भारतीय अर्थव्यवस्था
भारत जीडीपी के संदर्भ में विश्व की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है । यह अपने भौगोलिक आकार के संदर्भ में विश्व में सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश है । हाल के वर्षों में भारत गरीबी और बेरोजगारी से संबंधित मुद्दों के बावजूद विश्व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है । महत्वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्त करने की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा कई गरीबी उन्मूलन और रोजगार उत्पन्न करने वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।
इतिहास
ऐतिहासिक रूप से भारत एक बहुत विकसित आर्थिक व्यवस्था थी जिसके विश्व के अन्य भागों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध थे । औपनिवेशिक युग ( 1773-1947 ) के दौरान ब्रिटिश भारत से सस्ती दरों पर कच्ची सामग्री खरीदा करते थे और तैयार माल भारतीय बाजारों में सामान्य मूल्य से कहीं अधिक उच्चतर कीमत पर बेचा जाता था जिसके परिणामस्वरूप स्रोतों का द्धिमार्गी ह्रास होता था । इस अवधि के दौरान विश्व की आय में भारत का हिस्सा 1700 ए डी के 22.3 प्रतिशत से गिरकर 1952 में 3.8 प्रतिशत रह गया । 1947 में भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात अर्थव्यवस्था की पुननिर्माण प्रक्रिया प्रारंभ हुई । इस उद्देश्य से विभिन्न नीतियॉं और योजनाऍं बनाई गयीं और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से कार्यान्वित की गयी ।
1991 में भारत सरकार ने महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार प्रस्तुत किए जो इस दृष्टि से वृहद प्रयास थे जिनमें विदेश व्यापार उदारीकरण, वित्तीय उदारीकरण, कर सुधार और विदेशी निवेश के प्रति आग्रह शामिल था । इन उपायों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद की तब से भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत आगे निकल आई है । सकल स्वदेशी उत्पाद की औसत वृद्धि दर (फैक्टर लागत पर) जो 1951 - 91 के दौरान 4.34 प्रतिशत थी, 1991-2011 के दौरान 6.24 प्रतिशत के रूप में बढ़ गयी ।
कृषि
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है जो न केवल इसलिए कि इससे देश की अधिकांश जनसंख्या को खाद्य की आपूर्ति होती है बल्कि इसलिए भी भारत की आधी से भी अधिक आबादी प्रत्यक्ष रूप से जीविका के लिए कृषि पर निर्भर है ।
विभिन्न नीतिगत उपायों के द्वारा कृषि उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हुई, जिसके फलस्वरूप एक बड़ी सीमा तक खाद्य सुरक्षा प्राप्त हुई । कृषि में वृद्धि ने अन्य क्षेत्रों में भी अधिकतम रूप से अनुकूल प्रभाव डाला जिसके फलस्वरूप सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था में और अधिकांश जनसंख्या तक लाभ पहुँचे । वर्ष 2010 - 11 में 241.6 मिलियन टन का एक रिकार्ड खाद्य उत्पादन हुआ, जिसमें सर्वकालीन उच्चतर रूप में गेहूँ, मोटा अनाज और दालों का उत्पादन हुआ । कृषि क्षेत्र भारत के जीडीपी का लगभग 22 प्रतिशत प्रदान करता है ।
उद्योग
औद्योगिक क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है जोकि विभिन्न सामाजिक, आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक है जैसे कि ऋण के बोझ को कम करना, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आवक (एफडीआई) का संवर्द्धन करना, आत्मनिर्भर वितरण को बढ़ाना, वर्तमान आर्थिक परिदृय को वैविध्यपूर्ण और आधुनिक बनाना, क्षेत्रीय विकास का संर्वद्धन, गरीबी उन्मूलन, लोगों के जीवन स्तर को उठाना आदि हैं ।
