Crypto currency : क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में क्यों होता है उतार-चढ़ाव, जानिए पूरा सिस्टम

Crypto currency : साल 2021 की शुरुआत से ही क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में जबरदस्त उफान देखा गया है। इस साल क्रिप्टोकरेंसी ने जबरदस्त तरीके से निवेशक खींच रहे हैं। साल की शुरुआत में बड़ी संख्या में क्रिप्टो इकोसिस्टम से नए निवेशक जुड़े हैं।

September 21, 2021

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नई दिल्ली। साल 2021 की शुरुआत से ही क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में जबरदस्त उफान देखा गया है। इस साल क्रिप्टोकरेंसी ने जबरदस्त तरीके से निवेशक खींच रहे हैं। साल की शुरुआत में बड़ी संख्या में क्रिप्टो इकोसिस्टम से नए निवेशक जुड़े हैं। उनका रुख इस ओर थोड़ा सजग जरूर था। शुरुआत में उन्हें बाजार से इसका तगड़ा रिटर्न भी मिला था। लेकिन अप्रैल के आखिर और मई के शुरुआती हफ्तों में बाजार में काफी गिरावट दर्ज की गई है। जिस वजह से बहुत से निवेशको का निवेश साफ हो गया। हाल में आई यह गिरावट कितनी तगड़ी थी कि यह इसी बात से समझ सकते हैं कि सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन अपने ऑल टाइम हाई 64,000 डॉलर यानी लगभग 47.14 लाख के लेवल से गिरकर 31,000 डॉलर यानी लगभग 22.8 लाख पर आ गया है। हालांकि, इसके बाद से बाजार में सुधार भी देखा जा रहा है।

क्रिप्टोकरेंसी में अस्थिर क्यों

क्रिप्टोकरेंसी में अस्थिरता क्यों होती है, इस सवाल का एक सीधा जवाब यह हो सकता है कि- क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी बाजार अब भी अपने बिल्कुल शुरुआती स्तर पर है। एक करेंसी और निवेश के माध्यम के रूप में अभी इसकी शुरुआत हो रही है। जल्दी पैसा बनाने की धुन में निवेशक अपने पैसे के साथ प्रयोग कर रहे हैं। इसके साथ यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें कैसे फ्लक्चुएट होती हैं और क्या वो खुद इनकी कीमतों पर कोई असर डाल सकते हैं या नहीं।

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बिटकॉइन है उदाहरण। बिटकॉइन की कीमतों में जबरदस्त तरीके का मूवमेंट देखा जाता है। इस साल की शुरुआत में यह लगभग 30,000 डॉलर यानी लगभग 22.09 लाख के नीचे दर्ज किया जा क्रिप्टोक्यूरेंसी का मूल्य क्यों है? रहा था, लेकिन फरवरी में यह दाम चढ़ने लगा और अप्रैल में यह दोगुना हो गया। हालांकि, उसी महीने के अंत में यह जनवरी के अपने स्तर पर पहुंच गया। जून में इसमें रिकवरी दिखी और अगस्त में यह फिर 50,000 डॉलर यानी लगभग 33.83 लाख के पार पहुंच गया।

Cryptocurrency: जानिए सभी करेंसी के नाम और उनकी कीमतों के बारे में

Cryptocurrency: जानिए सभी करेंसी के नाम और उनकी कीमतों के बारे में

आजकल हर जगह Cryptocurrency का खूब जिक्र किया जा रहा है. वहीं हर कोई व्यक्ति जानना चाहता है, कि आखिर क्यों यह इतने कम समय में एक महत्वपूर्ण चीज बन गई है. आपको बता दें, की दुनिया में हर जगह पर Cryptocurrency को लेकर लोगों के बीच काफी उत्साह है. अभी कुछ लोगों को इसके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी है. लेकिन अभी, उन्हें यह नहीं पता कि इसका इस्तेमाल कैसे करना है.

आपको बता दें, कि Cryptocurrency डिजिटल दुनिया की देन है. आजकल की डिजिटल दुनिया में कई तरह की खोज की जा रही हैं. इन्हीं खोजों में से एक खोज का नाम Cryptocurrency है. इसके नाम से पता चल रहा है, कि यह किसी प्रकार की मुद्रा या करेंसी है. इसे एक ई-करेंसी या डिजिटल करेंसी के रूप में देखा जाता है. बता दें, कि यह अन्य करेंसियों जैसी नहीं होती है. इन करेंसी का लेन-देन कंप्यूटर के माध्यम से ही किया जाता है. आप भी Cryptocurrency को यूरो, डॉलर या फिर किसी भी मुद्रा से खरीद सकते हैं.

