उत्तरी बेंगलुरू बाजार में सक्रिय एक दलाल डी शेट्टी मानते हैं, "प्रतिस्पर्धी परियोजनाओं के बारे में प्रश्नों को संबोधित करना संभावित घर खरीदारों के साथ सौदेबाजी में मेरी सबसे बड़ी विफलता रही है।" "मैं उन तीन से चार परियोजनाओं के बारे में जानता हूं जिन्हें मैं बेच रहा हूं, लेकिन उसी माइक्रो-मार्केट में अन्य बिल्डरों की परियोजनाओं के बारे में प्रश्नों का उत्तर देना मुश्किल है, खासकर जब ग्राहक जोर देकर कहते हैं कि उन परियोजनाओं में पैसे का बेहतर मूल्य है," वे बताते हैं। शेट्टी का अनुभव पूरे भारत में सक्रिय कई दलालों द्वारा प्रतिध्वनित होता है। अधिकांश समय, दलालों और बिक्री कर्मचारियों के पास कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है, जब संभावित खरीदार आसपास के अन्य प्रतिस्पर्धी परियोजनाओं की ताकत के बारे में बात करता है। जैसा कि गुड़गांव में दिवाकर जैन के साथ हुआ था, जिन्हें इस परियोजना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जिसके बारे में संभावित घर खरीदार बात कर रहा था, वह केवल इतना ही कह सकता था: " हर प्रोजेक्ट का कुछ न कुछ तो ताकत होता है (यह है जाहिर है कि हर परियोजना में कोई न कोई ताकत होती है)। हालांकि, इस तरह की बेहिचक प्रतिक्रियाएं आज के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाजार में एक बड़ी रुकावट हैं, जहां घर खरीदार अंतिम खरीद निर्णय लेने से पहले पूरी तरह से लागत और लाभ विश्लेषण करते हैं। परिपक्व वैश्विक पर एक नजर बाजार, जैसे यूएस और यूके, संकेत करते हैं कि सफल रियल एस्टेट एजेंट वे हैं जो बाजार, इसके भौतिक, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे, बेची जाने वाली परियोजनाओं और आसपास के प्रतिस्पर्धी परियोजनाओं के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। यह भी देखें: साइट विज़िट के दौरान दलालों की सामान्य गलतियाँ

SWOT Analysis क्या है?

SWOT विश्लेषण क्या है? हिंदी में [What is SWOT Analysis? In Hindi]

SWOT विश्लेषण 1970 के दशक में स्टैनफोर्ड में विकसित एक तकनीक है, जिसे अक्सर रणनीतिक योजना में उपयोग किया जाता है। SWOT strengths, weaknesses, opportunities और threats के लिए एक संक्षिप्त शब्द है और एक संरचित योजना पद्धति है जो किसी संगठन, परियोजना या व्यावसायिक उद्यम के उन चार तत्वों का मूल्यांकन करती है। एक SWOT विश्लेषण संगठन की ताकत का लाभ उठाने, कमजोरियों में सुधार, खतरों को कम करने और अवसरों का सबसे बड़ा संभावित लाभ लेने के लिए एक सरल, लेकिन शक्तिशाली ढांचा है।

SWOT विश्लेषण एक ऐसी प्रक्रिया है जहां प्रबंधन टीम कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन को प्रभावित करने वाले आंतरिक और बाहरी कारकों की पहचान करती है। यह हमें आंतरिक और बाहरी रूप से क्या हो रहा है, इसकी पहचान करने में मदद करता है, ताकि आप अपने व्यवसाय की योजना और प्रबंधन सबसे प्रभावी और कुशल तरीके से कर सकें।

SWOT विश्लेषण कैसे लिखें [How to write SWOT Analysis? In Hindi]