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत सरकार देश में औद्योगिकीकरण के तीव्र संवर्द्धन की दृष्टि से विभिन्न नीतिगत उपाय करती रही है । इस दिशा में प्रमुख कदम के रूप में औद्योगिक नीति संकल्प की उदघोषणा करना है जो 1948 में पारित हुआ और उसके अनुसार 1956 और 1991 में पारित हुआ । 1991 के आर्थिक सुधार आयात प्रतिबंधों को हटाना, पहले सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए आरक्षित, निजी क्षेत्रों में भागेदारी, बाजार सुनिश्चित मुद्रा विनिमय दरों की उदारीकृत शर्तें ( एफडीआई की आवक / जावक हेतु आदि के द्वारा महत्वपूर्ण नीतिगत परिवर्तन लाए । इन कदमों ने भारतीय उद्योग को अत्यधिक अपेक्षित तीव्रता प्रदान की ।
आज औद्योगिक क्षेत्र 1991-92 के 22.8 प्रतिशत से बढ़कर कुल जीडीपी का 26 प्रतिशत अंशदान करता है ।
सेवाऍं
आर्थिक उदारीकरण सेवा उद्योग की एक तीव्र बढ़ोतरी के रूप में उभरा है और भारत वर्तमान समय में कृषि आधरित अर्थव्यवस्था से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में परिवर्तन को देख रहा है । आज सेवा क्षेत्र जीडीपी के लगभग 55 प्रतिशत ( 1991-92 के 44 प्रतिशत से बढ़कर ) का अंशदान करता है जो कुल रोजगार का लगभग एक तिहाई है और भारत के कुल निर्यातों का एक तिहाई है
भारतीय आईटी / साफ्टेवयर क्षेत्र ने एक उल्लेखनीय वैश्विक ब्रांड पहचान प्राप्त की है जिसके लिए निम्नतर लागत, कुशल, शिक्षित और धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलनी वाली जनशक्ति के एक बड़े पुल की उपलब्धता को श्रेय दिया जाना चाहिए । अन्य संभावना वाली और वर्द्धित सेवाओं में व्यवसाय प्रोसिस आउटसोर्सिंग, पर्यटन, यात्रा और परिवहन, कई व्यावसायिक सेवाऍं, आधारभूत ढॉंचे से संबंधित सेवाऍं और वित्तीय सेवाऍं शामिल हैं।
बाहय क्षेत्र
1991 से पहले भारत सरकार ने विदेश व्यापार और विदेशी निवेशों पर प्रतिबंधों के माध्यम से वैश्विक प्रतियोगिता से अपने उद्योगों को संरक्षण देने की एक नीति अपनाई थी ।
उदारीकरण के प्रारंभ होने से भारत का बाहय क्षेत्र नाटकीय रूप से परिवर्तित हो गया । विदेश व्यापार उदार और टैरिफ एतर बनाया गया । विदेशी प्रत्यक्ष निवेश सहित विदेशी संस्थागत निवेश कई क्षेत्रों में विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार समझाया हाथों - हाथ लिए जा रहे हैं । वित्तीय क्षेत्र जैसे बैंकिंग और बीमा का जोरदार उदय हो रहा है । रूपए मूल्य अन्य मुद्राओं के साथ-साथ जुड़कर बाजार की शक्तियों से बड़े रूप में जुड़ रहे हैं ।
आज भारत में 20 बिलियन अमरीकी डालर (2010 - 11) का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश हो रहा है । देश की विदेशी मुद्रा आरक्षित (फारेक्स) 28 अक्टूबर, 2011 को 320 बिलियन अ.डालर है । ( 31.5.1991 के 1.2 बिलियन अ.डालर की तुलना में )
भारत माल के सर्वोच्च 20 निर्यातकों में से एक है और 2010 में सर्वोच्च 10 सेवा निर्यातकों में से एक है ।
विदेशी मुद्रा बाजार (Forex ),डॉलर में कमाने का लालच दे डोईवाला के व्यक्ति व रिश्तेदारों से करी 50 लाख की धोखाधड़ी
देहरादून : डोईवाला के आदर्श नगर जौलीग्रांट में रहने वाले एक व्यक्ति और उसके रिश्तेदारों के साथ विदेशी मुद्रा बाजार में रुपए निवेश कर कम समय में अधिक रकम कमाने का लालच देकर धोखाधड़ी और रकम हड़पने का एक मामला सामने आया है इस मामले में पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
डोईवाला के जौलीग्रांट स्थित दुर्गा चौक पर उत्तम सिंह पंवार की एक न्यूज़ एजेंसी है जिनके साथ यह धोखाधड़ी और ठगी का मामला सामने आया है.
