Avoid Mushrooms in Winter: सर्दी में अगर जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो मशरूम का सेवन करने से परहेज करें। (Image: Canava)

डार्क क्लाउड कवर के साथ ट्रेड कैसे करें: कैंडलस्टिक पैटर्न

आइए विस्तार में चर्चा करते हैं कि डार्क क्लाउड कवर के साथ कैसे ट्रेड करें:

एक डार्क क्लाउड कवर क्या है?

इस पैटर्न में पिछले दिन की कैंडल के पार “डार्क क्लाउड” बनाने वाली एक लार्ज ब्लैक कैंडल शामिल है।

मार्केट एक्सपर्ट्स से कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें सीखें

खरीदार शुरू में कीमत को अधिक बढ़ाते हैं, लेकिन फिर विक्रेता बाद के सत्र में कीमतों को नीचे ले जाते हैं।

यह खरीदने से बेचने तक के सिग्नल्स है जो आगामी डाउनसाइड में कीमत रिवर्सल का कारण बन सकते है।

ज्यादातर ट्रेडर्स डार्क क्लाउड कवर पैटर्न को तभी उपयोगी मानते हैं जब यह अपट्रेंड के अंत में होता है

जैसे ही कीमतें बढ़ती हैं, पैटर्न डाउनसाइड की ओर रिवर्सल होने के लिए और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।

यदि मूल्य गति अस्थिर है, तो पैटर्न कम महत्वपूर्ण है क्योंकि इस पैटर्न के बाद मूल्यअस्थिर रहता है

डार्क क्लाउड कवर का गठन:

इस पैटर्न में बुलिश ट्रेंड के बाद लार्ज बेयरिश कैंडल शामिल है। यह बड़ी बेयरिश वाली कैंडल पिछले दिन की कैंडल के ऊपर डार्क क्लाउड बनाती है।

हम नीचे दी गई छवि से देख सकते हैं कि यह पैटर्न कैसे बनता है:

डार्क क्लाउड कवर

एक दिन के अंतराल के बाद, यह एक अपट्रेंड में बुलिश कैंडल के साथ शुरू होता है।

अगले दिन की कैंडलस्टिक एक बेयरिश कैंडल बन जाती है। इस बेयरिश कैंडल का समापन पिछले दिन की कैंडल के मध्य बिंदु के नीचे है।

इस कैंडलस्टिक पैटर्न में बुलिश और बेयरिश की कैंडलस्टिक्स में बहुत कम या बिना छाया वाले बड़े वास्तविक शरीर होते हैं।

इस पैटर्न के गठन की पुष्टि इस पैटर्न के अंत में एक बेयरिश कैंडलस्टिक के रूप में की जाती है।

इस पैटर्न का उपयोग कैसे करें ?

जब निवेशक डार्क क्लाउड कवर पैटर्न के साथ ट्रेड करते हैं तो कुछ विशेषताओं को देखना चाहिए:

  • सबसे पहले, ट्रेंड एक अपट्रेंड होना चाहिए, क्योंकि डार्क क्लाउड कवर पैटर्न एक बेयरिश रिवर्सल पैटर्न है।
  • दूसरी बात, कैंडलस्टिक की लंबाई बल को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जिसके साथ रिवर्सल होगा।
  • तीसरी बात, बुलिश और बेयरिश कैंडलस्टिक्स के बीच का अंतर बताता है कि ट्रेंड रिवर्सल कितना शक्तिशाली होगा।
  • चौथा, बेयरिश कैंडलस्टिक को पिछले बुलिश कैंडलस्टिक के मध्य बिंदु से अधिक पर बंद करना चाहिए।
  • अंत में, बेयरिश के साथ ही बुलिश कैंडलस्टिक में बड़े बॉडीज होने चाहिए।

सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के दैनिक चार्ट में पियर्सिंग पैटर्न का एक उदाहरण नीचे दिया गया है।

सन फार्मास्युटिकल पैटर्न

ट्रेडिंग में डार्क क्लाउड कवर का महत्व:

ट्रेडर्स को यह पैटर्न महत्वपूर्ण लगता है क्योंकि यह अपट्रेंड के डाउनट्रेंड में उलटफेर का संकेत देता है।

