TOP 10 @ 3 PM : एक क्लिक में पढ़ें राजस्थान की 10 बड़ी खबरें.

राजस्थान (Rajasthan) में अब तक क्या रहीं सुर्खियां, कहां जारी है अपराध (Crime News) और किन मुद्दों पर जारी है सियासत (Politics News). जानिए एक नजर में.

नूपुर शर्मा मामले में दरगाह के खादिम सरवर चिश्ती का एक वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया (viral video Of Khadim Sarvar Chishti) है. वीडियो में चिश्ती कह रहे हैं कि अजमेर में सकल हिंदू समाज के समर्थन में दरगाह बाजार और नला बाजार में दुकानें बंद हुई जो निंदनीय हैं. उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा है कि अब इन दुकानदारों से अजमेर आने वाले जायरीन ही निपटें यानी दुकानदारों से सामान लेना बंद करें. बता दें कि सरवर चिश्ती वर्तमान में खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी के सचिव हैं.

फिल्म अभिनेता सलमान खान के वकील और उनके परिवार को धमकी (Salman khan Lawyer Threatens) दी गई है. वकील हस्तीमल सारस्वत को धमकी भरा पत्र दो दिन पहले उनके चैंबर के दरवाजे पर मिला है. जिसके बाद अधिवक्ता सारस्वत और उनके परिवार को पुलिस ने सुरक्षा दी है. एडीसीपी नाजिम अली ने बताया कि दो दिन पहले सारस्वत के चैंबर पर एक पर्ची मिली थी, जिसमें लिखा है कि दुश्मन का दोस्त हमारा दुश्मन. हस्तीमल हम तुझे छोड़ेंगे नहीं पूरे परिवार सहित सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose wala) जैसा हाल करेंगे बहुत जल्द. उन्होंने कहा कि सारस्वत बाहर थे और आज उन्होंने हमें सूचित किया है. मामले की जांच की जा रही है.

आईएएस टीना डाबी (IAS Tina Dabi) ने आज जैसलमेर जिला कलेक्टर का पदभार (Jaisalmer District Collector) ग्रहण किया. उन्होंने जैसलमेर के 65वें कलेक्टर के तौर पर कार्यभार संभाला. इससे पहले टीना डाबी जयपुर में वित्त विभाग में संयुक्त शासन सचिव के पद पर कार्यरत थीं. टीना डाबी भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2015 की टॉपर रही हैं. पहले दिन अधिकारियों से जन कल्याणकारी योजनाओं और फ्लैगशिप योजनाओं की जानकारी ली.

भाजपा के दिग्गज नेता हैं राजेन्द्र राठौड़. फिर भी अपनी धुर विरोधी पार्टी के बड़े नेता सचिन पायलट की एक अदा (BJP MLA On Pilot) इनके दिल को छू गई है! वजह भी खास है. ईटीवी से बातचीत की तो अपनी पसंद बताई और कांग्रेस के खिलाफ अपना गुबार जाहिर कर दिया.

Salman Chishti Arrested: बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को जान से मारने की धमकी देने वाले सलमान चिश्ती को अजमेर पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया. इस हिस्ट्रीशीटर ने भाजपा से निष्कासित नेता नूपुर शर्मा का सिर काट कर लाने वाले को जायदाद ऑफर की थी. सलमान के खिलाफ कई थानों में 15 से ज्यादा मुकदमे हैं.

कैबिनेट बैठक में पांच विभागों के आधा दर्जन एजेंडे विचारार्थ होंगे. मंत्रिमंडल की बैठक में 9 जुलाई को होने वाली उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30 वीं बैठक की तैयारियों और बैठक में रखे जाने वाले राजस्थान के मुद्दों पर चर्चा संभव (Gehlot Cabinet Meet Today) है. इस बैठक में प्रदेश की कानून व्यवस्था , जुलाई में प्रस्तावित रीट परीक्षा पर भी विचार किया जाएगा. कहा जा रहा है कि सीएम कई बड़ी घोषणाएं भी कर सकते हैं इसमें राजस्थानी फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति 2022 की लॉन्चिंग को लेकर भी एलान संभव है.