SWOT विश्लेषण में सूचियाँ बनाना शामिल है - लेकिन और भी बहुत कुछ! जब आप एक सूची (जैसे, ताकत) लिखना शुरू करते हैं, तो आप जिस विचार प्रक्रिया और शोध से गुजरेंगे, वह अन्य सूचियों (कमजोरियों, अवसरों या खतरों) के लिए विचारों को प्रेरित करेगा। और यदि आप इन सूचियों की साथ-साथ तुलना करते हैं, तो आप संभवतः कनेक्शन और अंतर्विरोधों को नोटिस करेंगे, जिन्हें आप हाइलाइट और एक्सप्लोर करना चाहेंगे।

आप खुद को अपनी सूचियों के बीच बार-बार आगे-पीछे करते हुए पाएंगे। इसलिए, अपनी चार सूचियों को एक साथ एक दृश्य में व्यवस्थित करके कार्य को आसान और अधिक प्रभावी बनाएं। Stratified Sampling क्या है? हिंदी में

SWOT दो भागों से बना है: Strengths और Weakness एक कंपनी के आंतरिक को संदर्भित करती हैं जबकि Opportunity और Threats कंपनी के लिए बाहरी होते हैं और पर्यावरण में मौजूद होते हैं।

एक कंपनी की ताकत ब्रांडिंग प्रक्रिया को जल्दी और व्यापक रूप से प्रबंधित करने में हो सकती है। इसकी कमजोरियां उत्पादों के वितरण, या भुगतान में देरी में निहित हो सकती हैं। ये आंतरिक समस्याएं/मुद्दे हैं और इन्हें समझना होगा और निरंतर आधार पर इनसे निपटना होगा। अक्सर इन दो पहलुओं का आकलन करने के लिए सलाहकारों को इस विश्वास पर बुलाया जाता है कि कोई बाहरी व्यक्ति कंपनी में अधिक अंतर्दृष्टि दे सकता है।

दो बाहरी कारक, अवसर और खतरे, कंपनी के नियंत्रण में नहीं हैं। सामाजिक, आर्थिक, कानूनी, नियामक, राष्ट्रीय और यहां तक ​​कि अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से बना पर्यावरण, इन्हें ट्रैक करने के लिए लगातार स्कैन किया जाना है।

उदाहरण के लिए, एक रेफ्रिजरेटर कंपनी के लिए एक अवसर आइसक्रीम के लिए फ्रीजर में हो सकता है; खतरे आयात या पैसे और विशेषज्ञता के साथ नए खिलाड़ियों का प्रवेश हो सकता है। वैश्वीकरण की दुनिया में, अवसर कहीं भी, कभी भी उभर सकते हैं, जैसे वैश्विक उद्योग के किसी भी हिस्से या खंड से खतरे आ सकते हैं।

Goal Setting करने के लिए SWOT Analysis कैसे करते है ?[ SWOT Analyses For Goal Setting In Hindi]

अगर हमे अपना सही से Goal Set करना हो तो सबसे पहले हमे खुद को हमारे बारे में पूरी जानकारी होना चाहिए, इसके लिए हमें Self analysis ( आत्म विश्लेषण ) करना पड़ेगा कि हमारे अंदर क्या- क्या Qualities है और क्या क्या Weaknesses है। जब हम अपने बारे में अच्छी तरह से जान जायेंगे तो हम आसानी से अपना Real Goal Set कर पाएंगे और उस Goal को Achieve भी कर पाएंगे। हम यह analysis चाहें तो अपने लिए कर सकते है या अपने Business के लिए। बड़ी बड़ी Companies इस technique का Use अपना Business बढ़ाने के लिए करती है। अपने बारे में जानने के लिए हमें एक simple सी प्रक्रिया करनी होगी

जिसे SWOT analysis कहते है जिससे हमें आसानी से अपने बारे में पूरी जानकारी मिल जायेगी और SWOT analysis करके हम खुद अपना Goal Set कर पाएंग। इसके लिए सबसे पहले एक कॉपी और पेन ले और लिख कर अपना SWOT analysis करें।

SWOT Analysis Technique In Hindi

SWOT Analysis technique एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे अपने आप से खुद से सम्बंधित कुछ सवाल पूछना होते है और खुद ही उनके जवाब देना होते है जिससे हम अपना Self Analysis कर पाते है और खुद को अच्छे से जान पाते है ।

