DMA has always been available for institutions, but through a broker. Can this be offered to retail without broker? Yeah, but retail investors use a broker for the platform (UI, UX, different order types, reporting, etc) on which they trade, DMA is not suitable. 1/3— Nithin Kamath (@Nithin0dha) July 27, 2020

Stock broker कंपनियों के शेयरों में क्यों बढ़ गई खरीदारी

पिछले 1 वर्ष से शेयर मार्केट में निवेशकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है लाखों की तादात में डीमेट अकाउंट प्रतिदिन खोले जा रहे हैं जिससे ब्रोकर कंपनियों की आमदनी बढ़ती जा रही है मौजूदा समय में कुछ रिसर्च तो nifty50 बैंक निफ़्टी बैंकिंग और फार्मा सेक्टर को छोड़कर ब्रोकर कंपनियों के शेयरों में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं जो कि सही भी है क्योंकि ब्रोकर कंपनियों के ग्राहकों की संख्या डीमेट अकाउंट बढ़ने से मिलने वाली ब्रोकरेज से आय कई गुना तक बढ़ गई है इसीलिए stock broker कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है

और यह बढ़त आगे भी बनी रह सकती है क्योंकि मार्केट नीचे जाए या ऊपर जाए निवेशकों को ब्रोकरेज शुल्क तो देना ही पड़ेगा जिससे कंपनियों की आमदनी बढ़ती रहेगी फिर चाहे मार्केट लाल निशान में ही क्यों ना हो इससे ब्रोकरेज कंपनियों को कोई फर्क नहीं पड़ता हैं

मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए ब्रोकर कंपनियों में निवेश का यह सही समय भी हो सकता है

भारत की कुछ बेहतरीन स्टॉक ब्रोकर कम्पनियाँ

4 ANGEL BROKING

5 HDFC SECURITIES

7 KOTAK SECURITIES

और भी कई प्रमुख कंपनियां स्टॉक ब्रोकर का कार्य करती है जो इक्विटी कमोडिटी करेंसी फ्यूचर ऑप्शन में ट्रेडिंग करने की सहूलियत प्रदान करती हैं स्टॉक ब्रोकर कंपनियां brokerage के अतिरिक्त और भी कई प्रकार के चार्ज अपने ग्राहकों से लेती हैं जैसे डिमैट अकाउंट ओपनिंग charge / account maintenance charge और भी कई तरह के एनालिसिस चार्ज अपने ग्राहकों से वसूल करती हैं इसलिए स्टॉक ब्रोकर कंपनियों की आमदनी में और भी वृद्धि हो जाती है.

स्टॉक ब्रोकर कंपनियों में क्यों निवेश करें

स्टॉक ब्रोकर कंपनियों में क्यों निवेश करें

Share market अपने लाइफटाइम हाई पर है शेयर बाजार में लगभग सभी सेक्टर जैसे बैंकिंग फार्मा स्टील सीमेंट केमिकल सेक्टरों के शेयरों में पहले से ही महंगाई देखी जा सकती है इसीलिए कोई एक सेक्टर या शेयर का चुनाव करना आसान नहीं है किंतु जिस प्रकार पिछले कुछ दिनों से डीमेट अकाउंट खोले गए हैं इससे ब्रोकर कंपनियों की आय निसंदेह बड़ी है इसलिए ब्रोकर कंपनियों के शेयरों में निवेश का यह सही फैसला हो सकता है

👉 निवेश के लिए स्टॉक ब्रोकर कंपनियों का चुनाव करने से पहले एनालिसिस फंडामेंटल के साथ-साथ और भी कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे कि डीमैट कंपनी के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की रेटिंग क्या है कंपनी के पास कितने ग्राहक हैं कंपनी का ट्रेडिंग शुल्क क्या है कुल मिलाकर कंपनी अन्य ब्रोकरेज कंपनियों से अलग हो और बेहतर सेवाएं प्रदान करती हो इस प्रकार की ब्रोकरेज कंपनियों के शेयरों में निवेश करने से बेहतरीन कमाई की जा सकती है

विदेशी मुद्रा दिन ट्रेडिंग रणनीतियाँ

डे ट्रेडिंग एक अल्पकालिक ट्रेडिंग रणनीति है, जिसमें कीमत के छोटे आंदोलनों से लाभ के लिए एक दिन के भीतर वित्तीय साधनों की खरीद और बिक्री शामिल है। दिन व्यापारियों को लगातार ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, क्योंकि बाजार, जैसे तेल बाजार अल्पावधि में अचानक आगे बढ़ सकते हैं। इसलिए ये रणनीतियां अस्थिर बाजारों में विशेष रूप से प्रभावी हैं.

