RBI: विदेशी निवेशकों ने की बड़ी बिकवाली, आई 91 लाख डॉलर की गिरावट, निवेशकों को हुआ करोड़ों का नुकसान
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 22 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 90.8 लाख डॉलर घटकर 640.1 अरब डॉलर रह गया.
By: abp news | Updated at : 30 Oct 2021 05:38 PM (IST)
विदेशी निवेशक (फाइल फोटो)
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 22 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 90.8 लाख डॉलर घटकर 640.1 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को अपने ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी है. इससे पिछले 15 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशीमुद्रा भंडार (Forex reserves) 1.492 अरब डॉलर बढ़कर 641.008 अरब डॉलर हो गया था. वहीं, इससे पहले तीन सितंबर 2021 को समाप्त सप्ताह में विदेशीमुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
RBI ने जारी किया आंकड़ा
आरबीआई के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, 22 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट मुख्य रूप से विदेशीमुद्रा शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा आस्तियों (FCA) और स्वर्ण भंडार के घटने की वजह से आई है, जोकि कुल मुद्राभंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
FCA में आई गिरावट
रिजर्व बैंक ने कहा कि आलोच्य सप्ताह में भारत की विदेशीमुद्रा आस्तियां (FCA) 85.3 करोड़ डॉलर घटकर 577.098 अरब डॉलर रह गई. डॉलर में बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्ति में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल है. समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण आरक्षित भंडार 13.8 करोड़ डॉलर घटकर 38.441 अरब डॉलर रह गया.
SDR में हुआ इजाफा
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में देश का विशेष आहरण अधिकार (SDR) 7.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 19.321 अरब डॉलर हो गया. आईएमएफ में देश का आरक्षित विदेशीमुद्रा भंडार एक करोड़ डॉलर बढ़कर 5.240 अरब डॉलर हो गया.
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शेयर बाजार में रही बड़ी गिरावट
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) की वजह से बाजार में बड़ी बिकवाली देखने को मिली है, जिसकी वजह से निवेशकों को करीब 6.15 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है. बता दें सिर्फ 3 दिन की गिरावट की वजह से निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
Published at : 30 Oct 2021 05:38 PM (IST) Tags: RBI forex foreign exchange reserves FCA Forex reserves business news in hindi government finances trade finance banking finance foreign currency assets foreign reserves RBI foreign reserves RBI forex reserves हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
रुपये पांच पैसे और टूटकर 81.79 प्रति डॉलर पर
नवभारत टाइम्स 21-11-2022
मुंबई, 21 नवंबर (भाषा) घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख और विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया पांच पैसे की गिरावट के साथ 81.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
कोविड-19 के बढ़ते मामले और उसके पश्चात चीन में लगाये गये प्रतिबंधों के कारण सुरक्षित निवेश के रूप में मांग बढ़ने से विदेशी बाजारों में डॉलर में तेजी आई।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया तेजी के साथ 81.84 पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया 81.74 के दिन के उच्चस्तर और 81.91 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले पांच पैसे की गिरावट के साथ 81.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
रुपया शुक्रवार को 10 पैसे की गिरावट के साथ 81.74 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान में अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर घरेलू बाजारों और मजबूत डॉलर के कारण रुपये में गिरावट आई। विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी से रुपये पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.8 प्रतिशत की तेजी के साथ 107.81 हो गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.76 प्रतिशत घटकर 86.95 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
वहीं, बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 518.64 अंक की गिरावट के साथ 61,144.84 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को 751.20 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा देश का विदेशी मुद्रा भंडार
यूक्रेन संकट के बाद से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में $80 बिलियन से अधिक की कमी दर्ज हुई है. अकेले वर्तमान हफ्ते में $ 2 बिलियन से ज्यादा की गिरावट सामने आई है. इसकी मुख्य वजह डॉलर के भाव को 80 रुपए प्रति डॉलर से ऊपर जाने से रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मुद्रा बाजार में डॉलर की बिकवाली को बताया जा रहा है. इसके साथ ही इसकी दूसरी वजह देश के चालू खाते के घाटा भी है, जिसकी वजह से देश का विदेशी मुद्रा रोकने में मदद नहीं मिल सकी. आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 9 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार $ 2.234 बिलियन गिरकर $550.871 बिलियन ही रह गया है, जो एक सप्ताह पहले $553.105 बिलियन था. देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस वक्त दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.
फरवरी 2022 के अंत में रूस की ओर से यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद 29 सप्ताह में से 23 हफ्तों में लगातार विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट गिरावट दर्ज हुई है, इस दौरान मात्र 6 हफ्ता ही ऐसा रहा, इस दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा दर्ज हुई थी. इस दौरान डॉलर आधारित संपत्तियों में भारी मात्रा में निवेश की वजह से डॉलर के मूल्य में तेजी के साथ इजाफा होने लगा. लिहाजा, रुपए की कीमत को स्थिर रखने के लिए आरबीआई को खुले बाजार में डॉलर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसकी वजह से देश की विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. यही वजह है कि पिछले साल अक्टूबर में देश के विदेशी मुद्रा भंडार के मुकाबले इस वक्त 90 अरब डॉलर से अधिक नीचे है.
