टेरा क्लासिक 1 महीने का मार्केट कैप चार्ट। स्रोत: कॉइनमार्केटकैप

CDSCO और राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन ने दवा निर्माण इकाइयों का संयुक्त निरीक्षण शुरू किया

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने राज्य के अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से दवा निर्माण इकाइयों का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है (joint inspection of all drug manufacturing units across India). इसके पीछे मकसद नकली दवाओं पर अंकुश लगाना है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

नई दिल्ली: एक बड़े बाजार वृद्धि विश्लेषण घटनाक्रम में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन ने पूरे भारत में सभी दवा निर्माण इकाइयों का संयुक्त निरीक्षण शुरू कर दिया है. घटनाक्रम से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि देश में उपलब्ध दवाओं की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए यह पहल की गई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण व रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Minister for Health and Family Welfare Mansukh Mandaviya) ने जोखिम आधारित दृष्टिकोण के अनुसार चिन्हित दवाओं की निर्माण इकाइयों पर इस तरह का संयुक्त निरीक्षण करने को कहा है.

मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार सीडीएससीओ मुख्यालय में दो संयुक्त औषधि नियंत्रकों की एक समिति गठित की गई है जो निरीक्षण, रिपोर्टिंग और बाद की कार्रवाई की प्रक्रिया की निगरानी करेगी ताकि औषधि और प्रसाधन अधिनियम, 1940 और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह देश में निर्मित दवाओं के संबंध में गुणवत्ता अनुपालन के उच्च मानकों को सुनिश्चित करेगा. यह मानक गुणवत्ता (एनएसक्यू) के निर्माण के जोखिम वाली विनिर्माण इकाइयों के राष्ट्रव्यापी निरीक्षण के लिए एक कार्य योजना है. दरअसल पहले मिलावटी, नकली दवाओं के मामले सामने आए थे.

औषधि नियंत्रण प्रशासन को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि विनिर्माण इकाइयां औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और उसके तहत विशेष रूप से अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (जीएमपी) की आवश्यकताओं का अनुपालन करती हैं.

मेडेन फार्मास्युटिकल्स द्वारा भारत में निर्मित खांसी की दवाई को गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत से जुड़ा पाया गया था, जिसके बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. हालांकि, सीरप की जांच के बाद भारत ने WHO को सूचित किया कि सीरप मानक गुणवत्ता का था.

गौरतलब है कि बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि केंद्र देश में सुरक्षा और प्रभावकारिता बनाए रखने के साथ-साथ शीर्ष गुणवत्ता वाली दवाओं, कॉस्मेटिक और चिकित्सा उपकरणों को सुनिश्चित करके सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और वृद्धि करने के मिशन पर है.

सांची दूध में फिर से दो रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी, दो माह में 4 रुपए बढ़े दूध के दाम, इस बार 9 वैरिएंट में हुई बढ़ोतरी

सांची ब्रांड के पैक्ड दूध के दामों में फिर से उबाल आ गया है। एमपी स्टेट को ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड ने भोपाल दुग्ध संघों को सांची दूध के 9 वेरिएंट की कीमत में 2 रुपए प्रति लीटर की मूल्य वृद्धि करने को कहा है। पिछले एक साल में तीन बार में 6 रुपए लीटर से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है। पिछले दो महीने में ही 4 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गई। सांची दूध की कीमत में बढ़ोतरी का असर बाजार में बिकने वाले खुले डेयरी के दूध पर पड़ा है। अब खुले में बिकने वाला दूध भी मंहगा हो गया है

भोपाल। सांची ब्रांड के पैक्ड दूध के दामों में फिर से उबाल आ गया है। एमपी स्टेट को ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड ने भोपाल दुग्ध संघों को सांची दूध के 9 वेरिएंट की कीमत में 2 रुपए प्रति लीटर की मूल्य वृद्धि करने को कहा है। पिछले एक साल में तीन बार में 6 रुपए लीटर से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है। पिछले दो महीने में ही 4 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गई। सांची दूध की कीमत में बढ़ोतरी का असर बाजार में बिकने वाले खुले डेयरी के दूध पर पड़ा है। अब खुले में बिकने वाला दूध भी मंहगा हो गया है।

