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भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने से पहले यहां पढ़ें जरुरी जानकारी
अगर आप अपनी गाढ़ी कमाई को भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो अपनी धन राशि इन्वेस्ट करने से पहले भारत की कमोडिटी मार्केट के सभी विवरणों के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को ध्यान से जरुर पढ़ें.
हमारे देश में कमोडिटी स्टॉक एक्सचेंजों पर कमोडिटी कारोबार में इन्वेस्टमेंट की जा सकती है. कमोडिटी एक्सचेंज के नाम से ही यह पता चलता है कि, यह माल/ कमोडिटी के व्यापार को संदर्भित करता है. वित्तीय बाजार के संदर्भ में इसका सीधा-सा मतलब यह है कि, कमोडिटी एक्सचेंज पर होने वाली अनेक किस्म की वस्तुओं का औपचारिक आदान-प्रदान अर्थात कारोबार करना. इन्वेस्टर्स अपना पैसा कमोडिटी मार्केट में कई अलग-अलग तरीकों से इन्वेस्ट कर सकते हैं. कमोडिटी कंपनियों, म्यूचुअल फंड, या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) द्वारा जारी किए गए शेयर हैं जिन्हें इन्वेस्टर्स द्वारा भविष्य में खुद को मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) के जोखिम से बचाने के लिए खरीदा जा सकता है. अगर आप भी ऐसे ही कुछ इन्वेस्टर्स में से एक हैं जो भारत की कमोडिटी मार्केट में अपना धन इन्वेस्ट करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं तो, कमोडिटी मार्केट के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं.
कमोडिटी क्या है?
आसान शब्दों में अगर हम बात करें तो, मूल रूप से कोई भी 'वस्तु' रोजमर्रा की प्रासंगिकता/ जरुरत के सभी सामान जैसेकि भोजन, ऊर्जा, फर्नीचर या धातु का एक समूह या संपत्ति है. हालांकि, इसे प्रकृति से विनिमेय अर्थात (लेने-देने में सुलभ) होना चाहिए ताकि इसका व्यापार किया जा सके. कार्रवाई योग्य दावों और धन को छोड़कर, किसी भी वस्तु अर्थात कमोडिटी को सभी किस्म की चल वस्तुओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है. आपके कपड़े, जूते, फर्नीचर, खाने-पीने का सारा सामान और दवाइयां, साबुन, तेल आदि सभी ऐसी कमोडिटीज़ हैं जिनका देश-दुनिया में निरंतर लेन-देन या कारोबार होता रहता है.
वस्तुओं/ कमोडिटीज़ में इन्वेस्टमेंट कहां करें?
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंजों पर सभी किस्म की कमोडिटीज़ का कारोबार होता है. यहां कुछ लोकप्रिय कमोडिटी ट्रेड एक्सचेंजों की सूची आपकी सुविधा के लिए दी गई है: -
- मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज - MCX
- नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज - NCDEX
- नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज - NMCE
- इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज - ICEX
भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट के लाभ
हमारे देश की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने पर आपको कई फायदे मिलते हैं जैसेकि:
- मुद्रास्फीति के खिलाफ संरक्षण - कमोडिटी एक्सचेंज में कारोबार की जाने वाली कमोडिटीज़ इन्वेस्टर्स को मुद्रास्फीति/ इन्फ्लेशन के कुप्रभावों से बचाती हैं.
- मूल्य में उतार-चढ़ाव के खिलाफ बचाव-व्यवस्था - आयात और निर्यात के साथ-साथ उत्पाद मूल्य में उतार-चढ़ाव कमोडिटी बाजार को प्रभावित कर सकता है. कमोडिटी फ्यूचर्स में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स को वास्तविक लेनदेन से महीनों पहले तय की गई कीमत पर कमोडिटी खरीदने या बेचने में मदद मिलती है. इस तकनीक को कमोडिटी बाजार में हेजिंग अर्थात बचाव-व्यवस्था के रूप में जाना जाता है.
- विविधीकरण - वस्तुओं में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स वित्तीय प्रतिभूतियों (फाइनेंशिल सिक्यूरिटीज़) के संबंध में अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में विविधता ला सकता है.
कमोडिटी कैसे खरीदें अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- कमोडिटी बाजार में कारोबार करने के लिए, एक इन्वेस्टर को सबसे पहले अपना एक DMAT खाता खोलना होगा.
