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Stock Selection Tips: शेयर बाजार में ऐसे करें कमाई वाले स्‍टॉक्‍स का चयन, हो सकता है मोटा मुनाफा

Stock Tips शेयर बाजार में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप सही शेयरों का चयन निवेश के लिए करें। हमारे एक्‍सपर्ट आपको बता रहे हैं कि मुनाफा देने वाले स्‍टॉक्‍स की पहचान कैसे करें।

नई दिल्‍ली, राहुल जैन। रत्न (Gems) मतलब फायदे की चीजें हर जगह मौजूद हैं और स्टॉक मार्केट (Stock Market) भी इससे परे नहीं है। स्टॉक मार्केट के रत्नों की पहचान और निवेश से आप अपने पोर्टफोलियो में वैल्यू ऐड कर सकते हैं। इससे लंबी अवधि में आपको धन सृजन में मदद मिलती है। अब सवाल ये है कि आप स्टॉक मार्केट के Gems की पहचान कैसे करेंगे जबकि आम तौर पर इस पर कोई गौर नहीं करता और इसकी वैल्यू हमेशा कम करके आंकी जाती है। इन रत्नों की पहचान के लिए आपको ट्रेंड से परे हटकर कुछ चीजों पर गौर करना होगा, जो इस प्रकार हैं।

कंपनी के कर्ज पर करें गौर

किसी कंपनी के कुल कर्ज पर गौर करना काफी अधिक महत्वपूर्ण है। कंपनी के प्रॉफिट में होने के बावजूद हमें ऐसा करना चाहिए। इसकी वजह ये है कि अगर किसी कंपनी पर कर्ज का बोझ बहुत ज्यादा है तो वह लंबे समय तक नहीं टिकेगी। काफी अधिक कर्ज में डूबी कंपनी बहुत संभव है कि अपने पूरे प्रॉफिट का इस्तेमाल कर्ज के भार को कम करने के लिए करेगी और इस तरह प्रॉफिटेबल नहीं रह जाएगी। इस तरह किसी भी कंपनी के स्टॉक में निवेश करने से पहले उसके कर्ज की रकम पर गौर करना चाहिए।

कंपनी के कर्ज के बोझ के आकलन के लिए उसके फाइनेंशियल रिकॉर्ड पर नजर रखिए। अगर कंपनी साल दर साल बहुत अधिक कर्ज में है तो ऐसी कंपनियों से दूर रहना ही बेहतर होता है।

कंपनी के मैनेजमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड और शेयरहोल्डिंग पैटर्न

किसी स्टॉक पर गौर करने के सबसे अहम पैमानों में कंपनी के मैनेजमेंट के ट्रैक रिकॉर्ड पर गौर करना भी शामिल होता है। यह वस्तुतः कंपनी का परिचालन करने वाले लोगों के फैसले पर निर्भर करता है और इसी आधार पर आपके पैसे का निवेश किया जाता है। इसलिए ट्रैक रिकॉर्ड पर गौर करना अहम होता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि कंपनी प्रतिस्पर्धी स्थिति में है और प्रॉफिटेबल रिजल्ट दे सकती है।

इसके साथ ही कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न पर गौर करिए। सामान्य तौर पर जिन कंपनियों में प्रमोटर्स की होल्डिंग मजबूत होती है, उनके प्रॉफिटेबल होने की गुंजाइश ज्यादा होती है। इसकी वजह ये फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? है कि प्रमोटर्स अपनी ज्यादा होल्डिंग की वजह से कंपनी को प्रॉफिटेबल बनाने में रुचि रखते हैं क्योंकि कंपनी के प्रॉफिटेबल होने से उन्हें किसी भी अन्य व्यक्ति की तुलना में ज्यादा फायदा होता है।