पिछले कुछ समय से यह ट्रेंड हो गया कि बाजार में जब भी सांची दूध के दाम में बढ़ोतरी होती है, तो उसी समय से अन्य ब्रांड के दूध व बाजार में बिकने वाला खुला दूध मंहगा हाे जाता है। इसके साथ ही साथ दूध व दूध से बनी अन्य सामग्री दही, मठा, छेना, पनीर, श्रीखंड, पेड़ा आदि भी मंहगी हो जाती है। Sanchi milk बाजार वृद्धि विश्लेषण again increased by two rupees per liter, the price of milk increased by four rupees in two months, this time the increase in 9 variants इससे आम लोगों की एक तरफ जेबें ढीली होती है तो मंहगाई भी बढ़ता है। सबसे दिलचस्प यह कि दूध की कीमत में बढ़ोतरी का लाभ दूध उत्पादकों को नहीं मिलता।

कुछ इस तरह से बढ़ेंगे दाम-

भोपाल सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित ने डायमंड दूध, फुल क्रीम दूध (गोल्ड), स्टैडर्ड दूध (शक्ति), टोण्ड दूध (ताजा), डबल टोण्ड दूध (स्मार्ट), चाह दूध और चाय स्पेशल दूध में 2-2 रुपए प्रति लीटर की मूल्य वृद्धि कर दी है। यह मूल्य वृद्धि कल 25 दिसंबर से प्रभावी हो जाएगी। इसके पहले फेडरेशन के निर्देश पर सांची दुग्ध संघ ने 20 अक्टूबर 2022 को डायमंड दूध और फुल क्रीम दूध गोल्ड में 2 रुपए प्रति लीटर की मूल्य वृद्धि की थी।

FMCG Bussiness : कंपनियों को मात्रा, मार्जिन के लिहाज से 2023 अच्छा रहने की उम्मीद

FMCG Bussiness : डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ​​ने कहा, हम वर्ष 2023 को लेकर आशान्वित हैं और हमें ग्रामीण मांग में सुधार की उम्मीद है।

FMCG Bussiness

FMCG Bussiness: नई दिल्ली। दाम को यथावत रखते हुए उत्पाद के पैकेट के आकार को छोटा कर मात्रा में कमी करना (श्रिंकफ्लेशन) ऐसी चीज है, जो देश में पहले कभी देखने को नहीं मिली थी। लेकिन यूक्रेन में युद्ध के बाद कच्चे माल की कीमतों में जोरदार उछाल के बीच रोजाना के उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियों ने कुछ इसी तरह का रुख अपनाना है। इसकी वजह यह है कि एफएमसीजी कंपनियां यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि मांग में जो कमजोर सुधार है, वह पूरी तरह थम नहीं जाए।

FMCG Bussiness

कच्चे माल की लागत बढ़ने के बीच जब एफएमसीजी कंपनियों के पास सारे विकल्प समाप्त हो गए, तो उन्होंने दाम बढ़ाना शुरू किया। एफएमसीजी कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि 2023 का साल उनके लिए कुछ बेहतर साबित होगा और वे मार्जिन के साथ-साथ मात्रा के मोर्चे पर भी बढ़ोतरी दर्ज करेंगी। विशेष रूप से इन कंपनियों को जिंस कीमतों में कमी के बीच ग्रामीण क्षेत्र की मांग में सुधार की उम्मीद है।

एफएमसीजी कंपनियां ‘सतर्क के साथ आशान्वित’ भी हैं। उन्हें उम्मीद है कि ग्रामीण बाजार एक बार फिर सुधार की राह पर आएगा। उनकी कुल बिक्री में एक-तिहाई हिस्सा ग्रामीण बाजार का है। अच्छी फसल, सरकारी प्रोत्साहन और कृषि आय में सुधार से ग्रामीण बाजार की स्थिति में सुधार की उम्मीद है।

