दूर-दराज के गांवों तक पहुंच रही हैं कंपनियां
अब 1 ब्रिज Amazon, Myntra और Flipkart जैसी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहा है, और गांव के लोगों तक भी सारा सामान जा रहा है. दरअसल गावों में कई सारे ऐसे उद्योग संचालन कर रहे हैं, जिन्हें शहर से सामानों की जरूरत होती है. ऐसे ही लोगों की जरूरत को पूरा करता है 1 ब्रिज. इसके अलावा 1 ब्रिज गांवों में ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? काम करने वाले छोटे उद्यमियों को शहरों के बड़े बड़े कारोबारियों से लिंक करता है, ताकि उन्हें अपने प्रोडक्ट के अच्छे पैसे मिल सकें.

E Commerce Kya Hai? – E Commerce Full Form व इ कॉमर्स बिज़नेस कैसे स्टार्ट करे।

E Commerce Full Form ‘इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स’ होता है। यह वस्तुओं को सेवाओं को इलेक्ट्रिक माध्यम से खरीदने और बेचने की गतिविधि है। इसे इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या इंटरनेट कॉमर्स के रूप में भी जाना जाता है। इंटरनेट की वर्चुअल दुनिया पर अपनी सर्विस या सेवा प्रदान करना ही ई-कामर्स कहलाता है। इन सेवाओं के अंतर्गत इंटरनेट पर सामान को ऑनलाइन खरीदना और बेचना, मार्केटिंग करना, सामान को पते पर डिलीवर करना, ऑनलाइन बिल का भुगतान व पैसों का लेनदेन करना आदि आते है।

Table of Contents

Amazon, Flipkart, E-bay, Myntra, OLX, इ कॉमर्स क्विकर आदि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के उदाहरण है। यदि आप भी E Commerce Business Kya Hai व इसके प्रकार क्या होते है जानना चाहते है तो पोस्ट को अंत तक पढ़े। वर्तमान में इ कॉमर्स बिज़नेस की काफी मांग है। जिनमें ऑनलाइन भुगतान, बुकिंग और पढ़ाई आदि कार्य तो काफी आम बात हो गयी है। भारत में ई-कॉमर्स साइट Quickr, अमेज़न, फ्लिपकार्ट आदि काफी लोकप्रिय प्लेटफॉर्म E-commerce Mein Hi Hai जो विभिन्न तरह की ऑनलाइन सेवाएं अपने उपयोगकर्ताओं को प्रदान करती है।

E Commerce Kya Hai

ई कॉमर्स का पूरा नाम या E Commerce Ka Full Form “Electronic Commerce (इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य)” है। E Commerce Ka Matlab इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या इंटरनेट कॉमर्स व्यापार की एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमे हम इंटरनेट के माध्यम से सामान खरीद और बेच सकते है और साथ ही पैसे व डाटा भी ट्रांसफर कर सकते है। ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? इसमें ना दो लोगों के स्थान की बाध्यता होती है और ना समय की।

साधारण शब्दों में कहें तो जितनी भी ई कॉमर्स वेबसाइट क्विकर, अमेज़न या फ्लिपकार्ट होती है जिनसे हम ऑनलाइन शॉपिंग करते ई कॉमर्स का ही उदाहरण है। केवल शॉपिंग ही नहीं, इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलइन टिकट बुकिंग, ऑनलाइन नीलामी, यह सभी कार्य इ-कॉमर्स के क्षेत्र में ही आते है।

यहाँ अभी आपने जाना कि E Commerce Business Kya Hota Hai (What Is E Commerce Business in Hindi) और Meaning Of E Commerce In Hindi के बारे में। अब हम आपको History Of E Commerce In Hindi यानि ई-कॉमर्स के इतिहास के बारे में बताने जा रहे है।

Commerce Ke Bare Mein Jankari

E-commerce Ki Shuruaat वर्ष 1991 से की गई थी, जब ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? पहली बार इंटरनेट को व्यापार के लिए खोला गया था। 1979 में माइकल एल्ड्रिच (Michael Aldrich) ने “Teleshopping” नाम का एक सिस्टम तैयार किया, जिससे सामान की एडवरटाइजिंग टेलीविज़न पर हो और घर बैठे सामान ख़रीदा जा सकें। यहीं से Ecommerce का बीज माना जाता है।

