उन्होंने कहा कि मार्च 2012 तक जो ग्रामीण सहकारी बैंक लाइसेंस हासिल करने में असफल रहे, उन्हें परिचालन की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा हेज 31 राज्य सहकारी बैंकों में से एक और 371 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में से 42 बैंक लाइसेंस हासिल करने में असफल रहे हैं।
RBI के गवर्नर ने बताए आर्थिक हालात, कहा- हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया के मुकाबले है बेहतर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI- Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों की मुद्राओं की तुलना में भारतीय रुपया अपेक्षाकृत मजबूत स्थिति में है. गौरतलब है कि घरेलू मुद्रा कुछ दिन पहले ही 80 विदेशी मुद्रा हेज रुपये प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गई थी.आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक रुपये में तेज उतार-चढ़ाव और अस्थिरता को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि आरबीआई के कदमों से रुपये के सुगम कारोबार में मदद मिली है.
बाजार में अमेरिकी डॉलर की आपूर्ति कर रहा है विदेशी मुद्रा हेज भारतीय रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक बाजार में अमेरिकी डॉलर की आपूर्ति कर रहा है और इस तरह बाजार में नकदी (तरलता) की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरबीआई ने रुपये के किसी विशेष स्तर का लक्ष्य तय नहीं किया है.
वहीं रिजर्व बैंक ने कहा कि वो रुपये में अनियंत्रित उतार-चढ़ाव को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होने कहा कि रिजर्व बैंक के पास ऊंचा विदेशी मुद्रा भंडार है, और वो डॉलर की सप्लाई बनाए रखने की लिए काम कर रहा है. उन्होने साफ कहा कि रिजर्व बैंक रुपये के किसी स्तर को सोच कर नहीं चल रहा है. हालांकि विदेशी मुद्रा हेज वो ये देख रहा है कि रुपये में कमजोरी अनियंत्रित न हो और उसकी गति भले ही वो किसी भी दिशा में रहे नियंत्रित हो. उन्होने कहा कि फिलहाल फॉरेक्स रिजर्व देश के एक्सटर्नल डेट का 95 प्रतिशत हिस्सा कवर करते हैं और ये 10.5 महीने के इंपोर्ट बिल के बराबर हैं. ऐसे में रिजर्व की स्थिति को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है
विदेशी मुद्रा की बिन हेज की गई उधारी से परेशान होने की जरूरत नहीं
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि विदेशी मुद्रा की बिना हेज की गई उधारी से परेशान होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे लेनदेन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां कर रही हैं और सरकार जरूरत पड़ने पर इसमें हस्तक्षेप कर सकती है और मदद भी दे सकती है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण के लिए 2016 में अपनाए गए मौजूदा ढांचे ने बहुत अच्छा काम किया है, उन्होंने जोर देकर कहा कि अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र के हित की खातिर यह जारी रहना चाहिए.
RBI ने बैंकों के विदेशी मुद्रा एक्सपोजर पर नियमों में संशोधन किया, ग्राहकों को मिलेंगे ये फायदें !
बिजनेस न्यूज डेस्क् . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को बैंकों के विदेशी मुद्रा एक्सपोजर पर दिशानिर्देशों में संशोधन किया, जिसका उद्देश्य उन्हें विदेशी मुद्रा बाजार की अस्थिरता से बचाना है। केंद्रीय बैंक द्वारा शुरू किए गए परिवर्तनों के अनुसार, उधारदाताओं को उन सभी प्रतिपक्षकारों के अनहेज्ड विदेशी मुद्रा एक्सपोजर का आकलन करना होगा, जिनके साथ उनका किसी भी मुद्रा में एक्सपोजर है। आरबीआई ने कहा कि सभी संस्थाओं का विदेशी मुद्रा एक्सपोजर साल में कम से कम एक बार बैंकों द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए। संशोधित नियम 1 जनवरी, 2023 से लागू होंगे।
फॉरेन करेंसी डेरिवेटिव मार्केट में अब बैंक भी कर सकेंगे कारोबार, RBI का बड़ा फैसला
रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) ने रुपये (Rupees) में जारी उथल-पुथल पर लगाम लगाने के उद्देश्य से भारतीय बैंकों (Indian Banks) को विदेशी रुपया डेरिवेटिव बाजारों (Foreign Currency Derivative Market) में सौदे करने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी. इस मंजूरी के बाद अब भारतीय बैंक विदेश के नॉन-डिलिवरेबल फॉरवर्ड (एनडीएफ-NDF) रुपया बाजारों में कारोबार कर सकेंगे जिसमें डिलिवरी नहीं लेनी होती. अभी तक विदेशी एनडीएफ विदेशी मुद्रा हेज बाजार में भारतीय बैंकों को कारोबार करने की अनुमति नहीं थी.