यूके तेज से बात करते हुए उत्तम सिंह पंवार ने बताया कि इसी साल अप्रैल 2022 में बिजनौर के रहने वाले एक व्यक्ति ने उनकी भेंट मुलाकात मोहित अग्रवाल नाम के व्यक्ति से करवाई गई.
मोहित अग्रवाल उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, साहिबाबाद का रहने वाला है.
ऐसे फसाया जाल में
मोहित अग्रवाल ने उत्तम सिंह पवार को विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये निवेश करने को कहा इसके साथ ही मोहित अग्रवाल ने अपनी पत्नी आभा से भी मिलवाया वह पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा की रहने वाली है मोहित अग्रवाल खुद भी गढ़वाली में बात करता था इस प्रकार मोहित अग्रवाल ने पूरी तरह से उत्तम पंवार को अपने विश्वास में ले लिया.
आंख बंद करके निवेश को कहा
मोहित ने कहा कि वह आंख बंद करके फॉरेक्स मार्केट में अपना रुपया निवेश कर दें उसने कहा कि विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के माध्यम से जो भी प्रॉफिट होगा उसका फिफ्टी-फिफ्टी परसेंट आपस में बांट लेंगे.
मोबाइल स्क्रीनशॉट से पोर्टफोलियो दर्शन
मोहित अग्रवाल समय-समय पर अपने मोबाइल फोन में फॉरेक्स मार्केट के अपने पोर्टफोलियो को उत्तम विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार समझाया पंवार को दिखाता रहता था उसका पोर्टफोलियो लगभग एक करोड़ के आसपास का था
इस बीच मोहित अग्रवाल कई दफा अपनी पत्नी के साथ उत्तम सिंह पवार के निवास पर भी आया और एक परिवार के सदस्य की तरह उनका घनिष्ठ मित्र बन गया.
एक और पारिवारिक घनिष्ठता-मित्रता बनती चली गई जिससे उत्तम सिंह पवार और उसके रिश्तेदारों का विश्वास मोहित अग्रवाल के प्रति बढ़ता चला गया
और सब कुछ बदल गया
सितंबर 2022 के बाद स्थितियां बदलनी शुरू हो गई मोहित अग्रवाल ने उत्तम सिंह पवार से किनारा कर लिया और उसका फोन उठाना बंद कर दिया.
ऐसे में उत्तम सिंह पवार एक बार फिर से गाजियाबाद स्थित फ्लैट पर पहुंचे मोहित अग्रवाल अपने फ्लैट पर उपस्थित नहीं था ऐसे में उत्तम सिंह पवार को अपने साथ हुई धोखाधड़ी और ठगी का अहसास हुआ
लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी उत्तम सिंह पवार और उसके रिश्तेदारों की लगभग 48 से ₹5000000 की रकम मोहित अग्रवाल ठगकर गायब हो गया है.
ऐसे में चारों ओर से कोई रास्ता ना मिलता देख उत्तम सिंह पवार के द्वारा डोई वाला पुलिस को इस धोखाधड़ी और ठगी की पूरी जानकारी दी गई.
उत्तम सिंह पवार की लिखित तहरीर के आधार पर डोईवाला पुलिस ने मोहित अग्रवाल और उसकी पत्नी आभा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.
Custom Department Of Airport: एयरपोर्ट कस्टम को मिली बड़ी कामयाबी, एक दिन में 8 करोड़ से अधिक कीमत का सोना और विदेशी करेंसी को किया जब्त
Mumbai Airport News: एपरपोर्ट के कस्टम विभाग ने बड़ी कार्यवाई करते हुए दो दिनों के भीतर 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों के पास से करोड़ों रुपए के सोने बरामद किये गए हैं.
By: सूरज ओझा | Updated at : 13 Oct 2022 02:18 PM (IST)
Custom Department Of Airport: मुंबई एयरपोर्ट के कस्टम विभाग को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. कस्टम विभाग ने 11 और 12 अक्टूबर को करीब 7.87 करोड़ रुपए कीमत का 15 किलो सोना और 22 लाख रुपए विदेशी मुद्रा को जब्त किया है. मुंबई एयरपोर्ट कस्टम ने बताया है कि इस मामले में कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
कस्टम विभाग के अधिकारियों को गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दुबई से आने वाली इमिरेट फ्लाइट संख्या EK500 से एक भारतीय नागरिक के पास से 9.895 किलोग्राम सोना मिला जिसकी कीमत 5.20 करोड़ रुपये मिले हैं.