जैसे-जैसे इंटरनेट विकसित होता गया टेलीशॉपिंग भी विकसित होता गया और ई कॉमर्स में परिवर्तित हो गया। अमेज़न और eBay ने ई कॉमर्स को उसके उस मुकाम तक पहुंचाया, जहाँ वो अभी है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसक्शन्स को मंज़ूर करने वाली ये पहली इंटरनेट कंपनियों में से थी।

Types of E-Commerce in Hindi

ई-कॉमर्स मुख्यतः चार प्रकार के होते है आईये बताते है उनके बारे में:

  • Business-To-Business (B2B):- इसमें एक व्यवसाय से दूसरे व्यवसाय यानि एक कंपनी से दूसरी कंपनी से लेन-देन किया जाता है। व्यवसाय से व्यवसाय ई-कॉमर्स में उपभोक्ता का कोई रोल नहीं है। इसमें आमतौर पर कच्चे माल, सॉफ़्टवेयर, या संयुक्त उत्पाद जैसे उत्पाद शामिल होते है। निर्माता बी2बी ईकॉमर्स के माध्यम से सीधे खुदरा विक्रेताओं (Retailers) को भी बेचते है।
  • Business-To-Consumer (B2C):- B2C ई-कॉमर्स सबसे लोकप्रिय ई-कॉमर्स मॉडल है। जिसमें उद्योगपति अपने प्रोडक्ट या सर्विस इंटरनेट के माध्यम से सीधा ग्राहक को बेचता है। बिजनेस टू कंज्यूमर का मतलब है कि बिक्री एक व्यवसाय और एक उपभोक्ता के बीच होती है। ऑनलाइन स्टोर जैसे कि अमेज़न, फ्लिपकार्ट पर सेलर ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? अपने सामान ग्राहकों तक पहुंचता है और उसका उचित मूल्य लेता है।

Ecommerce kya hai | Ecommerce काम कैसे करता है ? | Full Details in Hindi

ऑनलाइन खरीदारी दीन-प्रतिदिन बढ़ते जा रही है और ऐसे उम्मीद है की आने वाले अगले 5 साल में यह और तेजी से बढ़ने वाला है,

ऐसे में यह सुनिश्चित करें कि आप अपना बिजनस शुरू करने से पहले अपना पूरा रिसर्च करें।

पता लगाएँ कि आप किन प्रोडक्टस और सर्विस को बेचने जा रहे हैं और बाज़ार, अपने लक्षित दर्शकों, प्रतिस्पर्धा और जरूरती लागतों को देखें।

इसके बाद, एक डोमेन नाम सिलेक्ट करें , एक बिजनस का स्ट्रक्चर चुनें, और आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करें (जैसे:- टैक्स , लाइसेंस आदि )।

इससे पहले कि आप प्रोडक्ट बेचना शुरू करें, एक प्लेटफ़ॉर्म तय करें और अपनी वेबसाइट डिज़ाइन करें (जैसे:- Shopify, WordPress आदि )।

शुरुआत में सब कुछ सरल और आसान रखने की कोशिश करें और सुनिश्चित करें कि आप अपने बिजनस का मार्केटिंग करने के लिए ज्यादा-ज्यादा चैनलों का उपयोग करें ताकि यह जल्दी से बढ़ सके।

Types of E-commerce in Hindi?

चाहे आप कस्टमर को सीधे प्रोडक्ट बेचते हों या अन्य बिजनस को सेवाएं बेचते हों, आप ई-कॉमर्स के साथ ऑनलाइन बिक्री कर सकते हैं।

आपके ऑनलाइन स्टोर को लॉन्च करने से पहले इसके प्रकार पर विचार करें क्यूंकी कई प्रकार के ईकॉमर्स बिजनस मॉडल हैं।

चुनने के लिए यहां कुछ विभिन्न प्रकार के ईकॉमर्स बिजनस दिए गए हैं:-

B2C — Business to Consumer

B2C ईकॉमर्स का तात्पर्य व्यक्तिगत ग्राहकों को सामान या सेवाएं बेचने से है।

B2C वह है जो अधिकांश लोग “ईकॉमर्स बिजनस” शब्द सुनते ही सोचते हैं।

B2B — Business to Business

B2B ईकॉमर्स, डायरेक्ट बिजनस को प्रोडक्ट और सर्विस को बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

B2B कंपनियों के पास आमतौर पर उच्च ऑर्डर मूल्य और अधिक खरीदारी होती है।

D2C — Direct to Consumer

D2C ईकॉमर्स, B2C के समान है जिसमें अंतिम ग्राहक एक व्यक्तिगत उपभोक्ता है, लेकिन इसमें अंतर यह है कि यह रीटेलर या होलसेलर का उपयोग करने के बजाय कस्टमर को सीधे बेचने का अवसर देता है।

E-commerce का भविष्य क्या है?