कंपनी के कारोबार का भविष्‍य

यह आकलन के लिहाज से एक और अहम पहलू है। किसी भी कंपनी के स्टॉक में निवेश से पहले कंपनी के बिजनेस पर गौर कीजिए और उसकी भविष्य से जुड़ी संभावनाओं का आकलन कीजिए। लंबी अवधि में सकारात्मक संभावनाओं से भरी कंपनी में निवेश करना अहम होता है। आप एक्सपर्ट की राय और अपने खुद के रिसर्च से इस बारे में एक आइडिया ले सकते हैं।

कंपनी की मार्केटिंग स्‍ट्रेटजी भी है महत्‍वपूर्ण

इन सबसे फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? इतर कंपनी के फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस के साथ-साथ कंपनी की मार्केटिंग स्ट्रेटेजी पर गौर करके आप कंपनी की वास्तविक क्षमता का आकलन कर सकते हैं और सही विकल्प चुन सकते हैं। जल्दबाजी मत कीजिए और सही निर्णय के लिए जांच-पड़ताल जरूर कीजिए।

(लेखक Edelweiss Wealth Management में पर्सनल वेल्‍थ के प्रेसिडेंट एवं हेड हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)

टेक्निकल या फंडामेंटल विश्लेषण, दोनों में किस पर करें भरोसा?

निवेशक ऐसे शेयरों को खरीदते हैं, जिनकी कीमतों में तेजी की उम्मीद होती है और उन शेयरों को बेच देते हैं जिनमें कमजोरी की आशंका होती है.

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यह बताना मुश्किल है कि दोनों में से कौन बेहतर है. सफल निवेशकों दोनों ही विश्लेषणों का प्रयोग करते हैं.

1. फंडामेंटल विश्लेषण क्या है?
किसी शेयर के संभावित भविष्य का आंकलन कई व्यापक संकेतों के आधार पर किया जाता है. इसमें देश का जीडीपी, महंगाई दर, ब्याज दर के साथ-साथ कंपनी की बिक्री, मुनाफा क्षमता, रिटर्न ऑन इक्विटी, नकद स्थिति और लाइबिलिटी शामिल होते हैं.

2. क्या है तकनीकी फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? विश्लेषण?
तकनीकी विश्लेषण में बाजार के एतिहासिक आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव, वॉल्यूम, ओपन इंट्रेस्ट आदि शामिल हैं. इसके आधार पर यह बताया जाता है कि भविष्य में शेयर की दिशा क्या होगी.

3. फंडामेंटल डेटा को क्यों नजरअंदाज किया जाता है?
तकनीकी विश्लेषक फंडामेंटल आंकड़ों को नजरअंदाज करते हैं. इसकी वजह यह नहीं है कि इनकी प्रासंगिकता नहीं होती बल्कि यह है कि बाजार इन आंकड़ों पहले ही गौर कर चुका होता है. इसलिए दोबारा उनके विश्लेषण की जरूरत नहीं पड़ती है. इस मेथड का पहला सिद्धांत यह है कि 'कीमत में हर चीज शामिल होती है.'

4. दोनों में से कौन है बेहतर?
यह बताना मुश्किल है कि दोनों में से कौन बेहतर है. इसकी वजह यह है कि तकनीकी विश्लेषण छोटी अवधि की ट्रेडिंग और निवेश के मामले में कारगर है. फंडामेंटल एनालिसिस लंबी अवधि के निवेश में उपयोगी है. चूंकि, दोनों मेथड फायदेमंद हैं, इसलिए ज्यादातर ब्रोकरेज फर्में दोनों का इस्तेमाल करती हैं.

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5. टेक्नो-फंडा विश्लेषण क्या है?

सफल निवेशकों दोनों ही विश्लेषणों का प्रयोग करते हैं. फंडामेंटल विश्लेषण बताता है कि किन-किन शेयरकों में निवेश के आसार हैं, जबकि तकनीकी विश्लेषण बताता है कि इनमें कब पैसा लगाने से मुनाफा बढ़ाया जा सकता है.

