विदेशी ग्राफिक्स कैसे पढ़ा जाए
एक ग्राफ़िक कार्ड को इनस्टॉल करना बहुत ही आसान है, इसके लिए आपको तीन चीजों की जरूरत होती है : एक ग्राफ़िक कार्ड, कंप्यूटर और पेंचकस.
स्टेप 2 : उसके बाद आप अपने कंप्यूटर CPU को खोल लें. अगर आपके कंप्यूटर में पहले से कोई पुराना या खराब ग्राफ़िक कार्ड लगा है तो आप उसको हटा कर नये को लगा दें और ऐसा नही है तो आप अपने कंप्यूटर मदरबोर्ड में हीटसिंक के पास एक स्लॉट को ढूंढे जिस पर PCI – E * 16 लिखा होगा . ये हीटसिंक के पास पहला या दूसरा स्लॉट होता है.
स्टेप 3 : जब आपको ये स्लॉट मिल जाये तो आप अपने ग्राफ़िक कार्ड को इसमें आराम से और अच्छी तरह लगा दें, साथ ही ये भी निश्चित कर लें की आपके ग्राफ़िक कार्ड के स्लॉट के साथ पॉवर केबल लगी हो क्योकि गर ग्राफ़िक कार्ड को काम करने के लिए विधुत की जरूरत होती है और ग्राफ़िक कार्ड को विधुत से जोड़ने के लिए PCI – E केबल का इस्तेमाल किया जाता है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS .![]() |
Graphic Card ko Kaise Install Karen |
स्टेप 4 : अपने कोम्प्टर के CPU को बंद कर दें और अपने कंप्यूटर की पॉवर केबल को लगा कर कंप्यूटर को ऑन कर लें.
स्टेप 5 : इसके बाद आपको एक लेटेस्ट ग्राफ़िक कार्ड ड्राईवर की जरूरत होगी ताकि आपका ग्राफ़िक कार्ड कंप्यूटर में काम करना शुरू कर दे और इसे आप किसी भी ड्राईवर निर्माता कंपनी की वेबसाइट से आसानी से डाउनलोड कर सकते हो.
स्टेप 6 : ग्राफ़िक कार्ड के ड्राइव का साइज़ लगभग 300 MB तक होता है. जब आप उस ड्राईवर को डाउनलोड कर चुके हो तो आप उसे इनस्टॉल करें और अपने कंप्यूटर को रीस्टार्ट करे.
आपका ग्राफ़िक कार्ड काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. एक बार ग्राफ़िक कार्ड के इनस्टॉल होने के बाद आप किसी भी गेम को आसानी से खेल सकते हो आपको उसकी पिक्चर की बेहतरीन गुणवत्ता मिलते है और साथ ही ग्राफ़िक का भी एक अलग ही इफ़ेक्ट आता है.
एक ग्राफ़िक कार्ड के कई प्रकार होते विदेशी ग्राफिक्स कैसे पढ़ा जाए है तो जब भी कोई व्यक्ति ग्राफ़िक कार्ड खरीदने जाता है तो उसके इतने प्रकार को देख कर ग्राफ़िक कार्ड को चुनने में थोडा उलझ जाता है. ग्राफ़िक कार्ड के कई प्रकार होने के बावजूद भी ग्राफ़िक कार्ड को 4 वर्गों में बांटा गया है जो निम्नलिखित है –
1. Integrated : जब भी किसी ग्राफ़िक कार्ड की व्याख्या इंटीग्रेटेड से की जाती है तो इसका सीधा सा मतलब ये है कि उस ग्राफ़िक कार्ड का संबंध कंप्यूटर मदरबोर्ड से है और इसी वजह से इंटीग्रेटेड ग्राफ़िक कार्ड को on – board ग्राफ़िक कार्ड भी कहा जाता है. हर कंप्यूटर में इंटीग्रेटेड ग्राफ़िक कार्ड के लिए स्लॉट होता है. इंटीग्रेटेड ग्राफ़िक कार्ड सबसे कम पावरफुल विविधता वाला ग्राफ़िक कार्ड होता है इसलिए अगर आप इंटीग्रेटेड ग्राफ़िक कार्ड का इस्तेमाल करते है तो आप उसकी गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए उसे अपग्रेड जरुर कर लें.