कस्टम विभाग ने विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार समझाया किया गिरफ्तार
इसके बाद कस्टम विभाग ने उसे हिरासत में ले लिया है. चौंकाने वाली बात यह है कि यह सोना विशेष रूप से बनाये एक चेस्ट बेल्ट में मिले जिसमें 9 पोकेट बनाये गये थे वो चेस्ट और शोल्डर पर बांधा गया था. जांच में पता चला कि यह सोना उस भारतीय नागरिक को दुबई एयरपोर्ट पर दो सुडेन के नागरिकों ने दिया था, उन्हें भी कस्टम विभाग के अधिकारियों ने पकड़ लिया है.
अंडरगारमेंट में छुपाया में छिपाया था सोना
इंटेलिजेंस विभाग की जानकारी के आधार पर चेन्नई से मुंबई आए एक भारतीय नागरिक के पास से कस्टम विभाग ने 99.75 लाख रुपए कीमत की 1.875 किलोग्राम गोल्ड डस्ट बरामद की है. यह आरोपी शारजाह से चेन्नई आया था, फिर वहां से मुंबई पहुंचा था. आरोपी ने गोल्ड डस्ट अपने अंडरगारमेंट में छुपाया हुआ था.
1 करोड़ से अधिक है सोने की कीमत
कस्टम विभाग को मिली जानकारी के मुताबिक दो जेद्दाह से मुंबई भारतीय नागरिकों को पकड़ा है. उनके पास से 2263 ग्राम गोल्ड डस्ट बरामद किया गया है. इसकी कीमत 1 करोड़ से भी ज्यादा बताई जा रही है. दोनों आरोपी को कस्टम विभाग के अधिकारियों ने हिरासत में रखा हुआ है. ये दोनों यात्री भी सोना अपने अंडरगारमेंट में छिपा कर ला रहे थे.
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विदेशी नागरिक भी गिरफ्तार
कस्टम विभाग ने एक विदेशी नागरिक को भी मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है. यह नागरिक सुडेन देश का रहने वाला है. इसके पास से करीब 51 लाख से अधिक कीमत की 973 ग्राम गोल्ड डस्ट के साथ गिरफ्तार किया है. यह यात्री दुबई से भारत आया था मजे को बात यह है की इस सोने को आरोपी ने अंडे के रूप में तैयार किया था, जिसे उसने अपने शरीर के अंदर छुपाया हुआ था.
11 लाख के विदेशी मुद्रा के साथ गिरफ्तार
कस्टम विभाग के अधिकारियों ने विदेशी मुद्रा के साथ भी कई आरोपी को गिरफ्तार किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कस्टम विभाग ने स्पाइस जेट से दुबई से मुंबई आए एक भारतीय नागरिक को हिरासत में लिया है. उसके पास से कस्टम विभाग को 50,000 दिरहम जिसकी भारतीय रुपए में कीमत लगभग 11 लाख 20 हजार रुपये है. इन पैसों को उसने बिस्किट के रूप में बनाकर उसे एक कैविटी में छिपा कर ला रहा था.
कस्टम विभाग ने एक और दुबई से भारत आए एक भारतीय नागरिक को 45,000 दिरहम के साथ गिरफ्तार किया है. इसकी भारतीय मुद्रा में कीमत लगभग 10 लाख होंगे. यह आरोपी स्पाइस जेट विमान से भारत आया था.