- कमोडिटीज का कारोबार वैसे ही होता है जैसे भारत के स्टॉक एक्सचेंजों में विभिन्न शेयरों का कारोबार होता है.
- कमोडिटीज में इन्वेस्टमेंट करने के लिए, कमोडिटी फ्यूचर्स और ऑप्शंस, कमोडिटी ETF जैसे कई तरीके हैं, जो सीधे भौतिक वस्तुओं (फिजिकल कमोडिटीज़) में इन्वेस्टमेंट करते हैं.
- सभी इन्वेस्टर्स के लिए इस पॉइंट पर पहले ही ध्यान देना बहुत जरुरी है कि, इन्वेस्टमेंट का कौन-सा तरीका उनकी जेब के लिए सबसे उपयुक्त रहेगा कमोडिटी मार्केट की मूल बातें और यह तरीका उनकी कारोबारी जरूरतों से मेल खाता है.
- कमोडिटी ETFs ट्रेडिंग को काफी आसानी बनाते हैं क्योंकि उन्हें स्टॉक की तरह खरीदा जाता है. हालांकि, स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर की कीमतों की तरह ही विभिन्न कमोडिटीज़ की भविष्य की कीमतों में भी अक्सर उतार-चढ़ाव होता रहता है.
*अस्वीकरण - यह सारी जानकारी केवल आपके वित्तीय ज्ञान और समझ बढ़ाने के लिए इस आर्टिकल कमोडिटी मार्केट की मूल बातें में प्रस्तुत की गई है. इसे किसी भी व्यक्ति के द्वारा वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.
कमोडिटी मार्केट से भी कर सकते हैं कमाई; कैसे शुरू करें निवेश, समझिए जोखिम और रिटर्न का गणित
रिस्क लेने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट से अधिक रिटर्न कहीं और मिलना बहुत मुश्किल है.
जोखिम उठाने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट में निवेश कर कम पूंजी में भी आप ज्यादा पैसा कमा सकते हैं.
पैसे कमाने की चाह हर किसी की होती है लेकिन कई लोगों के पास इतनी अधिक पूंजी नहीं होती है कि वे कहीं निवेश कर अधिक पैसे कमा सकें. इसके अलावा एक परिस्थिति ऐसी भी होती है जिसमें आपके पास पैसे होते हैं लेकिन समझ नहीं आता है कि निवेश कहां करें. अगर आपको रिस्क लेने में डर नहीं लगता है तो आप कमोडिटी मार्केट में निवेश कर कम पूंजी में भी अधिक से अधिक पैसा कमा सकते हैं. रिस्क लेने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट की भी इतनी क्षमता है कि आपको इस मार्केट के अलावा कहीं और इतना अधिक रिटर्न नहीं मिल सकता है. हालांकि कमोडिटी मार्केट में निवेश का सबसे बड़ा रिस्क मूल पूंजी का गंवाना भी है. आइए समझते हैं कि कमोडिटी मार्केट में निवेश कर आप कितना मुनाफा कमा सकते हैं और इसके खतरे क्या-क्या हैं.
कमोडिटी मार्केट में निवेश के तुलनात्मक फायदे
केडिया कमोडिटी के निदेशक अजय केडिया ने कमोडिटी मार्केट में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह बताया कि आप इसमें छोटी सी पूंजी में बहुत अधिक निवेश कर सकते हैं. इसे समझने के लिए गोल्ड में निवेश का उदाहरण लेते हैं. इस समय (28 जून 2019) सोना करीब 34,212 रुपये प्रति 10 ग्राम पर एमसीएक्स कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेड हो रहा है. अब सोने में निवेश के लिए आपके पास मुख्य रूप से तीन तरीके हैं.
- अगर आपको 1 किग्रा फिजिकल गोल्ड में निवेश करना है तो आपको करीब 34.21 लाख रुपये लगाने होंगे.