2. PCI : PCI ग्राफ़िक कार्ड वे कार्ड है जिनको कंप्यूटर मदरबोर्ड में एक PCI स्लॉट के जरिये जोड़ा जाता है. ये भी आधुनिकीकरण की वजह से धीरे धीरे अपना स्थान खोते जा रहे है लेकिन अभी इनके अस्तित्व को इतना खतरा नही है क्योकि कई कंप्यूटर ऐसे है जिनमे अब भी PCI स्लॉट आता है और आप उसका इस्तेमाल कर सकते हो. लेकिन आपको इसका इस्तेमाल करने के लिए इसको अपग्रेड करना बहुत जरुरी है.
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How to Install Graphic Card |
3. AGP : इन ग्राफ़िक कार्ड को अब PCI ग्राफ़िक कार्ड की जगह इस्तेमाल किया जाता है. इनके लिए भी अब कंप्यूटर मदरबोर्ड में एक स्लॉट दिया जाता है. AGP कार्ड 4 गति ( 1*, 2*, 4* और 8* ) पर काम कर सकता है और इसकी सबसे तेज़ गति 8* है. अगर आपका कंप्यूटर मदरबोर्ड सिर्फ 4* गति तक का ही है तो ये सिर्फ 4* पर ही काम करेगा नाकि आप इसकी असली गति को देख पाओगे.
4. PCI – EXPRESS : PCI – EXPRESS ग्राफ़िक कार्ड को PCI – E ग्राफ़िक कार्ड भी कहा जाता है. ये सबसे ज्यादा एडवांस ग्राफ़िक कार्ड है और इसीलिए इसकी गति भी सबसे ज्यादा अधिक होती है. इसके लिए भी कंप्यूटर मदरबोर्ड में एक स्लॉट दिया जाता है. इनकी अधिकतम स्पीड AGP ग्राफ़िक कार्ड की अधिकतम गति से दुगनी होती है मतलब इसकी गति 16* होती है.
एक अच्छे ग्राफ़िक कार्ड के कार्य को उसके Frame rate के आधार पर चुना जाता है, ग्राफ़िक कार्ड के frame rate को FPS ( Frame Rare Per second ) के आधार पर नापा जाता है. एक इंसान की आँख हर सेकंड में लगभग 25 फ्रेम बनती है, लेकिन किसी भी गेम को खेलने के लिए कम से कम 60 फ्रेम हर सेकंड के फ्रेम रेट के आधार पर काम करना पड़ता है और इसीलिए एक अच्छे ग्राफ़िक कार्ड की आवश्कता होती है.
ग्राफ़िक कार्ड का हार्डवेयर भी सीधे रूप से उसकी गति को प्रभावित किया जाता है. ग्राफ़िक कार्ड से जुड़े कुछ हार्डवेयर जो उसकी गति को प्रभावित करते है वो निम्नलिखित है –
जानें एनिमेशन और ग्राफिक डिजाइनिंग में कैसे बनाएं करियर, कितनी है कमाई
आज लगभग हर क्षेत्र में ग्राफिक डिजाइनिंग का इस्तेमाल हो रहा है। फिर उसका इस्तेमाल किसी प्रोडक्ट को बाजार में स्थापित करने के लिए हो या खालिस मनोरंजन के लिए, ग्राफिक आर्ट के पेशेवरों के लिए एक सफल.