S – STRENGTHS

W – WEAKNESSES

O – OPPORTUNITIES

T – THREATS

1. S – Strengths ( Quality, ताकत या खूबियां )

सबसे पहले कॉपी में कम से कम अपनी 10 Qualities लिखें। अपने बारे में सोंचे कि आपके अंदर क्या क्या Quality है जिसके कारण लोग आपकी तारीफ करते है या आपको लगता है कि यह SWOT विश्लेषण की तैयारी कैसे करें? मेरी Qualities है। जैसे आपकी selling capacity अच्छी है या आपकी Communication Skill अच्छी है या आप किसी से जल्दी घुलमिल जाते है या आप किसी को भी दोस्त जल्दी बना लेते है या और कुछ। अपने आप से कुछ सवाल पूछे –

  • मेरे अंदर क्या – क्या Qualities और Capacities है ?
  • मेरे अंदर सबसे अलग कौन – कौन से गुण है ?
  • मैं किस क्षेत्र में आगे बढ़ सकता हुँ ?

अगर आपको समझ नहीं आ रहा है तो अपने किसी दोस्त या Parents की मदद ले, उनसे पूछे कि उनको आपके अंदर क्या क्या Quality नज़र आती है और कम से कम 10 Quality जरूर लिखे अगर आपको लगता है कि और भी ज्यादा Qualities है तो वह भी लिखे।

W – Weakness ( कमजोरियां, अवगुण या कमियां )

अब अपनी Weakness के बारे में अच्छे से जाने । Weakness में अपनी ऐसी Weaknesses को लिखें जो आपको लगती है कि यह मेरी Real Weaknesses है जिनको दूर नहीं किया जा सकता जैसे आप आर्थिक रूप से कमजोर है या शारीरिक रूप SWOT विश्लेषण की तैयारी कैसे करें? से या और कुछ जो आपकी Limitations तय करती है कि आप इससे आगे नहीं कर पाएंगे। ऐसी Weakness को ना लिखें जिनको आप दूर कर सकते है क्योंकि जो दूर की जा सकती है वह weakness नहीं है सिर्फ हमारे दृढ़ निश्चय करने की कमी है इसलिये अच्छे से सोच समझ कर अपनी Weaknesses को लिखें । यह सवाल भी पूछ सकते है –

  1. मेरे अंदर कौन – SWOT विश्लेषण की तैयारी कैसे करें? कौन सी Negative बातें है ?
  2. मेरी क्षमताओं में किन – किन चीजों की कमी है ?
  3. मै अपने अंदर को न – कौन से सुधार कर सकता हु ?

O – Opportunity ( साधन या उपलब्ध अवसर ) –

opportunity से मतलब है कि मेरे पास external क्या क्या साधन है जो मुझे मेरे लक्ष्य तक पहुचने में Help कर सकते है जैसे मेरे आस पास का environment कैसा है , मेरे पास क्या क्या रास्ते है आगे बढ़ने के लिए जिस पर में जा सकता हूँ। यह सवाल भी पूछ सकते है –

  1. मेरे लिए कौन कौन से अवसर उपलब्ध है ?
  2. कौन – कौन सी परिस्थितियाँ मुझे मेरे Goal तक पहुंचने में मदद करेगी ?
  3. कौन – से लोग मेरी सहायता कर सकते है ?

T – THREATS ( बाधाएँ , ख़तरे , मुसीबतें या रोड़े ) –

इसमें लिखे कि मुझे जिस भी चीज में interest है जिससे related मेरा main goal है उस रास्ते में मेरे सामने आने वाली बड़ी – बड़ी बाधाएँ क्या क्या है जो मुझे आगे बढ़ने से रोक सकती है जिनकी वजह से मुझे आगे बढ़ने में परेशानी हो सकती है। यह सवाल भी पूछे –

  1. मेरे सामने क्या – क्या बाधा ऍ है ?
  2. कौन – कौन सी चीजें मेरे आगे बढ़ने में बाधक है ?
  3. कौन – से लोग मेरे आगे बढने में बाधा बन सकते है ?
  4. वह कौन – कौन से डर है जिनसे में जकड़ा हुआ हु ?

