प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भारतीय रुपया पिछले कुछ हफ्तों में कमजोर होकर नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते रुपया इतिहास में पहली बार डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के स्तर को पार कर गया था। इस साल अब तक रुपये में करीब 10-12 फीसदी तक की गिरावट आई है।

फॉरेक्स

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी, विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 537.518 अरब डॉलर

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आठवें हफ्ते भी गिरावट दर्ज की गई। 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह के जारी आंकड़ों के मुताबिक यह यह 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 बिलियन रह गया है। इसकी जानकारी रिजर्व बैंक ने दी।

लगभग 70 अरब डॉलर घट चुका है विदेशी मुद्रा भंडार

इस वित्तीय वर्ष में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 70 अरब डॉलर तक की कमी हो चुकी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला है। इस वित्तीय वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है। 2 अप्रैल को देश का विदेशी भंडार 606.475 अरब डॉलर था जो अब घटकर 537.5 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया है।

लगातार आठवें हफ्ता विदेशी मुद्रा भंडार घटा, जानिए घटते रिजर्व को लेकर रिजर्व बैंक ने कल क्या कहा

Foreign reserves: लगातार आठवें हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है. चालू वित्त वर्ष में इसमें अब तक 70 बिलियन डॉलर की कमी आई है. गवर्नर दास ने भी कहा कि डॉलर रिजर्व में आई कमी में एक्सचेंज रेट का 67 फीसदी योगदान है.

लगातार आठवें सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई. 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 8.134 बिलियन डॉलर घटकर 537.518 बिलियन डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. विदेशी मुद्रा भंडार इससे पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज की गई भारी कमी 5.2 बिलियन डॉलर से अधिक घटकर 545.54 बिलियन डॉलर रह गया था. वैश्विक घटनाक्रमों के कारण रुपए की विनियम दर में गिरावट को रोकने के जारी प्रयासों के बीच विदेशी विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज की गई भारी कमी मुद्रा भंडार में यह कमी आई है. मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की घोषणा के बाद कल गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कहा था कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज की गई भारी कमी में हुई कमी में विनिमय दर में हुए बदलाव का 67 फीसदी योगदान है.

चालू वित्त वर्ष में अब तक 70 बिलियन डॉलर रिजर्व घटा

गवर्नर दास ने कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला. गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में तेज गिरावट हुई है. विदेशी मुद्रा भंडार दो अप्रैल को 606.475 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि 23 सितंबर को यह घटकर 537.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया. यह लगातार आठवां सप्ताह था, जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट हुई.

आरबीआई की तरफ से जारी साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में गिरावट के कारण 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है. एफसीए दरअसल समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है. केंद्रीय विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज की गई भारी कमी बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 7.688 बिलियन डॉलर घटकर 477.212 बिलियन डॉलर रह गया.

गोल्ड रिजर्व में 30 करोड़ डॉलर की गिरावट

डॉलर के संदर्भ में विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज की गई भारी कमी एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है. आंकड़ों के अनुसार, सोने के भंडार का मूल्य 30 करोड़ डॉलर घटकर 37.886 बिलियन डॉलर पर आ गया है.

चालू वित्त वर्ष में 28 सितंबर तक छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में 14.5 फीसदी की तेजी आई है. ऐसे में वैश्विक स्तर पर मुद्रा बाजारों में भारी उथल-पुथल मची हुई है. दूसरे देशों की तुलना में भारतीय रुपए की गति व्यवस्थित रही है. गवर्नर दास ने कहा कि समीक्षाधीन अवधि में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में 7.4 फीसदी की गिरावट आई, जो कई आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज की गई भारी कमी मुद्राओं के साथ ही अन्य मुद्राओं के मुकाबले काफी बेहतर है.

Forex Reserve: फिर घटा देश का विदेशी मुद्रा भंडार, 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर तक नीचे आया

By: ABP Live | Updated at : 28 Oct 2022 05:58 PM (IST)

Edited By: Meenakshi

Forex Reserve: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Reserve) लगातार घटता जा रहा है और भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के लिए ये बड़ी चिंता का विषय भी है. आज आरबीआई ने डेटा जारी करके बताया है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल से ज्यादा के निचले स्तर तक चला गया है. देश की करेंसी रुपये की गिरावट इसकी बड़ी वजह भी है और फॉरेन करेंसी ऐसेट्स भी घटे हैं.