Published at : 13 Oct 2022 02:18 PM (IST) Tags: Mumbai Airport Custom department हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
100 से अधिक देश बना रहे डिजिटल मुद्राओं की योजना
शेयर बाजार 06 नवंबर 2022 ,12:45
© विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार समझाया विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार समझाया Reuters. 100 से अधिक देश बना रहे डिजिटल मुद्राओं की योजना
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। भारत की ई-रुपये की यात्रा शुरू होने के साथ ही अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों ने भी अपनी खुद की डिजिटल मुद्राओं की योजना बनानी शुरू कर दी है। वे बिटकॉइन की तरह अत्यधिक अस्थिर क्रिप्टोकरेंसी में नहीं फंसना चाहते। भारत विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार समझाया सहित 100 से अधिक देश सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्राओं (सीबीडीसी) की खोज या संचालन कर रहे हैं। यह देश की मुद्रा का एक डिजिटल रूप है।
जी 20 के 19 देश सीबीडीसी की खोज कर रहे हैं। इनमें से 16 देश पहले से ही डिजिटल मुद्रा के विकास की प्रक्रिया में हैं। द अटलांटिक काउंसिल के जियोइकॉनॉमिक सेंटर के अनुसार ऐसे देशों में दक्षिण कोरिया, जापान, भारत और रूस शामिल हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने इस साल क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक नया आदेश जारी किया। आदेश में नियामकों को पर्याप्त निगरानी रखने और डिजिटल संपत्ति द्वारा उत्पन्न किसी भी वित्तीय जोखिम के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।
आदेश में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए संभावित यूएस सीबीडीसी के लिए तकनीकी बुनियादी ढांचे और क्षमता की जरूरतों का आकलन करने की बात भी कही गई है।
रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया (आरबीए) ने अगस्त में घोषणा की थी कि उसने डिजिटल मुद्रा के संभावित उपयोग का पता लगाने के लिए एक परियोजना शुरू की है।
आरबीए ने कहा कि वह डिजिटल फाइनेंस कोऑपरेटिव रिसर्च सेंटर (डीएफसीआरसी) के सहयोग से सीबीडीसी का एक साल तक सीमित स्तर का परीक्षण करेगा।
डीएफसीआरसी के सीईओ एंड्रियास फुर्चे ने कहा कि डिजिटल मुद्रा के लिए तकनीक पहले से मौजूद है, यह परियोजना यह समझने के बारे में है कि सीबीडीसी ऑस्ट्रेलिया की मदद कैसे कर सकता है।
उन्होंने कहा कि अब विचार इस पर किया जाना चाहिए कि सीबीडीसी किस प्रकार के आर्थिक लाभों को हासिल कर सकता है और उन लाभों को विस्तार कैसे किया जा सकता है।
बैंक ऑफ कोरिया (बीओके) ने इस साल की शुरुआत में घोषणा की थी कि उसने सीबीडीसी की व्यवहार्यता के दो-चरणीय मॉक टेस्ट के अपने पहले चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। अब वह समीक्षा कर रहा है कि मुद्रा के संभावित नए रूप को पेश किया जाए या नहीं।
बीओके ने एक बयान में कहा, हम विभिन्न कार्यों के संचालन की संभावना की जांच करेंगे, जैसे कि ऑफलाइन निपटान, नई तकनीकों का प्रयोग और गोपनीयता सुरक्षा को मजबूत करना आदि।
वैश्विक केंद्रीय बैंक नकदी की मांग में गिरावट और निजी क्षेत्र में क्रिप्टोकरेंसी के उद्भव के लिए डिजिटल मुद्राओं पर अपने शोध को तेज कर रहे हैं।
कुछ लैटिन अमेरिकी देशों और अफ्रीकी देशों के केंद्रीय बैंकों ने सीबीडीसी जारी करना शुरू कर दिया है।
चीन इस साल सीबीडीसी जारी विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार समझाया करने पर जोर दे रहा है। वह संभवत: मुद्रा के नए रूप का उपयोग कर खुद अपनी अर्थव्यवस्था के आकार को बढ़ा रहा है, जबकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कथित तौर विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार समझाया पर इसके संभावित लाभों की समीक्षा शुरू कर दी है।
केन्या के शीर्ष बैंक ने भी कहा है कि वह देश में सीबीडीसी बनाने की संभावना की जांच कर रहा है।
हाल ही में गार्टनर की एक रिपोर्ट के अनुसार 2024 तक वैश्विक स्तर पर बीस प्रतिशत बड़े संगठन भुगतान आदि के लिए डिजिटल मुद्राओं का उपयोग करेंगे।
गार्टनर आईटी प्रैक्टिस में विशिष्ट उपाध्यक्ष विश्लेषक अविवाह लिटन ने कहा, पारंपरिक भुगतान प्लेटफार्मों पर क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकृति और सीबीडीसी के उदय से आने वाले वर्षों में कई बड़े उद्यमों को डिजिटल मुद्राओं के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जाएगा।
विदेशी मुद्रा बाजार (Forex ),डॉलर में कमाने का लालच दे डोईवाला के व्यक्ति व रिश्तेदारों से करी 50 लाख की धोखाधड़ी
देहरादून : डोईवाला के आदर्श नगर जौलीग्रांट में रहने वाले एक व्यक्ति और उसके रिश्तेदारों के साथ विदेशी मुद्रा बाजार में रुपए निवेश कर कम समय में अधिक रकम कमाने का लालच देकर धोखाधड़ी और रकम हड़पने का एक मामला सामने आया है इस मामले में पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
डोईवाला के जौलीग्रांट स्थित दुर्गा चौक पर उत्तम सिंह पंवार की एक न्यूज़ एजेंसी है जिनके साथ यह धोखाधड़ी और ठगी का मामला सामने आया है.
