डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।

डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए? अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।

आज के समय में कोई पेपर वर्क नहीं होती है और न ही कोई भैतिक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसलिए जब आप कंपनी X के शेयर खरीदते हैं, तो आपको जो भी मिलता है, वह आपके डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एंटर हो जाता है। डीमैट एकाउंट को ऐसे ही आसान शब्दों में आप समझ गए होंगे।

यदि आप आज शेयर बाजार (एनएसई और बीएसई) या किसी अन्य सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए? डीमैट अकाउंट अनिवार्य है. आपके द्वारा किए जाने वाले ट्रेड और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक सेटेलमेंट के लिए डीमैट अकाउंट नंबर अनिवार्य है.

डीमैट अकाउंट कैसे प्राप्त करें?

जब आप डीमैट अकाउंट के बारे में जान गए हैं, तो आइए जानते है डीमैट अकाउंट कैसे खोला जा सकता है। आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL ) या सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती हैं, जो स्वंय और इन्वेस्टर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती है। उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैंक एक डीपी है, जिसके साथ आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। स्टॉकब्रोकर और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन भी डीपी है। आप उनके साथ भी डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

जिस तरह से एक बैंक अकाउंट में पैसा होता है, उसी तरह से एक डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप या स्मार्ट डिवाइस और इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है। जिसको एक्सेस करने के लिए आपके पास एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड होना चाहिए। हालांकि, बैंक अकाउंट के विपरीत, आपके डीमैट अकाउंट में किसी भी प्रकार का 'न्यूनतम बैलेंस' होना आवश्यक नहीं है।

आप किसी भी डिपॉजिटर्स की वेबसाइट पर जाकर उनकी डीपी की सूची प्राप्त कर सकते है। जिसके साथ आप डीमैट एकाउंट खोलना चाहते है। डीपी का चुनाव उनके वार्षिक शुल्क पर निर्भर होना चाहिए।

यह ध्यान देना चाहिए कि आप एक से अधिक डीमैट एकाउंट को एक डीपी के साथ न जोड़े। क्योंकि एक पैन कार्ड को कई डीमैट अकाउंट के साथ जोड़ा जा सकता है।

डीमैट अकाउंट का विवरण

आपका डीमैट अकाउंट खुलने के बाद सुनिश्चित करें, कि आपको अपने डीपी से निम्न विवरण प्राप्त किया :

डीमैट अकाउंट नंबर : सीडीएलएस के तहत यह बेनिफिशियरी आईडी' के रूप में जाना जाता है। यह मुख्यत 16 कैरेक्टर का मिश्रण है।

डीपी आईडी : यह आईडी डिपॉजिटर प्रतिभागी को दी जाती है। जो आपके डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा है।

पीओए नंबर : यह पावर ऑफ अटॉर्नी एग्रीमेंट का हिस्सा है, जहां एक इन्वेस्टर दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर को अपने अकाउंट को संचालित करने की अनुमति देता है।

ऑनलाइन एक्सेस के लिए आपको अपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स पर एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड भी मिलेगा।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट

डीमैट अकाउंट एक ट्रेडिंग अकाउंट के साथ होता है. जो शेयर बाजार में शेयर खरीदने औऱ बेचने के लिए जरूरी है. उदाहरण के रूप में एचडीएफसी बैक का एक डीमैट अकाउंट 3 इन 1 होता है, जिसमें सेविंग, डीमैट और ट्रेडिंग तीनों को जोड़ा जाता है.

लोग कभी-कभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच कंफ्यूज होते हैं कि वे एक जैसे नहीं हैं। एक डीमैट एकाउंट में आपके नाम के शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज का विवरण होता है। शेयर खरीदने और बेचने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा। कई बैंक और ब्रोकर ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ ट्रेडिंग एकाउंट की पेशकश करते हैं, जिससे आम इन्वेस्टर्स के लिए शेयर मार्केट में भाग लेना आसान हो जाता है।

डीमैट अकाउंट के प्रकार

अब हम डीमैट अकाउंट की परिभाषा समझ गए हैं। तो आइए डीमैट अकाउंट के प्रकारों को देखें। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार हैं:

रेगुलर डीमैट अकाउंट: यह उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो, देश में रहते हैं।

रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: इस तरह का डीमैट अकाउंट प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए है, जो विदेशों में फंड ट्रांसफर करने सक्षम बनाता है। हालांकि, इस तरह के डीमैट अकाउंट को एनआरई बैंक अकाउंट से लिंक करने की जरूरत है।

नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट: यह भी एनआरआई के लिए है, लेकिन इस प्रकार के डीमैट अकाउंट के साथ, विदेशों में फंड ट्रांसफर करना संभव नहीं है। साथ ही इसे एनआरओ बैंक अकाउंट से भी लिंक कराना होगा।

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* इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य है और यह केवल सूचना के प्रयोजनों के लिए है। यह आपकी अपनी परिस्थितियों में विशिष्ट सलाह का विकल्प नहीं है।

डीमैट अकाउंट कैसे खोले?