E-commerce kya hai जानने के बाद आइए जानते है आखिर ईकॉमर्स इंडस्ट्री का भविष्य कैसा है?

E-Marketer के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि दुनिया भर में ईकॉमर्स 2021 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।

अनलाइन मार्केट में आगे रहने के लिए, कई बिजनस के मालिक अपने बिजनस को ऑनलाइन ले जा रहे हैं – न केवल एक वेबसाइट के द्वारा बल्कि अपने प्रोडक्ट और सर्विस को सीधे अपनी वेबसाइट और अन्य ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेचकर।

ईकॉमर्स के नवीनतम आंकड़े इस तथ्य को उजागर करते हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग, कस्टमर के व्यवहार बदल रहा है और ग्राहक के द्वारा इसको प्राथमिकता दिया जा ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? रहा है|

2021 तक ईकॉमर्स की बिक्री, रीटेल बिक्री के 17.5% तक पहुंचने का अनुमान है।

दुनिया की करीब 21.8% आबादी ऑनलाइन खरीदारी करती है।

यदि आप ऑनलाइन बिक्री नहीं कर रहे हैं, तो आप संभावित खरीदारों को अपना ग्राहक बनाने के बेहतरीन अवसर को खो रहे हैं।

ई-समुदाय (eSamudaay) क्या ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? है?

ई-समुदाय (https://www.esamudaay.com/) एप्प लोकल कॉमर्स (L-Commerce) से जुड़े कारोबारियों, डिलीवरी ब्वॉय, उपभोक्ताओं के लिए एक विशेष एप्प है। ये आपके छोटे और मझोले व्यवसाय को विदेशी और बहु-राष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनी के साथ खड़ा करता है और आपके प्रोडक्ट को भारतीय ई-कॉमर्स बाजार के एक बड़े ग्राहक वर्ग के नेटवर्क से जोड़ता है। ई-समुदाय ऐसा एप्प है जो एक सामूहिक लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ता है, जिसमें ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? छोटे और नए उद्यमियों को तकनीक के साथ सशक्त बनाकर उन्हें डिजिटली व्यवसाय चलाने, अपने समुदाय की सेवा करने और ग्राउंड लेवल पर स्थानीय नवाचारों को बढ़ावा देकर सक्षम बनता है।

eSamudaay भारतीय ई-कॉमर्स एप

ई-समुदाय (eSamudaay) कैसे काम करेगा?

ई-समुदाय एप्प ONDC के ओपन इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर काम करेगा, जिस पर हर तरह के छोट-मझोले कारोबारी, सर्विस एजेंट, डीलर, डिलीवरी ब्वॉय अपने आप को रजिस्टर करके व्यापार कर सकेंगे।

एक उदाहरण से समझते हैं- पहले, ऑनलाइन लेन-देन के लिए (पेमेंट करने वाले और पेमेंट रिसीव करने वाले को) एक ही ऑनलाइन पेमेंट कंपनी का एप डाउनलोड करना होता था, लेकिन जब से यूपीआई (UPI) आया है अब ये जरूरी नहीं है, आप किसी भी कंपनी का एप्प कोई सा भी डाउनलोड करें फिर भी आप यूपीआई के जरिए पेमेंट कर सकते हैं, वैसी ही कुछ तकनीकी ONDC में भी काम करती है। ऑनलाइन नेटवर्क से आप ई-समुदाय एप्प के माध्यम से जुड़ सकेंगे जहां पर आप हर तरह की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। सरकार को उम्मीद है कि यह भी यूपीआई जैसी एक बड़ी क्रांति लाने वाला कदम साबित होगा।

ई-समुदाय (eSamudaay) से कौन जुड़ सकता है?