आज लगभग हर क्षेत्र में ग्राफिक डिजाइनिंग का इस्तेमाल हो रहा है। फिर उसका इस्तेमाल किसी प्रोडक्ट को बाजार में स्थापित करने के लिए हो या खालिस मनोरंजन के लिए, ग्राफिक आर्ट के पेशेवरों के लिए एक सफल करियर की संभावनाएं बनी हुई हैं।
युवाओं के बीच एनिमेशन और ग्राफिक डिजाइन एक लोकप्रिय पेशा है। इसलिए 12वीं में अच्छे अंक लाने वाले कई छात्र पारंपरिक पेशों की ओर बढ़ने के बजाए एनिमेशन और ग्राफिक डिजाइनिंग में करियर को तरजीह दे रहे हैं। अधिकतर मार्वेल या ड्रीमवर्क्स जैसे प्रतिष्ठित देशी-विदेशी स्टूडियो में काम करना चाहते हैं। आज लगभग हर जगह कंप्यूटर ग्राफिक्स का इस्तेमाल होता है। इंजीनियरिंग, फैशन डिजाइनिंग, सिनेमा में इनका खूब उपयोग होता है। इस डिजिटल दौर में कंपनियां या विभिन्न संस्थाएं प्रचार के कामों में या उत्पादों को बेहतर बनाने में ग्राफिक डिजाइन का इस्तेमाल करती हैं। इस पेशे में पिछले कुछ सालों में कुशल युवाओं की मांग बढ़ी है। आजकल सभी सॉफ्टवेयर ‘ग्राफिकल यूजर इंटरफेस' से युक्त होते हैं। इसे बनाने वाले ग्राफिक डिजाइनिंग के कुशल पेशेवर ही होते हैं। जिन युवाओं को आर्ट बेहद पसंद है, उनमें अगर रचनात्मक सोच के साथ सौंदर्यबोध है, तो वह इस क्षेत्र में बेहतर करियर बनाने की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
क्या है ग्राफिक डिजाइनिंग
यह चित्र/दृश्य के माध्यम से संवाद की एक कला है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें एक पेशेवर किसी संदेश को चित्र, छवियों, आकार और रंगों के जरिये प्रभावी व रोचक तरीके से व्यक्त करता है। यहां एक पेशेवर को सामान्य लोगो (प्रतीक चिन्ह) से लेकर जटिल वेब पेज की डिजाइनिंग जैसे काम तक करने होते हैं।
नौकरी के अवसर
नए लोगों से लेकर अनुभवी पेशेवरों तक को स्टार्टअप्स और बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरियों के मौके मिल रहे हैं। कम पारिश्रमिक पर अच्छा काम होने की वजह से एनिमेशन या डिजाइनिंग से जुड़ी भारतीय कंपनियों को विदेश से भी काम के ढेरों मौके मिलते हैं। इससे कुशल पेशेवरों के लिए काम की कोई कमी नहीं रहती। यह क्षेत्र कॉन्सेप्ट आर्टिस्ट, स्टोरी बोर्डिंग, मल्टीमीडिया डिजाइनर, वेब डिजाइनर, प्रोडक्ट डिजाइनर, आर्ट डायरेक्टर, मार्केटिंग एक्सपर्ट जैसे पेशों में बंटा हुआ है। इन पेशों में प्रोडक्शन स्तर पर सबसे ज्यादा लोगों की जरूरत पड़ती है, इसलिए यहां नौकरियां भी ज्यादा होती हैं। लेकिन, प्री-प्रोडक्शन स्तर पर चुनिंदा नौकरियां ही होती हैं। अगर युवा में क्षमता है, तो उसके लिए नौकरी पाना मुश्किल नहीं है। कुशल युवा एडवर्टाइजिंग, साफ्टवेयर से जुड़े क्षेत्रों में सहजता से नौकरी पा सकते हैं। आईटी कंपनियों में काम करने वाले डेवलपर्स या मार्केटिंग विशेषज्ञ ग्राफिक्स डिजाइनिंग का स्किल अर्जित कर कार्यक्षेत्र में अपनी उपयोगिता बढ़ा सकते हैं। पेशेवर अपने डिजाइन ऑनलाइन भी बेच सकते हैं या फ्रीलांसिंग से कमाई कर सकते हैं। फ्रीलांसर के तौर पर युवा फ्रीलांसर, अपवर्क, फिवर, 99डिजाइन जैसी वेबसाइटों की मदद से काम प्राप्त कर सकते हैं।