धौलपुर के बाड़ी में सेक्सटॉर्शन का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने व्यवसायी के बेटे को वॉट्सएप कॉल वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? के जरिए फंसा कर बड़ी रकम हासिल करने की कोशिश की (Blackmail Through whatsapp In Bari). वो सफल भी हो जाती लेकिन फिर पुलिस तक बात पहुंचने के साथ ही मामले का खुलासा हो गया. पता चला कि एक सुनियोजित तरीके से एक गैंग बनाकर ऐसी करतूतों को अंजाम दिया जा रहा था.

प्रदेश में कानून व्यवस्था लचर होने, चोरी, लूट और दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर विपक्ष लगातार गहलोत सरकार पर हमलावर है. इसी बीच बुधवार को बीकानेर के नयाशहर थाना क्षेत्र के डागा चौक स्थित प्रदेश के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के भतीजे नरेंद्र कल्ला के घर भी चोरों ने हाथ साफ (Theft Case in Bikaner) कर दिया. मंत्री बीडी कल्ला के भतीजे नरेंद्र अपने परिवार के साथ उदयपुर-राजसमंद की धार्मिक यात्रा पर गए हुए हैं.

पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की 86 विधानसभा वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? सीटों पर साल 2023 में भी अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए कांग्रेस पार्टी अब ईस्ट राजस्थान कैनाल परियोजना को जीत का सबसे बड़ा मंत्र मान रही है. कैसे इस मुद्दे को अपने पाले में लाना है बस इसको लेकर ही आज बिरला ऑडिटोरियम में संवाद (Congress Meet On ERCP) होगा. जिसमें सीएम अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अजय माकन शामिल होंगे. सूत्र ईआरसीपी पर वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? मेहरबानी के पीछे का एक और अहम कारण गिनाते हैं. ये सूबे की मुखिया की छुपी 'इच्छा' से जुड़ा है!

भारतीय सेना के जवान को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला एजेंट कॉल स्पूफिंग का इस्तेमाल करती है. महिला एजेंट कॉल स्पूफिंग के जरिए वॉइस कॉल करती थी. सेना के जवानों को हनी ट्रैप में फंसाने के जितने भी प्रकरण अब तक सामने आए हैं उसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला एजेंट द्वारा कॉल स्पूफिंग और वीओआईपी (Voice Over Internet Protocol) सिस्टम का इस्तेमाल कर ही वॉइस कॉल करना सामने आया है.

प्रॉपर्टी खरीदना और ज्यादा होगा सुरक्षित, इंश्योरेंस कंपनियां पेश करेंगी Title Insurance, जानें क्या होगा फायदा

Title इंश्योरेंस क्षतिपूर्ति बीमा का एक रूप है. यह संपत्ति के संभावित मालिक को वास्तविक संपत्ति के Title में गड़बड़ियों के कारण वित्तीय नुकसान से बचाता है.

प्रॉपर्टी खरीदना और ज्यादा होगा सुरक्षित, इंश्योरेंस कंपनियां पेश करेंगी Title Insurance, जानें क्या होगा फायदा

टाइटल (Title) एक लीगल टर्म है जिसका उपयोग किसी संपत्ति के सच्चे मालिक या मालिकों को पहचानने के लिए किया जाता है. एक घर के मालिक के सामने सबसे बड़ा जोखिम उसकी संपत्ति को देश की एक सक्षम अदालत द्वारा अवैध घोषित किया जाना है. इसे ध्यान में रखते हुए, बीमा नियामक, IRDAI ने जनरल इंश्योरेंस कंपनियों (हेल्थ बीमाकर्ताओं को छोड़कर) को इंडिविजुअल घर मालिकों और आवंटियों के लिए नया Title इंश्योरेंस प्रोडक्ट लॉन्च करने के लिए कहा है.

