निर्मला जी का दिव्य ज्ञान सुनिए, कह रही रुपया कमजोर नही डॉलर मजबूत हो रहा है pic.twitter.com/pY2NnOKzIx— Puneet Kumar Singh (@puneetsinghlive) October 16, 2022
क्या मजबूत अमेरिकी डॉलर का मतलब कमजोर रुपया और गरीब होना है?
भारतीय रुपया गिर रहा है. टीवी, न्यूज़ पेपर से लेकर सोशल मीडिया तक में ये खबरें सुर्खियां बनी हुई हैं. इससे कई लोग ऐसा मानने लगे हैं कि एक राष्ट्र के रूप में हम बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है दिन-ब-दिन गरीब होते जा रहे हैं. रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80 को पार कर गया है. इस बात से एक तरह का मनोवैज्ञानिक दबाव भी बन गया है. ऐसे में सवाल बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है उठता है कि क्या हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है या हम एक आर्थिक आपदा की ओर बढ़ रहे हैं? आइए समझने की कोशिश करते हैं.
आइए पहले रुपए के इतिहास पर नजर डालते हैं. ब्रिटिश राज से आजादी के समय डॉलर के मुकाबले रुपया 3.3 था. 75 साल में रुपया 80 के लेवल पर पहुंच गया है यानी हर साल रुपया डॉलर बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है के मुकाबले 4.4% कमजोर हुआ है. उस समय सरकार ने रुपये-डॉलर की दरों की घोषणा की थी और कोई वास्तविक बाजार-संचालित समीकरण नहीं था. तो, चलिए 1966 की बात करते हैं, जब रुपए का पहला बड़ा अवमूल्यन किया गया था, जो डॉलर के मुकाबले वैल्यू 7.5 तक ले आया था. यदि बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है हम 1966 को आधार वर्ष के रूप में लेते हैं, तो रुपए का अब तक का वार्षिक मूल्यह्रास (annualised depreciation) 4.3% आता है.
Rupee Vs Dollar: लगातार गिरते रुपए ने डॉलर के मुकाबले लगाई छलांग, जानिए कितने में हो रही ट्रेडिंग
डॉलर के मुकाबले रुपए का अवमूल्यन तब से हुआ, जब अमेरिका के सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों को लगातार बढ़ाया। इसके बाद भी अन्य देशों की मुद्राओं के मुकाबले रुपए की हालत बेहतर बनी रही थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते दिनों अमेरिका में कहा था कि रुपए में गिरावट तो है, लेकिन ये डॉलर में तेजी की वजह से है।
October 27, 2022
नई दिल्ली। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पिछले कुछ समय से लगातार गिर रहा भारतीय रुपया अब संभलता दिख रहा है। 83 रुपए के एक डॉलर वाली ऐतिहासिक गिरावट के बाद आज रुपए ने डॉलर के मुकाबले 67 पैसे की तेजी देखी है। आज एक डॉलर की कीमत 82.14 रुपया हो गई है। मंगलवार को रुपया 7 पैसे की तेजी पर बंद हुआ था। बता दें कि इससे पहले बुधवार को चीन की मुद्रा युआन ने भी डॉलर के मुकाबले काफी दिनों बाद अच्छी हालत देखी थी। युआन में बीते दिन तेजी देखी गई थी। आखिरी ट्रेडिंग सेशन में डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत 82.81 पर बंद हुई थी।
डॉलर के मुकाबले रुपये में ऐतिहासिक गिरावट
बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया पहली बार 61 पैसे टूटकर 83 अंक से नीचे आया है। मंगलवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 10 पैसे टूटकर 82.40 पर था। पिछले कुछ महीनों में बुधवार को रुपए में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। जब यह टूटकर 61 पैसे कमजोर हुआ है। रुपए में इस गिरावट को अर्थशास्त्री भारत के आर्थिक मोर्चे पर खतरनाक संकेत मान रहे हैं।
रुपए के गिरने से भारत में महंगाई बढ़ेगी। इससे आयातित वस्तुओं की अधिक कीमत देनी होगी जो कि डॉलर में दी जाती है।
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान वॉशिंगटन डीसी में दिए गए बयान से काफी सुर्खियां बटोरीं जहां उन्होंने कहा कि रुपया कमजोर नहीं बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है।
वित्तमंत्री ने क्या है बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है कहा : Rupees Vs Dollar
सिक्योरिटीज ने भी वित्त मंत्री के बयान से सहमति जताई है ! उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा ( Dollar Vs Rupee ) कमजोर हुई है ! जबकि अन्य देशों की मुद्राओं में डॉलर के मुकाबले ज्यादा गिरावट आई है ! वहीं, अन्य देशों की मुद्रा के मुकाबले भारतीय मुद्रा मजबूत हुई है, जिसमें पाउंड, येन और यूरो शामिल हैं ! अनुज गुप्ता ने कहा कि हम न केवल अमेरिका के साथ व्यापार करते हैं बल्कि यूरोपीय देशों के साथ भी बड़ा व्यापार करते हैं और हमारे व्यापारियों को इन देशों की मुद्रा ( Currency ) के मुकाबले रुपये को मजबूत करने का लाभ मिला है !
आईएमएफ की पूर्व बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ और वर्तमान अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने ब्लॉग में लिखा है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वित्त में डॉलर ( American Dollar ) के प्रभुत्व ने हाल के दिनों में कई देशों पर बड़े पैमाने पर व्यापक आर्थिक प्रभाव पर डॉलर को मजबूत किया है ! प्रभाव डाल सकता है !
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निर्मला सीतारमण की यह टिप्पणी तब आई है जब कुछ दिन पहले ही रुपया डॉलर के मुक़ाबले 82.69 के सर्वकालिक निचले स्तर तक गिर गया था।
निर्मला ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है कि बहुत अधिक अस्थिरता न हो, और भारतीय मुद्रा के मूल्य को ठीक करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप नहीं कर रहा था।
लेकिन वित्त मंत्री का यह बयान विरोधियों और सोशल मीडिया यूज़रों को पसंद नहीं आया और उनके बयान पर तंज कसे। उन्होंने निर्मला सीतारमण द्वारा रखे गए तर्क पर आपत्ति जताई। एक यूज़र ने लिखा है कि 'निर्मला जी का दिव्य ज्ञान सुनिए. '।
निर्मला जी का दिव्य ज्ञान सुनिए, कह रही रुपया कमजोर नही डॉलर मजबूत हो रहा है pic.twitter.com/pY2NnOKzIx
— Puneet Kumar Singh (@puneetsinghlive) October 16, 2022
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने निर्मला के जवाब पर तंज कसते हुए ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति के एक ग्राफिक को ट्वीट करते हुए लिखा है, 'हमारे देश में भुखमरी नहीं बढ़ी, व्रत रखने वालों की संख्या बढ़ गई।'
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