- दूसरा रास्ता आप फ्यूचर ट्रेड के जरिए गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. फ्यूचर ट्रेडिंग का मतलब है कि आपको एक निश्चित रकम देकर अपना ऑर्डर बुक कराना है और आपके ऑर्डर का एक्सपायरी पीरियड अधिकतम 1 महीने का होगा. एक्सपायरी पीरियड का मतलब यह हुआ कि इस पीरियड के भीतर आप कभी भी अपने निवेश पर मुनाफा कमा सकते हैं. वर्तमान दर पर गोल्ड में निवेश के लिए आपको पूरे ऑर्डर मूल्य का 5 फीसदी मार्जिन देना होगा जो करीब 1.8 लाख रुपये बैठेगा. इसका अर्थ यह हुआ है कि 34.21 लाख रुपये के फिजिकल गोल्ड का ऑर्डर आपने महज 1.8 लाख रुपये में ही कर दिया.
- निवेश का तीसरा रास्ता ऑप्शंस है. ऑप्शंस ट्रेड में आपको एक प्रीमियम राशि देनी होती है और इसके ऑर्डर की एक्सपायरी दो महीने की होती है. मान लेते हैं कि प्रीमियम भाव (एलटीपी) 500 रुपये है तो एक लॉट (इसका मूल्य एक किग्रा गोल्ड के बराबर होता है) के ट्रेड के हिसाब से ऑप्शंस के जरिए गोल्ड में निवेश करने पर आपको करीब 50 हजार रुपये (500*100) देने होंगे. इस तरह आप देख सकते हैं कि 34.21 लाख रुपये के जरिए फिजिकल गोल्ड में और 1.8 लाख रुपये के जरिए फ्यूचर गोल्ड में निवेश की तुलना में ऑप्शंस के जरिए गोल्ड में निवेश सिर्फ 50 हजार रुपये में हो जाएगा.
फ्यूचर और ऑप्शंस में ऐसे होता है प्रॉफिट कैलकुलेशन
- फिजिकल गोल्ड में निवेश का फायदा-नुकसान कैलकुलेट करना एकदम आसान है. मान लीजिए कि आपने गोल्ड एक किग्रा गोल्ड 34 हजार प्रति दस ग्राम के भाव से निवेश किया है तो उसके भाव में 2 हजार प्रति दस ग्राम की गिरावट आने पर आपको करीब 2 लाख रुपये का नुकसान होगा जबकि उसके भाव में 2 हजार रुपये प्रति दस ग्राम की तेजी आने पर आपको 2 लाख रुपये के करीब मुनाफा होगा.
- फ्यूचर की बात करें तो आपको ऑर्डर बुक करने के लिए करीब 1.8 लाख रुपये की मार्जिन मनी (पूरे ऑर्डर मूल्य का 5 फीसदी) आपको देना होता है. अगर इसके भाव में 2 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आती है तो आपको 2 लाख रुपये का नुकसान होगा लेकिन 2 हजार की तेजी आई तो आपको 2 लाख का मुनाफा होगा. यहां एक सलाह यह दी जाती है कि अगर आपको फ्यूचर ट्रेडिंग में नुकसान हो रहा है तो आप 100 फीसदी मार्जिन मनी देकर गोल्ड की डिलीवरी करा सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो एग्जिट करें.
- ऑप्शंस में आपको प्रीमियम राशि ही देनी होती है और आपको अधिकतम नुकसान प्रीमियम का ही झेलना पड़ेगा. अगर आपको लग रहा है कि गोल्ड के भाव में तेजी आ सकती है तो आप कॉल ऑप्शंस खरीदें और अगर आपको लगता है कि आगे गोल्ड के भाव में गिरावट आ सकती है तो आप पुट ऑप्शंस खरीदें. इसमें मान लेते हैं कि आपने 500 रुपये एलटीपी के आधार पर 50 हजार प्रीमियम मनी देकर ऑर्डर बुक किया है. अगर इसके एलटीपी में 200 रुपये की तेजी आती है तो आपका यही मुनाफा हुआ. इसके विपरीत अगर इसके एलटीपी में 200 रुपये की गिरावट आए तो यह आपका नुकसान है.
कमोडिटी ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें?
- कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सेबी के पास रजिस्टर्ड ब्रोकर के यहां एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है.
- अगर आप डिलीवरी नहीं लेते हैं तो डीमैट अकाउंट खुलवाने की जरूरत नहीं है और सेबी ने भी इसे अभी अनिवार्य नहीं किया है.
- कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको पहचान के तौर पर अपना पैन कार्ड या आधार दे सकते हैं और एड्रेस प्रूफ के लिए आधार या बैंक पासबुक दे सकते हैं. फोटो देनी होगी.