क्या हो क्षमताएं
उम्मीदवार में एचटीएमएल, सीएसएस, जावा ्क्रिरप्ट व अन्य वेब डिजाइनिंग लैंग्वेज की बुनियादी समझ होनी चाहिए। कुछ नया करने की चाह और ज्यादा से ज्यादा अभ्यास आगे बढ़ने की सीढ़ी है। इनके अलावा विश्लेषण कौशल, बेहतर संवाद क्षमता व समय प्रबंधन जैसे गुण आगे बढ़ने के लिए जरूरी हैं। लेकिन, एक सफल ग्राफिक डिजाइनर वही बन पता है, जो रचनात्मक सोच का होता है।
कैसे पाएं प्रशिक्षण
किसी पारंपरिक क्षेत्र में जहां एक युवा को कोर्स पूरा कर अपनी डिग्री के आधार पर नौकरी मिलती है, वहीं ग्राफिक्स, एनिमेशन एक ऐसा क्षेत्र है, जहां सर्टिफिकेट से ज्यादा उम्मीदवार के हासिल किएहुए हुनर पर बात होती है। यही वजह है कि कोर्स के दौरान ही कुशल युवाओं को नौकरी के मौके मिल रहे हैं। वैसे,भारतीय संस्थानों में एनिमेशन या ग्राफिक डिजाइनिंग में फाउंडेशन कोर्स से लेकर चार साल तक के डिग्री कोर्स कराए जाते हैं। कोर्स में प्रवेश के लिए कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के स्तर पर कई डिप्लोमा एवं पीजी डिप्लोमा स्तर के कोर्स कराए जाते हैं, जिनमें से प्रमुख कोर्स हैं-
- बैचलर इन विदेशी ग्राफिक्स कैसे पढ़ा जाए फाइन आर्ट्स ' बीटेक इन कंप्यूटर साइंस
- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ग्राफिक डिजाइन ' बैचलर
- ऑफ डिजाइन इन ग्राफिक डिजाइन ' बैचलर ऑफ
- आर्ट्स इन ग्राफिक डिजाइन ' मास्टर ऑफ आर्ट्स इन
- ग्राफिक डिजाइन ' मास्टर ऑफ डिजाइन इन ग्राफिक
डिजाइन
कैसी है कमाई : इस क्षेत्र में शुरुआत में ढाई लाख रुपयों तक का सालाना वेतन पा सकते हैं। कुछ वक्त बाद ग्राफिक डिजाइन में अनुभव के अनुसार सैलरी बढ़ती जाती है। बड़े स्तर पर भी पहचान बनाने के मौके मिलते हैं।.
चुनौतियां
क्लाइंट की जरूरत के अनुसार डिजाइन तैयार करना आसान नहीं होता। समय सीमा या उससे पहले प्रोजेक्ट की प्रस्तुति मायने रखती है। ग्राफिक डिजाइनिंग में जितनी जल्दी कोई नया चलन पैदा होता है, उतनी ही जल्दी चला भी जाता है।
कुछ प्रचलित पेशे
कॉन्सेप्ट आर्टिस्ट: ये पेशेवर किसी चरित्र को अपनी कल्पना से पहले किसी कागज पर उकेरते हैं, फिर तकनीक और कौशल के जरिये एनिमेटेड कैरेक्टर में बदलते हैं।.
मल्टीमीडिया डिजाइनर: ये पेशेवर ग्राफिक डिजाइन को एनिमेशन के साथ जोड़ कर कंप्यूटर आधारित फिल्म या प्रजेंटेशन तैयार करते हैं। इनके बनाए डिजाइन वेब पेज, टीवी के विज्ञापनों, कंप्यूटर गेम्स और फिल्मों में नजर आते हैं।.
वेब डिजाइनर: ये पेशेवर वेबसाइट और उससे जुड़ी एप्लिकेशन बनाते हैं।.
यूजर इंटरफेस डिजाइनर: ये पेशेवर तय करते हैं कि कोई प्रोडक्ट कैसा दिखेगा। वह स्केच, फोटोशॉप, इलस्ट्रेटर जैसे डिजाइनिंग टूल का इस्तेमाल कर प्रोडक्ट के रंग, आकार जैसी चीजों को तय करते हैं। .
