फाइनेंशियल स्थिरता पर खतरा
Cryptocurrency: अगले दो-तीन महीनों में पता चल जाएगा कि भारत में क्रिप्टो की ट्रेडिंग फायदेमंद रहेगी या नहीं
पिछले साल दिसंबर में संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 पेश करने वाली थी। लेकिन, इसे पेश नहीं किया गया।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के इनवेस्टर्स सहित इससे जुड़े लोग इसके लिए कानून का इंतजार कर रहे क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं हैं। सरकार ने पिछले साल कहा था कि वह क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के लिए व्यापक नियम एवं कानून बनाएगी। सरकार ने इसके लिए कोशिशें भी शुरू कर दी थी। सोमवार को सरकार ने इस बारे में तस्वीर साफ करने की कोशिश की। फाइनेंस मिनिस्ट्री (Finance Ministry) में इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी (Economic Affairs Secretary) अजय सेठ (Ajay Seth) ने कहा कि सरकार का प्लान क्रिप्टोकरेंसी पर जल्द कंसल्टेशन पेपर पेश करने का है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में कानून के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।
Cryptocurrency Bill at Budget 2022: भारत में बैन होगी क्रिप्टोकरेंसी या कमाई पर लगेगा टैक्स, सरकार के एलान पर सबकी निगाहें
दुनिया के कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेशन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी बिल आने के संकेतों के बीच वर्चुअल करेंसी की दुनिया पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पहले शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश होने का अनुमान था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब अटकलें लग रही हैं कि बजट सत्र में क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश किया जा सकता है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार निजी क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाएगी या इससे होने वाली कमाई पर टैक्स। इस मसले पर क्रिप्टो मार्केट में निवेश करने वालों और जानकारों को बजट से क्या उम्मीदें हैं, जानते और समझते हैं इस रिपोर्ट में.
बजट सत्र में बिल पेश होने की उम्मीद
लक्ष्मीकुमारन एंड श्रीधरन अटॉर्नीज के एल बद्री नारायणन कहते हैं कि क्रिप्टो इंडस्ट्री काफी समय से क्रिप्टोकरेंसी बिल का इंतजार कर रही है। पहले उम्मीद थी कि शीतकालीन सत्र में यह बिल पेश कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उम्मीद है कि बजट सत्र में यह बिल हर हाल में पेश हो जाएगा, लेकिन यह आशंका भी है कि तमाम दिक्कतों और तकनीकी समस्याओं की वजह से यह इंतजार और भी लंबा हो सकता है। हालांकि, फाइनल बिल में क्रिप्टोकरेंसी और निजी क्रिप्टो क्वाइन से संबंधित रेगुलराइजेशन पर स्पष्ट जानकारी जरूर होनी चाहिए। क्रिप्टो इंडस्ट्री को उम्मीद है कि इस बजट में सरकार क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर टैक्स को लेकर स्पष्ट निर्देश दे। क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बिक्री को सरकार टीडीएस/टीसीएस के दायरे में ला सकती है। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग और ब्रोकरेज आदि पर जीएसटी को लेकर स्पष्टीकरण होना चाहिए।
क्रिप्टो इंडस्ट्री का खिलाड़ी बन सकता है भारत
सहीक्वाइन के को-फाउंडर और सीईओ अमित नायक का कहना है कि भारत में क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं क्रिप्टो इंडस्ट्री ने बेमिसाल तरक्की की है। अगर हम इसे भुनाने में कामयाब हो गए तो क्रिप्टो इंडस्ट्री के मामले में भारत पूरी दुनिया में सबसे आगे होगा। देश में स्टार्टअप प्रोजेक्ट लगातार तरक्की कर रहे हैं, जिनकी मदद से भारत क्रिप्टो मार्केट का बड़ा खिलाड़ी बन सकता है। हमें विश्वास है कि सरकार इस मामले में ठोस कदम उठाएगी, जिससे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़ेगा।
विस्तार
दुनिया के कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेशन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी बिल आने के संकेतों के बीच वर्चुअल करेंसी की दुनिया पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पहले शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश होने का अनुमान था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब अटकलें लग रही हैं कि बजट सत्र में क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश किया जा सकता है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार निजी क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाएगी या इससे होने वाली कमाई पर टैक्स। इस मसले पर क्रिप्टो मार्केट में निवेश करने वालों और जानकारों को बजट से क्या उम्मीदें हैं, जानते और समझते हैं इस रिपोर्ट में.
डिजिटल करेंसी से खतरा: RBI क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के पक्ष में, कानूनी विशेषज्ञों ने कहा, जल्दी करना चाहिए
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी 8 क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं साल पुरानी राय पर वापस आ रहा है। यह क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के पक्ष में है। हालांकि कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इसे जल्दी कर देना चाहिए, क्योंकि इसमें पहले ही बहुत देरी हो चुकी है।
2013 में खतरे की आशंका जताई गई थी
दरअसल RBI ने साल 2013 में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक नोट जारी किया था। इस नोट में इसने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी भारतीयों के फाइनेंशियल, लीगल और सिक्योरिटी के लिए जोखिम है। इसके चार साल बाद 2017 में दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लॉन्च किया गया। अब क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं 8 साल बाद रिजर्व बैंक इस पर बैन लगाने के पक्ष में है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! कानून के दायरे में लाने की तैयारी, अगले बजट में हो सकती है बड़ी क्या भारत में क्रिप्टोकुर्रेंस कानूनी हैं घोषणा
Highlights भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की बजाय इसके बाजार को कानूनी दायरे में लाने के बारे में विचार कर रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगले साल बजट में इस संबंध में अहम घोषणा की जा सकती है। हाल के महीनों में भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार तेजी से बढ़ा है।
नई दिल्ली: भारत सरकार अगले साल फरवरी में आने वाले बजट में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने संबंधी बड़ी घोषणाएं कर सकती है। भारत में हाल के वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी में निवश का बाजार बढ़ा है और ऐसे में इसके लिए कानूनी ढांचा ला सकती है।
Digital Currency: भारत की 7% आबादी के पास है डिजिटल करेंसी, यूएन ने क्रिप्टो को मौद्रिक संप्रभुता के लिए बताया खतरनाक
By: ABP Live | Updated at : 11 Aug 2022 02:45 PM (IST)
Digital Currency: भले ही भारत सरकार (Indian Government) ने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को कानूनी मान्यता नहीं दी हो. आरबीआई ( RBI) की डिजिटल करेंसी (Digital Currency) आने में देरी हो. बावजूद इसके देश की 7 फीसदी आबादी के पास डिजिटल करेंसी (Digital Currency) मौजूदा है. संयुक्त राष्ट्र ( United Nation) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में कोरोना महामारी ( Covid-19 Pandemic) के दौरान क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल में भारी तेजी आई है. इसी के दौरान भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की तादाद बढ़ी है.
7.3% आबादी के पास डिजिटल करेंसी
यूएन ट्रेड एंड डेवलपमेंट संस्था UNCTAD ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2021 में भारत की 7.3 फीसदी आबादी ने क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल करेंसी में निवेश किया हुआ है. और डिजिटल करेंसी रखने के मामले में दुनिया के टॉप 20 देशों में सातवें स्थान पर है. यूक्रेन में सबसे ज्यादा 12.7 फीसदी आबादी ने डिजिटल करेंसी में निवेश किया हुआ है. तो रूस में 11.9 फीसदी, वेनेजुएला में 10.3 फीसदी, सिंगापुर में 9.4 फीसदी, केन्या में 8.5 फीसदी और अमेरिका में 8.3 फीसदी लोगों के पास डिजिटल करेंसी है.
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