यहां कुछ दिन व्यापार लोकप्रिय तकनीक हैं:

  • सूचना का संग्रह, क्योंकि ज्ञान शक्ति है, इसके बिना कोई व्यापार के माध्यम से खींच जाएगा.
  • एक तरफ धन सेटिंग, तय कितना पैसा एक व्यापारी जोखिम के लिए तैयार है । मूल रूप से पैसे को अलग करना कि व्यापारी "खोने के लिए तैयार" है.
  • पर्याप्त समय का व्यवहार, दिन व्यापार एक नौकरी नहीं है एक शौक नहीं है, तो यह दिन का एक बड़ा हिस्सा समर्पित करने के लिए बाजार को ट्रैक और अवसरों को जब्त महत्वपूर्ण है.
  • गो बड़ा या घर जाना है, यहां मामला नहीं है - आम तौर पर यह छोटी मात्रा के साथ दिन व्यापार शुरू करने के लिए बेहतर है.
  • Avoid अतरल स्टॉक्स - वे कम कीमतें हैं, लेकिन बड़ा तोड़ कभी नहीं आ सकता है.
  • तंकर का समय - कई अनुभवी दिन के व्यापारी सुबह बाजार खुलते ही निष्पादित करना शुरू कर देते हैं, यही तब होता है जब समाचार आमतौर पर टूट जाता है, जो मूल्य अस्थिरता में योगदान दे सकता है.
  • सेट स्टॉप लॉस - वह कीमत है जिस पर एक व्यापारी एक स्टॉक बेचेगा और व्यापार पर नुकसान उठाएगा (ऐसा तब होता है जब व्यापार जिस तरह से योजना बनाई गई थी, एक तरह से यह एक कटिंग नुकसान है दृष्टिकोण
  • सेट ले-प्रॉफिट पॉइंट वह कीमत है जिस पर एक व्यापारी स्टॉक बेचेगा और पर लाभ लेगा.
  • कोई भावनाओं का स्वागत किया - जब व्यापार, आम तौर पर, लालच, भय, और आशा के लिए आत्मसमर्पण एक बड़ा नहीं है। स्पष्ट सिर और शुद्ध विश्लेषण पर्याप्त होगा.
  • एक योजना है और उस पर टिके रहें । बाजार पर तेजी से बदलती स्थितियों के साथ, व्यापारी जाने पर बेस्ट डे ट्रेडिंग ब्रोकर्स और प्लेटफार्म नहीं सोच सकता है, इसलिए पहले से एक योजना बनाना महत्वपूर्ण है.

बेस्ट डे ट्रेडिंग रणनीतियां

यदि कोई व्यापारी लगातार और छोटे मूल्य में उतार-चढ़ाव से लाभ उठाना चाहता है तो दिन की व्यापारिक रणनीतियां आवश्यक हैं। भविष्य की कीमत की भविष्यवाणी करने के लिए चार्ट, संकेतकों और मॉडलों का उपयोग करके एक प्रभावी रणनीति गहरे तकनीकी विश्लेषण पर आधारित होनी चाहिए बेस्ट डे ट्रेडिंग ब्रोकर्स और प्लेटफार्म आंदोलनों.

नीचे हम आपको सबसे आम दिन व्यापार रणनीतियों से मिलवाएंगे जो काम करते हैं.