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Stock Market Trading: बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, जानें कैसे करें कोर्स

Stock Market Trading Courses: यहां जानें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में करियर विकल्प क्या हैं और आप इसमें किन योग्यताओं के साथ जॉब कर सकते हैं।

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हाइलाइट्स

  • स्टॉक मार्केट क्यों है बेस्ट करियर ऑप्शन?
  • जानें कोर्स के लिए कौन-सी योग्ताएं हैं जरूरी
  • इस फील्ड में जॉब करने से मिलते हैं कई फायदे
  • आप अपने खुद के मालिक हो सकते हैं।
  • करेक्ट नॉलेज और स्ट्रेटजी के साथ, आप मार्केट से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
  • आप कैश मार्केट (cash market) से डेरिवेटिव मार्केट (derivative फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? market) तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को अपना फ्रेंड बना सकते हैं
  • आप रिसर्चर या ट्रेनर भी बन सकते हैं
  • आप सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (SEBI registered Investment Advisor) या सेबी पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक (SEBI registered Research Analyst) बन सकता है और कंसल्टिंग कर सकते हैं।
  1. स्टॉकब्रोकर (Stockbroker)
  2. फाइनांशियल एडवाइजर (Financial Advisor)
  3. इनवेस्टमेंट एडवाइजर (Investment Advisor)
  4. पोर्टफोलिया मैनेजमेंट सर्विस (Portfolio Management Services) (PMS)
  5. रिसर्च एनालिस्ट (Research Analyst)
  6. ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग (Online Stock Trading)
  7. फाइनांशियल एनालिस्ट (Financial Analyst)
  8. इक्वीटी इनालिस्ट (Equity Analyst (Fundamental/ Technical)
  9. मार्केट रिसर्चर (Market Researcher)
  10. एमएफ डिस्ट्रिब्यूटर / एडवाइजर (MF Distributor/Advisor)
  11. इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूटर / एडवाइजर (Insurance distributor/advisor)
  • एक क्लीयर ट्रेडिंग प्लान तैयार करना। ट्रेडिंग प्लान का लक्ष्य श्ूजर के लिए क्लीयर और मीनिंगफुल होना चाहिए।
  • स्ट्रैटजी को लागू करने के लिए ट्रेडर को टेक्नोलॉजी और मेथ्ड से फैमिलियर होना चाहिए।
  • आउटकम को प्राप्त करने की प्लानिंग के लिए, ट्रेडर को प्लानिंग पर भरोसा करना चाहिए।
  • लगातार सफलता प्राप्त करने में सक्षम होने के लिए रेवेंज ट्रेडिंग (revenge trading), रीसेंसी बायस (recency bias), स्टीरियोटाइपिंग इत्यादि जैसे बिहेवेरियल बायसेज (behavioral biases) के बारे में हमेशा अवेयर रहना चाहिए।
  • हमेशा कुछ नियम रखें और हमेशा उनका पालन करें।
  • ट्रेडिंग को फुलटाइम प्रोफेशन/बिजनेस के रूप में मानें जिसमें बिजनेस करने की लागत में आपको होने वाली हानि होती है। नुकसान से कभी भी न हिचकिचाएं और हमेशा स्ट्रिक्ट स्टॉप-लॉस का पालन करें।
  1. ट्रेडर ज्यादातर सेल्फ थॉट ब्रीड (self-taught breed) होते हैं। हालांकि, एक प्रोफेशनल ट्रेडर को शुरू करने के लिए फाइनांस की मूल बातें समझने की जरूरत है। कॉलेज की डिग्री आजकल एक प्रीकंडीशन है - कम से कम यदि आप ट्रेडिंग को सिरियसली लेना चाहते हैं या किसी सम्मानजनक फाइनांशियल इंस्टीट्यूशन या कॉर्पोरेशन में ट्रेडिंग से रिलेटेड करियर बनाना चाहते हैं।
  2. अधिकांश ट्रेडर के पास मैथ्स, फाइनांस, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स या इंडस्ट्री में डिग्री होती है। डिफाइंड क्राइटेरिया के रूप में, शुरुआत करने के लिए आयु 18 वर्ष हो ऐसा जरूरी नहीं है। शेयर बाजार में निवेश करने की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है। नाबालिग और वयस्क दोनों शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
  3. माता-पिता या गार्जियन द्वारा संबंधित दस्तावेज जमा करने के बाद नाबालिग के नाम पर अकाउंट खोला जा सकता है। नाबालिग के वयस्क होने तक माता-पिता या गार्जियन अकाउंट की देखरेख करते हैं। नाबालिग के 18 साल के होने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट व्यक्ति को कुछ केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) दस्तावेज प्राप्त करने के लिए एक एडवाइजरी भेजता है ताकि वह नया अकाउंट खोल सके और उसमें डिटेल ट्रांसफर कर सके।
  4. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड जरूरी है। इसे खोलते समय आपको केवाईसी दस्तावेजों के साथ अपने पैन कार्ड की एक प्रति जमा करनी होगी। दूसरी ओर, किसी के लिए इस इंडस्ट्री में इनवेस्टेंट एडवाइजरी या किसी कंसल्टिंग कंपनी में प्रोफेशनल के रूप में काम करने के लिए एनआईएसएम सर्टिफाइड होना चाहिए और इकोनॉमिक्स / बिजनेस मैनेजमेंट / फाइनांस या इसी तरह के कोर्स में मास्टर या ग्रेजुएट होना जरूरी है।