अब जो भी सवाल हमने अपने आप से पूछें है उन सभी के जवाब अब हमारे पास है , इन जवाबों में S वाले जो जवाब है वह सब हमारे Goal तक पहुंचने में मदद करने वाले Points है । W वाले जो जवाब है वह हमारे Goal Achieve करने में बाधक है । इनसे कैसे बचें यह सोचना होगा ? O वाले Points हमारी सफलता के अवसर है जिनको जल्दी से जल्दी पकड़ना होगा और T वाले जवाब को भी अच्छे से पढ़े यह वो रोड़े ( बाधा ए ) है जिनसे आपको बच कर चलना होगा ।

इसके बाद आपके सामने सब Clear हो जाएगा कि आप real में क्या हो इसको ध्यान में रख कर आप अपना SMART GOAL आसानी से Set कर पाएंगे और वह आसानी से Achieve भी हो जाएगा ।
उम्मीद है दोस्तों यह SWOT Analysis Technique In Hindi” Article आप के लिए helpful रहेगा । अपने विचार Comment Box में जरूर लिखें और अपने दोस्तों के साथ जरूर Share करें ।

ब्रोकर प्रतिस्पर्धी परियोजनाओं के बारे में प्रश्नों का समाधान कैसे कर सकते हैं

ब्रोकर प्रतिस्पर्धी परियोजनाओं के बारे में प्रश्नों का समाधान कैसे कर सकते हैं

उत्तरी बेंगलुरू बाजार में सक्रिय एक दलाल डी शेट्टी मानते हैं, "प्रतिस्पर्धी परियोजनाओं के बारे में प्रश्नों को संबोधित करना संभावित घर खरीदारों के साथ सौदेबाजी में मेरी सबसे बड़ी विफलता रही है।" "मैं उन तीन से चार परियोजनाओं के बारे में जानता हूं जिन्हें मैं बेच रहा हूं, लेकिन उसी माइक्रो-मार्केट में अन्य बिल्डरों की परियोजनाओं के बारे में प्रश्नों का उत्तर देना मुश्किल है, खासकर जब ग्राहक जोर देकर कहते हैं कि उन परियोजनाओं में पैसे का बेहतर मूल्य है," वे बताते हैं। शेट्टी का अनुभव पूरे भारत में सक्रिय कई दलालों द्वारा प्रतिध्वनित होता है। अधिकांश समय, दलालों और बिक्री कर्मचारियों के पास कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है, जब संभावित खरीदार आसपास के अन्य प्रतिस्पर्धी परियोजनाओं की ताकत के बारे में बात करता है। जैसा कि गुड़गांव में दिवाकर जैन के साथ हुआ था, जिन्हें इस परियोजना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जिसके बारे में संभावित घर खरीदार बात कर रहा था, वह केवल इतना ही कह सकता था: " हर प्रोजेक्ट का कुछ न कुछ तो ताकत होता है (यह है जाहिर है कि हर परियोजना में कोई न कोई ताकत होती है)। हालांकि, इस तरह की बेहिचक प्रतिक्रियाएं आज के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाजार में एक बड़ी रुकावट हैं, जहां घर खरीदार अंतिम खरीद निर्णय लेने से पहले पूरी तरह से लागत और लाभ विश्लेषण करते हैं। परिपक्व वैश्विक पर एक नजर बाजार, जैसे यूएस और यूके, संकेत करते हैं कि सफल रियल एस्टेट एजेंट वे हैं जो बाजार, इसके भौतिक, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे, बेची जाने वाली परियोजनाओं और आसपास के प्रतिस्पर्धी परियोजनाओं के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। यह भी देखें: साइट विज़िट के दौरान दलालों की सामान्य गलतियाँ SWOT विश्लेषण की तैयारी कैसे करें?

