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Google Sheets का इस्तेमाल करके डेटा के आधार पर फ़ैसले लें

किसी भी डिवाइस क्या एक ही शेयर को आप बार से ऑनलाइन स्प्रेडशीट बनाएं और उन पर अपनी टीम के साथ मिलकर, रीयल टाइम में काम करें.क्या एक ही शेयर को आप बार

  • निजी इस्तेमाल के लिए
  • ऑफ़िस या अपने कारोबार से जुड़े कामकाज के लिए

Anna Chang

T h e s e n u m b e r s l o o k v e r y s t r o n g !

कहीं से भी, डेटा पर साथ मिलकर काम करें

आसानी से शेयर करने और रीयल-टाइम में बदलाव करने की सुविधा की मदद से, अपनी स्प्रेडशीट के डेटा के लिए ग्राउंड ट्रूथ लागू करें. किसी भी विश्लेषण पर साथ मिलकर काम करने के लिए, स्लाइड में टिप्पणियां करें और ऐक्शन आइटम असाइन करें.

स्मार्ट फ़िल और फ़ार्मूला के सुझाव जैसी सहायक सुविधाओं की मदद से डेटा का विश्लेषण आसानी से किया जा सकता है. इनके इस्तेमाल से गलतियां होने की संभावना भी कम होती हैं. साथ ही, अपने डेटा से जुड़े सवाल आसान भाषा में पूछें और तुरंत अहम जानकारी पाएं.

Google के अन्य ऐप्लिकेशन से आसानी से कनेक्ट करें

Sheets को Google के उन सभी ऐप्लिकेशन से कनेक्ट किया गया है जो अक्सर आपके काम आते हैं. ऐसा आपके समय की बचत करने के लिए किया गया है. Sheets में Google Forms के डेटा का विश्लेषण करना हो या Google Slides और Docs में Sheets के चार्ट जोड़ने हों, ये सभी काम आसानी से किए क्या एक ही शेयर को आप बार जा सकते हैं. आपके पास टिप्पणियों का जवाब सीधे Gmail से देने का भी विकल्प होता है. साथ ही, किसी भी स्प्रेडशीट को आसानी से Google Meet मीटिंग में प्रज़ेंट किया जा सकता है.क्या एक ही शेयर को आप बार

Sheets का ऑनलाइन इस्तेमाल करने पर, Microsoft Excel स्प्रेडशीट का फ़ॉर्मैट बदले बिना उनमें आसानी से बदलाव करें. इसके अलावा, उनमें Sheets की सहायक सुविधाओं और मिलकर काम करने से जुड़ी बेहतर सुविधाओं का भी इस्तेमाल करें. जैसे, टिप्पणी करने की सुविधा, ऐक्शन आइटम असाइन करने की सुविधा, और स्मार्ट फ़िल की सुविधा.

सुरक्षा, नियमों का पालन, और निजता

डिफ़ॉल्ट रूप से सुरक्षित

हम आपके डेटा को सुरक्षित रखने के लिए बेहतरीन सुरक्षा सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं. इनमें, मैलवेयर से सुरक्षा के लिए बनी ऐडवांस सुविधाएं भी शामिल हैं. Sheets एक क्लाउड-नेटिव ऐप्लिकेशन है, जो फ़ाइलों को लोकल लेवल पर स्टोर करने की ज़रूरत को खत्म करता है. इससे, आपके डिवाइसों को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचने का खतरा बेहद कम हो जाता है.

डेटा एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफ़र होने के दौरान, एन्क्रिप्ट (सुरक्षित) हो जाता है. साथ ही, जो डेटा इस्तेमाल नहीं हो रहा है वह भी एन्क्रिप्ट रहता है

Google Drive पर अपलोड की गई या Sheets में बनने वाली सभी फ़ाइलें, एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफ़र होने के दौरान, एन्क्रिप्ट (सुरक्षित) हो जाती हैं. साथ ही, इस्तेमाल न होने के दौरान भी एन्क्रिप्ट रहती हैं.

ज़रूरी नियमों, कानूनों, और शर्तों का पालन

Sheets के साथ ही हम अपने सभी प्रॉडक्ट का ऑडिट, स्वतंत्र रूप से काम करने वाले तीसरे पक्ष के संगठनों से कराते हैं. इसका मकसद, इस बात की पुष्टि करना होता है कि हमारे प्रॉडक्ट, निजता के साथ ही डेटा की सुरक्षा से जुड़ी ज़रूरी शर्तों और नियम-कानूनों का पालन करते हैं या नहीं.