Cryptocurrency के इस्तेमाल से दो लोगों के बीच डिजिटली हो रहे लेन-देन को सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है. ई-करेंसी को, डिजिटल या वास्तविक करेंसी के आदान-प्रदान के लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाने लगा है. जिसके कारण ई-करेंसी, डिजिटल या वास्तविक करेंसी को Cryptocurrency कहा जाता है.

जानिए प्रसिद्ध Cryptocurrency के नाम की सूची और उनकी कीमत

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि दुनिया में आज कई तरह की Cryptocurrency मौजूद हैं. इन Cryptocurrency को लोगों द्वारा खूब खरीदा भी जा रहा है. जानिए कुछ ऐसी Cryptocurrency के बारे में.

बिटकॉइन(Bitcoin): दुनिया की सबसे पहले बनाई जाने वाली Cryptocurrency या डिजिटल करेंसी की बात करें तो वो बिटकॉइन है. बिटकॉइन Cryptocurrency की खोज साल 2009 में की गई थी. आपको बता दें, इस करेंसी की खोज एक जापान के निवासी द्वारा की गई थी, जिसका नाम Satoshi Nakamoto बताया जाता है. इस वक्त 1 बिटकॉइन की कीमत भारतीय रुपए के अनुसार लगभग 33,85,337.29 रुपए है.

लाइटक्वाइन (Litecoin): लाइटक्वाइन एक तरह की Cryptocurrency है. आपको बता दें, कि इसे Charles Li द्वारा बनाया गया है. वहीं इस मुद्रा का चिह्न LTC है. इस क्रिप्टोकरेंसी को साल 2011 में बाजार में उतारा गया था. इस वक्त एक 1 LTC की कीमत भारतीय रुपए के अनुसार करीब 13,296.75 रुपए है.

इथेरियम (Ethereum): इथेरियम को 2015 में शुरू किया गया था. इस मुद्रा को Vitalik Buterin द्वारा बनाया गया है. आपको बता दें, कि साल 2016 में इथेरियम दो भागों में बाँट दिया था. जिसमें से एक भाग इथेरियम के नाम से जाना जाता है, और एक इथेरियम क्लासिक के नाम से. इथेरियम Cryptocurrency का चिह्न ETH है. वहीं इस मुद्रा के मूल्य की बात करें तो 1 ETH का भारतीय मूल्य 2,46,788.32 रुपए है.

इथेरियम क्लासिक क्रिप्टोकरेंसी का चिह्न ETC है. भारतीय रुपए की कीमत के हिसाब से एक ETC की कीमत 531.69 रुपए है. इस मुद्रा से जुड़ी एक ethereumclassic.github.io वेबसाइट भी है जहां पर आपको इससे जुड़ी कई सारी जानकारी मिल जाएंगी.

रिपल (Ripple): साल 2012 से शुरू हुई रिपल करेंसी को XRP चिह्न से जाना जाता है. इस Cryptocurrency को Chris Larsen और Jed McCaleb द्वारा बनाया गया है. वहीं इस Cryptocurrency की कीमत की बात करें, तो एक XRP की भारतीय रुपए में कीमत केवल 83.39 रुपए की है.

बिटकॉइन कैश (बीसीएच): बिटकॉइन कैश का निशान BCH है. 1 BCH Cryptocurrency की कीमत भारतीय रुपए के हिसाब से 45,784.33 रुपए है. इस करेंसी को अगस्त, 2017 को शुरू किया गया है.

मॉनिरो (Monero): मॉनिरो भी एक तरह की Cryptocurrency है, जिसको XMR चिह्न से जाना जाता है. इस मुद्रा को 2014 में बाजार में लाया गया था. मॉनिरो को Monero Core द्वारा बनाया गया है. वहीं 1 XMR की कीमत इस समय भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी का मूल्य क्यों है? 19,344.91 रुपए है.

एनईएम (NEM): इस Cryptocurrency को 2014 में शुरू किया गया था. इसकी एक वेबसाइट भी है जो कि https://nem.io/ है. वहीं इस मुद्रा का चिन्ह XEM है. भारत में इस समय एक XEM की कीमत महज 25.67 रुपए है.