कितना हो गया देश का विदेशी मुद्रा भंडार

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया है. ये इसका 2 साल से भी ज्यादा का निचला स्तर है. आरबीआई ने डेटा जारी करके बताया है कि रुपये की लगातार गिरावट को थामने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देखी जा रही है.

विदेशी मुद्रा भंडार 27 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा, 82 के नीचे और कितना फिसल सकता है रुपया?

Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटाकर 27 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. लगातार नौवें सप्ताह इसमें गिरावट दर्ज की गई. रॉयटर्स सर्वे के मुताबिक, इस साल के अंत तक रुपया 83 के स्तर तक फिसल सकता है.

Foreign Exchange Reserves: रुपए में गिरावट जारी है. शुक्रवार को यह डॉलर के मुकाबले 82.32 विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज की गई भारी कमी के नए रिकॉर्ड लो स्तर पर बंद हुआ. गिरते रुपए को संभालने के लिए रिजर्व बैंक अपने खजाने से लगातार डॉलर रिजर्व बेच रहा है. इसी का नतीजा है कि लगातार नौवें सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई. 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में फॉरन एक्सचेंज रिजर्व में 4.85 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह फिसल कर 532.66 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. इसमें फॉरन करेंसी असेट्स यानी एफसीए में 4.4 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है. विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरन करेंसी असेट्स की बड़ी हिस्सेदारी होती है.

जुलाई 2020 के बाद न्यूनतम स्तर पर डॉलर रिजर्व

विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई 2020 के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर आ गया है. यह 27 महीने का न्यूनतम स्तर है. इस वित्त वर्ष के शुरू होने पर देश का विदेशी मुद्रा भंडार 607 बिलियन डॉलर था, जबकि 3 विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज की गई भारी कमी सितंबर 2021 को यह 642.45 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर था. ऑल टाइम हाई के मुकाबले इसमें 110 बिलियन डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई है.

मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की घोषणा के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से विदेशी मुद्रा भंडार में हुई कमी में विनिमय दर में हुए बदलाव का 67 फीसदी योगदान है. फेडरल रिजर्व की तरफ से इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी के कारण डॉलर मजबूत हो रहा है. दूसरी तरफ ग्लोबल इकोनॉमी में मंदी की आहट से निवेशकों में डॉलर के प्रति लगाव बढ़ गया है. यही वजह है कि तमाम करेंसी के मुकाबले डॉलर में लगातार उछाल आ रहा है. बीते एक सप्ताह में इंडियन करेंसी में 1 रुपया, एक महीने में 2.5 रुपया और इस साल अब तक 8 रुपए की गिरावट आई है.

510 बिलियन डॉलर तक घट सकता है रिजर्व

डच बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि करेंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ने के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में और गिरावट आ सकती है. यह गिरावट इस साल के अंत तक जारी रह सकती है. IDFC First बैंक का तो मानना है कि चालू वित्त वर्ष में अगर करेंट अकाउंट डेफिसिट 4 फीसदी तक पहुंचता है तो विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज की गई भारी कमी विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज की गई भारी कमी घटकर 510 बिलियन डॉलर तक आ सकता है. हालांकि, अभी भी रिजर्व बैंक का भंडार बहुत बड़ा है. 2013 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने जब टैप टैंट्रम किया था तब यह घटकर 300 बिलियन डॉलर के नीचे आ गया था.

रॉयटर्स सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल रुपए पर दबाव बना रहेगा और यह रिकॉर्ड लो स्तर के करीब रहेगा. दो फैक्टर बहुत अहम है. फेडरल रिजर्व इंट्रेस्ट रेट बढ़ा रहा है जिससे डॉलर मजबूत हो रहा है, साथ ही क्रूड ऑयल प्रोडक्शन कट से कीमत में उछाल आएगा और रुपए पर दबाव बढ़ेगा. रिजर्व बैंक की तरफ से डॉलर रिजर्व लगातार बेचा जा रहा है. इस समर्थन के बावजूद इस साल अब तक रुपए में 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.

विस्तार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते 21 अक्तूबर को घटकर दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है 524.520 बिलियन डॉलर हो गया है। उससे एक हफ्ते पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। बता दें कि दो वर्ष पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 577.00 बिलियन डॉलर था।

आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।

देश का स्वर्ण भंडार (गाेल्ड रिजर्व) इस दौरान 247 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 37.206 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights, एसडीआर) का मूल्य 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.440 अरब डॉलर हो गया।

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