एफएमसीजी क्षेत्र की मांग जिस समय सुधर रही थी, तो यूक्रेन युद्ध ने जिंस कीमतों के दाम चढ़ा दिए। कच्चे माल की ऊंची लागत से निपटने के लिए कई एफएमसीजी कंपनियों ने कीमत में बदलाव नहीं किया, लेकिन उन्होंने अपने बाजार वृद्धि विश्लेषण उत्पादों के पैकेट और वजन को घटा दिया। इसे ‘श्रिंकफ्लेशन’ कहा जाता है। इसका मतबल है कि उपभोक्ताओं को कम उत्पाद के लिए समान या पुरानी कीमत का भुगतान करना पड़ रहा है।

कोविड संक्रमण कम होने और अर्थव्यवस्था के खुलने के साथ 2022 की अंतिम तिमाही में मांग में सुधार होना शुरू हुआ। एफएमसीजी कंपनियां जो महामारी के कारण पिछले दो साल के दौरान गंभीर रूप से प्रभावित हुई थीं, उम्मीद कर रही हैं कि 2023 में चीजें बेहतर होंगी।

डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ​​ने कहा, हम वर्ष 2023 को लेकर आशान्वित हैं और हमें ग्रामीण मांग में सुधार की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि उभरते माध्यमों मसलन आधुनिक व्यापार और ई-कॉमर्स के जरिये शहरी मांग में वृद्धि जारी रहेगी। उद्योग में 2022 में कीमत वृद्धि दो अंक यानी 10 प्रतिशत से अधिक रही है। डेटा विश्लेषण कंपनी नील्सनआईक्यू की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि एफएमसीजी उद्योग में पिछले तीन माह की तुलना में सितंबर तिमाही में मात्रा के लिहाज से 0.9 प्रतिशत की गिरावट रही।

इमामी के वाइस चेयरमैन मोहन गोयनका ने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति और ग्रामीण सुस्ती चिंता का विषय बनी हुई है, लेकिन जिंस कीमतें नीचे आना शुरू हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर से जिंस कीमतें नीचे आ रही हैं लेकिन इसका लाभ अगले वित्त वर्ष में ही दिखना शुरू होगा।

ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के कार्यकारी वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वरुण बेरी ने कहा कि महामारी के बाद मांग स्थिर हुई है। लेकिन लागत और मुनाफे के मोर्चे पर देखा जाए, तो जिंसों के दाम ऊंचे हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि जिंसों के दाम अभी नरम नहीं हुए हैं। हालांकि, हमें उम्मीद है कि आगे चलकर जिंस कीमतें नीचे आएंगी। बेरी ने कहा कि अभी सिर्फ पाम तेल का दाम नीचे आया है। गेहूं के दाम चढ़े हुए हैं जबकि चीनी स्थिर है। हालांकि, आगे हमें स्थिति में सुधार की उम्मीद है।

LUNC के एक सप्ताह में 25% बढ़ने से टेरा क्लासिक ने $1 बिलियन का मार्केट कैप पुनः प्राप्त किया

टेरा क्लासिक 1 महीने का मार्केट कैप चार्ट। स्रोत: कॉइनमार्केटकैप

यह मील का पत्थर टेरा क्लासिक रैली के पीछे आता है जो 26 दिसंबर को शुरू हुई थी, जिसमें LUNC अब $ 0.00017 पर हाथ बदल रहा है, पिछले 24 घंटों में 13.95% और पिछले सप्ताह में 27.26% की वृद्धि के साथ, $ 1.014 की कुल मार्केट कैप के साथ सात दिनों में $220 मिलियन से अधिक जोड़ने के बाद बिलियन।

टेरा क्लासिक 1-सप्ताह मूल्य चार्ट। स्रोत: कॉइनमार्केटकैप

नए प्रस्तावों के बीच LUNC रैलियां

सबसे हालिया रैली तब हुई जब समुदाय एक नई योजना पर मतदान कर रहा था जो सभी LUNC बर्नों के 50% को सामुदायिक विकास पूल में स्थानांतरित करने के निर्णय को पलट देगा।