- इसके अलावा आय प्रमाण के लिए 6 महीने का बैंक पासबुक स्टेटमेंट देना होगा. एकाउंट खुलने के बाद आप कमोडिटी ट्रेडिंग करने के लिए तैयार हैं और आपको जिस कमोडिटी में अनुमान है कि इसमें आप मुनाफा कमा सकते हैं और आप कितना रिस्क उठा सकते हैं, उसके आधार पर अपना फ्यूचर या ऑप्शंस में ट्रेडिंग करें.
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(डिस्क्लेमर: फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी रूप में निवेश की सलाह नहीं देता है. निवेश संबंधी कोई भी निर्णय करने से पहले आप स्वयं पड़ताल करें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें.)
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वस्तुओं के व्यपार से कमाएं मोटा मुनाफा, जानिए भारत में Commodity Trading कैसे काम करता है?
How Commodity Market Works: डिजिटल युग में ऑनलाइन कमोडिटी ट्रेडिंग और भी ज्यादा आकर्षक हो गया है। अब आप भी बड़ी ही आसानी से कमोडिटी में ट्रेड शुरू कर सकते है। हालांकि आपको पहले कुछ मूल बातें जाननी चाहिए।
How Commodity Market Works: 2021 में, भारत ने बताया कि उसने 299.30 बिलियन अमरीकी डालर की सेवाओं और वस्तुओं का निर्यात किया था। इनमें से अधिकांश वस्तुएं (Commodities) गेहूं, चावल और दालें थीं। भारत के कमोडिटी मार्केट को धन के सृजन के लिए एक आकर्षक अवसर के रूप में देखा जा रही है। वहीं, अब डिजिटल युग में एक निवेशक की उंगलियों पर ऑनलाइन कमोडिटी ट्रेडिंग के साथ निवेश का यह चैनल और भी ज्यादा आकर्षक हो गया है। अब आप भी बड़ी ही आसानी से कमोडिटी में ट्रेड शुरू कर सकते है। हालांकि आपको पहले कुछ मूल बातें जाननी चाहिए।
वस्तु (Commodity)
जब आप किसी कमोडिटी में ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, तो आपको पहले खुद से पूछना चाहिए, कमोडिटी क्या है? (Commodity Kya Hai?) एक कमोडिटी किसी भी प्रोडक्ट का प्रतिनिधित्व करती है जिसका दैनिक जीवन में उपयोग किया जाता है। सीधे शब्दों में कहें यह भोजन, धातु, ऊर्जा आदि से कुछ भी हो सकता है। मुख्य रूप से मुख्य वस्तु प्रकारों में शामिल हैं:
ऊर्जा (Energy) - गैसोलीन, कच्चा तेल, गैस आदि।
कृषि सामान - कोको, चावल, सोयाबीन, गेहूं, रागी, आदि।
मूल्यवान धातुएं - सोना, चांदी और प्लेटिनम जैसी कीमती धातुएं इस श्रेणी की वस्तुओं के अंतर्गत आती हैं।
अन्य धातुएं - तांबा, निकल, एल्युमिनियम और कुछ अन्य बेसर धातुएं इस समूह का हिस्सा हैं।
ट्रेडिंग का अर्थ (Meaning of Trading)
कोई भी कमोडिटी ऑनलाइन ट्रेडिंग टिप्स इस ज्ञान से शुरू होती है कि कमोडिटी क्या है (What is Commodity in Hindi) और ट्रेडिंग का क्या मतलब है। व्यापार सबसे बुनियादी तरीके से वस्तु विनिमय की एक प्रणाली है। मूल रूप से यह किसी अन्य उत्पाद के लिए उत्पाद के आदान-प्रदान कमोडिटी मार्केट की मूल बातें की प्रक्रिया है। इसलिए कमोडिटी ट्रेडिंग के कांसेप्ट में अनिवार्य रूप से सेवाओं और सामानों की बिक्री और खरीद और बदले में नकद प्राप्त करना शामिल है।
जब आप शेयर बाजार पर विचार करते हैं, तो ट्रेडिंग स्टॉक और शेयरों की खरीद और बिक्री को संदर्भित करता है। कमोडिटी ट्रेडिंग, जिसे आज ज्यादातर ऑनलाइन कमोडिटी ट्रेडिंग के रूप में किया जाता है, में बाद में लाभ के लिए ऑनलाइन कमोडिटीज की खरीद शामिल है।
भारत में ऑनलाइन कमोडिटी ट्रेडिंग