बीमा नियामक इरडा ने संपत्ति खरीदने वालों को गलत दस्तावेज से सुरक्षा देने के लिये कदम उठाया है. उसने साधारण बीमा कंपनियों से संशोधित प्रारूप में संपत्ति खरीद से जुड़े दस्तावेज यानी टाइटल के जोखिम से बचाव के लिये यथाशीघ्र बीमा पॉलिसी पेश करने को कहा है.

Title बीमा क्षतिपूर्ति बीमा का एक रूप है. यह संपत्ति के संभावित मालिक को वास्तविक संपत्ति के Title में गड़बड़ियों के कारण वित्तीय नुकसान से बचाता है.

टाइटल इंश्योरेंस वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? से कवर होगा नुकसान

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने गलत टाइटल के कारण नुकसान को लेकर कंपनियों (डेवलपर) के साथ-साथ व्यक्तियों की विधि के अनुसार देनदारी को ‘कवर’ करने के लिये Title इंश्योरेंस उत्पाद लाने के बारे में सुझाव देने को लेकर कार्यकारी समूह का गठन किया था.

समूह की सिफारिश के आधार पर इरडा ने साधारण बीमा कंपनियों से संपत्ति की खरीद दस्तावेज को लेकर बीमा पॉलिसी लाने को कहा है.

भारत में टाइटल इंश्योरेंस प्रारंभिक अवस्था में है. इस पर इरडा का सर्कुलर देश में इसकी स्वीकार्यता बढ़ाने में मदद करेगा. वर्तमान में, यह उत्पाद केवल भारतीय बाजार में प्रमोटरों/डेवलपर्स के लिए उपलब्ध है, इस सर्कुलर में नियामक ने अलॉटी/इंडिविजुअल खरीदार के लिए एक खुदरा नीति पेश करने का सुझाव दिया है.

साइबर इंश्योरेंस को लेकर IRDAI ने जारी किए नया नियम

8 सितंबर को IRDAI की तरफ से जारी ताजा सर्कुलर के मुताबिक, इंडिविजुअल साइबर इंश्योरेंस में फंड चोरी, आइडेंटिटी चोरी, अन-ऑथराइज्ड ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, ईमेल स्पूफिंग जैसी घटनाओं को शामिल करना जरूरी कर दिया गया है.

नेशनल साइबर सिक्यॉरिटी एजेंसी CERT-In (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ऑफ इंडिया) के मुताबिक, कोरोना काल में इंडिविजुअल नेटवर्क पर ज्यादा साइबर अटैक हो रहे हैं. लोग घरों पर काम कर रहे हैं ऐसे में वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? साइबर फ्रॉड पर्सनल कंप्यूटर और नेटवर्क को निशाना बना रहे हैं.

IRDAI के सर्कुलर के मुताबिक, इंडिविजुअल साइबर इंश्योरेंस के लिए कुछ नियम होंगे, जैसे फंड का चोरी होना, आइडेंटिटी का चोरी होना, सोशल मीडिया डेटा का चोरी होना, साइबर स्टॉकिंग/बुलिंग, मैलवेयर कवर, फिशिंग कवर, अन-ऑथराइज्ड ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, ईमेल स्पूफिंग, मीडिया लाएबिलिटी क्लेम, साइबर एक्सटॉर्शन, डेटा ब्रीचिंग और प्राइवेसी ब्रीचिंग को इसमें कवर करना जरूरी होगा.