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संगठन का एस० डब्ल्यू० ओ० टी० विश्लेषण - SWOT analysis of the organization

नियोजन किसी संगठन के लिए नियोजन करते समय हमें उसके दीर्घकालिक दृष्टिकोण, उद्देश्य एवं मूल्यों को ध्यान में रखना चाहिए। नियोजन करते समय हमें यह भी दृष्टिगत रखना चाहिए कि क्या किया जाना चाहिए, किसके द्वारा किया जाना है, कहा किया जाना है, कब और कैसे करना है।

नियोजन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-

● योजना के विभिन्न अवयवों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना आवश्यक है साथ ही यह भी देखना चाहिए कि उसे किस प्रकार लागू किया जा सकता है।

● योजना के अंतर्गत लक्ष्यों का निर्धारण इस प्रकार हो कि वे वास्तविक रूप से प्राप्त किए जा सकें।

● योजना हेतु उपलब्ध धन एवं व्ययों की मद को ध्यान से देखें ।

● योजना के क्रियान्वयन में लगे लोगों की पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है साथ ही उनके दायित्वों का निर्धारण भी भली-भांति किया जाना चाहिए।

●उन क्षेत्रों की भी पहचान करना आवश्यक है जिन्हें सशक्त करने की आवश्यकता है।

● योजना के क्रियान्वयन के प्रत्येक स्तर का मूल्यांकन करना भी आवश्यक है।

नियोजन प्रबंधन में कर्मचारियों, दायित्वों का आंबटन, समूह कार्य दायित्वों का निर्वहन, वित्त, समन्वयन, नियंत्रण निगरानी आदि का ध्यान रखा जाता है। रणनीतिक नियोजन में लक्ष्य काफी महत्वपूर्ण होते हैं अतः लक्ष्य ऐसे निर्धारित किए जाने चाहिए जिनको अवलोकित किया जा सके, मापा जा सके तथा जिनकी पूर्ति हो सके।ये लक्ष्य विशिष्ट होने चाहिए लक्ष्यों का निर्धारण समय अवधि को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए। संगठित करना योजना तैयार करने के उपरान्त उसके कार्यान्वयन के लिए यह आवश्यक है कि प्रबन्धक स्वयं एवं अपने दल को संगठित करें। इसके लिए उसे अपने दल के विभिन्न सदस्यों के बीच समन्वय करना आवश्यक है। इसके लिए वह अपने दल के सदस्यों को जिम्मेदारी का आवंटन एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना है । साथ ही साथ उनके समक्ष आने वाली दिक्कतों का सुलझाव भी करने का प्रयास वह करता है। इस प्रकार दल के नेतृत्व की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है कि वह किस प्रकार संगठन के लक्ष्य की पूर्ति के लिए अपने दल के सदस्यों को अधिकतम प्रोत्साहित एवं प्रशस्त करता है दायित्वों का निर्धारण:- दायित्वों का निर्धारण किस प्रकार किया जाए यह प्रबन्धक के

लिए आवश्यक कुशलता है दायित्वों के निर्धारण के लिए आवश्यक है कि कार्यकर्ता को पर्याप्त सत्ता एवं दायित्व होना चाहिए जिससे वह उसे दिए गए लक्षित उद्देश्यों की प्राप्ति कर सके। साथ ही उसे कुछ सीमा तक यह आजादी भी होनी चाहिए कि लक्षित उद्देश्यों की प्राप्ति किस प्रकार करनी है तथा किस संसाधन का उसे आवश्यक रूप से उपयोग करना चाहिए। कभी-कभी प्रबन्धक दायित्वों एवं शक्तियों को दूसरों को हस्तांतरित करने में दिक्कत महसूस करते हैं क्योंकि वे सफलता के फलस्वरूप मिलने वाले पुरस्कार को दूसरों से साझा नहीं करना चाहते । कभी-कभी प्रबन्धक को दूसरों की क्षमताओं पर विश्वास नहीं हो पाता है तब भी वह समूह के दूसरे सदस्यों को दायित्व एवं शक्तियां देने में संकोच करता है परन्तु यदि हम समूह के सदस्यों पर विश्वास कर उन्हें दायित्व एवं उससे जुड़ी शक्तियों को प्रदान करते हैं तो समूह के कार्य की प्रभाविता बढ़ जाती है ।

