SSE के लिए फ्रेमवर्क से मुख्य बिंदु:

श्रेष्ठ प्रतिभूति बाजार एवं औद्योगिक प्रतिभूति बाजार में अन्तर बताइए|

श्रेष्ठ प्रतिभूति बाजार सरकारी और अर्द्ध-सरकारी प्रतिभूतियों का बाजार है जिन्हें सरकार या केन्द्रीय बैंक का समर्थन प्राप्त होता है। सरकारी प्रतिभूति से अभिप्राय सरकार पर बाजार में लेन-देन योग्य वित्तीय दावों से है। ये पूरी तरह से सुरक्षित वित्तीय निधियाँ होती हैं जिनके मूलधन और ब्याज के पुनर्भुगतान के बारे में कोई जोखिम नहीं होता। इस कारण इससे इन प्रतिभूतियों को श्रेष्ठ प्रतिभूति स्वर्ण-रेखांकित प्रतिभूति का नाम दिया जाता है।

औद्योगिक प्रतिभूति बाजार (Industrial Security Market)

इस बाजार से आशय नयी और पुरानी कम्पनियों के शेयरों और ऋण-पत्रों के बाजार से है। शेयरों तथा अन्य प्रतिभूतियों की खरीद बिक्री का केन्द्र ही शेयर बाजार या स्टाक एक्सचेंज कहलाता है। यह बाजार कर नीतियों, राजनीतिक स्थितियों, कम्पनियों के उत्पादन की खबरों आदि से प्रभावित होता है।

श्रेष्ठ प्रतिभूति बाजार एवं औद्योगिक प्रतिभूति बाजार में अन्तर

श्रेष्ठ प्रतिभूति बाजार

औद्योगिक प्रतिभूति बाजार

5. इस बाजार में प्रायः प्रतिभूतियों की नीलामी होती है।

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पूँजी बाजार (Capital market)

पूंजी बाजार क्या है, पूंजी बाजार से क्या आशय है, पूंजी बाजार का अर्थ, पूंजी बाजार के प्रकार आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं। पूँजी बाजार (Capital market) notes in Hindi for UPSC and PCS.

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पूँजी बाजार

पूंजी बाजार वह बाजार है जहां पर अंश पूँजी (Share) एवं प्रतिभूतियों (Securities) का लेन-देन किया जाता है। पूंजी बाजार का नियंत्रण सेबी (SEBI-Securities and Exchange Board Of India) करता है। SEBI की स्थापना 12 अप्रैल,1988 में हुई थी, इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। सेबी की स्थापना के वर्ष (1988) इसकी प्रारंभिक पूंजी 7.5 करोड़ थी जो कि प्रवर्तक प्रतिभूति बाजार संरचना कंपनियों (IDBI, ICICI, IFCI) द्वारा प्रदान की गयी थी।

पूँजी बाजार एवं मुद्रा बाजार के बीच में प्रमुख भिन्नता यह है कि मुद्रा बाजार एक अल्पावधि की वित्तीय व्यवस्था वाला बाजार है जबकि पूंजी बाजार में मध्यम प्रतिभूति बाजार संरचना तथा दीर्घकाल के कोषों का आदान प्रदान किया जाता है।

भारतीय पूँजी बाजारों को दो भागों में बांटा जाता है –

1. संगठित पूँजी बाजार,
2. असंगठित पूंजी बाजार

संगठित पूँजी बाजार (Organized capital market)

संगठित पूँजी बाजार से आशय ऐसे बाजार से है जोकि किसी न किसी प्रकार से नियंत्रित होता है। इसमें पूंजी की मांग करने वाले प्रमुख पक्ष संयुक्त पूँजी वाली कंपनियों एवं सरकारी संस्थाएं होती हैं।

संगठित पूंजी बाजार को भी दो भागों में बांटा गया है –

I. गिल्ट एज्ड बाजार (Gilt Edged Market)

गिल्ट एज्ड बाजार (Gilt Edged Market) में भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से केवल सरकारी व अर्ध सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय विक्रय किया जाता है। इस बाजार को सबसे सुरक्षित बाजार माना जाता है (प्रतिभूतियों का मूल्य स्थिर रहता है)। इस बाजार में जोखिम कम होता है जिस कारण निवेशकों की पूंजी यहां सुरक्षित रहती है।