विदेशी मुद्रा Scalping रणनीति

Scalping विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग रणनीति है जो त्वरित और छोटे लेन-देन पर आधारित है और कई लाभ में मामूली कीमत पर परिवर्तन करने के लिए उपयोग किया जाता है एक दिन है। इस प्रकार कहा जाता है के रूप में scalpers, व्यापारियों, के 2 सैकड़ों ट्रेडों एक दिन कि मामूली कीमत चाल बहुत से बड़े लोगों का पालन करने के लिए आसान कर रहे हैं विश्वास के भीतर तक कार्यान्वित कर सकते हैं।

लुप्त होती ट्रेडिंग रणनीति

यह एक contrarian दिन व्यापार रणनीति है जो मौजूदा रुझान के खिलाफ व्यापार करने के लिए उपयोग किया जाता है के रूप में संदर्भित किया जाता है। प्रचलित प्रवृत्ति का पालन करने के लिए जो मुख्य लक्ष्य है व्यापार के अन्य प्रकार के विपरीत, लुप्त होती ट्रेडिंग काउंटर प्राथमिक प्रवृत्ति के लिए चला जाता है एक स्थान लेने के लिए की आवश्यकता होती है.

डेली धुरी ट्रेडिंग रणनीति

धुरी व्यापार मुद्रा के दैनिक अस्थिरता से लाभ हासिल करने के लिए करना है। अपने मूल अर्थ बेस्ट डे ट्रेडिंग ब्रोकर्स और प्लेटफार्म में धुरी बिंदु एक मोड़ के रूप में परिभाषित किया गया है। यह एक तकनीकी संकेतक संख्यात्मक औसत उच्च, कम और मुद्रा जोड़े के समापन की कीमतों की गणना से व्युत्पन्न माना जाता है।

गति व्यापार रणनीति

गति व्यापारियों मुद्रा मूल्य आंदोलन का निर्धारण और लेने के लिए क्या स्थिति तय करने के लिए विभिन्न तकनीकी संकेतकों, MACD, RSI, गति थरथरानवाला की तरह का उपयोग करें। वे भी सही व्यापार के निर्णय करने के लिए समाचार और भारी मात्रा पर विचार करें। ट्रेडिंग गति समाचार सेवाओं के लिए सदस्यता लेने और मूल्य सचेतक लाभ बनाने जारी रखने के लिए निगरानी की आवश्यकता है।

बड़ा बदलाव संभव, निवेशकों को सीधा स्टॉक एक्सचेंज से व्यापार करने की अनुमति दे सकता है SEBI

शेयर मार्केट

शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए ये खबर महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। निवेशक जल्द ही ब्रोकर्स की बजाय सीधे स्टॉक एक्सचेंज से शेयर की खरीद व बिक्री कर सकते हैं। बाजार नियामक सेबी कथित तौर पर खुदरा निवेशकों को डायरेक्ट मार्केट एक्सेस (डीएमए) की अनुमति देने पर विचार कर रहा है।

यदि नियामक निर्णय के साथ आगे बढ़ता है, तो भारत का बेस्ट डे ट्रेडिंग ब्रोकर्स और प्लेटफार्म ब्रोकिंग उद्योग एक बड़ा बदलाव देखेगा। यह उनके अस्तित्व को भी खतरे में डाल सकता है। मालूम हो कि मौजूदा समय में निवेशक शेयरों की खरीद-बिक्री सीधे एक्सचेंज से नहीं कर सकते हैं। निवेशक ब्रोकर्स के जरिए लेन-देन करते हैं।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष 10 ब्रोकर अकेले उद्योग के आकार का 63 फीसदी से अधिक योगदान देते हैं। इस नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभार्थी भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज बीएसई होगा। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), जो आने वाले समय में आईपीओ की तैयारी कर रहा है। इस रिपोर्ट के बाद कल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का स्टॉक नौ फीसदी चढ़ा।

भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में से एक, Zerodha के सह-संस्थापक नितिन कामथ ने ने ट्विटर पर लिखा कि डीएमए उपलब्ध है, लेकिन ब्रोकर के माध्यम से। क्या बिना ब्रोकर के रिटेल की पेशकश की जा सकती है? एक ब्रोकर के लिए सबसे बड़ा काम ग्राहक के सवालों, शिकायतों आदि को संभालना है। उद्योग के पास इसके लिए हजारों कर्मचारी हैं। क्या एक्सचेंज इस पर नियंत्रण कर सकते हैं और ग्राहक की शिकायतों के बाद खुद को विनियमित करने के लिए एक नियामक के रूप में भी कार्य कर सकते हैं?