डैश (DASH): इस Cryptocurrency को 2014 में बाजार में लाया गया है. डैश को बनाने के पीछे Ivan Dafield और Kyle Hagan की मेहनत जुड़ी हुई है. वहीं इस Cryptocurrency को DASH का चिह्न दिया गया है. 1 DASH भारतीय रुपए के हिसाब से 14,878.81 रुपए के बराबर है.

भारत में Cryptocurrency को कानूनी रुप से मान्यता प्राप्त नहीं है. यद्यपि आप अभी भी क्रिप्टो एक्सचेंजों के माध्यम से Cryptocurrency खरीद सकते हैं.अभी कोई आधिकारिक नियामक ढांचा नहीं होने कि वजह से क्रिप्टो इनोवेशन पर रोक है. अप्रैल 2018 में, RBI ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को Cryptocurrency लेनदेन का समर्थन करने से प्रतिबंधित कर दिया. हालाँकि, मार्च 2020 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने असंवैधानिक होने के आधार पर प्रतिबंध को हटा दिया.

क्रिप्टोकरेंसी क्यों सोने की जगह नहीं ले सकती?

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एक आदर्श निवेश की खोज करते समय, शायद आपने ‘क्रिप्टोकरेंसी’ का नाम सुना होगा। 2017 की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाली डिजिटल परिसम्पत्तियों में से एक, क्रिप्टोकरेंसी ने विश्व में विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा के रूप में ख़ुद को स्थापित करके सुर्ख़ियों में अपनी जगह बनायी थी।

पिछले वर्ष में क्रिप्टोकरेंसी की घातीय मूल्य वृद्धि से एक बहस उठी कि क्रिप्टोकरेंसी की सोने से तुलना होनी की सम्भावना है और निवेश परिसम्पत्ति के रूप में वे उसके बदले प्रयोग भी हो सकते हैं। कुछ वित्तीय टिप्पणीकारों ने तर्क दिया सोने और क्रिप्टोकरेंसी की आपूर्ति प्रोफाइल में समानताएँ भी हैं और यह भी एक तथ्य है कि उन दोनों में से कोई भी सरकार द्वारा जारी की गयी विनिमय इकाई नहीं है। लेकिन विशेषज्ञ इस बात से एकमत नहीं हैं।

सोने के मुक़ाबले क्रिप्टोकरेंसी एक बिल्कुल अलग निवेश प्रस्ताव दर्शाते हैं। शुरु करें तो, निवेश के रूप में सोना बहुत कम अस्थिर और बहुत ज़्यादा तरल है। क्रिप्टोकरेंसी को सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक भुगतान में, प्रयोग के लिए ही बनाया गया है, जबकि सोने की मांग बहुत विविध है। एक और फर्क यह है कि सोना एक भौतिक वस्तु है जबकि क्रिप्टोकरेंसी काल्पनिक मुद्राएँ हैं, जिससे ख़रीददारों का विश्वास बढ़ता है क्योंकि एक विनियमित व पारदर्शी बाज़ार में इसे ख़रीदा-बेचा जा सकता है।

इसके अलावा, सोने का क्रय-विक्रय बाज़ार में पूरी तरह से अधिकृत और विनियमित है। हालाँकि क्रिप्टोकरेंसी के लिए वैश्विक विनिमय केंद्र हैं, लेकिन अकसर ये स्व-विनियमित होते हैं और सरकार द्वारा समर्थन-प्राप्त भी नहीं होते। 2018 के अपने केंद्र बजट में राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि, सरकार क्रिप्टोकरेंसी को भुगतान के लिए एक वैध तरीके के रूप में मान्यता नहीं देती और अवैध लेन-देन के लिए क्रिप्टो परिसम्पत्तियों के प्रयोग को ख़त्म करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।

विचार करने योग्य एक और कारक यह भी है कि क्रिप्टोकरेंसी में आपस में ही बहुत प्रतिस्पर्धा है। वर्तमान में, 1,400 से ज़्यादा क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध हैं, और जबकि बिटकॉएन अब तक की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है, नयी प्रौद्योगिकी से बिट्कॉएन समेत, किसी भी क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य और उसकी आपूर्ति पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है।