II. औद्योगिक प्रतिभूति बाजार (Industrial Security Market)

औद्योगिक प्रतिभूति बाजार (Industrial Security Market) में औद्योगिक प्रतिभूति बाजार संरचना कंपनियों की इक्विटियों और ऋण-पत्रों को बेचा और खरीदा जाता है। औद्योगिक प्रतिभूति बाजार में नए अथवा पहले से स्थापित औद्योगिक उपक्रमों के शेयरों (अंश पूँजी) की बिक्री (क्रय-विक्रय) की जाती है। इस बाजार में निजी प्रतिभूतियों को कंपनियों द्वारा बेचा जाता है। इनका पंजीकरण भारतीय कंपनी एक्ट 2013 (Indian Company Act 2013) के अंतर्गत होता है।

प्रतिभूति बाजार संरचना

BSE को अलग खंड के रूप में सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए SEBI की मंजूरी मिली

UNESCO launches list documenting 50 iconic Indian heritage textiles

7 अक्टूबर, 2022 को, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने BSE को मौजूदा स्टॉक एक्सचेंजों से एक अलग खंड के रूप में एक सामाजिक स्टॉक एक्सचेंज (SSE) शुरू करने के लिए अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दी।

  • SSE सामाजिक उद्यमों (SE) को धन जुटाने के लिए एक अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगा।
  • UK(यूनाइटेड किंगडम), कनाडा और ब्राजील सहित कई देशों में पहले से ही SSE हैं।

i. यह गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) और लाभकारी SE को सूचीबद्ध करने में सक्षम बनाता है जो बाजार नियामक द्वारा अनुमोदित 16 सामाजिक गतिविधियों में लगे हुए हैं।

वित्तीय बाजार की संरचना

अवधारणा और वित्तीय बाजार की संरचना। के तहत वित्तीय बाजारों विक्रेताओं और (शिक्षा वित्तीय संसाधनों का एक साधन के रूप में) पैसा और वित्तीय संसाधनों, निवेश संपत्ति के संभावित खरीदारों के बीच उत्पन्न होने वाली अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में संबंधों की अभिव्यक्ति का दायरा है, साथ ही के बारे में उनके वास्तविक और उपयोग मूल्य को समझते हैं।

वित्तीय बाजार संरचना निम्नलिखित, उसके घटक घटकों द्वारा निर्धारित होता है। यह आदान-प्रदान, पूंजी प्रतिभूतियों (शेयर), कैश (नकद, नकद प्रतिभूतियों और नकदी अन्य रूपों में)। इसके अलावा, वाणिज्यिक बैंकों में बाजार और सोने जमा (जमा) आवंटित।

वित्तीय बाजार एक अनौपचारिक या वित्तीय साधनों व्यापार प्रणाली की एक किस्म के द्वारा आयोजित है। बाजार प्रणाली में, पैसा विनिमय प्रक्रियाएं घटित होती हैं, ऋण और पूंजी जुटाना।

निवेश सलाहकारों के लिए कम शुल्क संरचना एक अप्रैल से प्रभावी होगी: सेबी

निवेश सलाहकारों के लिए कम शुल्क संरचना एक अप्रैल से प्रभावी होगी: सेबी

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को कहा कि एक पंजीकृत निवेश सलाहकार का दर्जा पाने के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों और कंपनियों के लिये आवेदन और पंजीकरण कराने के निम्न शुल्क वाली व्यवस्था एक अप्रैल से लागू होगी।

नियामक ने 11 जनवरी को जारी अपनी अधिसूचना में एक अधिनिर्णय जारी किया था, जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि शुल्क के नए मानक आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे। एक नई अधिसूचना में सेबी ने कहा कि निवेश सलाहकारों के लिये नए शुल्क मानदंड एक अप्रैल 2021 से प्रभावी हो जाएंगे।

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