपेशा लोगों को इस बजट से है यह 9 उम्मीदें
मूडीज ने कहा की आगामी आम बजट को महत्व इस बात में निहित है कि वित्तीय घाटा कम करने की योजना पर इसमें क्या कहा जाता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष हर्षवर्धन नेवतिया ने कहा की आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश में 8-10 प्रतिशत विकास दर हासिल करने की क्षमता है और इसे हासिल करने के लिए तीन क्षेत्रों पर ध्यान देने की जरूरत है -उद्यमिता को बढ़ावा देना, सरकार की भूमिका कम करना और स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर निवेश बढ़ाना।

Tag: Arun Puri

कितने शर्म की बात अरुण संकेतक क्या है? है कि एक नेता को आजतक इंडिया टुडे जैसे देश के विशाल मीडिया घराने के मालिकों और मुलाजिमों को पत्रकारिता का ट्यूशन देना पड़ रहा है। जब ममता बनर्जी राहुल कंवल की बखिया उधेड़े हुए थीं तो आजतक इंडिया टुडे ग्रुप के बुजुर्ग मालिक अरुण पुरी कसमसा रहे थे। लेकिन वो करते भी क्या?

नेताजी की तस्वीर के बारे में गलत प्रचार पर राष्ट्रपति भवन नाराज़, प्रेस सचिव ने लिखा अरुण संकेतक क्या है? अरुण पुरी को पत्र

पत्र में 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राजदीप सरदेसाई द्वारा फैलाए गए झूठ का जिक्र किया अरुण संकेतक क्या है? गया है. इसमें बताया गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर उनका पोट्रेट का अनावरण किया था. जिसके बाद सरदेसाई समेत कई पत्रकारों ने दावा किया कि वह सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर नहीं है. उनके अनुसार ये पोट्रेट प्रसनजीत चटर्जी की है, जिन्होंने बोस पर बनी फिल्म में उनका किरदार अदा किया था.

आर्टिकल 19: आजतक नहीं, रिपब्लिक! जब खालिस दुर्गंध यहां मिले तो कोई वो क्‍यूं ले, ये न ले…

आजतक की ये दुर्गति इसलिए हुई है कि अरुण पुरी ने अर्णब गोस्वामी बनने में पूरी ताकत झोंक दी। उसके पास न अपनी रिपोर्टें थीं, न अपना कोई पत्रकारीय विमर्श और न ही कोई स्वतंत्र सोच। आजतक बस ईवेंट जर्नलिज्म कर सकता था।

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इलाहाबाद. बॉलीवुड एक्टर अरुण सिंह इनदिनों अपनी फिल्म

- अरुण सिंह का जन्म 1971 में इलाहाबाद के न्यू सोहबतिया बाग इलाके में हुआ था। इनके पिता का नाम स्व. शिव कुमार सिंह है। इनकी पढ़ाई-लिखाई भी इलाहाबाद में ही हुई। - अरुण ने बताया कि उनका पढ़ने में मन नहीं लगता था। बचपन से ही फिल्मों का बड़ा शौक था। एग्जाम के वक्त भी फिल्म देखने जाया करता था, जिस वजह से 10th में फेल हो गया और पढ़ाई बंद हो गई। - बचपन में ही अमिताभ की फिल्मों का जादू सर चढ़कर बोलने लगा था। इस वजह से अमिताभ की तरह ही हेयर स्टाइल और उन्हीं की तरह डायलॉग डिलीवरी करना शुरु कर दिया। - सामान्य फैमिली से होने की वजह से खुलकर शौक पूरा नहीं कर पा रहे थे।

- पढ़ाई छुटने के बाद काम की तलाश करने लगा, लेकिन कम पढ़े-लिखे होने की वजह से कहीं ढंग का काम नहीं मिल रहा था। - फिर एक ठेकेदार के यहां काम सीखा और ठेकेदारी करने लगे। उसी दौरान राजश्री प्रोडक्शन वाले अपनी फिल्म बाबुल की शूटिंग के लिए इलाहाबाद आए हुए थे। - शूटिंग देखने के लिए पाबंदी के बावजूद भी अंदर घुस गया। तभी सिक्योरिटी गार्ड ने मुझे वहां से भगाने के लिए डंडा चला दिया और अरुण संकेतक क्या है? वहां से भाग जाने को कहा। उसी दिन कसम खाया और उस सिक्योरिटी गार्ड से कहा कि 1 दिन मैं भी बड़े पर्दे पर आके रहूंगा। इसके बाद अपनी कसम को पूरा करने के लिए मैं कोशिश में लग गया।

इलाहाबाद में ही रंगमच से जुड़ गए - उस समय इलाहाबाद के बाल भवन(स्वराज भवन) मे अभिनय सिखाया जाता था। जहां मैंने ज्वाइन किया और एक्टिगं को गुण सीखना शुरु अरुण संकेतक क्या है? कर दिया। 3 साल तक वहां सीखता रहा और सीखने के बाद प्ले करने लगा। - नाटकों में अभिनय करने का कोई पैसा नहीं मिलता था और घर चलाना रहता था। इसलिए एक्टिंग के साथ-साथ ठेकेदारी भी करता था। लेकिन धीरे-धीरे नाटक में ज्यादा वक्त देने की वजह से ठेकेदारी में नुकसान होने लगा और रोजी रोटी का सवाल उठने लगा था।