इस पैटर्न के लिए दैनिक चार्ट देखना चाहिए क्योंकि कम समय-सीमा वाले चार्ट में यह पैटर्न कम महत्वपूर्ण है।

एक और कारण है कि ट्रेडर्स इस पैटर्न के साथ ट्रेड करना पसंद करते हैं, यह पैटर्न प्रतिरोध(रेजिस्टेंस) स्तर के पास कैसे आप संकेतों को फ़िल्टर कर सकते होता है।

इस कैंडल के निर्माण के दौरान यदि वॉल्यूम अधिक है, तो इसके रिवर्स होने की अधिक संभावना है।

इसके अलावा, अन्य टेक्निकल एनालिसिस के साथ इस पैटर्न द्वारा दिए गए संकेतों की पुष्टि करना न भूलें।

आप स्टॉकएज ऐप का उपयोग करके अगले दिन ट्रेडिंग के लिए स्टॉक को फ़िल्टर करने के लिए टेक्निकल स्कैन का उपयोग कर सकते हैं, जो अब वेब वर्शन में भी उपलब्ध है।

आप हमारे टेक्निकल एनालिसिस पाठ्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न टेक्निकल तकनीकों और संकेतकों के बारे में भी जान सकते हैं।

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किडनी फंक्शन टेस्ट: महत्वपूर्ण ब्लड टेस्टस और इमेजिंग टेस्ट की लिस्ट

किडनी शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं जो अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में शामिल होती हैं। किडनी के विकारों(disorders) में अक्सर कोई लक्षण नहीं होते हैं जब तक कि वे गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त(damaged) नहीं हो जाती। इसलिए, टेस्ट ही एकमात्र तरीका है जिससे आप जान सकते हैं कि आपकी किडनी कितनी अच्छी तरह काम कर रही है। किडनी फंक्शन टेस्ट (केएफटी- KFT) एक ऐसा टेस्ट है जो यूरिन और ब्लड के सैंपल का उपयोग 10 आवश्यक पैरामीटर की जांच के लिए करता है जिससे किडनी के कामकाज की बेहतर जानकारी मिल सकती है। इस आर्टिकल में, उन पैरामीटर्स के बारे में पढ़ें जिनका मूल्यांकन ब्लड और यूरिन के सैंपल का उपयोग करके (केएफटी-KFT) में किया जाता है। इसके अलावा, किडनी टेस्ट के लिए उपयोग किए जाने वाले इमेजिंग टेस्ट और बायोप्सी के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करें।

Vital Screening Package

  • Total no.of Tests - 81
  • Quick Turn Around Time
  • Reporting as per NABL ISO guidelines

किडनी फंक्शन (Kidney Function Tests)

किडनी फंक्शन टेस्ट (केएफटी- KFT) यह एनालाइज करने के लिए किया जाता है कि आपकी किडनी ठीक से काम कर रही है या नहीं। इस कारण से, 10 टेस्ट किए गए हैं जो आपके ब्लड या यूरिन के सैंपल या इमेजिंग विधियों का उपयोग कर सकते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (NIDDK) के अनुसार, केएफटी(KFT) टेस्ट में शामिल हैं:

  • ब्लड टेस्ट ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट( glomerular filtration rate- जीएफआर) की गणना के लिए किया जाता है जो यह जांचता है कि आपकी किडनी कितनी अच्छी तरह ब्लड को फ़िल्टर कर रही हैं।
  • एल्ब्यूमिन प्रोटीन ( albumin protein) की उपस्थिति की जांच के लिए यूरिन टेस्ट किया जाता है। यूरिन में एल्ब्यूमिन प्रोटीन की मौजूदगी किडनी खराब होने का संकेत देती है।

ब्लड टेस्ट (blood test)

नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, किडनी फंक्शन टेस्ट के दौरान ब्लड के सैंपल में टेस्ट किए गए पैरामीटर्स हैं:

  • सीरम क्रिएटिनिन(Serum creatinine)

मांसपेशियों( muscles) के सामान्य टूट-फूट से अपशिष्ट उत्पाद(waste product) के रूप में क्रिएटिनिन उत्पन्न होता है। ब्लड में क्रिएटिनिन का स्तर किडनी की क्षति(damage) के डायग्नोसिस के लिए शुरुआती संकेत हैं। यद्यपि क्रिएटिनिन का स्तर मुख्य रूप से आपकी उम्र और शरीर के आकार पर निर्भर करता है, महिलाओं के लिए औसत क्रिएटिनिन स्तर 1.2 से कम है, और पुरुषों के लिए यह 1.4 से कम है।

  • ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (जीएफआर)(Glomerular filtration rate (GFR)

यह पैरामीटर मूल्यांकन करता है कि किडनी शरीर से अपशिष्ट(waste) और तरल पदार्थ (fluids) को कितनी अच्छी तरह निकाल रहे हैं। जीएफआर मान आम तौर पर आपकी उम्र और लिंग पर निर्भर करते हैं। 90 से ऊपर का GFR मान सामान्य माना जाता है, जबकि 60 से कम GFR मान किडनी के इम्प्रॉपर फंक्शनिंग को दर्शाता है। 15 से कम का GFR मान डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता को इंडिकेट्स करता है।

  • ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (बीयूएन) ( Blood urea nitrogen (BUN))

भोजन में प्रोटीन के ब्रेकडाउन से यूरिया नाइट्रोजन का उत्पादन होता है। जब किडनी ठीक से काम नहीं कर रही होती है तो बीयूएन का स्तर बढ़ जाता है। ब्लड में बीयूएन का ऑप्टिमम लेवल 7 से 20 के बीच होता है।

  • यूरिन टेस्ट (Urine Tests)

यूरिन टेस्ट या तो एक छोटे से यूरिन के सैंपल का उपयोग करके किया जाता है या कभी-कभी आपको कहा जा सकता है कि आपके किडनी के स्वास्थ्य की बेहतर और अधिक एक्यूरेट प्रेडिक्शन देने के लिए 24 घंटों के लिए सारी यूरिन एकत्र करें। विभिन्न यूरिन टेस्टस में शामिल हैं:

आपके यूरिन में प्रोटीन के स्तर का अनुमान लगाने के लिए यूरिन प्रोटीन टेस्ट किया जाता है। यूरिन में प्रोटीन की अधिक मात्रा की उपस्थिति प्रोटीनुरिया ( proteinuria) नामक स्थिति को जन्म देती है।

  • माइक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया(Microalbuminuria)

यह टेस्ट आपके यूरिन के सैंपल में एल्ब्यूमिन प्रोटीन की थोड़ी मात्रा का भी पता लगाता है। यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज है, तो यह टेस्ट बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे आपको किडनी की बीमारी होने का खतरा होता है।

  • एल्बुमिन/क्रिएटिनिन अनुपात (एसीआर)Albumin/ creatinine ratio (ACR)

यूरिन में मौजूद एल्ब्यूमिन की मात्रा को यूरिन में मौजूद क्रिएटिनिन की मात्रा(amount) से विभाजित करके एसीआर मान की गणना की जाती है। एसीआर का सामान्य मान 30 से कम है। 30 से 300 के बीच एसीआर का स्तर, एसीआर का स्तर मध्यम एल्बुमिनुरिया का संकेत देता है जबकि 300 से ऊपर का एसीआर स्तर गंभीर एल्बुमिनुरिया का संकेत देता है।

  • क्रिएटिनिन क्लीयरेंस टेस्ट(Creatinine Clearance Test)

क्रिएटिनिन क्लीयरेंस टेस्ट में, 24 घंटे के यूरिन के सैंपल और ब्लड के नमूने में क्रिएटिनिन के स्तर की गणना की जाती है। प्रत्येक मिनट में किडनी द्वारा कितने अपशिष्ट उत्पादों को फ़िल्टर किया जा रहा है, यह देखने के लिए कैसे आप संकेतों को फ़िल्टर कर सकते ब्लड और यूरिन दोनों के सैंपल के वैल्यूज की तुलना की जाती है।

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फिल्टर कॉफी प्रेमियों के लिए खुशखबरी, इसके 3 कप पीने से डायबिटीज रहती है कंट्रोल

आपकी पसंदीदा फ़िल्टर कॉफी अब टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद कर सकती है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए यह पढ़ें।