साइबर सुरक्षा चुनौतियां और समाधान

साइबर सुरक्षा चुनौतियां और समाधान

समय के साथ, उद्योग ने युद्ध करने के लिए कई अलग-अलग प्रकार के हथियार विकसित किए हैं साइबर हमलेएंटी-वायरस प्रोग्राम से लेकर फायरवॉल तक सुरक्षा की दृष्टि से, सिएम और दूसरे। लेकिन प्रभावी होने के लिए, ए साइबर सुरक्षा सिस्टम को पूरे हमले वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? की सतह पर इन प्रकार के हमलों में से किसी को भी स्पॉट करने और हटाने में सक्षम होना चाहिए।

प्रभावी साइबरस्पेस की स्थापना में तीन मूलभूत चुनौतियां हैं:

  • एक व्यापक हमले की सतह, जहां कंप्यूटर, सर्वर, नेटवर्क, क्लाउड इंस्टेंस और नेटवर्क एंडपॉइंट सभी लक्ष्य हैं।
  • डेटा प्रबंधन - पहचान करना साइबर हमले कंप्यूटर और नेटवर्क से डेटा एकत्र करना शामिल है, और इसमें डेटा के टेराबाइट्स के माध्यम से स्थानांतरण शामिल है।
  • सिल्ड टूल्स - साइबर सुरक्षा पिछले कुछ दशकों में उपकरण तेजी से विकसित हुए हैं, जिससे विभिन्न प्रकार के हमलों से बचाव के लिए या विभिन्न हमले वैक्टरों की रक्षा करने के लिए विभिन्न उपकरणों का प्रसार होता है। एक विशिष्ट उद्यम वातावरण में प्रबंधन के लिए एक दर्जन या अधिक उपकरणों के साथ, जटिल हमलों को स्पॉट करना मुश्किल हो जाता है जो अलग-अलग वैक्टर को फैला सकते हैं।

आइए इन चुनौतियों और संभावित समाधानों को देखें।

व्यापक हमले की सतह:

एक व्यापक साइबर सुरक्षा समाधान करने में सक्षम होना चाहिए "ले देख" पूरे हमले की सतह, कंप्यूटर एंडपॉइंट्स और अनुप्रयोगों से सर्वर, नेटवर्क और बादल। अधिकांश साइबर सुरक्षा उत्पाद पूरी तस्वीर देखने के बजाय इन वैक्टरों में से किसी एक या अधिकांश पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

डाटा प्रबंधन:वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है?

के लिए स्कैनिंग साइबर सुरक्षा हमलों में सर्वर लॉग, एंडपॉइंट लॉग, नेटवर्क ट्रैफ़िक लॉग और क्लाउड ट्रैफ़िक लॉग एकत्र करना शामिल है, जो एक विशिष्ट मिडमार्केट एंटरप्राइज में प्रति दिन कई गीगाबाइट डेटा की मात्रा है। इस डेटा को संग्रहीत करने की लागत जल्दी से हाथ से निकल जाती है। एक कुशल सुरक्षा प्रणाली स्कैन किए गए डेटा को पार्स करने में सक्षम होना चाहिए और फोरेंसिक के लिए डेटा के केवल महत्वपूर्ण सबसेट को संग्रहीत करना चाहिए।

सिलने का औजार

जब एक कंपनी में एक दर्जन या अधिक सुरक्षा प्रणालियाँ होती हैं, तो प्रत्येक का अपना कंसोल होता है। एक बहु-सदिश साइबर सुरक्षा हमले प्रत्येक असतत उपकरण के इंटरफ़ेस में एक समस्या के रूप में दिखाई नहीं दे सकते हैं, और सुरक्षा विश्लेषकों को मैन्युअल रूप से सहसंबंधित करने के लिए छोड़ दिया जाता है पता लगाता है, जो समय लेता है - समय जिसमें एक हमला सफल हो सकता है। एक प्रभाविक साइबर सुरक्षा समाधान कई अलग अलग होना चाहिए साइबर सुरक्षा इसलिए विश्लेषकों के माध्यम से काम कर सकते हैं कांच का एकल फलक.