दायित्वों का निर्धारण / आबंटन करते समय ध्यान रखने योग्य मुख्य बातें निम्न हैं:

1) प्रत्येक व्यक्ति को एक काम सौंपना चाहिए इससे व्यक्ति को दायित्व का बोध होता है और वह प्रेरित होता है ।

2) दल के प्रत्येक सदस्य की दक्षता को समझते हुए उपयुक्त व्यक्ति को उपयुक्त कार्य देना चाहिए ।

3) प्रबंधक को अपनी अपेक्षाओं के बारे में स्पष्ट होना चाहिए कि वह क्या चाहता है, कितने समय में चाहता है ?

4) योजना की प्रगति की निगरानी निरंतर करते रहना चाहिए तथा यदि आवश्यक हो तो उसमें जरूरी संशोधन इत्यादि भी करना चाहिए।

5) अगर कोई कार्य संतोषजनक तरीके से नहीं कर पा रहा है तो उससे काम नहीं वापस लेना चाहिए बल्कि कोशिश करनी चाहिए कि कैसे प्रबंधक उसे मदद कर सकता है या किसी योग्य व्यक्ति को उसके साथ काम पर लगा सकता है।

6) मूल्यांकन एवं अच्छा कार्य करने वाले को पुरस्कृत भी करना चाहिए ।

समन्वय संगठन के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु यह आवश्यक है कि उसके सदस्यों के बीच पर्याप्त समन्वय हो।

संगठन के समन्वय की कुछ प्रमुख पद्धति निम्न हैं:

1) प्रशासनिक स्तर पर यह आवश्यक है कि सूचनाओं को भली-भांति एवं व्यवस्थित रूप से संग्रहीत किया जाए। ये सूचनाएं विभिन्न रूप से हो सकती हैं जैसे वित्तीय रिपोर्ट प्रोजेक्ट रिपोर्ट, स्थिति रिपोर्ट आदि इनके माध्यम से यह निगरानी करना सम्भव हो जाता है कि क्या किया जा रहा है, एवं कब और कैसे किया गया ?

2) वित्तीय प्रबंधन : किसी परियोजना में वित्तीय प्रबंधन भी महत्वपूर्ण है। किसी भी संगठन के लिए वित्तीय नियंत्रण महत्वपूर्ण है, चाहे वह लाभकारी एवं गैर लाभकारी किसी भी प्रकृति का हो कुछ दस्तावेज जैसे बैलेंस शीट, आय एवं नगद प्रवाह से संबंधित दस्तावेज महत्वपूर्ण है। वित्तीय अंकेक्षण भी नियमित होना चाहिए जिससे संगठन की वित्तीय स्थिति का आकलन संभव हो सके 3) किसी भी संस्था के लिए नीति एवं प्रक्रियाएं भी अत्याधिक उपयोगी होती हैं ।

संगठन की नीति यह सुनिश्चित करती है कि उसके कर्मचारी सरकारी एवं वैधानिक प्रक्रिया के तहत काम करे।

BJP 7वीं बार कैसे जीतेगी गुजरात का रण? समझें मजबूती और कमजोरियां; SWOT एनालिसिस

Gujarat Election: भारतीय जनता पार्टी बीते 27 सालों से राज्य में सत्ता में है। इस चुनाव में वह इस सफर को 32 सालों के आंकड़े तक ले जाना चाहेगी। हालांकि, राज्य में लगातार 7वीं जीत एकदम आसान नहीं होगी।

BJP 7वीं बार कैसे जीतेगी गुजरात का रण? समझें मजबूती और कमजोरियां; SWOT एनालिसिस

Gujarat Election: गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी कार्यक्रम के अनुसार 8 दिसंबर को तय हो जाएगा कि गुजरात में कौन राज करेगा। अब राज्य में दोबारा सियासी राह तलाश रही कांग्रेस, एंट्री की कोशिश में जुटी आम आदमी पार्टी (AAP) मुकाबले को रोचक बना रही है। लेकिन इस दौरान सबसे खास भारतीय जनता पार्टी की दावेदारी होगी।