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में वस्तुओं का विनिमय कई वर्षों से नकद और वस्तु के रूप में किया जाता रहा है। आज सबसे उन्नत वैश्विक स्टॉक एक्सचेंजों में भारत में शामिल है। कमोडिटी ऑनलाइन ट्रेडिंग निवेश करने का एक सामान्य तरीका है। ट्रेडिंग का सिस्टम सुरक्षित, निर्बाध और योजनाबद्ध तरीके से संचालित होता है, जिसमें नियम और कानून मौजूद होते हैं।
जिस तरह स्टॉक और शेयरों का कारोबार एक्सचेंजों के माध्यम से किया जाता है, जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), कमोडिटीज का कारोबार उन एक्सचेंजों पर किया जाता है जो कमोडिटी ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करते हैं। ये अनिवार्य रूप से एनएसई या MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) हैं। इसके अलावा, कमोडिटी फ्यूचर्स ऑनलाइन ट्रेडिंग, ब्लूमबर्ग, ख्याति का ब्रोकर होने के कारण, भविष्य की कीमत के साथ व्यापार करने के अनुबंध के आधार पर, कमोडिटीज में व्यापार करने का एक मांग वाला तरीका है।
तो अगर आप भी कमोडिटी में ट्रेड करना चाहते है और यह जानना चाहते है कि कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? तो आगे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। - कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
कमोडिटी मार्केट की मूल बातें
एक सफल स्टॉक ट्रेडर बनने के लिए क्या करना होगा? व्यावहारिक बुद्धि। इस जोखिम भरे लेकिन संतुष्टिदायक पेशे का यहाँ बने रहने के लिए ठोस निर्णय है। स्टॉक ट्रेडर बनने के लिए किसी को बहुत योग्य या शिक्षित होने की आवश्यकता नहीं है। आपको बस अपने विषय का अध्ययन और शोध करने की इच्छा है, परिस्थिति के अनुसार त्वरित निर्णय लेने की क्षमता है और कठिन समय में शांत दिमाग से काम लेना है।
वास्तव में, ट्रेडर्स अलग अलग बैकग्राउंड से आते हैं क्योंकि मार्केट्स में मिनिमम एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होती है। स्टॉक मार्केट में किसी की सफलता या विफलता में भावनात्मक अनुशासन और भावनात्मक भाग एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। आइए दुनिया के कुछ प्रमुख इन्वेस्टर्स /ट्रेडर्स और उन लक्षणों को देखें जिन्होंने उन्हें वह बनाया जो वे अब हैं।
यदि आप किसी दिग्गज इन्वेस्टर के जीवन के इतिहास को देखें, तो आप पाएंगे कि उनमें से प्रत्येक ने अपनी-अपनी असफलताओं का सामना किया। हालांकि, वे अपने दृढ़ संकल्प और समर्पण के कारण सफल हुए। इन विशेषताओं के अलावा, स्टॉक मार्केट में सफल होने के लिए निचे दिए गए गुणों की आवश्यकता होती है।
एनालिटिकल स्किल्स : सही डेटा एकत्र करने, उसका विश्लेषण करने, सही निष्कर्ष पर कमोडिटी मार्केट की मूल बातें पहुंचने और उस पर कार्य करने के लिए एनालिटिकल स्किल्स की आवश्यकता होती है। जबकि विश्लेषण के कार्य को आसान बनाने के लिए कई उपकरण उपलब्ध हैं, इंसान के दिमाग की जगह कोई नहीं ले सकता है। आपको संख्याओं में अच्छा होना चाहिए, और अगर नहीं है तो संख्याओं के प्रति प्रेम निर्माण करें, क्योंकि इक्विटी रिसर्च में बहुत नंबर क्रंचिंग होती है। हालांकि कॉमर्स में एक एजुकेशनल बैकग्राउंड जरुरी नहीं है, यह आपके एनालिटिकल स्किल्स को तेज करने में मदत करेगा, विशेषता वार्षिक रिपोर्ट का विश्लेषण करते समय जो रिसर्च का एक अनिवार्य हिस्सा है।