' आर्ट डायरेक्टर: ये पेशेवर इसके जिम्मेदार होते हैं कि कोई विज्ञापन उपभोक्ताओं को किस रूप में दिखेगा। यह अपने क्लाइंट/ग्राहक की जरूरत के अनुरूप उनके संदेश को उपभोक्ता तक पहुंचाने का काम करते हैं। .
कुछ प्रमुख संस्थान.
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, नई दिल्ली.
- पर्ल अकादमी, दिल्ली.
- एनआईएफटी, दिल्ली.
- सिंबायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे.
- एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा.
- एमएएसी, दिल्ली.
- एरिना, दिल्ली-एनसीआर.
Graphic Designer बनना है तो जरूर सीखें ये 5 Software
यदि आप ग्राफिक डिज़ाइनिंग में अपना करियर बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी सॉफ्टवेयर पर काम करना आना चाहिए. Graphic Designer बनने के लिए आपको कम से कम 5 जरूरी सॉफ्टवेयर सीखना चाहिए.
By रवि नामदेव On Sep 27, 2021 3,472 0
Graphic Designer के तौर पर आपको कई सारे काम करने होते हैं जो प्रिंट और डिजिटल मीडिया से संबन्धित होते हैं. जैसे आपको पेपर के लिए विज्ञापन, विजिटिंग कार्ड, बैनर, वेबसाइट के लिए विज्ञापन, शादी के कार्ड आदि. यदि आप ग्राफिक डिज़ाइनिंग में अपना करियर बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपके अंदर क्रिएटिविटी होनी चाहिए. साथ ही आपको कुछ जरूरी सॉफ्टवेयर (Best software for graphic designers) पर काम करना आना चाहिए. Graphic Designer बनने के लिए आपको कम से कम 5 जरूरी सॉफ्टवेयर सीखना चाहिए.
ग्राफिक डिज़ाइनिंग में आप अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आप हमारी साइट पर उपलब्ध आर्टिक्ल ‘ग्राफिक डिज़ाइनर कैसे बने?‘ पढ़ सकते हैं. इसमें विस्तार से ग्राफिक डिज़ाइनिंग करियर की जानकारी दी गई है.
1) M.S. PowerPoint
M.S. PowerPoint का उपयोग हम सभी ‘प्रेजेंटेशन’ बनने के लिए करते हैं. लेकिन इसका संबंध ग्राफिक डिज़ाइनिंग से भी होता है. इसमें डिज़ाइनिंग के कई सारे टूल्स होते हैं. इसलिए ग्राफिक डिज़ाइनिंग की शुरुवात करने में आपको सबसे पहले पावरपॉइंट सॉफ्टवेयर को जरूर सीखना चाहिए. (Best graphic design software for beginners) कई सारी कंपनियाँ अपने प्रेजेंटेशन को ग्राफिक डिज़ाइनर से बनवाती हैं. ऐसे में आपमें इस सॉफ्टवेयर की समझ होनी चाहिए.
एम एस पावरपॉइंट में आप शेप, टेक्स्ट और फोटो के माध्यम से कई सारे ग्राफिक जनरेट कर सकते हैं. काफी सारे यूट्यूब चैनल अपने थंबनेल को पावरपॉइंट पर ही बनाते हैं. इसके अलावा भी कई वेबसाइट पर इमेज पर टेक्स्ट और अन्य इफैक्ट के लिए पावरपॉइंट का उपयोग किया जाता है. कई सारे टीचर्स ऑनलाइन क्लास में पावरपॉइंट पर बने स्लाइडशो का ही उपयोग करते हैं. ऐसे में आपका पावरपॉइंट को सीखना बेहद जरूरी है.
2) Adobe Photoshop
ग्राफिक डिज़ाइनिंग का एक बहुत बड़ा हिस्सा फोटो से संबन्धित होता है. फोटो से संबन्धित सारी एडिटिंग के लिए दुनियाभर के ग्राफिक डिज़ाइनर सिर्फ Photoshop का ही उपयोग करते हैं. (Best Graphic Design software list) ये काफी फेमस और सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला सॉफ्टवेयर है.