अभिनय करने आ गए दिल्ली - पेपरों में अरुण संकेतक क्या है? पढ़ा करता था की कई अभिनेता दिल्ली में अभिनय करके मुंबई पहुंचे जाते थे। इसलिए मैं भी इलाहाबाद छोड़कर दिल्ली आ गया और दूर के पहचान वाले के पास लक्ष्मीनगर बस स्टॉप के पास रहने लगा। - एक दिन मैं बस स्टॉप पर ही सोया था कि कहीं से उड़ता हुआ एक पेपर आया, 'उसमें लिखा था सांग एंड ड्रामा डिवीज़न के लिए कलाकार चाहिए' और उसके लिए 3000 रुपए मिलेगा। - फिर क्या था किस्मत आजमाने मैं भी पहुंच गया। ऑडिशन में एक से बढ़कर एक लोग आए थे। मैंने सोचा कि मेरा तो होने से रहा इसलिए में मन ही मन अपने सवालों का जवाब देता रहा। इसके बाद ऑडिशन दिया लेकिन जजेस को पता नहीं मेरी कौन सी बात पसंद आ गई और मुझे सिलेक्ट कर लिया। - ड्रामा में काम के करने पर मुझे 3000 रुपए मिले। इसके बाद मैं दिल्ली में ही रहने लगा और नुक्कड़ नाटकों में काम करने लगा। खर्चे निकालने के लिए कमर्शियल नुक्कड़ नाटकों में भी अभिनय करता था।

डाक सीरियल में काम करने को मिला पहला मौका - दिल्ली में दूरदर्शन के लिए बन रहे डाक अंशु सीरियल में काम करने का पहला मौका मिला। उसमें मुझे तांत्रिक का रोल प्ले करना था। इस सीरियल के डायरेक्टर अरविंद स्वामी थे। - सीरियल की शूटिंग के लिए हम लोग झाबुआ गए हुए थे। शूट के बाद शॉट ओके होने पर डायरेक्टर अरविंद स्वामी ने अरुण संकेतक क्या है? मुझे अपना पास बुलाया और कहा कि तुम मुंबई आओ वहां तुम्हारे काम की कद्र होगी। - इसके बाद 11 सितंबर 1998 को मैं मुंबई पहुंच गए। वहां भी एक पहचान वाले के यहां रहने लगे। लेकिन यहां रहना इतना आसान नहीं था। सुबह से कंपनी में काम होता था, इसलिए सुबह ही उठकर निकलना पड़ता था और रात को जब कंपनी बंद होती थी तब सोने का मौका मिलता था। - उस समय सोने के लिए बिस्तर नहीं था मेरे पास इसलिए कंपनी के बोरे पर सोया करता था और ईट को तकिया बनाया करता था। - हर सुबह स्टूडियो दर स्टूडियो काम मांगने के लिए चक्कर लगाता था। फिर एक दिन मुंबा देवी की कृपा से शक्ति नामक सीरियल के 2 एपिसोड में काम करने का मौका मिला।

ऐसे मिली पहली फिल्म, देवानंद ने दिया चांस - अरुण बताते हैं कि, 1 दिन जुहू चौपाटी में देवआनंद अपनी फिल्म सेंसर की शूटिंग कर रहे थे। उस दिन मैं भी शूटिंग देखने गया हुआ था। - इसके बाद जैसे ही देव साहब शूट खत्म करके निकलने लगे, मैं पीछे से जाकर उनका हाथ पकड़ लिया। देव साहब ने देखा तो पूछा हां भाई क्या है? मैंने कहा कि मैं अभी अभिनेता हूं और आप की फिल्म में काम करना चाहता हूं। - इसपर उन्होंने कहा कि यादव जी से मिल लो। यादव जी देव साहब के सेक्रेटरी हुआ करते थे। यादव जी से मुलाकात के बाद 2 दिन के बाद पहली फिल्म मिली और फिल्म के पोस्टर में भी जगह मिली। - इसके बाद से मेरा फिल्मी करियर शुरु हुआ और तब से लेकर अबतक लगभग हर बड़े एक्टर के साथ काम कर चुका हूं।

इन फिल्मों में इन एक्टर के साथ किया काम - कोलकाता मेल में अनिल कपूर के साथ - अशोका दी ग्रेट में शाहरुख खान के साथ - पीके में आमिर खान के साथ - गदर एक प्रेम कथा में शनि देओल - टॉयलेट एक प्रेम कथा में अक्षय कुमार के साथ - अश्क में अमिताभ बच्चन के साथ ही दर्जनों फिल्मों में काम किया और अभी हाल ही में मेरी मलयालम फिल्म टियान रिलीज हुई है।

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