लिस्टिंग के बाद पहली बार हाई पर पहुंचा यह शेयर, पिछले महीने आया था IPO, अब ₹415 पर भाव

लिस्टिंग के बाद पहली बार हाई पर पहुंचा यह शेयर, पिछले महीने आया था IPO, अब ₹415 पर भाव

Fusion Micro Finance Share: फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड (Fusion Micro Finance Ltd) के शेयरों में बुधवार के इंट्रा-डे ट्रेड में बीएसई पर 6 प्रतिशत की तेजी के साथ 415 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच क्या एक ही शेयर को आप बार गया। माइक्रोफाइनेंस कंपनी के शेयर ने 15 नवंबर, 2022 को अपने लिस्टिंग के दिन 321.40 रुपये के निचले स्तर से 29 प्रतिशत की वसूली की है।

आईपीओ प्राइस 368 रुपये प्रति शेयर था
बता दें कि कंपनी का आईपीओ प्राइस 368 रुपये प्रति शेयर था। यह अपने आईपीओ प्राइस के मुकाबले 13 प्रतिशत अधिक कारोबार कर रहा है। बता दें कि कंपनी के शेयरों लिस्टिंग के दिन कमजोर शुरुआत हुई थी। यह अपने इश्यू प्राइस से लगभग 12 प्रतिशत नीचे 324.90 रुपये पर लिस्ट हुआ था। दोपहर 01:14 बजे, एस एंड पी बीएसई सेंसेक्स में 0.34 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस 3.3 प्रतिशत बढ़कर 403.80 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

पेटीएम का शेयर अब खरीदें या नहीं?

पेटीएम बायबैक की खबर सुनने के बाद अगर मौजूदा भाव से कैल्कुलेट करें तो आपको तगड़ा फायदा दिखेगा. अभी शेयर 530 रुपये के करीब है, जबकि बायबैक होगा अधिकतम 810 रुपये पर. यानी आपको प्रति शेयर करीब 280 रुपये का मुनाफा अगले 6 महीनों में हो सकता है. हालांकि, बायबैक के पीछे की गणित को भी समझना जरूरी है, ताकि क्या एक ही शेयर को आप बार आपको बाद में दिक्कत ना हो. बायबैक के तहत सारे शेयर तो खरीदे नहीं जाते हैं, सिर्फ कुछ फीसदी शेयर ही खरीदे जाते हैं.

अगर आप 280 रुपये प्रति शेयर के लालच में 1 लाख शेयर खरीद लेते हैं तो आपको ये भी समझना होगा कि सारे शेयर नहीं बिकेंगे. आपको बायबैक के लिए आवेदन करना होगा, जिसके बाद आपके कुछ शेयरों की खरीद को मंजूरी मिलेगी. अगर आधे भी शेयर बिक जाते हैं तो भी आपके आधे शेयर फिर पेटीएम में फंस जाएंगे. आने वाले दिनों में अभी पेटीएम के फंडामेंटल मजबूत होते नहीं दिख रहे हैं. अगर आपके पास पहले से ही पेटीएम के शेयर हैं तो दाम बढ़ने पर या बायबैक से मंजूरी मिलने पर आप क्या एक ही शेयर को आप बार उन्हें बेचकर इस कंपनी से बाहर निकल सकते हैं. वहीं अगर आप नए शेयर खरीदने पर विचार कर रहे हैं तो ये ख्याल मन से निकाल दें, क्योंकि आगे भी पेटीएम आपको बहुत ज्यादा रिटर्न नहीं देगा.

आखिर कंपनियां बायबैक क्यों करती हैं शेयर?

बायबैक की बात सुनकर हर कोई ये सोचता है कि आखिर कंपनियां अपने ही शेयर को वापस क्यों खरीदती हैं. कई बार अगर कंपनी के पास अतिरिक्त कैश हो जाता है और वह उसे किसी दूसरे प्रोजेक्ट में नहीं लगा पाती हैं तो वह शेयर बायबैक कर लेती हैं. इस तरह कंपनी अतिरिक्त कैश को खुद में ही निवेश कर देती हैं. अगर किसी कंपनी के पास अधिक नकदी होती है तो वह बैलेंस शीट में भी दिखती है और नकदी पड़े रहना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे में कंपनियां उस नकदी का इस्तेमाल शेयर बायबैक कर के कर लेती हैं. कई बार कंपनियों को लगता है कि उनके शेयर की कीमत कम आंकी गई है, तो भी वह शेयर बायबैक कर लेती हैं, जिससे शेयरों की वैल्यू बढ़ जाती है. इससे निवेशकों में भी एक भरोसा पैदा होता है कि क्या एक ही शेयर को आप बार कंपनी की वित्तीय हालत अच्छी है, जिससे कंपनी के शेयरों की मांग बढ़ती है, जो उसकी कीमत को बढ़ाती है.

निवेशकों को क्या फायदा?