ई-समुदाय (eSamudaay) एप्प से वो सभी लोकल कॉमर्स (L-Commerce) से सम्बंधित व्यापारी, सर्विस प्रोवाइडर, स्टार्ट अप जुड़ सकते हैं जो छोटा-मझोला या नया व्यवसाय कर रहे हैं, या शुरू करना चाहते हैं।

  • राशन- किराना की दुकान वाले
  • होम बेस्ट फूड, टिफिन सर्विस वाले
  • फल और सब्जी के व्यवसाय वाले
  • रेस्टोरेंट, बेकरी, स्वीट्स, पैक्ड फूड उपलब्ध कराने वाले
  • बुक, स्पोर्ट्स, जनरल स्टोर्स वाले
  • इलेक्ट्रनिक गैजेट, इलेक्ट्रिकल स्टोर वाले
  • मैकेनिक ( इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक, कार, बाइक), प्लंबर, पेंटर
  • फैशन, डिजाइन, बूटिक, पार्लर (मेन, वूमेन) वाले
  • इत्यादि

Exclusive: कम हो रही गांव से शहर की दूरी, गांव के छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स से जोड़ रही है ये संस्था

मदन पदाकी

मदन पदाकी

शताक्षी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2022,
  • (Updated 03 जून 2022, 4:40 PM IST)

दूर-दराज के गांवों तक पहुंच रही हैं कंपनियां

आज कल भारत में गांवों के लोग ज्यादातर शहरों की ओर पलायन कर लेते हैं. अधिकतर लोग गांवो में सुविधाएं न होने के कारण पलायन करते हैं, और अपने घर मां-बाप, रिश्तेदार, दोस्त यारों से दूर हो जाते हैं. लोगों की इसी परेशानी को एक चैलेंज की तरह लिया मदन पदाकी ने, और शुरुआत हुई 1 ब्रिज (1 Bridge) की. 1 ब्रिज एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है. आसान शब्दों में कहें तो ये वो प्लेटफॉर्म है जो गांव के लोगों तक जरूरी सुविधाएं पहुंचाता है. हालांकि केवल सुविधाएं पहुंचाना इसका काम नहीं है. हाल ही में आए मन की बात के लेटेस्ट एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्लेटफॉर्म की तारीफ की थी,

GNT Digital से एक्सक्लूसिव बातचीत में 1 ब्रिज के फाउंडर मदन पदाकी ने बताया कि गांव में रहने वाले लोगों को हर छोटी से छोटी चीज के लिए गांव के बाहर ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? जाना पड़ता है. वहीं ऑनलाइन शॉपिंग की बात करें तो गांव के लोगों के लिए ये असंभव लगता हैं. वहीं कई सारी कंपनियां गावों में काम करना भी चाहती है, पर मूल सुविधाओं की कमी के कारण वहां तक पहुंचना उनके लिए मुश्किल होता है. इसके अलावा गांवों में भी ऐसे कई लोग हैं, जो अपना खुद का बिजनेस करना चाहते हैं, पर ज्यादा लागत लगने की वजह से अपना सामान शहरों तक नहीं पहुंचा पाते हैं. ऐसे में 1 ब्रिज इस तीन तरह की दिक्कतों पर मूल रूप से काम करता है. 1 ब्रिज ने इस तीनों दिक्कतों को समझते हुए काम करना शुरू किया है.

e-commerce क्या है और e-commerce Company कैसे बनाएं ?

e-commerce kya hai aur e-commerce company kaise banaye

इंटरनेट पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से उत्पादों के खरीदने या बेचने की प्रक्रिया को e-commerce या electronic commerce कहा जाता है। आज की भाग-दौड़ वाली जीवनशैली में लोगों के पास बाज़ार जा कर दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीदने का भी समय नहीं है। साथ ही सस्ते स्मार्टफोन और सस्ती कीमत पर इंटरनेट डाटा की हर समय उपलब्धता के कारण इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन वस्तुओं की खरीद- बिक्री को बढ़ावा मिला है। इन कारणों से आज के युग में दुनिया भर में ई-कॉमर्स कंपनियों का चलन और मुनाफ़ा कई गुना बढ़ा है। भारत में भी Amazon, Flipkart, Snapdeal, Paytm, Indiamart आदि e-commerce कंपनियों ने उत्पादों के बाज़ार के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा जमा लिया है। अतः बिज़नेस या व्यापार से सम्बंधित बात की जाए तो ये भी कहा जा सकता है कि व्यापार उद्योग के क्षेत्र में आने वाला भविष्य ई-कॉमर्स कंपनियों या e-commerce business का ही है। इस लेख में हम e-commerce क्या है और भारत में e-commerce Company कैसे बनाएं, आदि विषयों पर क्रम-वार जानकारी प्राप्त करेंगे।

e-commerce व्यवसाय कैसे स्थापित करें

शुरुआत में ई-कॉमर्स बिज़नेस स्थापित करने के दो मुख्य तरीके हैं – अपनी स्वयं की ई-कॉमर्स वेबसाइट बना कर कार्य करना या एक स्थापित बाज़ार में शामिल होना।

अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाना

किसी भी नए e-commerce business को शुरुआत में स्थापित करने के लिए अपनी नयी ई-कॉमर्स वेबसाइट बना कर उसके माध्यम से व्यापार शुरू करना एक कठिन रास्ता है। इसके लिए एक बड़ी टीम की आवश्यकता होती है जो आपके वेब डेवलपमेंट, ऑनलाइन मार्केटिंग और पेमेंट गेटवे आदि को संभाल सकें। अतः इस माध्यम से ई-कॉमर्स बिज़नेस शुरू करने के लिए एक अच्छे-खासे निवेश की आवश्यकता हो सकती है। यदि आप फिर भी अपनी नयी e-commerce वेबसाइट बना कर नया ऑनलाइन बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको सफल होने के लिए लम्बे समय तक इंतज़ार करना पड़ सकता है।

किसी स्थापित बाज़ार में शामिल होना

एक स्थापित e-commerce कंपनी के पहले से तैयार बाज़ार का हिस्सा बन कर आप अपना ई-कॉमर्स बिज़नेस शुरू करने का एक आसान रास्ता अपना सकते हैं। इस रास्ते से ऑनलाइन व्यापार शुरू करने के लिए आपको मात्र एक पैन नंबर, एक बैंक खाता और GST रजिस्ट्रेशन नंबर की आवश्यकता होती है। इसके अलावा अन्य सभी ज़रूरतें जैसे कि वेब डेवलपमेंट, ऑनलाइन मार्केटिंग, पेमेंट गेटवे, लॉजिस्टिक्स आदि का ध्यान पहले से स्थापित मुख्य ई-कॉमर्स कंपनी रखेगी। किसी स्थापित ऑनलाइन बाज़ार या ई-कॉमर्स कंपनी के माध्यम से अपना ई-बिज़नेस शुरू करने का एक लाभ यह भी है कि आप एक साथ एक ही समय पर कई स्थापित बाज़ारों/ इ-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से अपने उत्पाद बेच सकते हो और पैसे कमा सकते हो।

e-commerce बिज़नेस शुरू करने के लिए क्या-क्या दस्तावेज चाहिए

कोई भी नयी ई-कॉमर्स कंपनी बनाने के लिए आपको निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स/ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है :

  • GST रजिस्ट्रेशन नंबर
  • बैंक खाता
  • e-commerce वेबसाइट
  • पेमेंट गेटवे (Payment Gateway)
  • कंपनी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाते समय ध्यान देने योग्य बातें

  • एक अच्छा Domain Name चुनें
  • एक उचित hosting लें
  • अपना ई-कॉमर्स स्टोर डिज़ाइन करें
  • अपनी वेबसाइट को SSL सर्टिफिकेट के माध्यम से सुरक्षित कीजिये
  • पेमेंट गेटवे सेट करें
  • उत्पादों की shipping और पैकेजिंग के लिए उचित लॉजिस्टिक्स पार्टनर चुनिए।

उपरोक्त सभी औचारिकताएँ पूरी करने के बाद आपकी ई-कॉमर्स कंपनी बिज़नेस के लिए तैयार है और यदि आपके उत्पाद भी बाजार के लिए तैयार है तो आप अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से उत्पादों की बिक्री आरम्भ कर सकते हैं। परन्तु यदि आप अपने brand और business को तेजी से बढ़ाना चाहते ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है? हैं तो इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है अपने बिज़नेस को प्रमोट करना या बढ़ावा देना। इसके लिए आप सोशल नेटवर्किंग websites जैसे कि फेसबुक, ट्विटर, आदि का सहारा ले सकते हैं। यदि आप बड़े लेवल पे मार्केटिंग करना चाहते हैं तो आप टीवी विज्ञापन का भी सहारा ले सकते हैं।

रेटिंग: 4.61
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 581