आपको आवश्यक डेटा सही समय पर प्राप्त करने में भी सक्षम होना चाहिए। आजकल, वार्षिक रिपोर्ट और त्रैमासिक परिणामों की सोर्सिंग मुश्किल नहीं है क्योंकि वो आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध हैं। प्रेस रिलीज़, पेरिओडिकल अनाउंसमेंट्स और कॉन्फ्रेंस कॉल डेटा के अन्य सोर्सेस हैं जो ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं।
यदि विश्लेषण आपकी चाय का प्याला नहीं है तो आपको समय-समय पर निवेश के विचार प्रदान करने के लिए एक विश्वसनीय स्रोत (एक मित्र, सलाहकार या सलाहकार) की पहचान करने की आवश्यकता है। इन दिनों ब्रोकर्स की अपनी शोध टीम होती है जो समय पर सलाह प्रदान करती है, जिस पर आप अपने इन्वेस्टमेंट निर्णयों के लिए भरोसा कर सकते हैं।
शांत रहने की क्षमता: स्टॉक की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, और कभी-कभी ये उतार-चढ़ाव वाइल्ड हो सकते हैं। आपको इसे प्रोफेशनली लेना चाहिए और हर एक हलचल से परेशान होना चाहिए। कठिन परिस्थितियों में शांत रहना किसी भी पेशे में सफलता के लिए आवश्यक है, और सबसे अधिक इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग में। किसी भी घटना के लिए तैयार रहें, शेयर बाजार कमजोर लोगों के लिए नहीं है। स्टॉप-लॉस के साथ संचालन आमतौर पर आपको शांत रहने में सक्षम बनाता है क्योंकि यह आपको सबसे बुरी स्थिति में नुकसान को परिभाषित करते है। शांत रहना जरूरी है क्योंकि पैनिक मोड में आने से आपको और गलतियां करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। अपनी विश्लेषणात्मक क्षमता पर भरोसा रखने से आपको विपरीत परिस्थितियों में भी शांत रहने में मदद मिलेगी। हालाँकि, आपको हमेशा अति आत्मविश्वास या आत्मसंतुष्ट होने से बचना चाहिए।
अनुशासन: अनुशासन एक महत्वपूर्ण गुण है, जो इंवेस्टमेंटर और ट्रेडिंग में सफल होने के लिए आवश्यक है। किसी भी अन्य पेशे कमोडिटी मार्केट की मूल बातें की तरह, यहां भी, आपको अपने लक्ष्य निर्धारित करके, उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्ट्रेटेजी डेवलप करके, नियम बनाने (अपने स्वयं के मार्गदर्शन के लिए) और किसी भी परिस्थिति में इन नियमों का पालन करने के लिए अनुशासित रहने की जरुरत है। समय को पकडे रखने के लिए नियम और स्ट्रेटेजीस निश्चित करना, रिटर्न की अपेक्षित दर को डिफाइंड करना और डिफाइंड स्टॉप-लॉस के साथ काम करना और इन नियमों का सख्ती से पालन करना ही अंत में सफलता सुनिश्चित करेगा।
धैर्य: यह सबसे बड़ा गुण है, और आपको इसे विकसित करना चाहिए। हमेशा याद रखें - आप स्टॉक मार्केट के लाखों इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स में से सिर्फ एक हैं और मार्केट आपकी इच्छा के अनुसार व्यवहार नहीं करेगा। कई ट्रेडर्स के पास आपसे बेहतर फाइनेंस और बेहतर रिसोर्सेस तक पहुंच हो सकती है। स्टॉक की कीमतें आपकी सोच से अधिक समय तक स्थिर रह सकती हैं या आपके द्वारा अपेक्षित दिशा में आगे बढ़ने से पहले लॉन्ग टर्म के लिए एक छोटी सीमा में स्थानांतरित हो सकती हैं। इसलिए धैर्य रखें और स्टॉक मार्केट में सफल होने के लिए अपनी विचारों पर नियंत्रण रखें।
यह 2019 में जारी बर्कशायर हैथवे के शेयर होल्डर्स के लिए प्रसिद्ध इन्वेस्टर वॉरेन बफेट के वार्षिक संचार का एक अंश है, जो स्टॉक मार्केट्स की अनियमित स्वाभाव और बेहतर रिटर्न प्राप्त करने के लिए अपनी इमोशंस को कंट्रोल करने की आवश्यकता पर भी जोर देता है।
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