जैसा कि शेयर बायबैक कुछ प्रीमियम पर होता है तो निवेशकों को इसका तो फायदा होता ही है. हालांकि, अगर आपने लंबे वक्त के हिसाब से पैसा लगाया है तो आपको बायबैक में शेयर नहीं बेचने चाहिए. उम्मीद होती है कि भविष्य में कंपनी और बेहतर प्रदर्शन करेगी और ज्यादा रिटर्न देगी. वहीं अगर आपने छोटी अवधि के लिए निवेश किया है तो बेचकर मुनाफा कमा लेना चाहिए. वहीं अगर आपको लगे कि कंपनी का शेयर ओवरवैल्यूड है तो भी आपको शेयर बेचकर निकल जाना चाहिए. ऐसा लगे कि कंपनी के शेयर में दम नहीं है तो भी उसे बेच देना चाहिए.

15 नवंबर 2021 को पेटीएम का आईपीओ आया था. यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ था, जिसे महाआईपीओ कहा गया था. आईपीओ के तहत पेटीएम क्या एक ही शेयर को आप बार के शेयर की कीमत 2150 रुपये थी, लेकिन उसके बाद से गिरते-गिरते कंपनी के शेयर एक चौथाई के करीब आ चुके हैं. अभी पेटीएम का शेयर करीब 530 रुपये के करीब आ चुका है. सॉफ्टबैंक ने भी हाल ही में पेटीएम के करीब 200 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1630 करोड़ रुपये के शेयर बेचने का फैसला किया था. इसके बाद तो कंपनी के शेयर बुरी तरह टूटे थे.

पैसे सीधे आपके बैंक में

अपने मौजूदा बैंक खातों से झटपट पैसे भेजें और पैसे पाएं. न तो बार-बार मोबाइल वॉलेट में पैसे डालने की ज़रूरत और न ही एटीएम से पैसे निकालने के लिए अलग से चार्ज देने की दिक्कत. यह आपका ही पैसा है जिसका इस्तेमाल अब आप आसानी से कर सकते हैं.

Google Pay उन सभी बैंकों के साथ काम करता है जिनमें BHIM UPI की सुविधा है.

आस-पास के लोगों को पैसे चुकाएं

अपने बैंक खाते या फ़ोन नंबर जैसी निजी जानकारी शेयर किए बिना, आस-पास मौजूद किसी दूसरे Google Pay उपयोगकर्ता को झटपट पैसे भेजें. यह किसी को क्या एक ही शेयर को आप बार नकद रुपये देने जितना ही आसान, लेकिन उससे ज़्यादा सुरक्षित है.

Google Pay डाउनलोड करें

अपना स्क्रीन लॉक सेट करें

अपना बैंक खाता लिंक करें

इस्तेमाल के लिए तैयार!

Google Pay में दुनिया का बेहतरीन सुरक्षा सिस्टम है. यह सिस्टम धोखाधड़ी का पता लगाता है और हैकिंग से बचाता है, ताकि आपका पैसा रहे सुरक्षित. अपने खाते को फ़िंगरप्रिंट जैसी स्क्रीन लॉक की सुविधा से सुरक्षित करें. अगर आपको क्या एक ही शेयर को आप बार कभी भी मदद की ज़रूरत पड़े, तो हमारे सहायता केंद्र पर संपर्क करें. साथ ही, आप फ़ोन या चैट से भी हमसे संपर्क कर सकते हैं. हम हमेशा मौजूद हैं.

सहायता पाने के लिए, आप हमारे इस टोल-फ़्री नंबर पर कभी भी कॉल कर सकते हैं: 1-800-419-0157

क्या है Charles Dow की The Dow Theory, एक बार समझ गए तो आसानी पकड़ सकेंगे बाजार के ट्रेंड्स

क्या है Charles Dow की The Dow Theory, एक बार समझ गए तो आसानी पकड़ सकेंगे बाजार के ट्रेंड्स

डॉव थ्योरी निवेशकों की शेयर मार्केट में ट्रेंड समझने में मदद करता है। (फोटो: रॉयटर्स)

अगर आप शेयर बाजार में पैसे लगाने का मन बना रहे हैं और यह नहीं समझ पा रहे कि बाजार काम कैसे करता है। कौन- से ऐसे फैक्टर्स हैं जिनकी मदद से यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि मार्केट किस तरफ जाएगा और आने वाले समय में बाजार की क्या दशा होगी। आज से एक सदी पहले बनी The Dow Theory आपकी काफी मदद कर सकती है।

The Dow Theory को शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस की आधारशिला कहा जाता है। इसे चार्ल्स डॉव ने लिखा था, जिन्होंने आगे चलकर अपने दो साथियों के मिलकर अमेरिका के प्रचलित अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की स्थापना की थी।

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