इसलिए, जहाँ क्रिप्टोकरेंसी वैश्विक वित्तीय बाज़ार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है, वहीं सोना अपने गहन आंतरिक आर्थिक मूल्य को बनाए रखेगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सोना एक महत्त्वपूर्ण परिसम्पत्ति है जो मुद्रास्फीति के ख़िलाफ बचाव के रूप में कार्य करती है और यह सम्पत्ति-संरक्षण व मूल्य-वृद्धि के लिए आदर्श है।

इस तथ्य से काफी तसल्ली मिली है कि 2017 में सोने के दर का ग्राफ क्रिप्टोकरेंसी के वैश्विक उछाल से अप्रभावित रहा, जिसका अर्थ यह भी है कि क्रिप्टोकरेंसी की मांग में वृद्धि सोने की मांग को प्रभावित नहीं कर सकती। नीचे दिया गया वीडियो देखने से आपको समझ आ जाएगा कि सोना व क्रिप्टोकरेंसी एक-दूसरे से भिन्न कैसे हैं।

बिटकॉइन, डॉजकॉइन, इथेरियम सब धड़ाम; जानें वजह, अब क्या करें निवेशक?

जानकारों के मुताबिक, यह एक हेल्दी करेक्शन हो सकता है और निवेश के लिए अच्छा मौका बन सकता है.

बिटकॉइन, डॉजकॉइन, इथेरियम सब धड़ाम; जानें वजह, अब क्या करें निवेशक?

क्रिप्टो बाजार की हलचल क्रिप्टोक्यूरेंसी का मूल्य क्यों है? ने एक बार फिर निवेशकों को हैरान कर दिया है. बुधवार को सभी क्रिप्टो करेंसी के भाव में बड़ी गिरावट को देखने को मिली. बिटकॉइन, इथेरियम टूटकर अपने कुछ महीनों के न्यूनतम स्तरों पर पहुंच गए हैं. हालांकि, मार्केट अब थोड़ा संभला है, निवेशकों का चिंतित होना स्वाभाविक है. आइए नजर डालते हैं गिरावट की वजहों पर और समझते हैं निवेशकों को क्या रणनीति अपनानी चाहिए.

रॉयटर्स के मुताबिक, बीते दिन एक समय पर क्रिप्टोकरेंसी बाजार का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर के करीब नीचे जा चुका था.

जनवरी के स्तर पर पहुंच गया था बिटकॉइन:

क्रिप्टो बाजार की बड़ी हलचल से बिटकॉइन अछूता नहीं रहा. बीते 24 घंटों में ही करीब 30% गिरकर बिटकॉइन एक समय 30,681 डॉलर तक पहुंच गया था. यह इस साल जनवरी के बाद का न्यूनतम स्तर है. बिटकॉइन के शिखर स्तर 64,800 डॉलर से तुलना करे तो यह करीब 55% की गिरावट है. बता दें कि फरवरी में जब टेस्ला द्वारा बिटकॉइन में निवेश की बात सामने आई थी, उस समय इसकी कीमत करीब 38,000 डॉलर थी. बिटकॉइन गिरकर इस स्तर से भी काफी नीचे पहुंच गया था.

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मस्क के ट्वीट ने दी थोड़ी राहत:

20 मई को सुबह 7 बजे तक, बिटकॉइन थोड़ा संभलते हुए 37,200 के करीब व्यापार कर रहा है. यह पिछले 24 घंटों में करीब 15% की कमजोरी है. बिटकॉइन की कीमत में इस मामूली रिकवरी की वजह एलन मस्क के ट्वीट को बताया जा रहा है. मस्क ने बुधवार की रात ‘टेस्ला एक पास है- और एक डायमंड इमोजी’ ट्वीट किया थी. इस ट्वीट के बाद बिटकॉइन में खरीदारी बढ़ी और यह करेंसी दिन के न्यूनतम से करीब 20% चढ़ी.

इथेरियम, बाइनेंस कॉइन का भी यही हाल:

बिटकॉइन के अलावा अन्य प्रचलित क्रिप्टो करेंसी जैसे इथेरियम, बाइनेंस कॉइन और डॉजकॉइन, इत्यादि भी बड़ी गिरावट के साथ व्यापार कर रहे हैं. इथेरियम अपने शिखर स्तर 4,362 डॉलर की तुलना में करीब 36% नीचे रहते हुए 2,850 डॉलर पर व्यापार कर रहा है. इसी तरह बाइनेंस कॉइन भी बीते 24 घंटों में करीब 30% टूटा है. Dogecoin का भाव 0.34 डॉलर है जो कि करेंसी के सर्वोच्च स्तर से करीब 55% की गिरावट है.

