FTX Crypto Currency

अचानक 'धड़ाम' हो गई करोड़ों रुपये कीमत की टेरा लूना क्रिप्टोकरेंसी, जानें बड़ी बातें

अचानक 'धड़ाम' हो गई करोड़ों रुपये कीमत की टेरा लूना क्रिप्टोकरेंसी, जानें बड़ी बातें

पिछले कुछ दिन में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बड़ी हलचल देखने को मिली है और करोड़ों रुपये वैल्यू वाले क्रिप्टो टोकन सिस्टम से गायब हो गए हैं। टेराUSD नाम का स्टेबलकॉइन और इसकी सिस्टम करेंसी लूना दोनों की वैल्यू लगभग 80 प्रतिशत कम हो गई। क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर टेरा लूना अब लगभग बेकार हो चुके हैं और क्रिप्टो में निवेश करने वाले भी हैरान हैं। आइए इस पूरे मामले के बारे में कुछ बड़ी बातें जानते हैं।

क्या है स्टेबलकॉइन का मतलब?

स्टेबलकॉइन ऐसी क्रिप्टोकरेंसी को कहते हैं, जिन्हें अमेरिकी डॉलर या फिर यूरो जैसा माना जा सकता है। यानी कि इनकी कीमत में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं देखने को मिलते और इन्हें बिटकॉइन या ईथेरम जैसे टोकन्स के मुकाबले ज्यादा स्थिर माना जाता है। निवेशक ऐसे टोकन्स में तब निवेश करते हैं, जब वे कम रिस्क लेते हुए फायदा कमाना चाहते हैं। बता दें, टेथर और USD कॉइन ऐसे ही लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं।

ऐसे डिजाइन किए गए हैं टेरा लूना

टेराUSD एल्गोरिद्म की मदद से डिजाइन किया गया स्टेबलकॉइन है, यह USD जितनी वैल्यू बनाए रखता है और ऐसा इसकी सिस्टम क्रिप्टोकरेंसी लूना के साथ होता है। लूना और टेरा दोनों को एक ही डिवेलपर्स टीम ने तैयार किया है। टेरा की कीमत बनाए रखने के लिए लूना को सप्लाई पूल में शामिल किया जाता है और टेरा को सप्लाई से हटाया जाता है। फिर यूजर्स लूना और टेरा का संतुलन इन्हें बेचने और खरीदने के साथ बनाए रखते हैं।

ऐसे काम करता है एल्गोरिद्मिक मॉड्यूल

ब्लॉकचेन डिवेलपर्स की ओर से डिजाइन किए गए मॉड्यूल के साथ, अगर टेरा कॉइन की वैल्यू 0.80 डॉलर पर पहुंचती है, तो इसे एक डॉलर वैल्यू वाले लूना से एक्सचेंज किया जा सकता है। इस तरह स्मार्ट निवेशक 20 सेंट का प्रॉफिट कमा सकते हैं।

डिमांड और सप्लाई पर आधारित कॉइन कॉन्सेप्ट

टेरा और लूना का पूरा कॉन्सेप्ट सप्लाई और डिमांड पर आधारित है। इन कॉइन्स में निवेश करने वालों को फायदा तभी मिलता, जब संतुलन के लिए इनकी खरीद और बिक्री चलती रहे। पिछले सप्ताह लूना और टेरा के बीच संतुलन बनाने से जुड़ी यह स्थिति नहीं बनी और एंकर प्रोटोकॉल के चलते यूजर्स ने टेराUSD होल्ड कर लिया। एंकर प्रोटोकॉल को सेविंग्स बैंक अकाउंट की तरह समझा जा सकता है, जिसपर तय ब्याज मिलता रहता है।

एंकर से मिल रहा था तय ब्याज

पिछले कुछ महीने से टेरा होल्डर्स को एंकर प्रोटोकॉल में अपना टोकन पार्क करने पर 20 प्रतिशत का तय ब्याज दिया जा रहा था। यही वजह है कि ज्यादा क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? से ज्यादा यूजर्स ने अपने टोकन्स एंकर प्रोटोकॉल में शामिल कर दिए। कॉइनडेस्क के मुताबिक, कुल टेरा सर्कुलेशन का करीब 75 प्रतिशत एंकर में जमा कर दिया गया था। बता दें, यहीं से हालात और क्रिप्टोकरेंसी का संतुलन बिगड़ने की शुरुआत हुई।