एक साल एक डॉलर के मुकाबले रुपया 74 के मुकाबले 80 पर पहुंचा
देश के बाजारों में विदेशी पूंजी के निरंतर प्रवाह के बावजूद बढ़ते चालू खाते के घाटे की वजह से देश का विदेशी मुद्रा रोकने में मदद नहीं मिल सकी. दरअसल, डॉलर के मुकाबले रुपया इस साल नाटकीय रूप से लगभग 74 से गिरकर 80 प्रति डॉलर के कमजोर रिकॉर्ड स्तर पर आ गया है. लिहाजा, आरबीआई ने रुपए की कीमत को स्थिर रखने के लिए भारी मात्रा में डॉलर को खुले बाजार में बेच दिया, जिससे देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे आ गया है. शुक्रवार को जारी आरबीआई ताजा मासिक बुलेटिन से भी इसकी पुष्टि हो रही है. इसमें दिखाया गया कि केंद्रीय बैंक ने जुलाई में हाजिर विदेशी मुद्रा बाजार में शुद्ध $ 19.05 बिलियन की बिक्री की. जानकार इस बात की आशंका जता रहे हैं कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट अभी कुछ और समय के लिए बनी रहेगी, क्योंकि डॉलर अब भी नए शिखर पर पहुंच रहा है, जो कि अधिकांश प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले दो दशकों में नहीं देखा गया है.
रुपया कमजोर होने से शेयर बाजार में आई भारी गिरावट
गौरतलब है कि भारतीय रुपए का शुक्रवार को पिछले पांच सप्ताह में सबसे खराब रहा, क्योंकि फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना को देखते हुए नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया और विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बढ़ती मुद्रास्फीति पृष्ठभूमि के साथ आर्थिक विकास को धीमा करने की चेतावनी दी है. यही वजह है कि शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई.
पड़ोसियों से बेहतर है भारत की स्थित
विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के मूल्य वृद्धि या मूल्यह्रास को डॉलर के संदर्भ में व्यक्त विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में शामिल किया गया है। लेकिन सोने के भंडार का मूल्य 340 मिलियन डॉलर बढ़कर 386.44 बिलियन डॉलर हो गया. समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 63 मिलियन डॉलर घटकर 17.719 अरब डॉलर हो गया, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में देश की आरक्षित स्थिति 8 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.91 अरब डॉलर हो गई. गौरतलब है कि इस साल विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट दर्ज हुई है. इसके बावजूद देश अब भी अपने उभरते बाजार के साथियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहा है. गौरतलब है कि भारत के कई पड़ोसी देशों जैसे श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा भंडार संकट के स्तर तक गिर गया है.
शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा
पात्रता की शर्तें और विदेशी मुद्रा विनिमय बांड की सदस्यता
3. 1. जारी करने वाली कम्पनी, प्रस्तुत की गयी कम्पनी के प्रत्साहक समूह का अंश होगी और विदेशी मुद्रा विनिमय बांड के जारी करने के समय पर प्रस्तुत किए गए इक्विटी शेयर धारण करेगी।
2. प्रस्तुत की गर्इ कम्पनी एक सूचीबद्ध कम्पनी होगी जो विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त करने योग्य एक क्षेत्र और जारी करने के योग्य या विदेशी मुद्रा परिवर्तनी बॉण्ड के लाभ या बाह्य वाणिज्यिक उधार में लगी हुर्इ है।
3. एक भारतीय कम्पनी, जो प्रतिभूति द्वारा प्रतिभूति बाजार तक पहुंचने से रोकी गर्इ है एक कम्पनी सहित, जो कि भारतीय प्रतिभूति बाजार से निधि उत्पन्न शेयर बाजार या विदेशी मुद्रा करने के योग्य नहीं है और भारत का परिवर्तनीय बोर्ड विदेशी मुद्रा विनिमय बॉण्ड जारी करने योग्य नहीं होगा।
4. विदेशी मुद्रा विनिमेय बॉण्ड के लिए सदस्य, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति के साथ पालन करेगा और विदेशी मुद्रा विनिमेय के जारी करने के समय का इस उपकरण सम्बन्धी निर्देश का पालन करेगा। विदेशी निवेश प्रोत्साहक बोर्ड की पूर्व अनुमति जहां की विदेशी प्रत्यक्ष विदेश नीति के तहत आवश्यक है, प्राप्त की जानी चाहिए। इकाइयों की खरीद, बेच या प्रतिभूतियों द्वारा प्रतिभूतियों में सौदा को निषिद्ध करना और भारत का विनिमय बोर्ड विदेशी मुद्रा विनिमेय बॉण्ड के सदस्य बनने के योग्य नहीं होगा।
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