भारतीय ऑनलाइन ट्रेडिंग उद्योग पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। मार्च 2019 की एचडीएफसी सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडस्ट्री इंटरनेट ट्रेडिंग का हिस्सा वित्त वर्ष 2013 में 22 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2018 में 29 फीसदी हो गया है। जैसे-जैसे वित्तीय जागरूकता बढ़ रही है, अधिक से अधिक मिलेनियल्स स्टॉक ट्रेडिंग की ओर बढ़ रहे हैं।

शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए ये खबर महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। निवेशक जल्द ही ब्रोकर्स की बजाय सीधे स्टॉक एक्सचेंज से शेयर की खरीद व बिक्री कर सकते हैं। बाजार नियामक सेबी कथित तौर पर खुदरा निवेशकों को डायरेक्ट मार्केट एक्सेस (डीएमए) की अनुमति देने पर विचार कर रहा है।

यदि नियामक निर्णय के साथ आगे बढ़ता है, तो भारत का ब्रोकिंग उद्योग एक बड़ा बदलाव देखेगा। यह उनके अस्तित्व को भी खतरे में डाल सकता है। मालूम हो कि मौजूदा समय में निवेशक शेयरों की खरीद-बिक्री सीधे एक्सचेंज से नहीं कर सकते हैं। निवेशक ब्रोकर्स के जरिए लेन-देन करते हैं।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष 10 ब्रोकर अकेले उद्योग के आकार का 63 फीसदी से अधिक योगदान देते हैं। इस नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभार्थी भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज बीएसई होगा। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), जो आने वाले समय में आईपीओ की तैयारी कर रहा है। इस रिपोर्ट के बाद कल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का स्टॉक नौ फीसदी चढ़ा।

भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में से एक, Zerodha के सह-संस्थापक नितिन कामथ ने ने ट्विटर पर लिखा कि डीएमए उपलब्ध है, लेकिन ब्रोकर के माध्यम से। क्या बिना ब्रोकर के रिटेल की पेशकश की जा सकती है? एक ब्रोकर के लिए सबसे बड़ा काम ग्राहक के सवालों, शिकायतों आदि को संभालना है। उद्योग के पास इसके लिए हजारों कर्मचारी हैं। क्या एक्सचेंज इस पर नियंत्रण कर सकते हैं और ग्राहक की शिकायतों के बाद खुद को विनियमित करने के लिए एक नियामक के रूप में भी कार्य कर सकते हैं?

DMA has always been available for institutions, but through a broker. Can this be offered to retail without broker? Yeah, but retail investors use a broker for the platform (UI, UX, different order types, reporting, etc) on which they trade, DMA is not suitable. 1/3

— Nithin Kamath (@Nithin0dha) July 27, 2020

भारतीय ऑनलाइन ट्रेडिंग उद्योग पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। मार्च 2019 की एचडीएफसी सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडस्ट्री इंटरनेट ट्रेडिंग का हिस्सा वित्त वर्ष 2013 में 22 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2018 में 29 फीसदी हो गया है। जैसे-जैसे वित्तीय जागरूकता बढ़ रही है, अधिक से अधिक मिलेनियल्स स्टॉक ट्रेडिंग की ओर बढ़ रहे हैं।

Top 10 Best Algo Trading Software In India – पूरी जानकारी

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Best Algo Trading Software, अगर आप भी शेयर मार्केट में trading करते है तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है। यदि आप जानते हैं कि – Algo trading क्या है और कैसे करें ? और यदि आप भी एल्गो ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपके मन में एक सवाल जरूर आता है कि – India में Best Algo Trading software कौन-कौन से हैं ?