अफवाह के चलते टोकन बेचने लगे टेरा यूजर्स

पिछले सप्ताह के आखिर में बड़ी मात्रा में टेराUSD को अचानक एंकर से निकाल लिया गया। दरअसल, अफवाह उड़ी कि टेरा पर मिलने वाला 20 प्रतिशत तय ब्याज अब फिक्स रेट पर नहीं मिलेगा। निवेशकों ने कमाई घटने और नुकसान होने के डर से टेरा टोकन्स को बेचना शुरू कर दिया और दूसरे स्टेबलकॉइन्स खरीदने लगे। जाहिर सी बात है, ऐसा होने पर एक टोकन की मांग तेजी से घटी और सप्लाई बढ़ने से कीमत गिरने लगी।

लूना की सप्लाई बढ़ने से क्रैश हुआ सिस्टम

ज्यादातर यूजर्स ने टेराUSD को एक्सचेंज कर लूना टोकन लेना शुरू कर दिए। इस तरह लूना की सप्लाई बढ़ने के साथ ही वैल्यू घटने लगी। ज्यादा से ज्यादा यूजर्स के टेरा कॉइन को डंप करने के चलते दोनों कॉइन्स से जुड़कर संतुलन बनाने वाला सिस्टम क्रैश हो गया। कॉइनमार्केटकैप के मुताबिक, टेरा कॉइन की कीमत 11 मई को घटकर केवल 0.225 डॉलर रह गई। महज चंद दिनों के अंदर इस स्टेबलकॉइन ने अपनी करीब 80 प्रतिशत वैल्यू गंवा दी।

पहले के मुकाबले स्थिर हो रहा है मार्केट

निवेशकों के अंदर डर पैदा होना क्रिप्टो मार्केट के लिए अच्छी बात नहीं है और इसे प्रभावित कर सकता है। टेरा के गिरने के साथ ही बाकि निवेशकों ने अपने कॉइन्स बेचना भी शुरू कर दिया जिससे पूरा क्रिप्टो मार्केट क्रैश हो गया। दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो बिटकॉइन भी बीते गुरुवार को 25,400 डॉलर तक जा पहुंचा। हालांकि, स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं और बाकी टोकन्स में आए बदलाव को देखते हुए भी ऐसा ही लग रहा है।

कुछ वक्त के लिए ब्लॉक जेनरेशन रुका

टेरा ब्लॉकचेन को टेरा की कीमतें तेजी से घटने की स्थिति के बाद नौ घंटे से ज्यादा के लिए हाल्ट कर दिया गया। यानी कि इस दौरान ब्लॉकचेन नेटवर्क पर कोई नए ब्लॉक्स नहीं जेनरेट किए गए। बता दें, हाल्ट के दौरान क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? क्रिप्टो क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? होल्डर्स उनके टेरा असेट्स मूव नहीं कर सकते और उन्हें ब्लॉकचेन के अनफ्रोजन होने का इंतजार करना पड़ेगा। कंपनी ने ट्वीट में बताया है कि टेरा वैलिडेटर्स ने इस चेन को हाल्ट करने का फैसला किया है।

अरबों डॉलर वैल्यू के बिटकॉइन भी गायब

ब्लॉकचेन फर्म इलिप्टिक ने बताया कि टेरा की कीमतें क्रैश होने के दौरान कम से कम 3.5 अरब डॉलर वैल्यू वाले बिटकॉइन भी नहीं ट्रेस किए जा सके। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, टेरा ब्लॉकचेन डिवेलपर्स की ओर से सेटअप किए गए फाउंडेशन, लूना फाउंडेशन गार्ड (LFG) की ओर से 3.5 अरब डॉलर वैल्यू के बिटकॉइन्स खरीदे गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.7 अरब डॉलर वैल्यू 9 मई को LFG वॉलेट से एक नए एड्रेस पर भेजी गई है।

कितना सुरक्षित है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क?

cryptocurrencies: क्रिप्टोकरेंसी एक तकनीक का उपयोग करके काम करती है जिसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) कहा जाता है.