हालांकि विशेषज्ञों की राय थी कि यदि भारतीय बैंकों को विदेशी एनडीएफ बाजारों की पहुंच मिले तो रुपये की गति को नियंत्रित किया जा सकता है. एनडीएफ बाजार के तहत विदेशी मुद्रा विनिमय (Foreign Currency Exchange) के लिए वायदा दर का निर्धारण होता है. इसमें संबंधित पक्ष आपसी सहमति से यह तय करते हैं कि किसी अमुक तारीख पर हाजिर बाजार में मुद्रा के विनिमय की जो दर रही है, उसी दर के आधार पर भविष्य के सौदे किये जायेंगे। आमतौर पर एनडीएफ सौदों का भुगतान नकदी में होता है.
एनपीए व लोन रीस्ट्रक्चरिंग पर आरबीआई सख्त
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों की गैर निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) और ऋण पुनर्गठन (लोन रीस्ट्रक्चरिंग) पर लगाम लगाने के लिए ऋण पुनर्गठन के प्रावधान (रीस्ट्रक्चर्ड लोन पर प्रोविजनिंग) को दो प्रतिशत से बढ़ाकर 2.75 प्रतिशत कर दिया है।
इससे बैंकों पर एनपीए घटाने और लोन के पुनर्गठन की प्रवृत्ति पर नियंत्रण के लिए दबाव बढ़ेगा। उसके अलावा आरबीआई ने कहा विदेशी मुद्रा हेज है कि मार्च 2012 तक लाइसेंस हासिल करने में असफल रहे ग्रामीण सहकारी बैंक परिचालन नहीं कर पाएंगे।
रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए ऋण एवं मौद्रिक नीति की समीक्षा जारी करते हुये कहा कि एनपीए और पुनर्गठित ऋण में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता प्रभावित हुई है।
फॉरेन करेंसी डेरिवेटिव मार्केट में अब बैंक भी कर सकेंगे कारोबार, RBI का बड़ा फैसला
रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) ने रुपये (Rupees) में जारी उथल-पुथल पर लगाम लगाने के उद्देश्य से भारतीय बैंकों (Indian Banks) को विदेशी रुपया डेरिवेटिव बाजारों (Foreign Currency Derivative Market) में सौदे करने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी. इस मंजूरी के बाद अब भारतीय बैंक विदेश के नॉन-डिलिवरेबल फॉरवर्ड (एनडीएफ-NDF) रुपया बाजारों में कारोबार कर सकेंगे जिसमें डिलिवरी नहीं लेनी होती. अभी तक विदेशी एनडीएफ बाजार में भारतीय बैंकों को कारोबार करने की अनुमति नहीं थी.
हालांकि विशेषज्ञों की राय थी कि यदि भारतीय बैंकों को विदेशी एनडीएफ बाजारों की पहुंच मिले तो रुपये की गति को नियंत्रित किया जा सकता है. एनडीएफ बाजार के तहत विदेशी मुद्रा विनिमय (Foreign Currency Exchange) के लिए वायदा दर का निर्धारण होता है. इसमें संबंधित पक्ष आपसी सहमति से यह तय करते हैं कि किसी अमुक तारीख पर हाजिर बाजार में मुद्रा के विनिमय की जो दर रही है, उसी दर के आधार पर भविष्य के सौदे किये विदेशी मुद्रा हेज जायेंगे। आमतौर पर एनडीएफ सौदों का भुगतान नकदी में होता है.
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