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कैसे पकड़ें शेयर बाजार की नब्ज व जानिए टेक्निकल एनालिसिस का अर्थ

दरअसल अनिश्चितता से भरे शेयर ट्रेडिंग में भावों के उतार-चढ़ाव को समझना ही सबसे बड़ी चुनौती होती है। जो ट्रेडर यह समझते हैं कि मुनाफा कमाना बड़ा लक्ष्य है, वे अक्सर घाटा खाते हैं, जबकि भावों की भाषा को पढ़ने वाले कुल मिलाकर फायदे में रहते हैं, क्योंकि किसी भी शेयर के भावों में ही छिपा रहता है उसका भूत, वर्तमान और भविष्य, बस इसे पढ़ने के लिए सधी और पैनी नजर चाहिए। अब सवाल है कि भावों की भाषा पढ़ी कैसे जाए। इसका एक प्रमुख माध्यम है टेक्निकल एनालिसिस।

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टेक्निकल एनालिसिस का अर्थ है किसी स्टॉक के मार्केट डाटा का सूक्ष्म अध्ययन करके उसकी संभावित कीमत फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? का फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? अनुमान लगाना। इसमें मुख्य रूप से दो बातों पर गौर किया जाता है। भाव और ट्रेडिंग की मात्रा यानी वॉल्यूम। सरल शब्दों में कहा जाए तो टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी स्टॉक की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया। इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। यदि किसी स्टॉक में औसतन रोजाना एक लाख शेयर ट्रेड होते हैं और अगर किसी एक दिन अचानक इनकी तादाद बढ़कर एक लाख 70 हजार हो जाए तो इसका मतलब है कि जरूर उस स्टॉक में कोई हलचल मची है।