लूना समुदाय के भीतर हुई उथल-पुथल के बाद, ड्रेक्सेल विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा एक नया प्रस्ताव रखा गया; एड किम, कर्षण प्राप्त कर रहा है। दरअसल, प्रस्ताव 11168 (संयुक्त एल1 टास्क फोर्स) अब वोटिंग के लिए तैयार है, जो लूना क्लासिक की कीमत बढ़ाने वाले कारकों में से एक है।

समग्र रूप से समुदाय कई अलग-अलग विकास पहलों की योजना बनाकर LUNC को पुनर्जीवित करने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। विशेष रूप से, नेटवर्क ने संपत्ति के मूल्य को बढ़ाने के लिए LUNC टोकन को जलाने की गति में वृद्धि देखी है।

विशेष रूप से, स्थापित संस्थाओं से आने वाले टोकन के बढ़ते समर्थन के कारण टेरा क्लासिक की कीमत बढ़ती रहती है। एक उदाहरण के रूप में, Binance ने LUNC स्पॉट और मार्जिन ट्रेडिंग फीस को स्वेच्छा से जलाना शुरू कर दिया है।

टेरा क्लासिक विश्लेषण

इस बीच, वन-डे सेंटिमेंट चालू है ट्रेडिंग व्यू LUNC के लिए तेजी हैं। तकनीकी विश्लेषण का सारांश 12 के साथ ‘खरीद’ पर खड़ा है, जबकि चलती औसत 9 पर ‘खरीद’ के लिए है। ऑसिलेटर भी 3 पर ‘खरीद’ की ओर इशारा कर रहे हैं।

टेरा क्लासिक 1-दिवसीय तकनीकी विश्लेषण। स्रोत: ट्रेडिंग व्यू

इसके विपरीत, मशीन लर्निंग सिस्टम पर मूल्य भविष्यवाणियां LUNC के लिए एक नकारात्मक विकास प्रोजेक्ट करता है। इस भविष्यवाणी के अनुसार, 1 जनवरी, 2023 को बाजार में LUNC का मूल्य $0.000126 जितना कम हो सकता है।

अस्वीकरण: इस साइट की सामग्री को निवेश सलाह नहीं माना जाना चाहिए। निवेश सट्टा है। निवेश करते समय, आपकी पूंजी जोखिम में होती है।

टेरा क्लासिक के बाद $1 बिलियन मार्केट कैप का पुनः दावा किया गया क्योंकि LUNC एक सप्ताह में 25% की तेजी के साथ पहली बार Coinphony पर दिखाई दिया।

Covid 19 in India: 'खत्म नहीं हुआ है कोरोना'- पीएम मोदी ने की हाई लेवल मीटिंग, जानिए बैठक की सभी बड़ी बातें

Covid 19 in India: पीएम मोदी ने देश में कोरोना की स्थिति पर एक हाई लेवल मीटिंग की, जिसके बाद उन्होंने कहा कि देश में कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. उन्होंने लोगों से मास्क लगाने को कहा.

Covid 19 in India: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने चीन और अमेरिका सहित विश्व के कई देशों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर गुरुवार को एक हाई लेवल मीटिंग की और देश में कोविड-19 (Corona Virus New Variant BF7) की ताजा स्थिति की समीक्षा की. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने अधिकारियों से किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतने को लेकर आगाह किया और कोरोना (Covid Cases in India) मामलों की कड़ी निगरानी की सलाह दी. PMO के मुताबिक मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. PM Modi ने अधिकारियों को विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर चल रहे निगरानी उपायों को मजबूत करने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि सभी स्तरों पर उपकरणों, प्रक्रियाओं और मानव संसाधनों के मामले में तैयारी उच्च स्तर की होनी चाहिए.

ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर आदि को लेकर कही ये बात

पीएम मोदी ने राज्यों को ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए संयंत्रों, वेंटिलेटर और मानव संसाधन सहित अस्पताल के बुनियादी ढांचे से संबंधित कोविड विशिष्ट सुविधाओं का लेखाजोखा करने की सलाह दी. PMO ने कहा कि बैठक के दौरान देश में कोविड की स्थिति और वैश्विक कोविड-19 की स्थिति के बारे में एक व्यापक प्रस्तुति दी गई.

देश में कोरोना की स्थिति (Covid 19 Cases in India)

प्रधानमंत्री को बताया गया कि 22 दिसंबर, 2022 को समाप्त सप्ताह में भारत में मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है और औसत दैनिक मामले घटकर 153 और साप्ताहिक संक्रमण की दर घटकर 0.14 प्रतिशत हो गई है. हालांकि, पिछले 6 हफ्तों से वैश्विक स्तर पर 5.9 लाख दैनिक औसत मामले दर्ज किए गए हैं.

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कोरोना के मामलों की हो जीनोम सीक्वेंसिंग

PMO के अनुसार प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को परीक्षण और जीनोमिक सीक्वेंसिंग प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया. उसके मुताबिक राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे दैनिक आधार पर जीनोम अनुक्रमण के लिए नामित जीनोम सीक्वेंसिंग प्रयोगशालाओं (एलजीएसएल) के साथ बड़ी संख्या में नमूने साझा करें. इससे देश में संक्रमण के नए प्रकारों का समय पर पता लगाने में मदद मिलेगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को शुरू करने में मदद मिलेगी.

पीएम मोदी ने देश से की अपील

प्रधानमंत्री ने सभी से हर समय कोविड (Corona Virus) के उपयुक्त व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया, विशेष रूप से आगामी त्योहारी मौसम को देखते हुए, जिसमें भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना भी शामिल है. प्रधानमंत्री ने यह भी आग्रह किया कि विशेष रूप से कमजोर और बुजुर्ग समूहों के लिए बूस्टर डोज (Covid 19 Booster Dose) को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.

पीएम मोदी की मीटिंग में ये लोग रहे मौजूद

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया और नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी परमेश्वरन अय्यर सहित स्वास्थ्य व गृह मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और अमरीका में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है. इस सिलसिले में केंद्र सरकार ने बुधवार को एक समीक्षा बैठक की थी.

हेल्थ मिनिस्ट्री से आया अपडेट

विश्व के कुछ देशों में पिछले दिनों कोविड-19 के बढ़ते मामलों के परिप्रेक्ष्य में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस बैठक से ठीक पहले संसद के दोनों सदनों में बयान भी दिया और कहा कि देश में स्थिति नियंत्रण में है और वैश्विक स्थिति पर सरकार नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा, "पिछले तीन वर्ष में कोविड-19 ने वैश्विक स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा किया है जिससे हर देश प्रभावित हुआ है. पिछले कुछ समय बाजार वृद्धि विश्लेषण में कुछ देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है."

खत्म नहीं हुआ कोरोना

मंडाविया ने कहा कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, कोविड समय-समय पर अपना स्वरूप बदल रहा है, ऐसे में टीका लेने के साथ सभी को सतर्क रहना चाहिए एवं सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आने वाले त्योहार और नये साल के मद्देनजर राज्यों को सतर्क रहकर लोगों के बीच मास्क पहनने, हाथ धोने, साफ-सफाई और सामाजिक दूरी बनाकर रखने जैसे प्रोटोकाल के प्रति जागरुकता लाने की सलाह दी गयी है.

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने भी चीन में कोविड-19 (Corona Cases in India) के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है. WHO के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसू ने कहा है कि चीन में जोखिम के आकलन के लिए उनके संगठन को स्थिति की गंभीरता, अस्‍पताल में भर्ती मरीजों की संख्‍या और ICU की जरूरतों पर विस्‍तृत जानकारी चाहिये. उन्‍होंने चीन से अनुरोध किया है कि वह संगठन को सभी आंकड़े उपलब्‍ध कराए.

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