दरअसल, पार्टी बीते 27 सालों से राज्य में सत्ता में है। इस चुनाव में वह इस सफर को 32 सालों के आंकड़े तक ले जाना चाहेगी। हालांकि, राज्य में लगातार 7वीं जीत एकदम आसान नहीं होगी। एक नजर SWOT (स्ट्रेंथ, वीकनेस, ऑपोर्च्युनिटीस, थ्रेट्स) एनालिसिस पर डालते हैं।

ताकत
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गृहराज्य में मौजूदगी। भाजपा के लिए यह तुरुप का इक्का साबित हो सकती है।
- साल 2017 में कोटा आंदोलन के दौरान पाटीदार समुदाय की तल्खी का सामना कर चुकी भाजपा इस बार समुदाय के साथ संपर्क पर भी भरोसा कर रही है। इसमें भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया जाना और आंदोलन के बड़े चेहरे रहे हार्दिक पटेल को पार्टी में लाना फायदेमंद साबित हो सकता है।
- गुजरात में चुनाव की तैयारियां भाजपा के पक्ष में काम कर सकती हैं। खबर है कि पार्टी बूथ स्तर से संगठन तक मजबूत है।
- सत्तारूढ़ दल हिंदुत्व, विकास और 'डबल इंजन' के विकास के मुद्दे पर गुजरात में मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है।

कमजोरियां
- कहा जा रहा है कि राज्य में भाजपा के पास ऐसा कोई दिग्गज नेता मौजूद नहीं है, जो पीएम मोदी की जगह ले सके। वह 13 सालों तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। उनके बाद गुजरात ने 3 मुख्यमंत्री देखे।
- आप और कांग्रेस की तरफ से लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच पार्टी को महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक तनाव के चलते परेशानियों के सामना करना पड़ सकता है।

मौके
- गुजरात में कमजोर विपक्ष के चलते भाजपा को लगातार 7वीं जीत हासिल हो सकती है। फिलहाल, कांग्रेस और आप भी मैदान में हैं।
- खबरें हैं कि राज्य में विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस के नेता अभियान से गायब हैं। कहा जा रहा है कि कई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में जुटे हुए हैं।.
- अगर भाजपा 182 सीटों वाले राज्य में आप को 5 से कम सीटों के आंकड़े पर रोकने में सफल होती है, तो पार्टी के पास दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दल को राष्ट्रीय स्तर पर मुख्य प्रतिद्वंदी बनने से रोकने का मौका होगा।

खतरे
- हाल ही में मोरबी में हुए पुल हादसे के चलते भाजपा पर असर पड़ सकता है। घटना में 135 लोगों की मौत हो गई थी।
- खबरें हैं कि मजबूत केंद्रीय नेतृत्व के चलते भाजपा में आंतरिक कलह अब तक छुपी हुई है, लेकिन हार की स्थिति में दरारें खुलकर सामने आ सकती हैं।
- अगर हालात हंग असेंबली के बनते हैं तो पार्टी को राज्य में बहुमत हासिल करने के लिए गठबंधन के साथी को खोजने में मुश्किलें हो सकती हैं।
- अगर आप कुछ स्थानों पर सीटें जीतने में सफल हो जाती है, तो भाजपा के सामने नई चुनौतियां आ सकती हैं। साल 2002 से भाजपा का सीटों का आंकड़ा लगातार गिर रहा है।

गुजरात चुनाव कार्यक्रम
गुरुवार को आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके तहत राज्य की 182 सीटों वाली विधानसभा के लिए दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 89 सीटों पर वोटिंग 1 दिसंबर को होगी। जबकि, मतदाता दूसरे चरण में 93 सीटों पर 5 दिसंबर को वोट डालेंगे। मतगणना हिमाचल प्रदेश के साथ ही 8 दिसंबर को होगी। पहाड़ी राज्य में 12 नवंबर को मतदान होगा।

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