तो आज हम Best API Enabled Stock Broker In India और Top 10 Best Algo Trading Software के बारे में जानेंगे, जिससे आप बड़ी आसानी से एल्गो ट्रेडिंग कर पायेंगे।

शेयर मार्केट में Algo Trading करने के लिए आपको API Enabled Stock Broker की आवश्यकता होती है। तो आईये जानते है – Best API Enabled stock Broker के बारे में।

Best API Enabled Stock Broker In India

  1. Angel Broking
  2. Zerodha
  3. Upstox
  4. 5Paisa
  5. Fyre trading Zone
  6. Samco & AMI Broker
  7. Alice Blue
  8. IFFL
  9. Goodwill wealth
  10. Robo trader

Top 10 Algo Trading Software In India

Top 10 Algo Trading Software with API enabled stock Broker जो क्रमशः इस प्रकार हैं –

  1. Smart API (Angel Broking)
  2. Zerodha streak (Zerodha)
  3. Tradetron tech (Fyer Trading Zone)
  4. Upstox python programming Based API (Upstox)
  5. Nest API (Samco & AMI Brokar)
  6. ANT API (Aliceblue)
  7. RupeeSeed (Goodwill Wealth)
  8. Meta Trader
  9. Open source API trading Platform (IIFL)
  10. Robo Trader

Title

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Investing

With Upstox, it’s easy !

1. Smart API

Smart API, एंजेल ब्रोकिंग द्वारा उपलब्ध कराया गया Algo Trading प्लेटफार्म है, जो free में एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा उपलब्ध कराता है। एंजेल ब्रोकिंग भारत का सबसे पुराना stock broker होने के साथ-साथ सबसे trusted (भरोसेमंद) है।

2. Zerodha Streak

Zerodha Streak भी एक प्रकार का बेस्ट डे ट्रेडिंग ब्रोकर्स और प्लेटफार्म Algo Trading प्लेटफार्म है, जो कि paid एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा उपलब्ध कराता है। यह Algo trading के लिए 2000 Rs. पर month charges Apply करता है।

3. Tradetron Tech

TradeTron Tech एक ऐसा प्लेटफार्म है, जो सभी stock broker द्वारा provide Algo Trading API के लिए coding और प्रोग्रामिंग की सुविधा प्रोवाइड करता है। यह Fyer Trading Zone के लिए भी अलगो ट्रेडिंग की सुविधा प्रोवाइड कराता है।

4. Upstox python programming based API

यह भी एक trusted broker है, जिसका Broking Industry में सबसे ज्यादा Client के साथ सबसे बड़ी brokerage company है।

5. Omnesys Nest API

Samco और AMI Broker के लिए Omnesys Nest API के साथ, एल्गो Trading की सुविधा प्रोवाइड कराता है।

6. ANT API

AliceBlue Stock Broker भी ANT API प्लेटफार्म के द्वारा Algo Trading की सुविधा प्रोवाइड करता है। इसको लेकर अक्सर कई शिकायतें आती रहती है, जिसे आपको जानना बहुत जरुरी है। इसके अलावा आप जिस ब्रोकर के साथ जाना चाहते है तो जा सकते है।

7. RupeeSeed API

RupeeSeed API भी algo trading की सुविधा प्रोवाइड कराता है यह Goodwill wealth ब्रोकर के लिए Algo Trading की सुविधा Provide करता है।

8. MetaTrader

Metatrader, एक multi segment & multi asset अलगो ट्रेडिंग प्लेटफार्म है, जो algo Trading की सुविधा provide कराता है।

9. Open source API

देश के दो नामी stock Broker 5paisa और IIFL Open source API प्लेटफार्म द्वारा Algo Trading की सुविधा प्रोवाइड करता है।

10. Robo Trader

Robotrader भी एक ऐसा प्लेटफार्म है, जो एल्गो ट्रेडिंग के लिए coding और programming की सुविधा उपलब्ध कराता है। जो किसी भी API Algo Trading प्लेटफॉर्म के लिए प्रोग्रामिंग की सुविधा उपलब्ध कराता है।

अंतिम राय –

हम उम्मीद करते हैं कि आप Top 10 Best Algo Trading Software के बारे में जान गए बेस्ट डे ट्रेडिंग ब्रोकर्स और प्लेटफार्म बेस्ट डे ट्रेडिंग ब्रोकर्स और प्लेटफार्म होंगे और आप भी Algo Trading करने में सक्षम होंगे। यहां आप किसी भी सॉफ्टवेयर को use कर सकते हैं। ज्यादातर Tradetron का use एल्गो ट्रेडिंग के लिए किया जाता है।

क्योंकि यह better service प्रदान करता है। बाकि आपकी इच्छा, आप जिस platform पर जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं। आपको यह आर्टिकल – Best API Enabled Stock Broker In India और Algo Trading Software कैसा लगा comment करके जरूर बताये। हम आपके सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

भारी पड़ी लापरवाही! बस एक क्लिक से स्‍वाहा हो गए ब्रोकर के 250 करोड़ रुपये, देश में अब तक का सबसे बड़ा मामला

साल 2012 में भी ऐसे ही एक मामले में 60 करोड़ का नुकसान हुआ था.