फिल्टर्ड कॉफ़ी अन्य कॉफ़ी से बेहतर है। चित्र: शटरस्‍टॉक

फिल्टर्ड कॉफ़ी अन्य कॉफ़ी से बेहतर है। चित्र: शटरस्‍टॉक

क्या आप उन लोगों में से हैं जो बिना कॉफी के अपने दिन की शुरुआत तक नहीं कर सकते? तो आपके लिए यहां एक खुशखबरी है। हाल ही में इंटरनल मेडिसिन नामक जनरल में प्रकाशित एक शोध ने इस बात का खुलासा किया है।

दिन में 3 बार ली गई फिल्टर कॉफी टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम करती है। शायद कॉफी लवर्स को यह सब सुनने में बहुत ही इंटरेस्टिंग लग रहा होगा। लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया है कि केवल फिल्टर कॉफी के लिए ही यह बात साबित होती है बॉयल्ड कॉफी के लिए नहीं।

शोधकर्ताओं ने इन दोनों कॉफी के बीच के कनेक्शन को बारीकी से ऑब्जर्व किया और पाया कि कॉफी तैयार करने की विधि और उसका चुनाव आपके स्वास्थ्य पर कितना असर डालता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और उमिया यूनिवर्सिटी स्वीडन के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए कुछ बायोमार्कर्स का इस्तेमाल किया।

उमिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रिकॉर्ड लैंडबर्ग, जो इस शोधकर्ताओं की टीम का हिस्सा है। वह कहते हैं, “हमने स्टडी में भाग लेने वाले अलग-अलग लोगों के ब्लड सैंपल्स लिए। जिसमें हमने कुछ स्पेसिफिक मॉलिक्यूल जैसे बायोमार्कर्स की पहचान की। हमें पता चला कि यह विभिन्न प्रकार की कॉफी पीने का संकेत था। यही बायोमार्कर टाइप-2 डायबिटीज के लोगो में खतरों की गणना करने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं।

लैंडबर्ग कहते हैं, “अब नतीजे बिल्कुल स्पष्ट हैं कि फिल्टर कॉफी टाइप-2 डायबिटीज के खतरों को बढ़ने से रोकती है। इसके ऐसे मरीजों पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। लेकिन फिल्टर कॉफी के मुकाबले बॉयल्ड कॉफी का ऐसा कोई इफेक्ट नहीं देखा गया।”

क्लासिक आहार प्रश्नावली के साथ मिलकर बॉयल्ड और फिल्टर कॉफी पर डायबिटीज के खतरों को अलग करने के लिए मेटाबॉलोमिक्सल (metabolomics) नामक एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया।

उबली हुई कॉफी की तुलना में फि‍ल्‍टर कॉफी सेहत के लिए ज्‍यादा फायदेमंद है। चित्र: शटरस्‍टॉक

इस स्टडी के नतीजे बताते हैं कि वह व्यक्ति जो दिन में एक कप फिल्टर कॉफी पीते हैं, उनके मुकाबले जो प्रतिदिन दो से तीन कप पीते हैं, उनमें 60% टाइप-2 कैसे आप संकेतों को फ़िल्टर कर सकते डायबिटीज होने का खतरा कम हो जाता है।

मेटाबॉलोमिक्सर एक शानदार तकनीक साबित हुई। इसके जरिए न केवल कुछ स्पेसिफिक खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों के बारे में पता लगाया जा सकता है। बल्कि इसके द्वारा यह भी पता किया जा सकता है कि इन पदार्थों के खाने से हमारे मेटाबॉलिज्म पर क्या असर पड़ता है।

इस शोध के मुख्य लेखक लिंन ची कहते हैं, “हमें इसके द्वारा हर वह महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है, जो किसी बीमारी के खतरे को तथा कोई भी खाद्य पदार्थ उस बीमारी को कैसे प्रभावित करता है, इसका पता लगा सकें।

अगर हम पहले हुए कुछ शोधों की बात करें, तो हमेशा से यही कहा जाता रहा है कि बॉयल्ड कॉफी के कारण हृदय संबंधी समस्या हो सकती हैं। इसमें मौजूद डिटरपेंस (diterpenes) वैस्कुलर डिजीज होने का खतरा भी पैदा कर सकता है।

अब यदि हम खासतौर से हाल ही में हुए इस शोध की बात करें, तो इसके अनुसार कॉफी का केवल स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव ही नहीं पड़ता, बल्कि इसके कई अच्छे नतीजे भी मिल सकते हैं।