साइबर सुरक्षा एक बड़ा और लगातार विकसित क्षेत्र है। हैकर्स दैनिक या साप्ताहिक, और नए हमलों के साथ आते हैं साइबर सुरक्षा शोधकर्ता उन हमलों से निपटने के लिए उपकरण विकसित करते हैं जैसे वे होते हैं। सबसे अच्छा तरीका एक का उपयोग करना है साइबर सुरक्षा प्लेटफ़ॉर्म जो प्लग-इन अनुप्रयोगों को सम्मिलित करता है, जो समय के साथ प्लेटफ़ॉर्म की प्रभावकारिता को बढ़ाने के लिए जोड़ा जा सकता है।

साइबर हमले का मुकाबला करने के लिए लीजिए इंश्योरेंस पॉलिसी की मदद

साइबर हमले का शिकार बनने की आशंका हमेशा बनी रहती है. इस डर ने छुटकारा पाने का एक तरीका है साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी. भारत में एचडीएफसी अर्गो और बजाज एलियांज ऐसी बीमा पॉलिसी की पेशकश कर रही हैं.

2017 में साइबर क्राइम के चलते भारतीय लोगों ने 18.5 अरब डॉलर खोए.

नई दिल्ली: फेसबुक के पांच करोड़ एकाउंट हैक होने की खबर आने के बाद से सभी साइबर सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. तमाम सावधानियां रखने के बाद भी एक आम उपभोक्ता से किसी साइबर एक्सपर्ट की तरह जागरुक होने की उम्मीद करना सही नहीं होगा. हैकर्स नई-नई तरकीब निकाल रहे हैं. ऐसे में साइबर हमले का शिकार बनने की आशंका हमेशा बनी रहती है. इस डर ने छुटकारा पाने का एक तरीका है साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी. भारत में एचडीएफसी अर्गो और बजाज एलियांज ऐसी बीमा पॉलिसी की पेशकश कर रही हैं.

साइबर हमले के शिकार
नॉर्टन साइबर सिक्योरिटी इनसाइट रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले प्रत्येक पांच लोगों में दो लोग किसी न किसी तरह के साइबर क्राइम का शिकार होते हैं. इसके बावजूद भारत में कुल साइबर बीमा कारोबार अमेरिका के मुकाबले सिर्फ 1.6 प्रतिशत है. इसमें से भी ज्यादातर पॉलिसी कंपनियों या संस्थानों द्वारा ली जाती हैं. व्यक्तिगत रूप से ऐसी पॉलिसी लेने वालों की संख्या बहुत कम (सिर्फ एक प्रतिशत) है. हालांकि जागरुकता बढ़ने के साथ ऐसे बीमा खरीदने वालों की संख्या बढ़ रही है.

कितना हुआ नुकसान?
साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले कुछ जानकारी लेने और थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है. नॉर्टन की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में साइबर क्राइम में भारतीय लोगों ने 18.5 अरब डॉलर खोए. इस बावजूद सिर्फ देश में सिर्फ बजाज एलियांज और एचडीएफसी अग्रो ही पर्सनल साइबर रिस्क कवर की पेशकश करती हैं. ये पॉलिसी मुख्य रूप से वसूली, फिशिंग, ईमेल स्पूफिंग और अनाधिकृत ऑनलाइन ट्रॉन्जैक्शन से हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई दी जाती है. इसके अलावा साइबर क्राइम के चलते तीसरे पक्ष पर मुकदमा करने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई की लागत भी दी जाती है.

सावधानी है जरूरी
हालांकि इस कंपनियों के किसी भी प्लान पर ये सभी चीजें कवर नहीं की जाती हैं. साथ ही अगर मान लीजिए किसी पॉलिसी में कानूनी कार्रवाई की लागत को कवर किया गया है, तो आपको ये भी पूछना चाहिए कि कितनी लागत कवर की गई है. हो सकता है कि कुल कागत का 10 प्रतिशत या 30 प्रतिशत ही कवर हो. यानी बाकी पैसा आपको अपने पास से लगाना पड़ेगा. इसलिए पॉलिसी लेने से पहले ध्यान से पता कीजिए कि उसमें क्या कवर किया गया और कितने नुकसान की भरपाई कवर की गई है. तभी आप सही मायने में साइबर क्राइम से निश्चिंत हो पाएंगे.

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