वित्तीय घाटे को लेकर पूरी तरह से सतर्क
रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए RBI ने उठाया कदम, कम होगी डॉलर पर निर्भरता
नई दिल्ली: भारतीय रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने रुपये में आयात एवं निर्यात के निपटान के लिए एक अतिरिक्त इंतजाम करने का फैसला किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह भारतीय मुद्रा यानी रुपये में आयात-निर्यात के निपटारे का पर्याप्त इंतजाम करें।
यह एक बड़ा फैसला माना जा रहा है, क्योंकि इससे देश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में काफी मदद मिलेगी और डॉलर पर भारत की निर्भरता भी कुछ कम होगी।
केंद्रीय बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता बैंक (Central bank) ने यह कदम वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए उठाया है।
रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा कि बैंकों को यह व्यवस्था लागू करने के पहले उसके विदेशी मुद्रा विभाग से पूर्व-अनुमति लेना जरूरी होगा।
RBI को कई मुद्राओं में अपने विदेशी मुद्रा भंडार को रिजर्व रखना होगा
RBI द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, भारत से निर्यात बढ़ाने पर जोर और भारतीय रुपये में वैश्विक कारोबारी बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को ध्यान में रखते हुए वैश्विक व्यापार को बढ़ाने के लिए यह तय किया गया है कि बिल बनाने, भुगतान और रुपए में आयात/निर्यात के निपटान के लिए एक अतिरिक्त इंतजाम किया जाए।
हालांकि यह एक स्वागत योग्य पहल की तरह लगता है, हम मानते हैं कि यह एक लंबी प्रक्रिया है और दशकों में पूरी तरह से चलने की संभावना है।
इस प्रक्रिया के कार्यान्वयन के लिए व्यापारिक भागीदारों के साथ व्यापक विचार-विमर्श की आवश्यकता होगी। इस उपाय की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि उनमें से कितने भारतीय रुपये में व्यापार करने के इच्छुक हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी संभावना है कि यदि भारत भारतीय रुपये (India Indian Rupee) में अपने आयात निपटान के लिए जाता है, तो व्यापारिक भागीदार अपनी स्थानीय मुद्रा में इसके आयात निपटान के लिए कह सकता है, बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता जो इंगित करता है कि आरबीआई को अन्य केंद्रीय बैंकों के साथ, कई मुद्राओं में अपने विदेशी मुद्रा भंडार को रिजर्व रखना होगा।
Gautam Adani: बैंकों ने लोन की बढ़ती रकम पर चमकाया तो फंड जुटाने की कोशिश में लगे हैं गौतम अडानी, जानिए डिटेल्स
अडानी ग्रुप की कंपनियों को कर्ज देने वाले बैंकों ने कह दिया है कि वे अपना लीवरेज कम करने की कोशिश करें.
नई दिल्ली: दुनिया के टॉप 5 अरबपति कारोबारियों में शामिल गौतम अडानी सॉवरेन वेल्थ फंड से $5 अरब की इक्विटी जुटाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. गौतम अडानी के कारोबारी साम्राज्य में हिस्सेदारी देकर वह दुनिया की दिग्गज सावरेन वेल्थ फंड से पैसे जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. वास्तव में अडानी ग्रुप की कंपनियों को कर्ज देने वाले बैंकों ने कह दिया है कि वे अपना लीवरेज कम करने की कोशिश करें. इसके बाद एशिया के सबसे बड़े रईस गौतम अडानी ने अपना कर्ज कम करने की तैयारी की है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप को कर्ज देने वाले बैंकों ने कहा है कि वह कर्ज की रकम कम करें, इसके मद्देनजर अडानी ग्रुप फंड जुटाने की योजना बना रहा है.
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अडानी ग्रुप ने इसके लिए दुनिया की कई दिग्गज फंड से संपर्क साधा है. गौतम अडानी मुबाडला इन्वेस्टमेंट कंपनी, अबू धाबी बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी जैसी कंपनियों के टॉप अधिकारियों से संपर्क में हैं. इसके साथ ही कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और कनाडा पेंशन प्लान से भी उनकी बातचीत हो रही है.
Pakistan की Economy में मचा उथल-पुथल, कराची बंदरगाह पर कंटेनर्स में सड़ रहे हजारों टन प्याज
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में काफी उथल-पुथल मचा हुआ है. पाकिस्तान की कंगाली की हालत ये है कि कराची बंदरगाह पर कंटेनर्स में हजारों टन प्याज सड़ रहा है..लेकिन शहबाज शरीफ सरकार ये तय नहीं कर पा रही है कि देश में भुखमरी से निपटने का प्लान बनाएं. या फिर विदेशी मुद्रा भंडार बचाएं. वहीं IMF ने पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा है कि पहले खर्च कम करो. जबकि जनता आसमान छूती महंगाई से परेशान है और लोगों के पास सब्जियां खरीदने तक के पैसे नहीं हैं. देखें शुभ मंगल सावधान.
Pakistan's economic condition is very bad. The condition is that thousands of tons of onions are rotting in containers at Karachi port. Watch the video.
Rupee Vs Dollar: रुपया नहीं फिसल रहा बल्कि डॉलर हो रहा है मजबूत: सीतारमण
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: October 16, 2022 17:22 IST
Photo:PTI Nirmala Sitharaman
Highlights
- शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 82.35 के भाव पर बंद हुआ
- विदेशी मुद्रा भंडार सात अक्टूबर 2022 तक 532.87 अरब डॉलर था
- एक साल पहले के 642.45 अरब डॉलर बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता से कहीं कम है
Rupee Vs Dollar: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इस वर्ष भारतीय मुद्रा रुपये में आई आठ फीसदी की गिरावट को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा है कि कमजोरी रुपये में नहीं आई बल्कि डॉलर में मजबूती आई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की सालाना बैठकों में शामिल होने के बाद सीतारमण ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत बताते हुए कहा कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती के बावजूद भारतीय रुपया में स्थिरता बनी हुई है। इसके साथ बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता ही उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति कम है और मौजूदा स्तर पर उससे निपटा जा सकता है।
क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने भारत को बताया तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक (World Bank) की सालाना मीटिंग के मौके पर आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने यहां पत्रकारों से कहा कि भारत इस कठिन समय के बावजूद मौजूदा अंधकार में एक चमकती हुई जगह कहलाने का हकदार है क्योंकि ये एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. उन्होंने आगे कहा कि भारत संरचनात्मक सुधारों में आगे है और उसने डिजिटलीकरण (Digitization) में एक अद्भुत सफलता हासिल की है.
आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा, ‘‘इसलिए, देश अब मजबूत स्थिति के साथ जी20 में आगे बढ़ने की ओर कदम बढ़ा रहा है. ऐसे में मुझे पूरा भरोसा है कि भारत अगले साल जी20 की अध्यक्षता के दौरान दुनिया पर अपनी गहरी छाप छोड़ेगा.’’ उन्होंने कहा कि ये छाप डिजिटल मनी सहित डिजिटलीकरण के सेक्टर में हो सकती है. इसके अलावा ये संस्थानों में अधिक निष्पक्षता लाने के क्षेत्र में भी हो सकता है.
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