  • Paurav Joshi
  • Publish Date - October 18, 2021 / 04:37 PM IST

कितना सुरक्षित है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क?

देश में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) के कई फॉर्म Bitcoin, Ethereum, Tether, Dogecoin और न जाने क्या -क्या आ चुके हैं. हर तरफ क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत जोर-शोर से चर्चा हो रही है. कई लोग इसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं. हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट देखी गई है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसे कानूनन किस तरह की मान्यता प्राप्त अहि और इसमें निवेश करना कितना सुरक्षित है.

RBI ने निवेशकों को किया है कई बार सतर्क

सरकार ने “RBI द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक सुविधाजनक ढांचा बनाने” और “भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने” के लिए द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 का प्रस्ताव पेश किया है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अलग-अलग तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने समय-समय पर निवेशकों को सतर्क किया है और उन्हें आभासी मुद्राओं से जुड़े जोखिमों के बारे में चेतावनी दी है.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरंसी एक प्रकार का पेमेंट है जिसके बदले में आप सामान और सेवाएं ऑनलाइन खरीद सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक तकनीक का उपयोग करके काम करती है जिसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) कहा जाता है.

बाजार में कितनी क्रिप्टोकरेंसीज मौजूद हैं?

मार्केट रिसर्च वेबसाइट CoinMarketCap.com के अनुसार, बाज़ार में 6,700 से अधिक विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध हैं और हररोज नयी करेंसी मार्किट में आ रही है. CoinMarketCap.com के अनुसार, 13 अप्रैल 2021 को, सभी क्रिप्टोकरेंसी का कुल मूल्य $2.2 ट्रिलियन से अधिक हो गया था और सबसे लोकप्रिय डिजिटल मुद्रा मतलब बिटकॉइन का कुल मूल्य, लगभग $1.2 ट्रिलियन था.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लाभ

दुनिया की सबसे पॉपुलर और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने वित्त वर्ष 2020-21 में 800 फीसदी का रिटर्न दिया है. अप्रैल, 2020 में क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? यह 6,640 डॉलर के रेट पर ट्रेड कर रहा था और फिर एक साल की अवधि में यानी अप्रैल, 2021 तक यह 65,000 डॉलर पर पहुंच गया. बिटकॉइन के अलावा और भी कई अन्य क्रिप्टो कॉइन्स में जबरदस्त उछाल आई और निवेशकों ने बढ़िया रिटर्न कमाया.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के खतरे

इस साल अप्रैल में बाजार ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा था. लेकिन अप्रैल के अंत में क्रिप्टो मार्केट क्रैश हो गया. अधिकतर करेंसी की वैल्यू गिर गई. बिटकॉइन $30,000 के अंदर आ गया. अभी बिटकॉइन $62,000 पर है. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि क्रिप्टो कॉइन्स बहुत ही ज्यादा वॉलटाइल यानी उतार-चढ़ाव का शिकार होती हैं और निवेश के पैसे डूबने का खतरा रहता है. दूसरी कमी यह है कि आप क्रिप्टोकरेंसी को हर जगह फ्लैट करेंसी यानी कि रुपया, डॉलर वगैरह की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. फिलहाल ऐसी बहुत कम जगहें हैं, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकें यानी कि इसे रुपये के अल्टरनेट की तरह इस्तेमाल कर सकें. ऊपर से इसपर कोई सरकारी रेगुलेशन नहीं है, तो वो किसी अप्रत्याशित स्थिति को न्यौता दे सकता है.