लैंडबर्ग कहते हैं, “जब आप कॉफी को फिल्टर करते हैं तो इसमें मौजूद डिटरपेंस फिल्टर में कैप्चर हो जाता है। बदले में आपको कॉफी के हर छोटे फायदे भी मिलते हैं जैसे कि फेनोलिक सब्सटेंस। इस तरह से यदि फिल्टर कॉफी को संयमित रूप से पिया जाए तो इसके सकारात्मक स्वास्थ्य लाभ ही होते हैं।

इसके अलावा इस शोध में कॉफी से जुड़ी बहुत सारी बातों का जिक्र किया गया है। जैसे कॉफी का प्रभाव का पता केवल फिल्टर के द्वारा ही नहीं किया जा सकता। बल्कि इसके कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं जैसे इसकी बींस किस क्वालिटी की है? इसे आप कितनी मात्रा में पीते हैं?

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

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Uric Acid: पैरों में दिखाई देते हैं बढ़े हुए यूरिक एसिड के लक्षण, जानिए कैसे कर सकते हैं कंट्रोल

Arthritis Causes: जब यूरिक एसिड का निर्माण होता है, तो यह हड्डियों में क्रिस्टल बनाता है और जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनता है।

Uric Acid: पैरों में दिखाई देते हैं बढ़े हुए यूरिक एसिड के लक्षण, जानिए कैसे कर सकते हैं कंट्रोल

Avoid Mushrooms in Winter: सर्दी में अगर जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो मशरूम का सेवन करने से परहेज करें। (Image: कैसे आप संकेतों को फ़िल्टर कर सकते Canava)

Uric Acid : ऐसी ही एक बीमारी है यूरिक एसिड का बढ़ना, जिससे पैरों में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। यूरिक एसिड के बढ़ने से चलने में कठिनाई और पैरों में सूजन हो सकती है। यूरिक एसिड खून में पाया जाने वाला एक रसायन है जो हर किसी के शरीर में बनता है और गुर्दों द्वारा फ़िल्टर करके शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। जब शरीर में प्यूरीन की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है और किडनी इसे फिल्टर नहीं कर पाती है, तो यह एसिड जोड़ों में जमा होने लगता है और तेज दर्द का कारण बनता है।

यूरिक एसिड बनने का सबसे ज्यादा असर पैरों पर पड़ता है। यूरिक एसिड बढ़ने के कारण पैरों में अकड़न, जोड़ों में दर्द और सूजन सबसे आम समस्या है। जब यूरिक एसिड का निर्माण होता है तो यह जोड़ों को बंद कर देता है, जिससे टखनों में सूजन आ जाती है। आयुर्वेद के अनुसार खट्टे फलों के अधिक सेवन से यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए सबसे जरूरी है डाइट और एक्सरसाइज। आप नियमित व्यायाम और आहार से यूरिक एसिड को नियंत्रित कर सकते हैं।

सेब का सिरका | Apple vinegar For Uric Acid

मेडिकल न्यूज टुडे सेब का सिरका यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में काफी कारगर (Apple vinegar is very effective in controlling uric acid) होता है। रोजाना एक चम्मच सेब के सिरके को पानी में मिलाकर सेवन करने से यूरिक एसिड कंट्रोल में रहता है और पाचन क्रिया भी बेहतर होती है।

Chief Ministers Property: अरविंद केजरीवाल, योगी आदित्यनाथ और भगवंत मान सब करोड़पति, जानिए सबसे कम संपत्ति वाले 9 मुख्यमंत्रियों के नाम

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अजवाइन का सेवन करें | Ajwain for Uric Acid

आयुर्वेद कैसे आप संकेतों को फ़िल्टर कर सकते के मुताबिक अजवाइन यूरिक एसिड को कम करने के लिए एक बेहतरीन मसाला है। इसका सेवन करने से पैरों में सूजन और दर्द (Swelling and pain in the legs) से राहत मिलती है। अजवाइन खाने से पेट की समस्या भी दूर होती है।

ज्यादा पानी पिएं | Drink more water

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आप हाई यूरिक एसिड को कंट्रोल करना चाहते हैं तो ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। ज्यादा पानी पीने से यूरिक एसिड डाइल्यूट हो जाता है जिससे किडनी शरीर से टॉक्सिन्स (Kidney Toxins) को आसानी से बाहर निकाल पाती है।