टेक्निकल से अलग फंडामेंटल: आगे बढ़ने से पहले हम आपको बता दें कि टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस से अलग है। फंडामेंटल एनालिसिस में जहां हम लंबे निवेश के नजरिए से कंपनी के अतीत और वर्तमान को कसौटी पर कसने की कोशिश करते हैं, वहीं टेक्निकल एनालिसिस मूल रूप से भावों की तात्कालिक गणना पर आधारित पद्धति है। इसका उद्देश्य ट्रेडर फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? की मदद करना होता है। फिर चाहे वह ट्रेडर इंट्रा डे हो या फिर शॉर्ट टर्म ट्रेडर। फंडामेंटल एनालिसिस में हम कंपनी की आय, उसके द्वारा दिए गए लाभांश और शोध जैसी बातों को अपने अध्ययन का आधार बना सकते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस में इनमें से कुछ संकेतकों का उपयोग किया जा सकता है लेकिन इसमें मुख्य रूप से कुछ विशेष टूल्स और तकनीक का इस्तेमाल किया जता है। इन विशेष साधनों में एक है चार्ट का अध्ययन। चाटरें के जरिए टेक्निकल एनालिसिस करने फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करें? वाला ट्रेडर दो अहम चीजों पर ध्यान देता है- पहला प्राइस मूवमेंट और दूसरा शेयर का ट्रेंड। अगर कोई शेयर आपके द्वारा निर्धारित कीमत से दो फीसदी गिर भी जाता है तो मुमकिन है कि वह अपट्रेंड हो। यानी उसमें मुनाफा वसूली या किसी और वजह से थोड़े वक्त के लिए करेक्शन आया हो लेकिन वह जल्द ही फिर से रफ्तार पकड़ सकता है। टेक्निकल एनालिसिस के जरिए हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि किस सीमा के बाद कोई शेयर अपनी दिशा बदल सकता है।

टेक्निकल एनालिसिस को समझने व ट्रेड के लिए चार्ट पैटर्न की मदद कैसे ली जाती है: टेक्निकल एनालिसिस में काम आने वाले चार्ट पैटर्न भी कई तरह के होते हैं। जैसे- हेड एंड शोल्डर, डबल टॉप या बॉटम वगैरह। इसके अलावा जो चीज टेक्निकल एनालिसिस में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, वह है मूविंग एवरेज। मूविंग एवरेज पर अलग से चर्चा करेंगे, फिलहाल हम आपको उसका एक परिचय देते चलें। मूविंग एवरेज का अर्थ है कि कोई शेयर किसी खास अवधि में किस औसत भाव के साथ मूव कर रहा था। इसका आकलन लगाने में हम कुछ और तकनीकी बिंदुओं पर गौर कर करते हैं, जैसे, सपोर्ट और रेजिस्टेंस।


आगे की पोस्टो में हम टेक्निकल एनालिसिस के एक एक पहलू पर विस्तार से गौर करेंगे। हम इसके जरिए शेयर के भावों का अर्थशास्त्र समझने की कोशिश करेंगे। लेकिन ये याद रखिए कि एक सफल ट्रेडर के लिए टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना जरूरी है तो फंडामेंटल एनालिसिस की समझ भी आवश्यक है। शेयर बाजार में कीमतें किसी एक सिद्धांत के आधार पर तय नहीं होती हैं। यहां सबसे बड़ा नियम है अनिश्चितता का। इसलिए आप बाजार के विश्लेषण की जितनी ज्यादा विधाओं को समझेंगे, आपका एप्रोच और एक्शन उतना ही सटीक होगा।

शेयर ट्रेडिंग में किसी भी ट्रेडर को नुकसान क्यों होता है? सीधा जवाब है- वह एंट्री और एक्जिट के सही भाव का अनुमान लगाने में विफल रहा। अगर सही प्राइस प्वाइंट मिल गया तो फिर समझिए कि मंजिल आधी फतह हो गई।

कैसे किसी कंपनी की मार्किट वैल्यू पता करें

यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Marcus Raiyat. मार्कस रैयत एक U.K., फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडर हैं और ये Logikfx के संस्थापक/CEO और इंस्ट्रक्टर भी हैं | लगभग 10 वर्षों के अनुभव के साथ मार्कस सक्रिय रूप से ट्रेडिंग फोरेक्स, स्टॉक्स और क्रिप्टो में भी माहिर हैं और CFD ट्रेडिंग, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और क्वांटिटेटिव एनालिसिस में विशेषज्ञ हैं | मार्कस ने एस्टोन यूनिवर्सिटी से मैथमेटिक्स में BS की डिग्री हासिल की है | Logikfx में इनके काम के लिए इन्हें ग्लोबल बैंकिंग और फाइनेंस रिव्यु के द्वारा "बेस्ट फोरेक्स एजुकेशन एंड ट्रेनिंग U.K. 2021 के रूप में नामांकित किया गया था |