यूके तेज से बात करते हुए उत्तम सिंह पंवार ने बताया कि इसी साल अप्रैल 2022 में बिजनौर के रहने वाले एक व्यक्ति ने उनकी भेंट मुलाकात मोहित अग्रवाल नाम के व्यक्ति से करवाई गई.
मोहित अग्रवाल उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, साहिबाबाद का रहने वाला है.
ऐसे फसाया जाल में
मोहित अग्रवाल ने उत्तम सिंह पवार को विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये निवेश करने को कहा इसके साथ ही मोहित अग्रवाल ने अपनी पत्नी आभा से भी मिलवाया वह पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा की रहने वाली है मोहित अग्रवाल खुद भी गढ़वाली में बात करता था इस प्रकार मोहित अग्रवाल ने पूरी तरह से उत्तम पंवार को अपने विश्वास में ले लिया.
आंख बंद करके निवेश को कहा
मोहित ने कहा कि वह विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार समझाया आंख बंद करके फॉरेक्स मार्केट में अपना रुपया निवेश कर दें उसने कहा कि विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के माध्यम से जो भी प्रॉफिट होगा उसका फिफ्टी-फिफ्टी परसेंट आपस में बांट लेंगे.
मोबाइल स्क्रीनशॉट से पोर्टफोलियो दर्शन
मोहित अग्रवाल समय-समय पर अपने मोबाइल फोन में फॉरेक्स मार्केट के अपने पोर्टफोलियो को उत्तम पंवार को दिखाता रहता था उसका पोर्टफोलियो लगभग एक करोड़ के आसपास का था
इस बीच मोहित अग्रवाल कई दफा अपनी पत्नी के साथ उत्तम सिंह पवार के निवास पर भी आया और एक परिवार के सदस्य की तरह उनका घनिष्ठ मित्र बन गया.
एक और पारिवारिक घनिष्ठता-मित्रता बनती चली गई जिससे उत्तम सिंह पवार और उसके रिश्तेदारों का विश्वास मोहित अग्रवाल के प्रति बढ़ता चला गया
और सब कुछ बदल गया
सितंबर 2022 के बाद स्थितियां बदलनी शुरू हो गई मोहित अग्रवाल ने उत्तम सिंह पवार से किनारा कर लिया और उसका फोन उठाना बंद कर दिया.
ऐसे में उत्तम सिंह पवार एक बार फिर से गाजियाबाद स्थित फ्लैट पर पहुंचे मोहित अग्रवाल अपने फ्लैट पर उपस्थित नहीं था ऐसे में उत्तम सिंह पवार को अपने साथ हुई धोखाधड़ी और ठगी का अहसास हुआ
लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी उत्तम सिंह पवार और उसके रिश्तेदारों की लगभग 48 से ₹5000000 की रकम मोहित अग्रवाल ठगकर गायब हो गया है.
ऐसे में चारों ओर से कोई रास्ता ना विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार समझाया मिलता देख उत्तम सिंह पवार के द्वारा डोई वाला पुलिस को इस धोखाधड़ी और ठगी की पूरी जानकारी दी गई.
उत्तम सिंह पवार की लिखित तहरीर के आधार पर डोईवाला पुलिस ने मोहित अग्रवाल और उसकी पत्नी आभा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है.
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