जैतून का तेल | Olive oil

हेल्थ लाइन के मुताबिक जैतून का तेल यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करता है। जैतून का तेल विटामिन-ई से भरपूर होता है जो स्वाभाविक रूप से यूरिक एसिड के स्तर (Control Uric Acid) को नियंत्रित करता है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करना है तो जैतून के तेल में खाना पकाएं।

7-8 घंटे की नींद लें | Get 7-8 hours of sleep

यूरिक एसिड (Causes of Uric Acid) की बीमारी में नींद भी बहुत जरूरी है जो खराब आहार- और खराब जीवनशैली के कारण विकसित होती है। नींद की कमी इस बीमारी को बढ़ा सकती है। नींद की कमी से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं, जो यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

नई खोज: पेंटागन के वैज्ञानिकों ने बनाई शरीर में लगने वाली माइक्रोचिप, यह वायरस को पहचानेगी, फिर खून से फिल्टर कर निकाल देगी

अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी माइक्रोचिप और तकनीक विकसित की है, जो आपके शरीर में कोरोनावायरस के लक्षण को बेहद आसानी से पहचान लेगी और बाद में वायरस को फिल्टर के जरिए खून से निकाल लिया जाएगा। इस नई तकनीक को डिफेंस एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी (डीएआरपीए) ने विकसित किया है।

त्वचा के नीचे लगाया जाएगी माइक्रोचिप

इसे बनाने वाली टीम के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ रिटायर्ड कर्नल डॉ. मैट हैपबर्न ने यह दावा भी किया कि कोविड-19 अंतिम महामारी होगी। अब हम भविष्य में किसी भी प्रकार के जैविक और रासायनिक हमले से बचाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं। डॉ. हेपबर्न ने कहा कि माइक्रोचिप को शरीर के किसी भी हिस्से में त्वचा के नीचे लगाया जा सकता है। यह शरीर में होने वाली हर तरह की रासायनिक प्रतिक्रिया बताएगी और उसके द्वारा भेजे जाने वाले संकेत बताएंगे कि आप कितनी देर में संक्रमित हाेने वाले हैं।

3 से 5 मिनट में मिलेगा रिजल्ट

डाॅ. हेपबर्न ने टिश्यू जैसे जेल काे दिखाते हुए बताया कि यह माइक्राेचिप में रहेगा और इसे इस तरह बनाया गया है कि यह खून की लगातार जांच कर रिपाेर्ट देगा। आप जहां हैं, वहीं आप अपने खून की जांच कर सकते हैं। इसका रिजल्ट भी 3 से 5 मिनट के अंदर आपको मिल जाएगा। चूंकि जांच और रिजल्ट तत्काल मिल रहे हैं, लिहाजा बिना समय गंवाए संक्रमण फैलने से पहले ही वायरस जहां है, उसे वहीं उसे खत्म कर सकते हैं।

पेंटागन की सहयोगी पैथोलॉजी संस्था ने बनाई मशीन

इसके लिए पेंटागन की ही एक सहयोगी पैथोलॉजी संस्था के सहयोग से खून की जांच के लिए डायलिसिस की तरह एक मशीन विकसित की है। यह खून से वायरस काे पूरी तरह से हटा देती है। डाॅ. हेपबर्न ने बताया कि हमने एक सैन्यकर्मी ‘पेशेंट-16’ पर इसका प्रयाेग किया। इस मशीन के जरिए उसके खून से वायरस काे पूरी तरह खत्म कर दिया और वह अब वह तंदुरुस्त है। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने इस मशीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है।

जंगी जहाज के 1271 संक्रमित सैनिकों के सहयोग से आगे बढ़ी रिसर्च

डॉ. हेपबर्न ने कहा- ‘मैं अमेरिकी जंगी बेड़े थियोडर रूजवेल्ट के सैनिकों के संघर्ष से बेहद प्रभावित हुआ। इसी जहाज के 1,271 सदस्य एक साथ कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। इनके सहयोग से ही डॉ. केवॉन मोजार्ड कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने के करीब आ गए हैं। उन्होंने कहा कि- ‘हमारे पास उपकरण है, तकनीक है। अब हम वायरस को पूरी तरह खत्म कर देंगे।’

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