किसी भी Graphic Designing Course में सबसे पहले आपको Photoshop ही सिखाया जाता है. इसमें आप एक Image के साथ कई सारे काम कर सकते हैं. जैसे उसका बैकग्राउंड चेंज करना, इमेज का बैकग्राउंड हटाना, इमेज में मौजूद मॉडल को गोरा या काला करना, उसके कपड़ों का रंग बदलना, उसकी स्किन को साफ करना, पुरानी फोटो से नई फोटो बनाना. ऐसे कई सारे काम सिर्फ फोटोशॉप में ही किए जाते हैं. ग्राफिक डिज़ाइनिंग, विडियो एडिटिंग, एनीमेशन आदि में इसका उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है.
3) Corel Draw
कोरल ड्रॉ एक ऐसा सॉफ्टवेयर जिसका उपयोग ग्राफिक डिज़ाइनर सबसे ज्यादा करते हैं. इसकी मदद से हर वो चीज जो प्रिंट होती है उसे बनाया जाता है. जैसे आपको न्यूज़पेपर के लिए विज्ञापन बनाना हो, कोई विजिटिंग कार्ड बनाना हो, कोई आईडी कार्ड बनाना हो, कोई बड़ा बैनर बनाना हो या फिर कोई भी ऐसी चीज जो प्रिंट होगी उसके लिए कुछ डिज़ाइन बनाना हो. ये सारे काम Corel Draw पर किए जाते हैं.
Corel Draw पर प्रिंटेड चीजों के लिए कलर सेटिंग रहती है, ( What software do graphic designers use) साथ ही उन्हें प्रिन्टर से आसानी से अटेच किया जा सकता है. इसकी मदद से बड़े से बड़े बैनर आसानी से तैयार किए जा सकते हैं. इसके अलावा यदि आपको लोगो डिज़ाइन करना हो तो वो भी किया जा सकता है. एक ग्राफिक डिज़ाइनर के तौर पर इस सॉफ्टवेयर को सीखना आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है.
4) Adobe Illustrator
आज के समय में बड़ी-बड़ी एडवरटाइजिंग कंपनियों में एक ग्राफिक ग्राफिक डिज़ाइनर की जॉब के लिए आपको Illustrator जरूर आना चाहिए. ये काफी हद तक Corel Draw की तरह ही होता है. बस इसके कुछ बेसिक फंक्शन अलग होते हैं.
Illustrator पर भी आप Corel विदेशी ग्राफिक्स कैसे पढ़ा जाए Draw की तरह print media के सारे काम कर सकते हैं. जैसे लोगो, विजिटिंग कार्ड, आईडी कार्ड, वेबसाइट के लिए बैनर, थंबनेल, किताब के लिए कवर डिज़ाइन बना सकते हैं. इसके अलावा सारे डिज़ाइनिंग वर्क आप कर सकते हैं.
यदि आप ग्राफिक डिज़ाइनर के तौर पर अपना करियर बनाना चाहते हैं (Best Software for logo making) तो इस सॉफ्टवेयर पर आपको अपनी कमांड बहुत अच्छी करना चाहिए. क्योंकि आप जितना इस सॉफ्टवेयर पर अच्छे से काम कर पाएंगे. उतने ही ज्यादा चांस रहेंगे आपकी पसंद की कंपनी में जॉब मिलने का.
5) Adobe InDesign
इस सॉफ्टवेयर के बारे में लोग कम ही जानते हैं लेकिन जो पहले से ग्राफिक डिज़ाइनिंग का काम कर रहे हैं वो इसके बारे में अच्छे से जानते हैं. InDesign एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिस पर आप खुद की किताब बना सकते हैं. (Best software for book and magazine designing) इसके अलावा मैगजीन और न्यूज़पेपर को इस सॉफ्टवेयर पर आसानी से डिज़ाइन किया जा सकता है.
यदि आपका इन्टरेस्ट मैगजीन और न्यूज़पेपर को डिज़ाइन करने में है तो आपको Adobe InDesign जरूर सीखना चाहिए. इस पर इनसे संबन्धित सभी टूल्स दिये गए हैं.
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