आधुनिक डिजिटलीकरण के कारण, अब व्यक्तिगत निवेशकों के लिए डीमैट खाता खोलना आसान हैं। शेयरों आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए? को खरीदने और बेचने के लिए शेयर बाजार में लेन-देन करने के लिए डीमैट खाता आवश्यक हैं। इस आर्टिकल में हम देखेंगे की डीमैट अकाउंट की परिभाषा क्या हैंं और डीमैट अकाउंट कैसे खोलें।

डीमैट खाता क्या हैं?

इससे पहले, जब निवेशक स्टॉक खरीदना और बेचना चाहते थे, तो उन्हे प्रत्यक्ष रूप से रसीदों/ आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए? प्रमाणपत्रों का आदान-प्रदान करके निवेश प्रक्रिया फिज़िकली करनी पडती थी। डिपॉजिटरी एक्ट 1996 ने डीमैटरियलाइजेशन या डीमैट की शुरुआत की, जिसके तहत इन भौतिक प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर्ड की जानेवाले असेट्स में बदल दिया गया। इस प्रक्रिया की वजह से शेयर मार्केट्स में शामिल जोखिम ना के बराबर हो गायी हैंं।

डीमैट खाता मतलब

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ये जानने से पहले की डीमैट अकाउंट कैसे खोलें, आइये जानते हैंं की डीमैट खाता क्या होता हैंं| डीमैट अकाउंट आपके द्वारा खरीदे गए सभी शेयरों को स्टोर करता हैं। डीमैट खाता न केवल स्टॉक बल्कि अन्य निवेश एसेट्स जैसे म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, ईटीएफ आदि को संग्रहीत करता हैं। अनिवार्य रूप से तीन प्रकार के डीमैट खाते होते हैंं –

  1. रेगुलर डीमैट अकाउंट
  2. एनआरआई (NRI) डीमैट अकाउंट (रीपैटरीएबल)
  3. एनआरआई (NRI) डीमैट अकाउंट (नॉन-रीपैटरीएबल)

डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया क्या हैं?

डीमैट खाता ऑनलाइन खोलने के लिए आवश्यक प्रक्रिया और अत्यावश्यक दस्तावेज नीचे दिए गए हैंं –

डीमैट खाता ऑनलाइन कैसे खोलें?

डीमैट खाता ऑनलाइन खोलना पूरी तरह से सुरक्षित हैं क्योंकि यह सेबी द्वारा अनिवार्य सुरक्षा उपायों के अनुरूप हैं। डीमैट खाता खोलने की पूरी प्रक्रिया इस प्रकार हैंं –

  1. आपको डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को चुनना होगा।
  2. ऑनलाइन फॉर्म भरें|
  3. आपके मूल विवरण, पता विवरण, आर्थिक विवरण और बैंक विवरण की जानकारी भरे।
  4. आपके पास नॉमिनी जोड़ने का विकल्प भी हैं।
  5. इसके बाद आपको निचे बताए गए आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना होगा।
  6. डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को पूरा करें|
  7. ई-साइन चुनें, जो आपकी खाता खोलने की प्रक्रिया को गति देता हैं।
  8. यदि आप का केवाईसी वेरिफाईड हैंं और आपने ई-साइन का विकल्प चुना हैं तो आपका पंजीकरण सफलतापूर्वक पूरा करने के लगभग 4 घंटे के भीतर आपको एक ट्रेडिंग कोड/क्लाइंट आईडी मिल जानी चाहिए।
  9. अंत में, आपको डीपी को पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी की हस्ताक्षरित प्रति को कुरियर करना होगा, जो पंजीकरण पूरा करने के समय आपके पंजीकृत ईमेल आईडी पर आपको मेल कर दी जाएगी।

डीमैट खाता खोलने के लिए अत्यावश्यक दस्तावेज

सेबी द्वारा डीमैट खाता खोलने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया हैं।

आधार कार्ड पहचान और पते दोनों के प्रमाण के रूप में कार्य करता हैं।

बैंक खाता होने के प्रमाण के रूप में आवश्यक। ये बैंक अकाउंट आपके डीमैट खाते से जोड़ा जाता हैंं|

अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) अनुपालन के लिए वैध पासपोर्ट फोटोग्राफ होना अनिवार्य हैंं।

डेरिवेटिव और कमोडिटी में व्यापार करने के लिए आवश्यक निम्नलिखित दस्तावेजों का उपयोग आय प्रमाण के रूप में किया जा सकता हैं –

  • अंतिम 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट
  • लेटेस्ट आईटीआर स्टेटमेंट
  • लेटेस्ट वेतन विवरण
  • डीपी होल्डिंग स्टेटमेंट

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निष्कर्ष

शेयर बाजार में निवेश करने और अन्य निवेश साधनों की तुलना में बेहतर मुनाफा कमाने की आपकी तलाश में ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने का तरीका सबसे महत्वपूर्ण हैं। किसी भी नामांकित ब्रोकर के साथ, ऑनलाइन डीमैट खाता खोलना अत्यंत आसान और सुविधाजनक हैं।

ऊपर बतायी गयी प्रक्रिया और विवरणों को ध्यान में रखते हुए, आप भी पूरी तरह से परेशानी मुक्त तरीके से डीमैट खाता खोल सकते हैंं। यदि आप इक्विटी में निवेश करना चाहते हैंं और लंबी अवधि के लिए निवेश करके कम्पाउंडिंग से लाभ प्राप्त करना चाहते हैंं, तो आगे बढ़ें और अभी अपना डीमैट खाता खोलें।

अगर आपको डीमैट अकाउंट कैसे खोले की जानकारी अच्छी लगी हो तो इस आर्टिकल को सोशल मीडिया नेटवर्क्स पर जरूर शेयर करें और अगर आपके कोई सवाल हैं तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं।

शेयरों में निवेश शुरू करना चाहते हैं? जानिए कैसे खोलें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट

अब आप फिजिकल डॉक्‍यूमेंट जमा किए बगैर ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. शेयरों में निवेश के लिए इन्‍हें खुलवाना जरूरी है.

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डिजिटल फॉर्म भरें
पहले ब्रोकर की वेबसाइट पर जाएं. फिर अकाउंट खोलने का फॉर्म भरें. इसमें आपको नाम, पता, पैन और उस बैंक अकाउंट की डीटेल्‍स भरनी होंगी जिन्‍हें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट से जोड़ना है. साथ ही सबसे उपयुक्‍त ब्रोकरेज प्‍लान को सेलेक्‍ट करने की जरूरत होती है.

डॉक्‍यूमेंट अपलोड करें
आधार, पैन, कैंसिल्‍ड चेक जैसे डॉक्‍यूमेंट की स्‍कैन कॉपी अपलोड करने की जरूरत पड़ती है. निवेशक की तस्‍वीर के साथ स्‍कैन किए हुए सिग्‍नेचर की भी जरूरत हो सकती है.

इन-पर्सन वेरिफिकेशन
इन-पर्सन वेरिफिकेशन ब्रोकर करते हैं. इसे डिजिटल कॉल या व्‍यक्ति की वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्‍यम से किया जाता है. इसके लिए निवेशकों को स्‍क्रीन पर दिए जाने वाले निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जाता है.

आधार ई-वेरिफिकेशन
व्‍यक्ति अब दोबारा फॉर्म चेक करके उसे जमा कर सकता है. इस फॉर्म को ओटीपी के जरिये आधार ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया का इस्‍तेमाल करते हुए इलेक्‍ट्रॉनिक तरीके से साइन किया जा सकता है. एक बार जमा की गई जानकारी, स्‍कैंन्‍ड दस्‍तावेज और आईपीवी हो जाने पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाता है. आप ट्रेडिंग अकाउंट में आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए? फंड ट्रांसफर कर सकते हैं और किसी अन्‍य डीमैट अकाउंट में रखी गई प्रतिभूतियों को नए अकाउंट में ला सकते हैं.

किन बातों का रखें ध्‍यान
- ब्रोकरेज आपको डीमैट अकाउंट क्यों खोलना चाहिए? फर्मों के अलग-अलग प्‍लानों का अध्‍ययन करें और तुलना करें कि कौन सबसे अच्‍छे रेट और सर्विस ऑफर कर रहा है.

- डिस्‍काउंट ब्रोकर्स के ब्रोकरेज चार्ज फुल सर्विस ब्रोकरों के मुकाबले कम होते हैं. फुल सर्विस ब्रोकर्स तमाम तरह की ऐड-ऑन सर्विस भी देते हैं. इनमें एडवाइजरी, ट्रेडिंग प्‍लेटफॉर्म इत्‍यादि शामिल हैं.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे की जाती है?

शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट.

  • Connect@ Money9.com
  • Updated On - July 28, 2022 / 10:41 AM IST

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे की जाती है?

शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट. हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है, लेकिन ट्रांजैक्शन (लेन-देन) को पूरा करने के लिए तीनों एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए.

डीमैट अकाउंट क्या है?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है. डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है. ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैट रूप में स्टोर (संग्रहित) करते हैं. फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया (प्रोसेस) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है. जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है.

डीमैट अकाउंट के प्रकार (टाइप)

डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव काफी सावधानी से करना चाहिए. कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है. निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. 5पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं.

1)- रेगुलर डीमैट अकाउंट

एक रेगुलर डीमैट अकाउंट भारतीय निवासी निवेशकों के लिए होता है जो केवल शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं और सिक्योरिटीज को जमा (डिपॉजिट) करना चाहते हैं. जब आप शेयर बेचते हैं तो शेयर अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं. इसी तरह जब आप शेयर खरीदते हैं तो वो आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाते हैं. यदि आप फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह की डील के लिए स्टोरेज की कोई जरूरत नहीं होती है.

2)- बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट

यह एक नए तरह का डीमैट अकाउंट है, जिसे बाजार नियामक (मार्केट रेगुलेटर) सेबी ने पेश किया है. छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए यह अकाउंट शुरू किया गया है. 50,000 रुपये से कम के स्टॉक और बॉन्ड रखने के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज (रखरखाव शुल्क) नहीं देना होगा. 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की सिक्योरिटी रखने पर सिर्फ 100 रुपये का चार्ज लगता है.

3)- प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Repatriable Demat Account)

प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता NRI (अनिवासी भारतीयों) के लिए है. इसके जरिए वे भारतीय बाजार में निवेश कर सकते हैं और विदेशों में भी पैसा भेज सकते हैं. हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट खाते को NRI (Non-Resident External) खाते से जोड़ा जाना चाहिए.

4)- गैर प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non-repatriable Demat Account)

अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए एक गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता भी है. हालांकि इस खाते के जरिए विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है.

डीमैट अकाउंट के फायदे

डीमैट अकाउंट बिना किसी परेशानी के शेयरों को तेजी से ट्रांसफर करने की सुविधा देता है. शेयर या सिक्योरिटीज सर्टिफिकेट एक डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखे जाते हैं. ऐसे में इनके चोरी, जालसाजी और नुकसान की संभावना बहुत कम होती है. ट्रेडिंग एक्टिविटी को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है. डीमैट खातों को कभी भी और कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है. बोनस स्टॉक, राइट्स इश्यू, स्प्लिट शेयर अपने आप अकाउंट में जमा हो जाते हैं.

डीमैट अकाउंट कैसे खोलें

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट खाता खोलना अनिवार्य है. आप किसी वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के माध्यम से डीमैट खाता (अकाउंट) खोल सकते हैं. सबसे पहले आपको इसके लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) चुनना होगा. यह एक वित्तीय संस्थान, ऑथराइज बैंक या ब्रोकर कोई भी हो सकता है. आप उनके साथ एक डीमैट खाता खोल सकते हैं. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को ब्रोकरेज चार्ज, सालाना चार्ज और लीवरेज के आधार पर चुना जाना चाहिए. DP सिलेक्ट करने के बाद आपको खाता खोलने का फॉर्म, KYC फॉर्म भरना होगा और फिर जमा करना होगा. इसके साथ आपको कुछ डॉक्युमेंट भी देने होंगे.

इनमें पैन कार्ड, रेजिडेंस प्रूफ, आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं. वेरिफिकेशन प्रोसेस (सत्यापन प्रक्रिया) के लिए ओरिजनल कॉपी (मूल प्रति) अपने पास रखें. इसके अलावा आपको बैंक डिटेल देने के लिए एक कैंसिल चेक (रद्द चेक) जमा करना होगा. इसके बाद आपको एग्रीमेंट साइन करना होगा जिसमें रूल और रेगुलेशन के साथ-साथ आपके अधिकारों के बारे में सभी जानकारी होगी. आपको रूल और रेगुलेशन (नियमों और विनियमों) को ध्यान से पढ़ना चाहिए. आजकल कई प्लेटफॉर्म ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने की सुविधा देते हैं. अपने डीमैट की सरल प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आप अपना डीमैट खाता खोल सकते हैं.

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