साल 2012 में भी ऐसे ही एक मामले में 60 करोड़ का नुकसान हुआ था.

शेयर बाजार को वैसे तो जोखिम वाली जगह माना जाता है, लेकिन निवेशक अपनी जानकारी और सावधानी के बूते यहां खूब मुनाफा भी कमात . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 03, 2022, 16:04 IST

नई दिल्‍ली. कभी-कभी जरा सी चूक कितनी भारी पड़ सकती है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. ऐसी ही एक घटना बृहस्‍पतिवार को NSE पर ट्रेडिंग के दौरान सामने आई, जब ब्रोकर के एक गलत क्लिक से ही करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया.

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, ब्रोकरेज की भाषा में इसे फैट फिंगर ट्रेडिंग कहते हैं, जहां कोई ब्रोकर ऑर्डर प्‍लेस करते समय गलती से की-बोर्ड का ऐसा बटन दबा देता है जो उसके पूरे सौदे को तबाह कर देता है. भारत में यह अब तक का सबसे बड़ा मामला है. अनुमान है कि इसमें ब्रोकर को 200-250 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इससे पहले साल 2012 में ब्रोकरेज हाउस एमके ग्‍लोबल को भी इसी तरह के एक मामले में 60 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था.

कब और कैसे हुई यह चूक
बृहस्‍पतिवार दोपहर 2.37 से 2.39 बजे के बीच निफ्टी पर ऑप्‍शन ट्रेडिंग के समय एक ब्रोकर ने 25 हजार लॉट के लिए बोलियां लगाईं. इस समय प्रत्‍येक लॉट का बाजार भाव करीब 2,100 रुपये था, लेकिन ब्रोकर ने गलती से काफी कम का भाव लगा दिया. बाजार के जानकारों का कहना है कि ऑर्डर प्‍लेस होते ही ब्रोकर को 200-250 करोड़ रुपये की चपत लग गई. कुछ बाजार विश्‍लेषकों का दावा है कि यह रकम किसी भी हाल में 250 करोड़ से कम नहीं है.

एक तरफ ऑर्डर प्‍लेस करने वाले ब्रोकर को इतना बड़ा नुकसान उठाना पड़ा तो दूसरी ओर इसी घटना ने कोलकाता के दो ब्रोकर को करोड़ों का फायदा पहुंचाया. बाजार विश्‍लेषकों के मुताबिक, एक ब्रोकर को करीब 50 करोड़ का सीधा लाभ हुआ है, जबकि दूसरे को 25 करोड़ मिले हैं.

बीमा से होगी भरपाई
इस घटना के बारे में वैसे तो एनएसई की ओर से ऑफिशियली कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि यह मामला दो ब्रोकर के बीच हुआ है और गलती से एक को नुकसान उठाना पड़ा तो इसकी भरपाई पहले से कराए बीमा के जरिये हो जाएगी. हालांकि, एक्‍सचेंज इस बात की जांच कर रहा है कि इस तरह की गलत ट्रेडिंग का ऑर्डर तकनीकी पकड़ से बचकर कैसे पूरा हो गया.

दरअसल, साल 2012 में जब पहली बार फैट फिंगर ट्रेडिंग का मामला सामने आया था तो सभी ब्रोकरेज हाउस ने ऐसी तकनीक विकसित की थी जिसमें ऐसे गलत ट्रेड के ऑर्डर को पहचान कर स्‍वयं नष्‍ट कर दिया जाता था. एनएसई ने भी ऐसी तकनीक विकसित की थी जिसमें मार्केट प्राइस से कम पर कोई ऑर्डर होने पर उसकी पहचान कर ली जाती. लेकिन, इस मामले में एनएसई की यह तकनीक भी काम नहीं आई.

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