यहाँ पर 8 रेफरेन्स दिए गए हैं जिन्हे आप आर्टिकल में नीचे देख सकते हैं।

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अगर आप किसी कंपनी में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं, या फिर अपनी कंपनी बेचना चाह रहे हैं, तो उसकी कीमत का जायजा लगाना अच्छा रहता है क्योंकि इससे आपको पता चलता है की आपको कितनी आमदनी होने की सम्भावना है | कंपनी की मार्किट वैल्यू इन्वेस्टर की उसकी भविष्य में होने वाली आमदनी का आंकलन होता है | [१] X रिसर्च सोर्स बदकिस्मती से, हम एक पूरे बिज़नेस को स्टॉक शेयर जैसे लिक्विड एसेट की तरह वैल्यू नहीं कर सकते हैं; लेकिन, कंपनी की मार्किट वैल्यू को सही से आंकने के लिए कई तरीके मोजूद हैं | इनमें से कुछ आसान तरीकों में आप कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन (उसकी स्टॉक वैल्यू और शेयर्स का बकाया) का जायजा ले सकते हैं, उसी प्रकार की कंपनी से तुलना का आंकलन, या पूरी इंडस्ट्री से जुड़े मल्टीप्लायरज़ की मदद से मार्किट वैल्यू पता कर सकते हैं |

इमेज का टाइटल Calculate the Market Value of a Company Step 1

  • ध्यान रहे की ये तरीका सिर्फ पब्लिकली- ट्रेडेड (Publically- traded) कम्पनीज के लिए काम करता है, क्योंकि आप सिर्फ उनकी शेयर वैल्यू को आसानी से पता कर सकते हैं |
  • इस तरीका की एक खामी ये है की वो कंपनी की वैल्यू को बाज़ार के उतार चड़ाव के हिसाब से आंकती है | अगर किसी बाहरी कारण की वजह से स्टॉक मार्किट गिर गया है, कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन भी गिर जाएगी हांलाकि उसकी आर्थिक स्थिति अभी भी मज़बूत है |
  • मार्किट कैपिटलाइजेशन, क्योंकि इन्वेस्टर के विश्वास पर निर्भर होती है, कंपनी की सही वैल्यू को पता करने का ये एक अस्थिर और अविश्वसनीय तरीका है | स्टॉक के शेयर की कीमत पता करने के लिए कई फैक्टर काम करते हैं, इसलिए एक कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन, की संख्या को भी थोड़ा बदला हुआ माना जाना चाहिए | लेकिन इसके बाद भी, कंपनी का कोई भी संभावित खरीदार को भी बाज़ार से ऐसी ही उम्मीदों होंगी और वो भी उसकी आमदनी पर उसी प्रकार की कीमत लगा सकते हैं |

इमेज का टाइटल Calculate the Market Value of a Company Step 2

कंपनी का मोजूदा शेयर प्राइस देखें: कंपनी का शेयर प्राइस कई वेबसाइट जैसे moneycontrol.com, economictimes.com, Yahoo! Finance, और Google Finance पर आपको मिल सकती है | कंपनी के नाम के बाद "stock" या स्टॉक का सिंबल (अगर आपको पता है) किसी सर्च इंजन में डाल कर स्टॉक कीमत पता करें | आप इस कैलकुलेशन के लिए जिस स्टॉक वैल्यू का प्रयोग करना चाहेंगे वो करंट मार्किट वैल्यू होनी चाहिए, जो की सभी प्रमुख फाइनेंश्यीयल वेबसाइट के स्टॉक रिपोर्ट पेज पर सामने ही दिख जानी चाहिए |

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