FTX Crypto Currency क्रिप्टो करेंसी मार्केट को एक बड़ा झटका

आजकल FTX नाम काफी चर्चा में चल रहा है जो एक दुनिया के बड़े एक्सचेंज FTX Crypto Currency में से एक जो पेशेवर व्यापारियों द्वारा निर्मित एक क्रिप्टो क्यूरेंसी एक्सचेंज है। जो लोगों को क्रिप्टो संपत्ति खरीदने और बेचने में मदद करता है। क्रिप्टोकरेंसी सभी उनकी स्टार संपत्ति, बिटकॉइन के समान मूल संरचना पर आधारित हैं। FTX, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज है FTX का प्रबंधन अमेरिका से किया जाता है, इसके सबसे बड़े कार्यालय शिकागो और मियामी में हैं।

FTX Crypto Currency

FTX Crypto Currency

वर्ष 2019 में FTX को क्रिप्टो FTX Crypto Currency व्यापारियों सैम बैंकमैन-फ्राइड (CEO) और गैरी वांग (CTO) द्वारा लांच किया गया था। FTX का संचालन का मुख्य केंद्र हांगकांग में है। एक्सचेंज का स्वामित्व FTX ट्रेडिंग लिमिटेड के पास है, जो एंटीगुआ और बारबुडा में शामिल कंपनी है। एक्सचेंज का आदर्श वाक्य है कि FTX को ‘व्यापारियों द्वारा व्यापारियों के लिए’ बनाया गया था।

आखिर क्या वजह है जो दिवालिया हो रही है FTX

एफटीएक्स के मालिक सैम बैंकमेन 2019 में उन्होंने कंपनी बनाई, जिसमें फंड मुहैया कराने वाली कई बड़ी कंपनियों ने पैसा लगाया। सैम की एक और ट्रेडिंग कंपनी थी, अल्मेडा रिसर्च। दोनों फर्मों के बीच हाल में पैसे का घोटाला करने की रिपोर्ट सामने आई। जिसमे बताया गया कि एफटीएक्स ने अपने यहां जमा ग्राहकों के पैसे को अल्मेडा को लोन दे दिया है। अल्मेडा ने उस पैसे को एफटीएक्स की ही क्रिप्टोकरंसी एफटीटी में लगा दिया है।

इस घोटाले के बाद दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज फर्म बाइनैंस ने अपने पास मौजूद सभी एफटीटी टोकन बेचने की बात कही। फिर क्या था, सभी निवेशक यही करने को कूद पड़े। नतीजा यह हुआ कि एक दिन में एफटीटी की वैल्यू 78 फ़ीसदी कम हो गई। इस बीच सभी निवेशकों को अपनी रकम चाहिए थी और एफटीएक्स के पास रकम नहीं थी। और इस तरह ftx कंपनी दिवालिया होने की कगार पर आ गयी !

क्रिप्टो एक्सचेंज FTX हुई दिवालिया, सीईओ ने दिया इस्तीफा, क्रिप्टो मार्केट में मचा कोहराम

नकदी के भयंकर संकट से जूझ रहे क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स (FTX Crypto Currency) ने अमेरिका में दिवालिया (बैंकरप्सी) के लिए आवेदन किया है. वही सैम बैंकमैन-फ्राइड ने सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया है.

बाजार का रिएक्शन

इस खबर के बाद दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज में से एक एफटीएक्स (FTX) द्वारा दिवाला प्रक्रिया के लिए आवेदन करने के ऐलान के बाद क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है

BSE ने 148 दिन में अपने मंच पर एक करोड़ निवेशकों को जोड़ा

नई दिल्लीः प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई ने 148 दिन की अवधि में अपने मंच पर एक करोड़ पंजीकृत निवेशक खाते जोड़े हैं, जिसके साथ उसके पास ऐसे कुल खातों की संख्या 12 करोड़ हो गई है। बीएसई ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि उसने इस साल 18 जुलाई से 13 दिसंबर के बीच एक करोड़ निवेशकों के खाते जोड़े। बीएसई को 11 करोड़, 10 करोड़, नौ करोड़ और आठ करोड़ खातों के पड़ाव तक पहुंचने में इससे पहले क्रमशः 124 दिन, 91, 85 और 107 दिन का वक्त लगा था।