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इस गिरावट के पीछे कई वजहें:

क्रिप्टो बाजार में इस बड़ी बिकवाली के पीछे कई अहम फैक्टर हैं.

मार्केट में वर्तमान कमजोरी की सबसे बड़ी वजह चीन में क्रिप्टोकरेंसी संबंधी नए प्रतिबंध हैं. चीन ने वित्तीय संस्थाओं और भुगतान कंपनियों के क्रिप्टो संबंधी सुविधा देने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. ऑर्डर में स्पेकुलेटिव क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर भी निवेशकों को चेताया गया है. इसके साथ ही इशारा क्रिप्टोक्यूरेंसी का मूल्य क्यों है? किया गया है कि वर्चुअल करेंसी की अपनी कोई रियल वैल्यू नहीं होती. डर यह भी है कि अन्य देश भी चीन से सीख लेकर इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.

टेस्ला ने हाल में बिटकॉइन को भुगतान के तौर स्वीकार करने का अपना फैसला वापस ले लिया था. टेस्ला ने बिटकॉइन के इको फ्रेंडली न होने को इसकी वजह बताया था. इसके बाद क्रिप्टो बाजार में बड़ी हलचल हुई थी. चर्चा यह भी थी टेस्ला ने अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स बेच दी है. हालांकि, इन अटकलों को खारिज किया गया था. क्रिप्टो बाजार में इस कारण बड़ी प्रॉफिट बुकिंग देखी गई थी.

बीते महीनों के क्रिप्टो बाजार में बेतहाशा तेजी ने इस मार्केट के ओवर वैल्यूएशन के संकेत दिए थे. ऐसे में नेगेटिव सेंटीमेंट के समय निवेशकों द्वारा बड़ी प्रॉफिट बुकिंग देखी जा रही है. क्रिप्टो मार्केट में इस वर्ष टेस्ला के निवेश समेत अनेक कारणों से रूचि बढ़ी, जिससे यह चढ़ा था.

टेक्निकल फैक्टर का भी इस बड़े सेल-ऑफ (बिक्री) में बड़ा योगदान रहा. बिटकॉइन ट्रेड के दौरान अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज के नीचे आ गया था. इस टेक्निकल इंडिकेटर को काफी अहम माना जाता है.

क्रिप्टो बाजार के इस क्रैश का असर क्रिप्टोक्यूरेंसी का मूल्य क्यों है? क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सचेंज coinbase के शेयर पर भी पड़ा. बाजार बंद होते समय यह शेयर करीब 6% नीचे रहा.

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Cryptocurrency व्यापार एक cryptocurrency के मूल्य आंदोलन या एक एक्सचेंज के माध्यम से आधार सिक्के खरीदने और बेचने पर अटकलें है। जैसा कि हमने पहले उल्लेख किया है cryptocurrency CFDs ट्रेडिंग के किसी भी स्वामित्व के बिना किया जाता है अंतर्निहित सिक्के, इसलिए आप लंबे समय तक जा सकते हैं यदि आपको लगता है कि एक क्रिप्टोक्यूरेंसी मूल्य में वृद्धि होगी, या यदि आपको लगता है कि यह गिर जाएगा तो कम होगा.

इसके अलावा क्रिप्टो सीएफडी ट्रेडिंग उत्तोलन के दौरान उपयोग किया जा सकता है जो संभावित मुनाफे को गुणा करता है। मतलब व्यापारी पैसे की एक छोटी राशि, मार्जिन जमा कर सकते हैं, और उत्तोलन के डिंट द्वारा बाजार में अधिक जोखिम प्राप्त कर सकते हैं। व्यापारी का लाभ या हानि की गणना अभी भी पूर्ण स्थिति आकार के आधार पर की जाती है; उत्तोलन लाभ और हानि दोनों को बढ़ाता है.

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चूंकि आप पहले से ही जानते हैं और समझते हैं कि क्रिप्टोक्यूरेंसी सीएफडी ट्रेडिंग कितनी आकर्षक हो सकती है, आइए हम आपको बताते हैं कि आईएफसी मार्केट्स के साथ व्यापार क्यों होता है.

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