एक्सचेंज ने कहा, ''बीएसई ने 13 दिसंबर, 2022 को यूनिक क्लाइंट कोड (यूसीसी) के आधार पर 12 करोड़ पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के पड़ाव को पार कर लिया।'' इन 12 करोड़ उपयोगकर्ताओं में से 42 प्रतिशत खाताधारक 30 से 40 वर्ष आयु वर्ग के हैं, 23 प्रतिशत 20 से 30 वर्ष में और 11 प्रतिशत 40 से 50 आयु वर्ग के हैं। कुल 12 करोड़ निवेशकों में से 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ महाराष्ट्र निवेशकों के मामले में सबसे आगे रहा। इसके बाद गुजरात 10 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश नौ प्रतिशत और राजस्थान एवं तमिलनाडु प्रत्येक छह-छह प्रतिशत पर रहे।

हालांकि एक्सचेंज ने यह नहीं बताया कि इनमें से कितने खाते सक्रिय हैं या सिर्फ म्यूचुअल फंड निवेश के लिए उपयोग किए जाते हैं। वर्ष 1875 में स्थापित बीएसई (पूर्व में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) छह माइक्रोसेकंड की गति के साथ दुनिया का क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? सबसे तेज शेयर बाजार है।

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नकदी फसलें: नीदरलैंड ट्यूलिप उगाने के लिए बिटकॉइन माइनिंग का उपयोग करता है

कोनिंग की कंपनी उनमें से आधे की मालिक है और उनके द्वारा उत्पादित बिटकॉइन को अपने पास रखती है, जबकि डे ग्रोट को सर्वर के प्रशंसकों से धूल और कीड़ों को साफ करने के लिए मासिक यात्राओं के बदले में अपने तीन सर्वर रखने की अनुमति है।

मशीन में प्रवेश करने और उन्हें छोड़ने के बीच 20 डिग्री सेल्सियस के अंतर के साथ, यह ट्यूलिप को विकसित करने और उन्हें पैदा करने वाले बल्बों को सुखाने के लिए आवश्यक गर्मी प्रदान करता है।

कोनिंग कहते हैं, "सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम इससे बाहर निकलते हैं, हम प्राकृतिक गैस पर बचत करते हैं।" "दूसरी बात, ठीक है, हम बिटकॉइन को ग्रीनहाउस में चलाकर कमाते हैं।"

कोनिंग कहते हैं, भारी ऊर्जा लागत ने कुछ डच कृषि फर्मों को प्रेरित किया है जो इस साल बढ़ने से रोकने के लिए अक्सर ग्रीनहाउस पर भरोसा करते हैं, जबकि अन्य दिवालिया हो गए हैं।

इस बीच, अप्रत्याशित लेकिन ऐतिहासिक "ब्लैक स्वान" घटना के विचार को विकसित करने वाले दार्शनिक नसीम निकोलस तालेब ने बिटकॉइन की तुलना "ट्यूलिपमैनिया" से की है, जिसने लगभग 400 साल पहले नीदरलैंड को घेर लिया था।

डेनिएल कोनिंग, 37, ग्रीनहाउस कार्यकर्ता, एम्स्टर्डम के पास बिटकॉइन खनिकों के साथ गर्म ग्रीनहाउस में एलोवेरा के पौधों के बीच एक तस्वीर के लिए पोज दे रही है। एएफपी

इसने 1637 में बुलबुला फटने से पहले एक बल्ब की कीमतों में औसत वार्षिक आय से 100 गुना से अधिक की वृद्धि देखी, जिससे बैंक विफल हो गए और लोगों को अपनी जीवन बचत खोनी पड़ी।

क्रिप्टोक्यूरेंसी क्षेत्र वर्तमान में एक प्रमुख एक्सचेंज के पतन से जूझ रहा है - बिटकॉइन के साथ वर्तमान में लगभग 16,300 अमरीकी डालर प्रति यूनिट है, जो नवंबर 2021 में 68,000 अमरीकी डालर के उच्च स्तर से नीचे है - लेकिन डी ग्रोट चिंतित नहीं हैं।

"मुझे अपरिवर्तनीय मौद्रिक प्रणाली के दीर्घकालिक मूल्य प्रस्ताव के बारे में बिल्कुल चिंता नहीं है," वे कहते हैं। "बिटकॉइन हमेशा के लिए चलेगा।"

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